धामी सरकार का तोहफा, सड़क मार्ग से जुड़ेंगे 3177 गांव..
उत्तराखंड: प्रदेश में संपर्क मार्ग विहीन 3,177 गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत मोटर मार्गों से जोड़ा जाएगा। ग्रामीण निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर धामी कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान की है। इन गांवों के मुख्य मार्गों से जुड़ जाने से हजारों की आबादी को लाभ होगा। इतना ही नहीं योजना के तहत मोटर मार्गों के अलावा पैदल पुलिया, मोटरपुल, अश्वमार्ग, झूला पुल आदि का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना में राज्य के ऐसे गांवों, तोक को शामिल किया गया है, जिनकी आबादी 250 या उससे कम है।
आबादी कम होने की वजह से यह गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, इसलिए इन गांवों में आज तक सड़क नहीं बन पाई है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 2,035 गांव मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। इसके साथ ही 1,142 गांव ऐसे हैं, जो कच्ची सड़कों से जुड़े हैं। इस तरह से कुल 3,177 बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नई योजना में शामिल किया गया है। योजना सीमांत के गांवों को सबसे अधिक लाभ होगा। इन गांवों में पर्यटन की सुविधाएं बढ़ेंगी और लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी। इसके अलावा ग्रामीण अपनी नगदी फसलों को आसानी से बाजार तक पहुंचा सकेंगे। आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्याें में भी तेजी आएगी।
मौसम विभाग ने इन जनपदों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट..
उत्तराखंड: मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर भूस्खलन की आशंका को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में न जाने की अपील की है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम के अनुसार देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत जनपद के लिए भारी बारिश की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा इन जनपदों के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन और आकाशीय बिजली चमकने के आसार हैं।
जबकि मौसम वैज्ञानिकों ने हरिद्वार, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जनपद के लिए येलो अलर्ट जारी कर भूस्खलन की आशंका को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में न जाने की हिदायत दी है।प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी देहरादून में रात से लगातार हो रही बारिश के कारण टपकेश्वर मंदिर का एक पुश्ता ढह गया। टपकेश्वर मंदिर में पहले पेड़ गिरने के कारण मंदिर का प्रवेश द्वार अवरूद्ध हो गया था। जिसके बाद बीती रात मंदिर का एक और हिस्सा ढहने से मलबा एकत्र हो गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।