कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को राजधानी देहरादून से लेकर कुंभनगरी हरिद्वार तक ताबड़तोड़ कई कार्यक्रमों में भाग लिया। मुख्यमंत्री तीरथ की 22 मार्च को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। इसके बाद वे होम आइसोलेशन में चले गए थे।
जनता की सुनी समस्याएं
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बीजापुर सेफ हाउस में विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों से मुलाकात की और उनके निस्तारण के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता सर्वोपरि है। जनता की समस्याओं को दूर करना सरकार का दायित्व है। कोशिश की जा रही है कि लोगो की शिकायतों और समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो जाए। वर्चुअल रात्रि चौपाल इसी क्रम में आयोजित की जा रही हैं। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गए हैं कि लोगों को अपने काम के लिए अनावश्यक चक्कर न काटने पड़ें। जनता और प्रशासन के बीच संवाद कायम किया जा रहा है।
भाजपा स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हुए सम्मिलित
मुख्यमंत्री तीरथ बीजापुर सेफ हाउस से प्रदेश भाजपा के मुख्यालय पहुंचे। पार्टी मुख्यालय में उन्होंने भाजपा के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने भाजपा के क्रमिक विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। अटल जी ने कहा था – अंधेरा छंटेगा, सूरज उगेगा, कमल खिलेगा। आज भाजपा का कमल पूरे देश में खिल रहा है और भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत समेत कई नेता उपस्थित थे।
विस अध्यक्ष का 4 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग
मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अध्यक्ष के रूप में 04 साल पूर्ण होने पर रायवाला में आयोजित कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 04 साल से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अग्रवाल का कुशल नेतृत्व राज्य को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल के अलावा कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम आदि उपस्थित थे।
कुंभनगरी में गंगा महापूजन में लिया भाग
कार्यक्रमों की श्रृंखला में मुख्यमंत्री तीरथ कुंभनगरी हरिद्वार भी पहुंचे। वहां उन्होंने हर की पैड़ी में श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित गंगा महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। महापूजन का आयोजन कुंभ मेले के सफल आयोजन के उद्देश्य से किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य के साथ ही सुरक्षित कुंभ का आयोजन करने के लिए सरकार संकल्पित है। हरिद्वार के तीन संस्कृत महाविद्यालयों से आए 151 आचार्यों ने महापूजन के दौरान चारों ओर से मंत्रोच्चारण और शंखनाद किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत पुलिस–प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ हरिद्वार कुम्भ-2021 की तैयारियों के संबध में बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य व भव्य स्वरूप में आयोजित होगा। कुंभ में परंपराओं व संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कुंभ के शुरू होने पर कोरोना महामारी की स्थिति कैसी रहती है, उसके अनुसार मेले के स्वरूप को विस्तार दिया जाएगा।
देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में त्रिवेन्द्र ने संतों को आश्वासन दिया कि परिस्थितियों के हिसाब से कुंभ के दृष्टिगत जो भी निर्णय लिये जाएंगे, उसमें अखाड़ा परिषद एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सकुशल कुंभ सम्पन्न कराने के लिए अखाड़ा, परिषद व संत समाज का पूरा सहयोग लिया जाएगा और अखाड़ों की समस्याओं का हर संभव निदान करने का प्रयास होगा।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने अखाड़ों की समस्याओं से भी अवगत कराया। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि 15 दिसंबर तक अधिकांश स्थाई प्रकृति के कार्य और 31 दिसम्बर तक अन्य सभी कार्य पूर्ण करा लिए जाएंगे।
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरी, महन्त प्रेम गिरी, महन्त सत्यगिरी, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, महन्त रवीन्द्र पुरी, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, अपर मेलाधिकारी डाॅ. ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा आदि उपस्थित थे।
हर की पैड़ी को फिर से गंगा का दर्जा
इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अखाड़ा परिषद के साथ बैठक करने से पहले एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हर की पैड़ी को स्कैप चैनल से मुक्त रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हर की पैड़ी का अविरल गंगा का दर्जा बरकरार रखा जाएगा। इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा यह क्षेत्र आस्था एवं विश्वास का प्रतीक भी है। जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
यहां बता दें कि प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हर की पैड़ी का गंगा का दर्जा समाप्त कर उसे स्कैप चैनल अर्थात नहर के रूप में मान्यता दे दी थी। इस कारण लंबे समय से गंगा सभा एवं जनता द्वारा हर की पैड़ी क्षेत्र को स्कैप चैनल से मुक्त रखने की मांग की जा रही थी।