नेशनल गेम्स- उत्तराखंड की झोली में अब तक आए 5 स्वर्ण, ताइक्वांडों में पूजा यादव ने जीता गोल्ड..
उत्तराखंड: प्रदेश में इन दिनों राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है. ताइक्वांडों प्रतियोगिता में पूजा यादव ने उत्तराखंड के लिए गोल्ड मेडल जीता है. बता दें अभी तक प्रदेश की झोली में कुल पांच गोल्ड मेडल आए हैं.गुरुवार को हुई ताइक्वांडों प्रतियोगिता में पूजा यादव ने उत्तराखंड के लिए गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा ताइक्वांडो में उत्तराखंड ने अपने नाम दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल किए हैं. बता दें राष्ट्रीय खेलों में पहली बार उत्तराखंड ने 5 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है.
उत्तराखंड की झोली में अब तक आए 5 स्वर्ण..
आपको बता दें उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने वुशु, लॉन बॉल, योगासन, कैनोइंग, कयाकिंग और ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. वहीं एसएससीबी (SSCB) ने अभी तक 31 गोल्ड पर कब्जा किया है. जबकि कर्नाटक ने अभी तक 30 गोल्ड मैडल अपने मनम किए हैं. अभी तक की प्रतियोगिता के हिसाब से उत्तराखंड 14वें स्थान पर है.
राष्ट्रीय खेल के लिए आईओसी देगा उत्तराखंड को स्पाॅन्सरशिप..
उत्तराखंड: 38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर आई है। उत्तराखंड को इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन (IOC) का साथ मिला है। आईओसी इस आयोजन के लिए उत्तराखंड को स्पाॅन्सरशिप देगा। प्रारंभिक सहमति की सूचना उत्तराखंड को आधिकारिक रूप से मिल गई है। इसके बाद उत्तराखंड ने आईओसी को राष्ट्रीय खेलों का ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर बना दिया है। आयोजन के प्रचार-प्रसार में अब आईओसी भी नजर आएगा।
काॅर्पोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद में आईओसी जल्द ही यह तय करेगा कि इस आयोजन के लिए उसकी स्पाॅन्सरशिप का आकार क्या होगा। 28 जनवरी को जिस दिन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन हो रहा है, उसी दिन आईओसी की बोर्ड बैठक भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ही स्पाॅन्सरशिप के आकार पर निर्णय ले लिया जाएगा। बहरहाल आईओसी ने स्पाॅन्सरशिप के लिए प्रारंभिक सहमति दे दी है। राष्ट्रीय खेलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार आईओसी का स्पाॅन्सरशिप के संबंध में आधिकारिक मेल प्राप्त हुआ है। इसके बाद आईओसी अब राष्ट्रीय खेलों का ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर होगा।
सीएम धामी की पैरवी से बनी बात..
राष्ट्रीय खेलों के लिए स्पाॅन्सरशिप जुटाने के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी मोर्चे पर खुद जुटे। केंद्र सरकार में मजबूत पैरवी की, तो बात बन गई। बता दे कि कुछ दिन पहले अपने दिल्ली प्रवास के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की थी। उन्होंने पुरी को राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया था। साथ ही आईओसी व ओएनजीसीसी से सीएसआर में स्पाॅन्सरशिप दिलवाने का अनुरोध किया था। इस पर मंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। सीएम धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रति आभार प्रकट किया है।
क्या होता है इवेंट में ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर..
बता दे कि किसी बडे़ इवेंट या कार्यक्रम में प्रायोजक से मिलने वाली स्पाॅन्सरशिप की राशि के हिसाब से उसकी श्रेणी तय की जाती है। आईओसी के स्तर पर राष्ट्रीय खेलों में हमेशा स्पाॅन्सरशिप दी जाती रही है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय से जुडे़ अधिकारी प्रतीक जोशी के अनुसार-पिछले अनुभवों का अध्ययन करने के बाद आईओसी को ब्राॅन्ज कैटेगरी में स्पाॅन्सर बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कैटेगरी के हिसाब से ही राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार में आईओसी नजर आएगा।
ग्रीन खेल थीम पर होगा 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, पहली बार मिलेंगे ई-वेस्ट से बने पदक..
उत्तराखंड: प्रदेश पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रहा है। यह खेल इसलिए भी खास है क्योंकि उत्तराखंड सरकार और ओलंपिक संघ ने इसकी थीम ”ग्रीन खेल” रखी है। विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे जबकि उन्हें होटल से मैदान और वापस होटल ले जाने के लिए ई-बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। आगामी 28 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा। इसमें देशभर से 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है। खेल निदेशालय पूरे आयोजन में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेगा। खिलाड़ियाें के आने से लेकर जाने तक हर कदम पर प्लास्टिक फ्री रखा जाएगा। खेल परिसर में पानी के कंटेनर के पास प्लास्टिक के ग्लास नहीं रखे जाएंगे। खिलाड़ी, ऑफीशियल्स, टीम आदि अपनी बोतल का ही प्रयोग करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय खेलों में विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे। इसके लिए कंपनी चयनित कर ली गई है।
पहली बार राष्ट्रीय खेलों में मिलेंगे ऐसे पदक..
अभी तक राष्ट्रीय खेलों में मिलने वाले पदक धातुओं के बने होते हैं। उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में यह पहला मौका होगा कि भारत के राष्ट्रीय खेलों में पहली बार ई-वेस्ट के बने पदक दिए जाएंगे। इससे पहले इसका प्रयोग टोक्यो में हुए ओलपिंक खेलों में किया गया था। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों का एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन तक से स्टेडियम तक आवागमन के लिए ई-बसों का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे में पहाड़ में वाहनों का दबाव बढ़ने के बावजूद भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
प्लास्टिक रि-यूज से बनेंगे कपड़े..
राष्ट्रीय खेलों में जो खिलाड़ियों, ऑफीशियल, मैनेजर आदि के लिए कपड़े तय होंगे। वे सभी प्लास्टिक रि-यूज से तैयार कपड़े होंगे। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है। खेलों में नाम कमाने के साथ ही उत्तराखंड को नए प्रयोगों के लिए याद किया जाएगा।