उत्तराखंड का गोविंदघाट क्षेत्र आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील रहा है। पिछले 17 सालों में यह तीसरी बार हुआ है कि अलकनंदा नदी पर बना पुल टूट गया। इससे हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालु, फूलों की घाटी के पर्यटक और पुलना गांव के ग्रामीण गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। बुधवार को भूस्खलन की वजह से पुल धराशायी हो गया, जिससे एक बार फिर लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते वर्षों में आई आपदाओं का दर्द फिर उभरा
गोविंदघाट का इतिहास बार-बार आई प्राकृतिक आपदाओं और पुल टूटने की घटनाओं से भरा रहा है।
. 2007 में हेमकुंड साहिब जाने वाला झूला पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।
. 2008 में बना वाहन पुल 2013 की आपदा में बह गया।
. 2013 के बाद घोड़ा पड़ाव और गुरुद्वारा के पास अस्थायी झूला पुल बनाए गए।
. 2015 में 105 मीटर लंबा सस्पेंशन ब्रिज तैयार किया गया, लेकिन यह अब ध्वस्त हो गया।
गांव के लोग संकट में, अप्रैल में शादियों और डिलीवरी की चिंता
पुलना गांव के 101 परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी इस पुल पर निर्भर थी। पुल टूटने से न सिर्फ उनकी आवाजाही बाधित हो गई, बल्कि गांव में होने वाले जरूरी कार्यक्रमों पर भी असर पड़ा है।
. अप्रैल में गांव में दो शादियां हैं – एक युवक की बारात बाहर जाएगी और एक युवती की शादी में बारात गांव आएगी। अब परिवारों को चिंता है कि अगर जल्द समाधान न हुआ तो विवाह समारोह प्रभावित होंगे।
. एक गर्भवती महिला की डिलीवरी भी अप्रैल में होनी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
वाहनों और रोजमर्रा की जरूरतों पर असर
. पुल टूटने से गांव के कई वाहन फंसे हुए हैं। कुछ गोविंदघाट में रह गए हैं तो कुछ पुलना की तरफ अटके हैं।
. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है।
अस्थायी पुलिया बनी सहारा
ग्रामीणों ने मवेशियों के लिए एक कच्ची पुलिया बनाई थी, जो अब मुख्य रास्ता बन गई है। लोग इसी से किसी तरह नदी पार कर रहे हैं, लेकिन यह भी सुरक्षित नहीं है।
समाधान की जरूरत
बार-बार पुल टूटने की घटनाएं दर्शाती हैं कि इस क्षेत्र में मजबूत और आपदा-रोधी आधारभूत संरचना विकसित करने की सख्त जरूरत है। यदि जल्द कोई स्थायी समाधान नहीं निकला, तो यहां के लोगों और श्रद्धालुओं की परेशानी लगातार बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारधाम शीतकालीन यात्रा के संदेश के साथ उत्तराखंड का दौरा किया। अपने प्रवास के दौरान वह मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा पहुंचे और करीब 20 मिनट तक गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही, वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने मां गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल पर दर्शन किए।
पीएम मोदी का उत्तराखंड से गहरा जुड़ाव है, और उन्होंने पहले भी कई ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया है। वह पहले प्रधानमंत्री हैं, जो भारत-तिब्बत (चीन) सीमा से सटे उत्तराखंड के माणा (चमोली) और गुंजी (पिथौरागढ़) जैसे सीमावर्ती गांवों में पहुंचे थे।
उत्तरकाशी का यह दौरा सीमावर्ती गांवों के विकास और स्थानीय निवासियों की वर्षों पुरानी मांगों के समाधान की उम्मीद जगा रहा है। पीएम मोदी ने जादूंग घाटी में विश्व के दूसरे सबसे ऊंचे ट्रेक जनकताल और नीलापानी घाटी में मुलिंगना पास का शिलान्यास किया। ये नए ट्रेक 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद वीरान पड़ी इस घाटी को पर्यटन के नए केंद्र के रूप में विकसित करेंगे।
इसके अलावा, सीमावर्ती गांव जादूंग को फिर से आबाद करने की योजना भी बनाई जा रही है। यहां पुराने घरों को होमस्टे में तब्दील किया जाएगा, जिसके लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक दौरे से जादूंग गांव को पर्यटन स्थल के रूप में एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पांच वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है। गृह विभाग के सचिव शैलेश बगौली द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं। इस फेरबदल में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती में बदलाव किया गया है, जिससे पुलिस प्रशासन में नए सिरे से कार्यक्षमता बढ़ाने की कोशिश की गई है।
किन अधिकारियों को कहां मिली नई जिम्मेदारी?
1. मुकेश कुमार – पुलिस महानिरीक्षक (IG) PAC
आईपीएस मुकेश कुमार को उनके वर्तमान पद से मुक्त करते हुए पुलिस महानिरीक्षक, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) के रूप में तैनात किया गया है। पीएसी उत्तराखंड पुलिस का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो विशेष सुरक्षा अभियानों और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
2. धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल – पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG), अपराध एवं कानून व्यवस्था
आईपीएस धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल, जो अभी तक सहायक पुलिस महानिरीक्षक (AIG) कारागार के पद पर कार्यरत थे, उन्हें पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG), अपराध एवं कानून व्यवस्था का पदभार सौंपा गया है। अपराध और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है, और उनके अनुभव को देखते हुए यह नियुक्ति की गई है।
3. रचिता जुयाल – पुलिस अधीक्षक (SP), सतर्कता अधिष्ठान
आईपीएस रचिता जुयाल, जो अब तक पुलिस मुख्यालय में सेवाएं दे रही थीं, को पुलिस अधीक्षक (SP), सतर्कता अधिष्ठान के पद पर नियुक्त किया गया है। यह विभाग सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार, कदाचार और अनुशासनहीनता की निगरानी रखने का काम करता है।
4. जितेंद्र मेहरा – पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात, हरिद्वार
आईपीएस जितेंद्र मेहरा को हरिद्वार जिले के पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात का पद सौंपा गया है। वह पहले से हरिद्वार में अपर पुलिस अधीक्षक (Addl. SP) के रूप में कार्यरत थे। उनकी नई भूमिका में अपराध नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी शामिल होगी।
5. निहारिका तोमर – पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात, ऊधम सिंह नगर
आईपीएस निहारिका तोमर, जो पहले ऊधम सिंह नगर जिले में अपर पुलिस अधीक्षक (Addl. SP) के रूप में कार्यरत थीं, उन्हें अब पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात, ऊधम सिंह नगर बनाया गया है। यह क्षेत्र राज्य के सबसे संवेदनशील जिलों में से एक है, जहां अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन की अहम भूमिका होगी।
तबादले का उद्देश्य: पुलिस व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाना
उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए इन तबादलों का उद्देश्य राज्य में अपराध पर नियंत्रण, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, सतर्कता विभाग को सशक्त बनाना और पुलिस प्रशासन की दक्षता को बढ़ाना है।
. मुकेश कुमार को IG PAC बनाकर कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने का प्रयास किया गया है।
. धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल को अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी देकर राज्य में अपराध दर को कम करने की दिशा में कदम उठाया गया है।
. रचिता जुयाल को सतर्कता अधिष्ठान में तैनात कर भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्णय लिया गया है।
. जितेंद्र मेहरा और निहारिका तोमर को हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन का जिम्मा सौंपकर राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
इस फेरबदल के बाद उत्तराखंड पुलिस प्रशासन में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। इन अधिकारियों के पास अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है, जो राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायक साबित होगा। उत्तराखंड सरकार ने सही अधिकारियों को सही पदों पर तैनात करके पुलिस तंत्र को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
प्रदेश में विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समूह-क और समूह-ख अधिकारियों को अब हवाई यात्रा की अनुमति मिल गई है। सरकार के इस फैसले से निर्माण, निरीक्षण और अनुश्रवण कार्यों में तेजी आएगी।
हवाई यात्रा को लेकर नए दिशा-निर्देश
. वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।
. यह अनुमति 1 मार्च 2025 से 28 फरवरी 2026 तक के लिए दी गई है।
. इस अवधि के बाद योजना की समीक्षा होगी, और समूह-ग के कर्मचारियों को भी हवाई यात्रा की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा।
. योजना से संबंधित सभी जानकारियां नागरिक उड्डयन विकास विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगी।
. राज्य से बाहर की सरकारी यात्राओं के लिए 23 जनवरी 2019 के शासनादेश का पालन करना होगा, यानी सरकार की अनुमति लेनी होगी।
तहसील दिवस में घटती रुचि, अधिकारियों को करना पड़ा इंतजार
जहां एक ओर सरकारी अधिकारी विकास योजनाओं में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं तहसील दिवस में आमजन की भागीदारी लगातार घट रही है।
. 31 विभागों के अधिकारी सुबह 11 बजे निर्धारित समय पर तहसील दिवस के लिए पहुंचे।
. पहले दो घंटे तक कोई फरियादी नहीं आया, अधिकारियों को इंतजार करना पड़ा।
. आखिरी घंटे में सिर्फ 9 फरियादी पहुंचे, जिनकी समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया गया।
तहसील दिवस में घटती शिकायतों का कारण
. तहसील दिवस से पहले हर सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में जनता दरबार लगता है, जहां अधिकतर शिकायतों का समाधान हो जाता है।
. पिछले 7 महीनों में 189 अधिकारियों की उपस्थिति रही, जबकि शिकायतें मात्र 77 दर्ज हुईं।
. सबसे ज्यादा अक्टूबर में 25 शिकायतें दर्ज हुईं, जबकि अन्य महीनों में यह संख्या कम रही।
अधिकारियों की उपस्थिति बनाम शिकायतों की संख्या (पिछले 7 महीने)
. सितंबर: 28 अधिकारी, 5 शिकायतें
. अक्टूबर: 31 अधिकारी, 25 शिकायतें
. नवंबर: 25 अधिकारी, 6 शिकायतें
. दिसंबर: 13 अधिकारी, 11 शिकायतें
. जनवरी: 33 अधिकारी, 6 शिकायतें
. फरवरी: 28 अधिकारी, 11 शिकायतें
. मार्च: 31 अधिकारी, 9 शिकायतें
सरकारी अधिकारियों के लिए हवाई यात्रा की अनुमति प्रशासनिक कामों में गति लाएगी, जबकि तहसील दिवस में शिकायतों की संख्या में गिरावट यह दर्शाती है कि जनता अन्य माध्यमों से अपनी समस्याएं सुलझा रही है।
उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का दौर जारी है। गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी हो रही है, जबकि हर्षिल घाटी में तेज बर्फीली हवाएं चल रही हैं। दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर यातायात अभी सुचारू है।
मैदानी इलाकों में बदला मौसम
. चमोली और कर्णप्रयाग में सोमवार रात से तेज बारिश हो रही है।
. मसूरी में देर रात हुई बारिश के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है, घने बादल और कोहरा छाया हुआ है।
. देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
. उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में तेज गर्जना का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
एवलांच अलर्ट जारी
. चमोली जिले में हिमस्खलन (Avalanche) का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
. 5 मार्च से पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और चटक धूप निकलने से तापमान में बढ़ोतरी होगी।
चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए भीषण हिमस्खलन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जोशीमठ के एसडीएम को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया है। यह हादसा 28 फरवरी को हुआ था, जिसमें बीआरओ (BRO) के 54 श्रमिक हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन: 46 श्रमिक सुरक्षित, 8 की मौत
. रेस्क्यू ऑपरेशन में ITBP, सेना और NDRF की टीमों ने तीन दिनों तक लगातार अभियान चलाया।
. पहले दिन 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया।
. दूसरे दिन एनडीआरएफ भी अभियान में शामिल हुई, जिससे कुल 46 श्रमिकों को बचा लिया गया।
. हादसे में 8 श्रमिकों की मौत हो गई।
घटना का क्रम
. शुक्रवार, 28 फरवरी – भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें 54 श्रमिक फंस गए।
. पहले दिन – ITBP और सेना ने 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला।
. दूसरे दिन – एनडीआरएफ के सहयोग से 46 श्रमिकों को बचाया गया, 4 शव बरामद।
. तीसरे दिन – लापता 4 श्रमिकों के शव मिले, जिससे मृतकों की संख्या 8 हो गई।
रेस्क्यू अभियान समाप्त
. आखिरी शव मिलने के बाद दोपहर करीब चार बजे रेस्क्यू अभियान समाप्त कर दिया गया।
. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी किए।
. हादसे की जांच जोशीमठ एसडीएम को सौंपी गई है।
यह हिमस्खलन हादसा चिंताजनक है और इसकी विस्तृत जांच के बाद सुरक्षा उपायों पर भी निर्णय लिया जाएगा।
उत्तराखंड की चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी, जो सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, अपने विस्तार और उन्नयन की राह देख रही है। यह हवाई पट्टी भारत-चीन सीमा, चारधाम यात्रा और आपदा प्रबंधन के लिहाज से बेहद उपयोगी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इसके विकास और कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इतिहास और विकास की मांग
. 1992-93: उत्तर प्रदेश सरकार ने चिन्याली, नागणी, धनपुर और श्यामपुर के किसानों से 776 नाली भूमि अधिग्रहित की।
. 2013: उत्तराखंड सरकार ने 46 करोड़ रुपये के बजट से रनवे विस्तार (1165 मीटर लंबाई और 30 मीटर चौड़ाई) सहित एटीसी टॉवर, टर्मिनल भवन और विद्युत स्टेशन का निर्माण किया।
. अधूरे कार्य: टैक्सी स्टैंड, रनवे समतलीकरण और अन्य सुविधाएं अब भी लंबित हैं।
सामरिक और चारधाम यात्रा के लिए महत्वपूर्ण
. वायुसेना का अभ्यास केंद्र – लड़ाकू और मालवाहक विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया जाता है।
. सेना और हेलिकॉप्टर संचालन – सेना के महत्वपूर्ण हेलिकॉप्टर यहां उतरते हैं।
. चारधाम यात्रा के लिए हवाई सेवा की मांग – स्थानीय लोग हवाई पट्टी को चारधाम यात्रा के लिए इंटर-स्टेट हवाई सेवा केंद्र के रूप में विकसित करने की उम्मीद कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की मांग और उम्मीदें
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के अधूरे कार्यों को पूरा करने और इसे चारधाम यात्रा व सामरिक उद्देश्यों के लिए विकसित करने की मांग लंबे समय से उठ रही है। पूर्व प्रमुख बलबीर सिंह बिष्ट, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़, पूर्ण सिंह बिष्ट और सतपाल बिष्ट ने सरकार से इसे शीघ्र विकसित करने की अपील की है।
पीएम मोदी के शीतकालीन प्रवास के दौरान मुखबा में उनकी यात्रा से यह उम्मीद और प्रबल हो गई है कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी जल्द ही एक पूर्ण विकसित हवाई अड्डे में तब्दील होगी, जिससे चारधाम यात्रा और सामरिक दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी।
उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कामकाज में सुधार और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए कर्तव्यहीन कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो कर्मचारी अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह हैं, उन्हें चिह्नित कर नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए।
सुशासन के एजेंडे को मजबूत करेगी सरकार
मुख्यमंत्री धामी सरकारी कार्यप्रणाली में सरलीकरण और समाधान को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी शासन की प्राथमिकताओं को लागू करने में बाधा बन रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और व्यक्तिगत भूमि विवादों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ड्रग्स फ्री उत्तराखंड अभियान होगा तेज
मुख्यमंत्री ने राज्य में ड्रग्स के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए विशेष छापेमारी अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराधियों की सूची तैयार कर सख्त कार्रवाई करने को कहा। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित जांच बढ़ाने और पुलिस को रात्रिकालीन गश्त तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी और बिजली चोरी पर नजर
धामी सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने और बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी संबंधित विभाग इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करें।
युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने पर जोर
मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, बार्बर और प्लंबर जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित कर उनका कौशल विकास किया जाए। इससे राज्य के युवा स्वरोजगार के नए अवसरों से जुड़ सकेंगे।
बैठक में उच्च अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में गृह सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान और एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सरकार के इस कदम से सरकारी कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास स्थित माणा क्षेत्र में भीषण हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है। भारतीय सेना और आईटीबीपी ने अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि 8 मजदूरों को बचाने का कार्य अभी जारी है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली है।
मौसम खुलते ही बचाव अभियान तेज
बचाव कार्य मौसम पर निर्भर था, लेकिन जैसे ही मौसम साफ हुआ, रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया। सेना ने सुबह 14 और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला, जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य 8 मजदूरों की तलाश जारी है, जिनके एक कंटेनर में फंसे होने की आशंका है। यह कंटेनर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है, जिससे बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है।
आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर
चमोली के डीएम संदीप तिवारी और एसपी सर्वेश पंवार घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं और जोशीमठ पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की बारीकी से निगरानी करते हुए कहा कि एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल गोपेश्वर को अलर्ट पर रखा गया है। एम्स की हेली एंबुलेंस भी तैयार रखी गई है ताकि जरूरत पड़ने पर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके।
केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में उत्तराखंड प्रशासन
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से लगातार संपर्क में है। उन्होंने कहा कि यदि किसी और एजेंसी की जरूरत पड़ी, तो उसकी सहायता ली जाएगी। इसके अलावा, माणा हेलिपैड को सक्रिय किया गया है, ताकि बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके। हालांकि, भारी बर्फबारी और बारिश के कारण कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं।
ड्रोन और विशेषज्ञों की मदद से बचाव अभियान
आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमों को रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा, ड्रोन की सहायता से मजदूरों की सटीक लोकेशन का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने भी निजी ड्रोन ऑपरेटर्स की सहायता लेकर राहत कार्य को तेज किया है।
प्राथमिकता: मजदूरों की सुरक्षा
आईटीबीपी, भारतीय सेना, जिला प्रशासन और वायुसेना की टीमें संपूर्ण समन्वय के साथ काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना है। सरकार ने इस घटना से संबंधित एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे परिजन अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें। बचाव अभियान तेजी से जारी है और प्रशासन का पूरा ध्यान शेष मजदूरों को सुरक्षित निकालने पर केंद्रित है। हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ जाएंगे।
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक सनसनीखेज साइबर अपराध का पर्दाफाश हुआ है, जहां पुलिस अधीक्षक (एसपी) से डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की गई थी। पुलिस की सधी हुई कार्रवाई के बाद चार आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
जनवरी माह में रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे के सरकारी (सीयूजी) मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया। संदिग्ध व्यक्ति ने खुद को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ बताया और 50 हजार रुपये की तत्काल आवश्यकता का हवाला देते हुए बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर करने का अनुरोध किया।
एसपी कोंडे ने मैसेज को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कोतवाली रुद्रप्रयाग में मामला दर्ज करवाया और मामले की जांच साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार को सौंपी।
तकनीकी जांच से मिली सफलता
जांच के दौरान संदिग्ध बैंक खाते और मोबाइल नंबरों की लोकेशन महाराष्ट्र और राजस्थान में पाई गई। पुलिस टीम ने एक महीने तक स्थानीय स्तर पर जांच की, जिसमें मोबाइल फोरेंसिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों का उपयोग किया गया।
प्रारंभिक जांच में छह लोगों की संलिप्तता सामने आई, जिनमें से चार आरोपियों को राजस्थान के बीकानेर से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
1.राजू प्रजापत: पुत्र दौलतराम प्रजापत, निवासी वार्ड नंबर 46, कुम्हारों का मोहल्ला, बीकानेर।
2.ललित किशोर उपाध्याय: पुत्र प्रकाश चंद उपाध्याय, लक्ष्मी नाथ जी रोड, बीकानेर।
3.बलवान हुसैन: पुत्र मोहम्मद अनवर, हम्मालों की बारी, बीकानेर।
4.मोहम्मद अयूब: पुत्र मोहम्मद सलीम, हम्मालों की बारी, बीकानेर।
पुलिस टीम को मिला इनाम
सफलता पाने वाली पुलिस टीम को सराहना के साथ-साथ नकद इनाम भी दिया गया है।
. एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे ने टीम को ₹2,500 का इनाम दिया।
. पुलिस उपमहानिदेशक (अपराध एवं कानून) की ओर से ₹5,000 का इनाम घोषित किया गया।
पुलिस टीम में शामिल सदस्य:
. निरीक्षक: राकेश कुमार, प्रभारी साइबर सेल, रुद्रप्रयाग
. उप निरीक्षक: रणजीत खनेड़ा
. आरक्षी: कुलदीप सिंह, राकेश कुमार, रविन्द्र सिंह (एसओजी रुद्रप्रयाग), विनय (एसओजी रुद्रप्रयाग)
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित स्थानीय न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर रुद्रप्रयाग लाया गया है। पुलिस द्वारा आवश्यक पूछताछ के बाद उन्हें जनपद न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें और साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें।