बागेश्वर चुनाव को लेकर बीजेपी की बडी रणनीति…
भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास आज करेंगी नामांकन…
उत्तराखण्ड: बागेश्वर विधान सभा उपचुनाव में बीजीपे की प्रत्याशी पार्वती दास आज नामांकन भरेंगी जिनके साथ मुख्यमंत्री धामी मौजूद रहेंगें। बता दें कि चन्दन राम दास जी के निधन के बाद बागेश्वर विधानसभा सीट खाली चल रही है जिस पर उपचुनाव होने जा रहा है जिसके लिए बीजेपी ने कोई रिस्क न लेते हुए चन्दन राम दास पूर्व विधायक की पत्नी पार्वती दास उपचुनाव लड़ाने पर सहमति दी।बता दें कि नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित भाजपा के कई नेता मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेता आज जनता से रूबरू भी होंगे। पूर्व विधायक और मंत्री चंदन राम दास की मौत के बाद यह सीट खाली हुई थी।
बीजेपी के पक्ष में वोट मांगेंगे सीएम धामी…
पार्वती दास के पक्ष में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज बागेश्वर में आयोजित जनसभा को करेंगे संबोधित। इसके जरिए वे पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में लोगों का समर्थन मांगेंगे। बता दें कि पार्वती दास पूर्व विधायक और मंत्री चंदन राम दास की पत्नी हैं। चंदन राम दास के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। इसी खाली सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है।
उत्तराखंड। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने को पीतल में बदलने का सबसे पहले वीडियो वायरल करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। भाजपा ने केदारनाथ आपदा के समय आपदा राहत कार्यों को लेकर ना केवल तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा है, बल्कि आपदा घोटाले में मनोज रावत को भी कठघरे में खड़ा किया है।
भाजपा ने केदारनाथ में स्वर्णमंडन के कार्य में घोटाले का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें केदारनाथ आपदा में हुए घोटालों पर सही स्थिति जनता के सामने रखने की जरूरत है, क्योंकि सभी मामले उनके क्षेत्र से जुड़े हैं और उन्हें धार्मिक स्थलों को की छवि से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बिपिन कैन्थोला ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में कांग्रेस घृणित राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मनोज रावत के नेतृत्व में केदारनाथ गए दल ने प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए वो भ्रामक व तथ्यहीन हैं। कांग्रेस नेताओं ने अब तक जितने भी आरोप लगाए हैं, उनका श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप लगा कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का दुष्प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने को लेकर तमाम आरोप लगा रहे हैं। मगर उनके द्वारा अभी तक इसका कोई भी दस्तावेज अथवा प्रमाण जनता के सामने नहीं रखा गया है। इसके विपरीत केदारनाथ आपदा के समय आपदा के लिए आयी राहत राशि में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार से बंदरबांट की, यह जग जाहिर है। आपदा पीड़ितों के हिस्से की धनराशि को अनाप-शनाप तरीके से खर्च किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा “हिटो-केदार” अभियान के नाम पर लाखों रूपये दिए गए। आपदा के पैंसे को ट्रैकिंग के नाम पर लुटा दिया गया। गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से माऊंटेनियर्स एंड ट्रैकर्स एसोसियशन (माटा) नाम की एक संस्था को आनन-फानन में ट्रैकिंग अभियान संचालित करने का जिम्मा सौंप दिया गया। माटा संस्था का सोसायटी रजिस्ट्रार के यहां 22 सितंबर, 2016 को पंजीकरण किया गया और उसी माह इस संस्था को ट्रैकिंग अभियान संचालित करने की अनुमति दे गयी।
इस संस्था के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनोज रावत थे। इस प्रक्रिया में नियम-कानूनों का किसी प्रकार से पालन नहीं किया गया। इस संस्था के पास किसी प्रकार का अनुभव नहीं था। ना ही संस्था के चयन के लिए कोई प्रक्रिया अपनायी गयी। मनोज रावत की संस्था को किस आधार पर यह कार्य दिया गया, इसमें प्रतिभागियों का चयन किसने किया और वो कौन थे, ये कहीं स्पष्ट नहीं है।
भाजपा नेता हार्दिक पटेल ने फेसबुक पर अभद्र टिप्पणियों के चलते बंद किया कमेंट बॉक्स..
देश-विदेश: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल को फेसबुक पर अभद्र टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। इसके कारण उन्हें अपना कमेंट बॉक्स बंद करना पड़ा। गुजरात के चर्चित पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे नेता हार्दिक पटेल को लगातार धमकियां भी मिल रही थीं, इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है। आपको बता दे कि हार्दिक पटेल ने मंगलवार को फेसबुक पोस्ट लिखकर लोगों से भाजपा में शामिल होने की अपील की थी। यह गुजरात भाजपा के सदस्यता अभियान के सिलसिले में की गई थी। इसमें सोशल मीडिया यूजर्स से अपील की थी कि वे मिस्ड कॉल के जरिए भाजपा की सदस्यता लें। अपील के पोस्टर में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हार्दिक पटेल की तस्वीर थी।
150 से ज्यादा अभ्रद टिप्पणियां की गईं..
हार्दिक की यह अपील पोस्ट होते ही उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणियों का सिलसिला शुरू हो गया। लोग उनके कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर सवाल उठाने लगे। पोस्ट के नीचे 150 से ज्यादा अभद्र टिप्पणियां की गईं। यह देखकर पटेल को अपना कमेंट बॉक्स बंद करना पड़ा।
गुजरात के बड़े पाटीदार नेता के रूप में उभरे 28 वर्षीय हार्दिक पटेल ने 2 जून को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके पूर्व उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व व नीतियों को लेकर सवाल खड़े किए थे। इस मौके पर हार्दिक ने भाजपा की टोपी धारण की थी। गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल व वरिष्ठ नेता नितिन पटेल ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। इस साल दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए हार्दिक का पार्टी में शामिल होना भाजपा के लिए लाभकारी तो कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना गया। अब देखना होगा कि भाजपा आगामी चुनाव में उन्हें कितनी अहमियत देती है
हरक सिंह और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के बीच जुबानी जंग..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच चल रही जुबानी जंग में एक बार फिर शोले भड़क उठे हैं। हरक सिंह ने बीते दिनों आए त्रिवेंद्र के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिनके घर कांच के होते हैं, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। हरक सिंह, त्रिवेंद्र की टिप्पणी पर सीधे कुछ कहने से परहेज करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिसका जितना ज्ञान होता है वो उसी तरह की बातें करता है। हरक ने कहा कि त्रिवेंद्र उनसे बड़े हैं, उनकी बातों को वो आशीर्वाद के तौर पर ही लेते हैं।
हरक का कहना हैं कि उन्होंने कभी किसी के लिए व्यक्तिगत या राजनैतिक रूप से इस तरह की टिप्पणी नहीं की। हरीश रावत के साथ उनकी खूब लड़ाई रही, पर उन्होंने भी कभी बिलो दि बेल्ट रह कर काम नहीं किया। राजनेता क्या सामान्य व्यक्ति भी इस तरह की टिप्पणी नहीं करता। साथ ही यह भी कहा कि जिनके घर कांच के होते हैं उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। अंत में हरक बोले कि उन्हें अब इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है, बाकी जिसे जो कहना है, कहता रहे। उत्तराखंड की जनता सब कुछ जानती है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि ढेंचा बीज के संदर्भ में मेरी टिप्पणी को त्रिवेंद्र रावत ने गलत तरीके से लिया। मैंने तो त्रिवेंद्र की भलाई में यह बात कही थी। हरीश रावत के कहने पर यदि त्रिवेंद्र के खिलाफ तब मुकदमा दर्ज हो जाता तो राज्य में राजनैतिक बदले की गलत परंपरा कायम हो जाती। लेकिन पता नहीं क्यों यह बात त्रिवेंद्र को बुरी लग गई।
पार्टी नेतृत्व द्वारा इस विवाद का संज्ञान लिए जाने के सवाल पर हरक ने कहा कि उन्होंने किसी के सामने किसी की शिकायत नहीं की है। पार्टी सारी बातों को देख ही रही है। विदित है कि शुक्रवार को देहरादून में भाजपा के चुनाव प्रभारी भी मौजूद थे, माना जा रहा है कि पार्टी ने हरक सिंह को इस विषय पर धैर्य बरतने की सलाह दी है। बावजूद इसके भी उन्होंने सधे हुए शब्दों में अपनी बात सार्वजनिक तौर पर रख ही दी है।
विधानसभा चुनाव से पहले BJP के लिए रेड सिग्नल, शुरू हुई गुटबाज़ी..
उत्तराखंड: देहरादून जिले में रायपुर के भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के मामले के बहाने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में मंत्री और विधायक बने नेताओं ने ठीक विधानसभा चुनाव के वक्त एकजुटता का सूत्र तलाश लिया है। काऊ के समर्थन में खड़े होने वाले नेताओं में अब एक नाम कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का भी जुड़ गया है।
सियासी जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं पर पार्टी कार्यकर्ताओं की घेराबंदी बढ़ रही है। इससे निपटने के लिए अब ये मंत्री और विधायक कड़ियों की तरह जुड़ रहे हैं ताकि पार्टी में अपने प्रभाव को बनाए रख सकें। पिछले करीब साढ़े चार साल में महाराज पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के साथ भाजपा में आए विधायकों से फासला बनाकर चलते रहे हैं। लेकिन बुधवार को विधायक काऊ के समर्थन में खुलकर बयान दिया।
काऊ प्रकरण पर महाराज ने बेशक यह कहा कि ये कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं काऊ के साथ हूं और उनकी बात पार्टी फोरम पर रखूंगा।उन्होंने कहा कि हम सब में समन्वय की भावना है। बातचीत से हर समस्या का हल है। पिछले दिनों ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी काऊ के समर्थन में खुलकर बयान दागे थे।
भाजपा में अब गुटबाजी सतह पर दिखने लगी है। रायपुर में भाजपा विधायक काऊ के साथ पार्टी के नेता की तकरार के बाद दोनों ओर से केंद्रीय नेतृत्व को एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें की गईं। दिल्ली से लौटकर काऊ ने यह कहकर हलचल पैदा कर दी कि उनकी समस्या का निदान नहीं हुआ तो वह पार्टी से बाहर बने संगठन में ये बात रखेंगे।
आपको बता दे कि काऊ का इशारा उनके साथ भाजपा में आए सभी विधायकों व पूर्व विधायकों की ओर है जो अब पार्टी नेतृत्व को भी यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अच्छे व बुरे वक्त में वे एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े हैं। उनकी यह एकजुटता पार्टी नेताओं को असहज कर रही है।
BJP ने पांच राज्यों में नियुक्त किए प्रभारी..
उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। बुधवार को बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया। पार्टी ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को आगामी चुनाव के लिए उत्तराखंड का प्रभारी नियुक्त किया है वहीं, लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी और सरदार आरपी सिंह को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। उत्तराखंड के अलावा भाजपा ने अन्य चार चुनावी राज्यों के लिए भी अपने प्रभारियों के नाम का ऐलान कर दिया है।
देश की राजनीति में सबसे अहम रोल निभाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है जबकि सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर होंगे। बीजेपी ने पंजाब विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ-साथ हरदीप पुरी, मीनाक्षी लेखी, विनोद चावड़ा के हाथों सौंपी है। पार्टी ने इस सभी को पंजाब चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है।
इसके अलावा गोवा में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कंधों पर पार्टी के जीत की जिम्मेदारी रखी है। वहीं, मणिपुर के विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रभारी बनाया गया है।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पांचों राज्यों में अपने प्रभारी नियुक्त कर चुनावी बिगुल बजा दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगल साल मार्च से अप्रैल के बीच में इन राज्यों में मतदान की तारीख का ऐलान हो सकता है।
चुनाव के मद्देनजर बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने भी कमर कस ली है, दिलचस्प बात ये है कि इनमें से चार राज्यों में भाजपा की सरकार है। ऐसे में बीजेपी के लिए यह चुनाव मिशन 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों के क्रम में पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन ने मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिवों को विभिन्न प्रदेशों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही मोर्चा ने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा भी की है।
राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज को गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू कश्मीर व लद्दाख के प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है।
राष्ट्रीय महामंत्री इंदुबाला गोस्वामी को अरूणाचल, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम, त्रिपुरा, उड़ीसा झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश का जिम्मा सौंपा गया है।
राष्ट्रीय महामंत्री सुखप्रीत कौर को अंडमान एंड निकोबार, केरल, पांडिचेरी, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, लक्षदीप, महाराष्ट्र, दादर नगर हवेली, दमन दीव व पंजाब का प्रभार दिया गया है।
महिला मोर्चा ने अपने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा भी की है, जिसमें 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाएगा। 15 अगस्त को आजादी का अमृत महोत्सव मनाया तथा रक्षाबंधन के अवसर पर 22 से 28 अगस्त तक 1 हफ्ते का कार्यक्रम चलाया जाएगा।
इधर, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन व महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू पहुंची। जम्मू एयरपोर्ट पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री का भव्य स्वागत किया गया। दीप्ति रावत भारद्वाज ने कहा कि संगठन ने जिस आशा के साथ में यह दायित्व कार्यभार दिए हैं वह उनको पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएंगी।
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष की अन्य पार्टियां कृषि कानून पर भ्रम फैलाने में जुटी हैं लेकिन सितंबर से लेकर दिसंबर के बीच देश के जिस भी हिस्से में चुनाव हुए हैं, वहां भाजपा को बड़ी जीत मिली है। उन्होंने कहा कि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास करती है।
सोमवार को दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए स्मृति ने देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों में भाजपा को मिली शानदार सफलता को प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों में विश्वास बताया।
उन्होंने कहा कि इन सभी चुनावों में पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक समग्र राष्ट्र की जनता का आशीर्वाद प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को मिला है। इन चुनावों में भाजपा को मिली ऐतिहासिक विजय यह दर्शाती है कि देश को माननीय प्रधानमंत्री में एवं उनकी नीतियों में अटूट विश्वास है। देश की जनता ने कांग्रेस सहित विपक्ष की नकारात्मक और समाज को बांटने वाली राजनीति को सिरे से खारिज किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस लगातार सिमटती जा रही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी को देश के ग्रामीण इलाकों में व्यापक समर्थन मिल रहा है और वह भी तब, जब किसान आंदोलन के नाम पर विपक्ष लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहा है। जब से कृषि सुधार बिल देश की संसद ने पारित किए, तब से विपक्षी दल एक भ्रांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आरोप रहा है कि देश की ग्रामीण जनता भारत सरकार के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही है लेकिन आज हम उन राज्यों में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर रहे हैं, जहां कांग्रेस की सत्ता थी तो ये कई मायनों में खास है। उन्होंने कहा कि केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है जबकि वहां हमारे कार्यकर्ताओं को लगातार मौत के घाट उतारा जा रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 5 से 7 दिसंबर तक तीन दिन के उत्तराखंड भ्रमण पर रहेंगे। इस दौरान नड्डा राजधानी देहरादून में पार्टी की निचली इकाई मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश की सर्वोच्च मानी जानी वाली कोर कमेटी तक के नेताओं से मिलेंगे और बैठक लेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रदेश भ्रमण के लिए केंद्रीय संगठन की ओर से 5,6 व 7 दिसंबर की तिथि दी गई है। कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविवार को महामंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर केंद्र को भेजी जाएगी। केंद्र उसे अंतिम रूप देगा।
नड्डा अपने तीन दिवसीय भ्रमण के दौरान प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी के अलावा विधायकों, मंत्रियों, सांसदों, विभिन्न स्तरों के पार्टी पदाधिकारियों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारियों आदि के साथ अलग-अलग लगभग एक दर्जन बैठक करेंगे।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बिहार चुनाव से निजात पाने के बाद भाजपा अध्यक्ष नड्डा सभी प्रदेशों का इसी तरह से भ्रमण करेंगे और राज्यों में पार्टी संगठन की गतिविधियों का जायजा लेंगे। साथ ही आगामी रणनीति तैयार करेंगे। आगामी समय में जिन राज्यों में विधान सभाओं के चुनाव होने हैं, उन पर नड्डा का विशेष फोकस रहेगा।
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बतौर नड्डा गत वर्ष नवम्बर माह में भी देहरादून के एक दिवसीय भ्रमण पर आए थे। मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उत्तराखंड का उनका यह पहला भ्रमण है। नड्डा इससे पूर्व कई बार उत्तराखंड आ चुके हैं। वर्ष 2017 में उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें व केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दी थी। तब नड्डा केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे।
विधान सभा चुनाव में नड्डा ने लगातार कई दिन तक उत्तराखंड में डेरा डाले रखा था। चुनावी रणनीति तैयार करने से लेकर चुनाव प्रबन्धन और सभाओं को संबोधित करने तक में उनकी सक्रिय भूमिका रही है।
पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र (विजन डॉक्यूमेंट) नड्डा की देखरेख में तैयार हुआ था।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) ने अपनी टीम का विस्तार करते हुए विभिन्न प्रदेशों के प्रभारी का सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। उत्तराखंड का प्रभार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को सौंपी गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को उत्तराखंड का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को उत्तराखंड के अलावा पंजाब व चंडीगढ़ का प्रभार भी सौंपा गया है। गौतम ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। भाजपा में लम्बे समय तक विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। वे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे हरियाणा से राज्यसभा सदस्य हैं।
उत्तराखंड की सह प्रभारी बनाई गईं रेखा वर्मा पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ- साथ उत्तर प्रदेश की धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वर्ष 2014 में रेखा वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को हराकर लोकसभा पहुंचीं। 2019 के चुनाव में भी रेखा ने वहीं इतिहास दोहराया। इस बार उनकी जीत का अंतर और बढ़ गया।
इसके साथ भूपेंद्र यादव को किसान मोर्चा, अरुण सिंह को अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा, दुष्यंत कुमार गौतम को महिला मोर्चा, तरुण चुग को युवा मोर्चा, डी. पुरंदेश्वरी को अल्पसंख्यक मोर्चा, सीटी रवि को अनुसूचित जाति मोर्चा और दिलीप सैकिया को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है।