शासन स्तर पर तैयार की जा रही चिकित्साधिकारियों की सूची..
उत्तराखंड: स्वास्थ्य विभाग में जल्द ही बड़ा फेरबदल होगा। कई जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) बदले जा सकते हैं। जबकि बागेश्वर, उत्तरकाशी, नैनीताल जिले में स्थायी सीएमओ की तैनाती की जाएगी। शासन स्तर पर चिकित्साधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में लंबे समय में तैनात अधिकारियों को भी जिलों में भेजा जा सकता है। 30 जून को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह सेवानिवृत्त हो रहीं हैं। इसके बाद निदेशक डॉ. तारा आर्य महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगी। वर्तमान में उनके पास स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल का कार्यभार है। जुलाई महीने में स्वास्थ्य विभाग में निदेशालय और जिला स्तर पर फेरबदल के लिए कवायद चल रही है।
बागेश्वर, उत्तरकाशी और नैनीताल जिले में वर्तमान में प्रभारी सीएमओ हैं। जबकि 30 जून को सीएमओ चमोली भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इन जिलों में स्थायी सीएमओ तैनात करेगी। साथ ही अन्य जिलों में तैनात सीएमओ इधर से उधर किए जाएंगे। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि 30 जून को कई अधिकारी सेवानिवृत्त होने से पद खाली हो रहे हैं। इन पदों पर अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। फेरबदल के लिए विचार किया जा रहा है।
डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन..
उत्तराखंड: बढ़ती गर्मी और डेंगू और चिकनगुनिया के खतरे को लेकर उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। विभाग ने उत्तराखंड के सभी जिला अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने ये अलर्ट जारी कर डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर 20 बिंदुओं की गाइडलाइन भी जारी की है। ये अलर्ट स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने उत्तराखंड के सभी जिलों के डीएम, सीएमओ और नगर निगम को जारी किए हैं।
- डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार Micro Plan बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें।
- नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिसके लिए नगर निगम/नगर पालिका आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा आवश्यकतानुसार फॉगिग की जाये।
- जनजागरूकता व जनसहभागिता हेतु आई०ई०सी० संसाधनो का समुचित्त व समयान्तर्गत उपयोग करें।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए व उनके कार्यवृत्त राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें।
- डेंगू के उपचार एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार की गाईडलाइन “National Guidelines for Clinical Management of Dengue fever” (संलग्न) को समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालायों/चिकित्सकों को आवश्यक कार्यवाहियों हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
- जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइनके अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन यार्डतैयार करमच्छरदानी (LLIN) युक्त पर्याप्तबेड की उपलब्धता, Standard Case Management आदि सुनिश्चित करें एवं डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करें।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों के समुचित प्रबन्धन हेतु अपने जनपद में चिकित्सा केन्द्रों को पूर्ण रूप से कार्यशील रखें व उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य मानव संसाधन जैसे चिकित्सक, नर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।
- डेंगू पीडित गम्भीर रोगियों (DHF/DSS) हेतु Platelets की उपलब्धता सुनिश्चित करें। 12. डेंगू जांच केन्द्रो में समय से आवश्यक सामग्री जैसे ELISA जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
- डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान हेतु, फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से Space/ Focal Spray कराने के साथ साथ जनपदीय आर०आर०टी० द्वारा क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेन्स एवंलार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराएँ।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है व जन जागरूकता ही एक कारगर उपाय है। अतः आप अपने स्तर से प्रभावी प्रचार प्रसार करवायें। प्रचार प्रसार सामग्री की सापट प्रति संलग्न।
- स्वास्थ्य विभाग व आई०एम०ए० प्रतिनिधियों / निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक (CME Meeting/Workshop) की जाये ताकि आमजन में डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी
- किसी भी प्रकार की आकस्मिक / आपातकालीन आवश्यकता के डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।
- मीडिया को डेंगू एवं चिकनगुनिया सम्बन्धित संवेदनशील सूचनायें व सकारात्मक जानकारी सम्बोधित करने हेतु जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के किसी एक अधिकारी को Media Spokes person अधिकृत किया जाये।
- जनमानस को डेंगू सम्बन्धित जागरूकता एवं समुचित जानकारी प्रदान करने के लिये राज्य मुख्यालय पर Integrated Helpline क्रियाशील है जिसका टोल फ्री नं० 104 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह जून से नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उक्त दूरभाष न० से राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को अवगत करायें।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया की दैनिक रिर्पोट (केस शून्य होने पर भी) संलग्न प्रारूप पर सायं 4:00 बजे तक नियमित रूप से राज्य स्तर पर E-mail- uknvbdcp@gmail.com पर भेजना सुनिश्चित करें। अतः उपरोक्तानुसार समयबद्ध कार्यवाही कर, कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराना सुनिश्चित करें।
अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, छुट्टियां हुई रद्द; एयरलिफ्ट की भी है तैयारी..
उत्तराखंड: सिलक्यारा में बचाव अभियान में आई तेजी के साथ ही सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाहर निकलने की उम्मीद के साथ स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारी पूरी कर ली है। महानिदेशक चिकित्सा डा. विनिता शाह ने मंगलवार को सिलक्यारा में बनाए गए छह बेड के अस्थायी अस्पताल समेत आसपास के सभी अस्पतालों का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इसके साथ ही डा. विनिता शाह ने अग्रिम आदेशों तक उत्तरकाशी जनपद में सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। जो चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी छुट्टी पर थे, उनकी छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही घटनास्थल पर एंबुलेंस खड़ी कर दी गई हैं।
आपको बता दे कि सुरंग में गत 12 नवंबर की सुबह से फंसे 41 श्रमिकों के स्वास्थ्य का हाल जानने और उन तक आवश्यक दवा पहुंचाने के लिए चिकित्सकों की एक टीम पहले ही दिन से सिलक्यारा में तैनात है। सिलक्यारा में छह बेड का अस्थायी अस्पताल भी बनाया गया है। यहां की जिम्मेदारी जनरल फिजिशियन डा. प्रेम पोखरियाल को सौंपी गई है। मंगलवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डा. विनिता शाह ने गढ़वाल मंडल स्वास्थ्य निदेशक डा. प्रवीण कुमार, निदेशक डा. केके टम्टा व सहायक निदेशक डा. विमलेश जोशी के साथ सिलक्यारा का भ्रमण किया।
श्रमिकों के स्वास्थ्य की जानकारी से रहे डॉक्टर
महानिदेशक सुरंग में उस स्थल तक भी पहुंचीं, जहां से चिकित्सक सुरंग में फंसे श्रमिकों के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं। महानिदेशक ने जिला अस्पताल में श्रमिकों के प्राथमिक उपचार के लिए तैयार किए गए वार्ड का भी निरीक्षण किया। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की दशा में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के परीक्षण को पहुंची स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह
स्वास्थ्य विभाग की हैं खास तैयारी
स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक जनरल फिजिशियन और दो मनोचिकित्सकों की तैनाती सिलक्यारा में पहले ही जा चुकी है। विभाग की ओर से यह भी तैयारी की जा रही है कि जैसे ही श्रमिकों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला जाएगा तो उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम सुरंग के बाहर तैनात रहे।
स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर ही श्रमिकों को अस्थायी अस्पताल सिलक्यारा, जिला अस्पताल या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट भेजा जाएगा। अगर श्रमिकों की स्थिति गंभीर हुई तो उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजने की भी तैयारी की गई है। सिलक्यारा में 20 एंबुलेंस भी तैनात कर दी गई हैं। जिनमें आक्सीजन और जीवन रक्षक दवा आदि की पूरी व्यवस्था है।
नहीं थम रहा डेंगू का वार दिख रहा खौफनाक रूप, अलर्ट मोड पर प्रशासन..
उत्तराखंड: डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर ने प्रदेश में कहर बरपाया हुआ है। मौसम में बदलाव से सुबह-शाम हल्की ठंड होने लगी है। बावजूद इसके एडीज मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। दिन पर दिन डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। बता दें देहरादून के बाद पौड़ी जनपद डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है। बीते मंगलवार को प्रदेश के सात जिलों से डेंगू के 74 नए मरीज मिले हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले पौड़ी से सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पौड़ी से 32, देहरादून और हरिद्वार से 13, नैनीताल से 10 मामले उधमसिंह नगर से दो और चंपावत से तीन और चमोली से एक मामला सामने आया है। प्रदेश में अभी तक 2402 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 2079 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि वर्तमान में 308 सक्रिय मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में डेंगू से अभी तक 15 लोगों की मौत हुई है।
दिल्ली रेफर मरीजों के तीमारदारों को मिलेगी ठहरने की सुविधा..
आवास के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू..
उत्तराखंड: अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली रेफर होने वाले मरीजों के तीमारदारों को दिल्ली में ठहरने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने आवास उपलब्ध कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। 26 सितंबर को टेंडर खोले जाएंगे। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कैंसर, हृदय रोग समेत गंभीर बीमारियों के बेहतर इलाज की सुविधा न होने पर मरीजों को दिल्ली के बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है, लेकिन मरीज के साथ रहने वाले तीमारदारों को ठहरने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। होटलों में रुकना तीमारदारों को महंगा पड़ता है। अब प्रदेश सरकार मरीज के साथ अटेंडेंट (तीमारदार) को ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह का कहना हैं कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों से मरीज को दिल्ली के किसी अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया जाता है, तो मरीज के साथ रहने वाले अटेंडेंट को ठहरने के लिए आवास की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। पहली बार में किसी भी फर्म ने आवेदन नहीं किया, जिससे दोबारा से टेंडर जारी किए गए हैं।
उत्तराखंड में नर्सिंग अधिकारी के 1564 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू..
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र मिलेगा नर्सिंग स्टॉफ..
उत्तराखंड: आखिरकार लम्बे इंतजार के बाद सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को बड़ी संख्या में नर्सिंग अधिकारी मिलने जा रहे हैं। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की एक और पहल रंग लाई है। डा. रावत के अथक प्रयासों के उपरांत स्वास्थ्य विभाग में वर्षवार मैरिट के आधार पर 1564 नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने महिला एवं पुरूष संवर्ग के नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, शीघ्र ही अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन किया जायेगा। अभिलेख सत्यापन के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों को विभाग में तैनाती दी जायेगी।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अथक प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को जल्द 1564 नर्सिंग अधिकारी मिलेंगे। विभाग की कमान सम्भालते ही डा. रावत ने ताबड़तोड़ कई फैसले लिये थे, जिसमें लम्बे समय से रिक्त चल रहे नर्सिंग स्टॉफ के पदों को भरना भी शामिल था लेकिन नर्सिंग अधिकारियों की नियमावली के अनुसार यह भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा के आधार पर की जानी थी, जिसमें बेरोजगार नर्सिंग डिग्री एवं डिप्लोमाधारी संगठन ने धांधली की आशंका जताते हुये वर्षवार मेरिट के आधार पर भर्ती की मांग की थी। जिस पर विभागीय मंत्री डा. रावत ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नर्सिंग अधिकारी की भर्ती नियमावली में संशोधन कर वर्षवार मैरिट के आधार पर भर्ती का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये थे। विभाग द्वारा भर्ती नियमावली का संशोधित प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की बैठक में लाया गया।
कैबिनेट की स्वीकृति के उपरांत विभाग ने कुल 1564 पदों पर वर्षवार मेरिट के आधार भर्ती का अधियाचन उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को सौंपा। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा माह जनवरी 2023 में 1564 पदों के सापेक्ष भर्ती हेतु अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र मांगे गये। जिस पर लगभग 10 हजार अभ्यर्थियों आवेदन किया। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि नर्सिंग अधिकारी के कुल 1564 पदों में से महिला संवर्ग डिप्लोमाधारक के 847 पद, महिला संवर्ग डिग्रीधारक के 405 पद, पुरूष संवर्ग डिप्लोमाधार के 212 पद तथा पुरूष संवर्ग डिग्रीधारक के 100 पद हैं।
जिन पर वर्षवार मैरिट के आधार पर भर्ती हेतु प्रत्येक पद के सापेक्ष दो अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिये बुलाया जायेगा। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारी कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया सम्पन्न होने के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को सौंप दी जायेगी जहां से चयनित अभ्यर्थियों को रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा दी जायेगी।
डा. धन सिंह रावत का कहना हैं कि, नर्सिंग अधिकारियों के 1564 रिक्त पदों पर नई तैनाती के उपरांत स्वास्थ्य विभाग में काफी हद तक नर्सिंग स्टॉफ की कमी दूर हो जायेगी, जिससे प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
उत्तराखंड में इन 61 डॉक्टर्स की सेवा समाप्त..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने कई चिकित्साधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी है। जिसके आदेश जारी किए गए है। बताया जा रहा है कि विभाग ने विभिन्न चिकित्सा इकाईयों मे पी०एम०एच०एस० संवर्ग में तैनात 61 चिकित्साधिकारियों को अनुपस्थित रहने के चलते हटा दिया है। इन चिकित्साधिकारियों की सेवाएं अनुपस्थित रहने के कारण समाप्त कर दी गई है। आदेश के साथ ही इन डॉक्टरों की सूची भी जारी की गई है।
जारी आदेश में लिखा है कि अनुपस्थित चल रहे चिकित्साधिकारियों द्वारा उत्तराखण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा नियमावली, 2014 के भाग-6 बिन्दु-18 ( 4 ) के अनुसार परिवीक्षा पूर्ण नहीं की गयी है। अनुपस्थिति के संदर्भ में जनपदवार मुख्यचिकित्साधिकारी के स्तर से समाचार पत्र में नोटिस दिये जाने के उपरान्त भी उक्त चिकित्साधिकारियों द्वारा न ही कोई प्रत्युत्तर दिया गया, न ही योगदान दिया गया है। ऐसे में अनुपस्थित चल रहे नॉन बॉण्डेड चिकित्साधिकारियों की अनुपस्थिति की अवधि से राजकीय सेवा समाप्त करने की सहर्ष स्वीकृति राज्यपाल ने प्रदान कर दी हैं।
आदेश में ये भी लिखा है कि महानिदेशक द्वारा अपने स्तर से सूची में उल्लिखित प्रत्येक बॉण्डधारी चिकित्साधिकारी को नोटिस जारी करे कि वे एक सप्ताह के अन्दर अपनी तैनाती स्थल पर योगदान करें, यदि वे एक सप्ताह के अन्दर अपनी तैनाती स्थल पर योगदान नही करते है, तो उनसे बॉण्ड की शर्तो के अनुसार धनराशि वसूल करने की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये कार्यवाही / अनुपालन आख्या 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
गोल्डन कार्ड से मरीजों को मिलेगा अब निशुल्क आयुर्वेदिक इलाज..
उत्तराखंड: स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट हेल्थ स्कीम के तहत अब आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा देने का भी फैसला लिया है। योजना के तहत आयुर्वेदिक अस्पतालों की ओपीडी में इलाज पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति जबकि आईपीडी में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत आयुर्वेदिक इलाज को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
जिसमें सरकार का मकसद है कि कर्मचारी, पेंशनर्स को योजना के तहत सभी तरह का इलाज निशुल्क मिले। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुर्वेदिक इलाज को भी राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल करने की मांग कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से की थी। मंत्री के निर्देश पर विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा था। जिस पर लगभग सहमति बन गई है। सचिव स्वास्थ्य राधिका झा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस निर्णय को हरी झंडी मिल गई है।
इसके बाद कैबिनेट में इसे रखा जाएगा। राज्य में लगभग तीन लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स आयुष्मान योजना के दायरे में हैं। आयुर्वेदिक इलाज को राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल किए जाने के बाद राज्य के बड़े आयुर्वेदिक अस्पतालों को भी योजना के तहत संबद्ध किया जाएगा। इन अस्पतालों में कर्मचारी, पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी..
उत्तराखंड: प्रदेश में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश में तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के लिए एडवायजरी जारी की है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ राजेश कुमार ने जिला अधिकारियों को दिए कोरोना को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। आपको बता दें, प्रदेश में बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 142 नए संक्रमित मिले हैं।
जबकि 38 मरीज ठीक हुए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में फिलहाल 1140 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रविवार को 914 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 94, हरिद्वार में छह, नैनीताल में 15, अल्मोड़ा और पौड़ी में दो-दो, चमोली व चंपावत में एक-एक, टिहरी में सात, ऊधमसिंह नगर में तीन व उत्तरकाशी में 11 संक्रमित मरीज मिले हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 94.96 प्रतिशत और संक्रमण दर 3.45 प्रतिशत दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवायजरी..
1- सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना जरूरी।
2-कोरोना के लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जाए।
3- कोविड-19 टीकाकरण कवरेज को बढ़ाया जाए।
4-सभी जिलों को संक्रमित मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश।
5- जिलाधिकारियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने के लिए कहा गया।
6- बुखार फैल रहा तो तुरंत कोरोना जांच कराए
7- फ्लू और सांस की शिकायत वालों के टेस्ट किए जाने की सलाह भी दी गई है।
8- आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
9- आक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिष्चित की जाए।
डीएम ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक…
कर्मचारियों एवं डाॅक्टरों का धरातल पर कार्य करना बेहद जरूरी: मयूर..
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला कार्यालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें जिलाधिकारी ने जिले में स्वास्थ्य योजनाओं, जन्म दर एवं मृत्यु दर, टीबी, एनएचएम, एचआईवी, डिलीवरी की स्थिति एवं सुविधाओं, सीएचसी समेत अन्य मामलों की समीक्षा की। साथ ही अगस्त्यमुनि ब्लॉक की नियमित डाटा एंट्री नहीं होने के चलते एनएचएम के जिला प्रोग्राम प्रबंधक हिमांशु नौटियाल का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि स्वास्थ्य के कर्मचारियों एवं डाॅक्टरों का धरातल पर रहना एवं कार्य करना बेहद महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी ने डाॅक्टरों एवं नर्सिग स्टाफ को उनके क्षेत्र में पड़ने वाले गांव में समय-समय पर स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर आयोेजित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय तम्बाकू कन्ट्रोल प्रोगाम के अधिकारियों को केदारनाथ यात्रा मार्ग को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश देते हुए मंगलवार से ही यात्रा मार्ग पर तम्बाकू बेच रहे दुकानदारों पर जुर्माना लगाने एवं तम्बाकू पदार्थ जब्त करते हुए नष्ट करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जिले को टीबी एवं एचआईवी मुक्त बनाने को हर संभव प्रयास करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कल्याण योजना अधिकारी को योजना के तहत पंजीकृत बालक-बालिकाओं को समय पर उचित इलाज उपलब्ध न कराने पर फटकार लगाते हुए बच्चों के इलाज में हीलाहवाली न बरतने को कहा। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कल्याण योजना के लिए हर समय वाहन उपलब्ध रखवाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अप्रैल माह में जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंची एक महिला की मृत्यु के मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए समय-समय पर सुझाव देने की अपील की। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ बीके शुक्ला, एसीएमओ डाॅ विमल सिंह गुसाई, डाॅ हेमा असवाल, डाॅ महिमा रावत, डाॅ मोनिका राणा, बाल विकास परियोजना अधिकारी हिमांशु बडोला सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।