भारत सरकार ने देश में रेमेडिसविर की कमी को दूर करने के लिए दूसरे देशों से इस महत्वपूर्ण दवा का आयात शुरू किया है। इसके तहत शुक्रवार को रेमेडिसविर की 75,000 शीशियों की पहली खेप भारत पहुंचेगी।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में जानकारी गई है कि भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने अमेरिका के मेसर्स गिलियड साइंसेज इंक और मिस्र की मेसर्स ईवीए फार्मा को रेमेडिसविर की 4,50,000 शीशियां बनाने का ऑर्डर दिया है। अमेरिका से अगले एक या दो दिनों में 75,000 से 1,00,000 शीशियां भारत पहुंचेगी। इसके अलावा 15 मई से पहले एक लाख शीशियों की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही ईवीए फार्मा शुरुआत में लगभग 10,000 शीशियों की आपूर्ति करेगी, जिसके बाद हर 15 दिन या जुलाई तक 50,000 शीशियां मिलेंगी।
To augment domestic availability, Government of India will import 4.5 lakh vials of Remdesivir from M/s Gilead Sciences Inc USA & Egyptian Company, M/s Eva Pharma. Out of this, 75000 vials will reach India today. @PMOIndia @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts pic.twitter.com/s5Sj69jez9
— Sadananda Gowda (@DVSadanandGowda) April 30, 2021
सरकार ने देश में भी रेमेडिसविर की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया है। 27 अप्रैल तक सात लाइसेंस प्राप्त घरेलू निर्माताओं की उत्पादन क्षमता प्रति माह 38 लाख शीशियों से बढ़कर 1.03 करोड़ शीशियों प्रति माह हो गई। पिछले सात दिनों में दवा कंपनियों द्वारा देश भर में कुल 13.73 लाख शीशियों की आपूर्ति की गई है। दैनिक आपूर्ति 11 अप्रैल को 67,900 शीशियों से बढ़कर 28 अप्रैल को 2.09 लाख शीशियों तक पहुंच गई है। गृह मंत्रालय द्वारा रेमेडिसविर आपूर्ति को सुचारू रूप से करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाजरी जारी की गई थी।
सरकार ने भारत में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए रेमेडिसविर के निर्यात पर भी रोक लगा दी। आम लोगों के बीच इंजेक्शन की लाभप्रदता सुनिश्चित करने के लिए, एनपीपीए ने इस माह 17 अप्रैल को संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य जारी किया, जिससे सभी प्रमुख ब्रांडों की लागत 3500 रुपये प्रति शीशी से नीचे आ गई।
रेमेडिसविर के उत्पादन तेजी से बढ़ाने और उपलब्धता को आसानी से सुनिश्चित बनाने के लिए, राजस्व विभाग ने 20 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर रेमेडिसविर इंजेक्शन पर सीमा शुल्क की पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही रेमेडिसविर के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले एपीआई और बीटा साइक्लोडोडेक्सट्रिन पर भी यह छूट दी गई थी। सीमा शुल्क में यह छूट इस वर्ष 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।