विभागीय अनुदान पास कराने के एवज में रिश्वत लेते वन विभाग का दरोगा गिरफ्तार..
उत्तराखंड: विजिलेंस की टीम ने वन विभाग चाकीसैंण सैक्सन पावौ रेन्ज पौड़ी के वन दरोगा को सरकारी कार्य की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत सही पाई जाने पर विजिलेंस की टीम ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। शिकायतकर्ता का कहना हैं कि बीते 2 मार्च 2024 को पैठाणी पौड़ी गढवाल में वन पंचायत पाबो की सभा हुई थी। जिसमें वन पंचायत के अन्तर्गत आने वाले गांवों की आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगो को मुर्गी, बकरी पालन जैसे कार्यो को विभागीय अनुदान दिये जाने के संबंध में जानकारी दी गई।
शिकायतकर्ता ने बकरी पालन के लिए 50 हजार का अनुदान मांगा। जिसके बाद विभाग ने उसके खाते में राशि जमा करा दी। इस बीच वह मौजूद वन दरोगा हंस राज पंत ने शिकायतकर्ता से उस सम्बन्ध में फार्म भरवाने और विभागीय अनुदान पास करवाने की एवज में रिश्वत की मांग की। प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता के आरोप सही पाए गए। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को चाकीसैंण सैक्सन पावौ रेन्ज पौड़ी के वन दरोगा हंस राज पंत को शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पैठाणी बाजार पौड़ी गढवाल से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। फिलहाल आरोपी दरोगा से पूछताछ जारी है।
प्रदेश के मंत्रियों के विभागों की समीक्षा के क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के साथ वन, सेवायोजन एवं कौशल विकास, श्रम तथा आयुष विभाग को लेकर बैठक की। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाए। वन विभाग द्वारा जहां भी वृक्षारोपण करवाया जा रहा है, उन वृक्षों की सुरक्षा के लिए सुनियोजित कार्ययोजना तैयार हो। वृक्षारोपण करने तक का ही उद्देश्य न हो, बल्कि इनकी सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। इस कार्य में जन सहयोग सुनिश्चित हो। वन विभाग राजस्व वृद्धि पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिए समुचित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया।
आयुष विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पौड़ी (गढ़वाल) के चरक डांडा में अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थान की स्थापना के लिए जल्द डीपीआर बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने सेवायोजन एवं कौशल विकास को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में जिन 25 आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है, उनमें प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था भी हो। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के औद्योगिक संस्थानों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सुनिश्चित की है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत ढेला ‘रेस्क्यू सेन्टर’ एवं पाखरो ‘टाइगर सफारी’ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा की प्रदेश में पिछले तीन सालों में प्रतिवर्ष औसतन 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया। प्रदेश में 14.77 प्रतिशत क्षेत्र संरक्षित है, जो राष्ट्रीय औसत से तीन गुना है। राज्य में 2006 में बाघों की संख्या 178 थी, जो 2018 तक बढ़कर 442 हो गई है। हाथियों की संख्या 2017 तक 1839 थी, जो अब बढ़कर 2026 हो गई है। वर्षा जल संरक्षण की दिशा में 02 वर्षों में लगभग 68.37 करोड़ ली0 वर्षा जलसंचय की संरचनाओं का निर्माण किया गया। वन विभाग द्वारा पिछले तीन सालों में विभिन्न योजनाओं के तहत 1 लाख 20 हजार लोगों को रोजगार दिया गया।