उत्तराखंड के 21 वें स्थापना दिवस (Uttarakhand Foundation Day) के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत तमाम नेताओं ने राज्यवासियों को बधाई दी है। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों को याद करते हुए राजधानी देहरादून के शहीद स्मारक में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्विटर पर अपना सन्देश जारी करते हुए कहा कि – ‘देवभूमि उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। राज्य का अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य और समृद्ध संस्कृति देश के लिए गौरव का विषय है। मैं राज्य के समग्र विकास और प्रगति के साथ उत्तराखंड के सभी निवासियों के उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूँ।’
उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा – ‘राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड के लोगों को बधाई। देव भूमि के रूप में विख्यात – ‘देवताओं की भूमि’, उत्तराखंड अपनी सुरम्य सुंदरता और समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। राज्य और इसके मेहनती लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए मेरी शुभकामनाएं।’
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि – ‘उत्तराखंड के निवासियों को राज्य के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई। प्रगति के पथ पर अग्रसर, प्राकृतिक संपदा और नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर यह प्रदेश ऐसे ही विकास की नित नई ऊंचाइयों को छूता रहे।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया – ‘उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर प्रदेश के सभी बहनों व भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं। देवभूमि उत्तराखंड की निरंतर प्रगति और समृद्धि व प्रदेशवासियों की ख़ुशहाली की कामना करता हूँ।’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने अपने सन्देश में कहा – ‘अध्यात्म के लिए विश्व विख्यात, भारतीय सभ्यता व संस्कृति की पावन संगम स्थली देवभूमि उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।’
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने देहरादून के शहीद स्मारक पर राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राज्य निर्माण में शहीदों के बलिदान का स्मरण किया।
अखिल भारतीय कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। मगर कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता ने कोई ट्वीट नहीं किया। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा – ‘समस्त प्रदेशवासियों को देवभूमि उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।’
प्रदेश के मंत्रियों के विभागों की समीक्षा के क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के साथ वन, सेवायोजन एवं कौशल विकास, श्रम तथा आयुष विभाग को लेकर बैठक की। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाए। वन विभाग द्वारा जहां भी वृक्षारोपण करवाया जा रहा है, उन वृक्षों की सुरक्षा के लिए सुनियोजित कार्ययोजना तैयार हो। वृक्षारोपण करने तक का ही उद्देश्य न हो, बल्कि इनकी सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। इस कार्य में जन सहयोग सुनिश्चित हो। वन विभाग राजस्व वृद्धि पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिए समुचित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया।
आयुष विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पौड़ी (गढ़वाल) के चरक डांडा में अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थान की स्थापना के लिए जल्द डीपीआर बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने सेवायोजन एवं कौशल विकास को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में जिन 25 आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है, उनमें प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था भी हो। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के औद्योगिक संस्थानों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सुनिश्चित की है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत ढेला ‘रेस्क्यू सेन्टर’ एवं पाखरो ‘टाइगर सफारी’ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा की प्रदेश में पिछले तीन सालों में प्रतिवर्ष औसतन 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया। प्रदेश में 14.77 प्रतिशत क्षेत्र संरक्षित है, जो राष्ट्रीय औसत से तीन गुना है। राज्य में 2006 में बाघों की संख्या 178 थी, जो 2018 तक बढ़कर 442 हो गई है। हाथियों की संख्या 2017 तक 1839 थी, जो अब बढ़कर 2026 हो गई है। वर्षा जल संरक्षण की दिशा में 02 वर्षों में लगभग 68.37 करोड़ ली0 वर्षा जलसंचय की संरचनाओं का निर्माण किया गया। वन विभाग द्वारा पिछले तीन सालों में विभिन्न योजनाओं के तहत 1 लाख 20 हजार लोगों को रोजगार दिया गया।
मंत्रियों के विभागों की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के साथ कृषि, उद्यान, रेशम विकास विभागों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के बागों के पुनर्जीविकरण व विस्तारीकरण के लिए भरसार विवि और जीबी पंत विवि के कुलपतियों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसानों के स्किल डेवलपमेंट की योजना बनाने को कहा। उन्होंने सूअर, बंदर आदि जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान का सर्वे करते हुए अधिक प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तार-बाड़, दीवार बनाने का काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।
आधुनिकतम तकनीक से फलों की खेती को लाभप्रद बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सेब व अन्य फलों की खेती को आधुनिकतम तकनीक के उपयोग द्वारा लाभप्रद बनाया जाए। आवश्यकता होने पर दूसरी किस्मों से बदला भी जा सकता है। इसके लिए औद्यानिकी विभाग ठोस काम करे।
फार्म मशीनरी बैंक से जुड़ें अधिकाधिक गांव
मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक किसानों के लिए काफी लाभप्रद हो रहे हैं। प्रयास किए जाएं कि अधिक से अधिक गांव इसके अंतर्गत आ सकें। माइक्रो इरीगेशन पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। विभाग इसके लिए कार्ययोजना बनाए।
जंगली जानवरों से नुकसान का हो सर्वे
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में एक बड़ी समस्या जंगली जानवरों के कारण आ रही है। सूअर, बंदर आदि जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान का व्यापक सर्वे किया जाए। जिन क्षेत्रों में समस्या ज्यादा गंभीर है, वहां प्राथमिकता के आधार पर तार-बाड़, दीवार आदि बनाने का काम किया जाए।
किसान सम्मान निधि में सावधानी से हो डाटा फीडिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती का और विस्तार किए जाने की जरूरत है। जैविक उत्पादों के विपणन के लिए ग्रोथ सेंटरों का उपयोग किया जाए। नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे जैविक कृषि के लिए चयनित गांवों में मानिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसान सम्मान निधि में किसी तरह की शिकायत न आए। इसके लिए डाटा फीडिंग सावधानीपूर्वक की जाए।
कृषि से जुड़ी शिक्षण संस्थान निकटवर्ती गांवों में काम करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कीड़ा जड़ी, मशरूम आदि उत्पादों पर रिसर्च की जाए। कृषि व औद्यानिकी से जुड़ी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान के लिए निकटवर्ती गांवों में भेजा जाए। अधिकारी फील्ड में जाएं और वहां किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को दूर करें।
3 K आर्गेनिक उत्तराखण्ड आउटलेट
कृषि मंत्री सुबोध उनियांल ने कहा कि प्रदेश के आर्गेनिक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ‘3 K आर्गेनिक उत्तराखण्ड आउटलेट’ स्थापित किए जाएंगे। यहां 3 K यानी कृषि एवं कृषक कल्याण। अगले 2 वर्ष में 1300 आउटलेट बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में किसानों को लाभकारी खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हरिद्वार में बहुत से किसानों ने गन्ने की खेती के स्थान लेमनग्रास की खेती शुरू की है। उन्हें इसकी अच्छी कीमत भी मिल रही है। एकीकृत फार्मिंग के कन्सेप्ट पर भी काम किया जा रहा है।
किसान सम्मान निधि में 8.57 लाख किसान लाभान्वित
बैठक में बताया गया कि किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत पात्र 8.74 लाख कृषकों मे से 8.57 लाख कृषको को 852.04 करोड का भुगतान किया गया है। वर्ष 2017-18 से अब तक 230 कस्टम हायरिंग सेन्टर, 1444 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित हुए हैं।
8.82 लाख कृषको को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध
वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा हेतु 94 गांव लाभान्वित हुये, जिनमें 101 किमी घेर बाड़ की गई। प्रदेश के 8.82 लाख कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए गए।इससे उत्पादकता वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरकता में भी सुधार हो रहा है।
प्रदेश में 3900 जैविक क्लस्टर चयनित
प्रदेश को जैविक प्रदेश बनाने हेतु संचालित योजना में वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक के लिए 3900 कलस्टरों का चयन किया गया। नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे बसे ग्राम पंचायतों में जैविक कृषि को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि गंगा नदी के जल को प्रदूषित होने से रोका जा सके। गंगा बेसिन पर बसे 5 जनपदों के 42 ग्रामों को चयनित किया गया। इससे लगभग 1,25,000 कृषक लाभान्वित होंगें।
बैठक में सचिव हरबंस सिंह चुघ, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डा. पराग मधुकर धकाते, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा. तेज प्रताप, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
माई रिफिल स्टोर का उद्घाटन
राजधानी देहरादून स्थित एक होटल में आयोजित अन्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबन्धन परियोजना के तत्वाधान में वन पंचायतों में गठित महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये कृषि तथा अन्य उत्पादों के विक्रय केन्द्र ‘‘माई रिफिल स्टोर’’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी विभागों को राज्य में लोगों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए टारगेट दिये हुए हैं। किस तरह से लोगों की आजीविका में वृद्धि की जा सकती है और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी कैसे और बढ़ाई जा सकती है। इस दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, प्रमुख सचिव वन आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक रंजना काला आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने कुमायूं दौरे के दूसरे दिन शनिवार को बागेश्वर में जिले के अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं व कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने शासकीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए विकास कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड-19 से निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। इसमें किसी भी प्रकार का शिथिलता न बरती जाए। इस कार्य में पुलिस को एक्टिव होकर कार्य करना होगा तथा बिना मास्क व नियमों का पालन न करने वालों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूला जाए। उन्होंने सभी लोगों तक मास्क की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए महिला समूह के माध्यम से मास्क बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि दवाईयों की कमी नहीं होनी चाहिए और मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। कोरोना संक्रमण वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जाए।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए विभाग निरंतर बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करें। लाभार्थियों की परेशानियों को दूर करने के लिए बैंकों के साथ मेले का आयोजन करें और इसके लिए जनपद स्तर पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती हो। कोविड-19 के कारण जनपद में वापस आये प्रवासियों की सफलता की कहानी पर मुख्यमंत्री ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग लोगों से वार्ता करें तथा वे जिस काम में रूचि रखते है उस कार्य के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री घोषणा के संबंध में उन्होंने कहा कि जो कार्य शासन स्तर पर लम्बित है उन्हें चिन्हित कर तत्काल शासन को प्रेषित किया जाए। सिंचाई विभाग द्वारा बागेश्वर के घाट निर्माण के संबंध में उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में स्थानीय पत्थरों का उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला योजना का 40 प्रतिशत व्यय रोजगारपरक योजनाओं पर अनिवार्य रूप से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा प्रत्येक व्यक्ति को रोजगारपरक योजनाओं से लाभान्वित करना है। इसलिए स्थानीय आवश्यकताओं के दृष्टिगत स्थानीय प्रशासन निर्णय ले, ताकि आम जनमानस को योजनाओं का वास्तिवक लाभ मिल सके।
बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री ने जनपद में ई-ऑफिस का शुभारम्भ किया। इस संबंध में जिलाधिकारी विनीत कुमार ने अवगत कराया कि इस प्रक्रिया को जिला कार्यालय से शुरु किया जा रहा है। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा तहसील कार्यालयों में प्रारम्भ किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम्या, ग्राम्य विकास विभाग, आजीविका सहयोग परियोजना तथा जिला उद्योग केन्द्र द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण कर उनके उत्पादों की प्रशंसा की।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देवी, विधायक चन्दन राम दास, व बलवन्त सिंह भौर्याल, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, सहित जनपदस्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले, प्रातः मुख्यमंत्री ने बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट की और राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैंपा योजना के तहत राज्य द्वारा भेजे गए 262 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति देने का अनुरोध किया।
जावड़ेकर से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं। कैंपा के तहत भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है। राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लेपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड -19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आने वाले कुछ माह और चुनौतीपूर्ण होंगे। उन्होंने अधिकारियों को इस चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोविड पॉजिटिव केस कम आए हैं। मगर ऐसे समय में और सतर्कता बरतने की जरूरत है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सभी जगह पूर्ण रूप से पालन हो, ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की नियमित मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 की समीक्षा बैठक के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यह निर्देश सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित हो। किसी क्षेत्र की शिकायत आने पर सबंधित क्षेत्र के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
भ्रामक प्रचार करने वालों पर एफआईआर
उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव के लिए आम जन के व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। कोविड के सबंध में सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से भ्रामक प्रचार करने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कारवाई हो। उन्होंने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न माध्यमों से जन जागरूकता अभियान चलाने की जरुरत पर भी जोर दिया। जन जागरूकता के लिए उन्होंने प्रमुख हस्तियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के वीडियो एवं ऑडियो संदेश बनाकर प्रचारित व प्रसारित करने को कहा।
पर्यटकों से शालीनतापूर्ण व्यवहार
त्रिवेंद्र ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए जागरुकता पैदा करने हेतु ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता, कार्टून प्रतियोगिता आदि गतिविधियां आयोजित हों और इन प्रतियोगिताओं के लिए जनपद व राज्य स्तर पर पुरस्कार भी दिये जाय। धार्मिक स्थलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोविड से बचाव हेतु सुरक्षात्मक उपायों के लिए स्थाई होर्डिंग का प्रावधान करें। उन्होंने कहा कि अब अनेक गतिविधियों के लिए छूट मिल चुकी है। राज्य में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह सुनिश्चित किया जाय कि पर्यटकों के साथ सबका शालीनता पूर्वक व्यवहार हो। पर्यटक स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैंपल टेस्टिंग के लिए बूथ बने।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) अशोक कुमार, सचिव आयुष डी सेंथिल पांडियन, सचिव डाॅ. पंकज पाण्डेय, दिलीप जावलकर, शैलेष बगोली, एस.ए. मुरूगेशन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुंज्याल, अपर सचिव युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ.अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।