समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया कि जारी वित्तीय वर्ष में आय का जो लक्ष्य रखा गया है, चार महीने में सरकार ने उसका 32 प्रतिशत पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभागों को सजगता, पूरी सक्रियता और समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की आय बढ़ोतरी के लिए राजस्व वसूली में तेजी लाने के साथ ही कर चोरी के खिलाफ बेहद सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बिजली चोरी रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाए जाने पर जोर दिया।
राजस्व वृद्धि के संबंध में राज्य सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया कि जारी वित्तीय वर्ष में आय का जो लक्ष्य रखा गया है, चार महीने में सरकार ने उसका 32 प्रतिशत पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभागों को सजगता, पूरी सक्रियता और समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अगली बैठक होने से पहले इस बैठक में लिए गए फैसलों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट उन्हें मिल जानी चाहिए।
उन्होंने राजस्व वसूली की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ अभिनव प्रयास किए जाने का भी सुझाव दिया। बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर व वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी भी जुड़े थे।
नियमित वसूली की प्रगति जांचने के लिए बनाया जाए पोर्टल
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वसूली की नियमित मॉनिटरिंग के लिए एक पोर्टल बनाया जाए। इस पर विभिन्न विभागों राजस्व वसूली के आंकड़े अपलोड किए जाएं। इससे राजस्व परिषद में राजस्व वसूली के आंकड़ों में दिखाई दे रहे अंतर की समस्या का समाधान होगा।
‘दून, हरिद्वार, यूएसनगर व नैनीताल राजस्व बढ़ाएं’
मुख्यमंत्री ने राजस्व वसूली के मामले में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के प्रदर्शन में और सुधार की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वसूली की कार्रवाई में तेजी लाई जाए। इसके लिए जिलों में बनाई गई समिति की नियमित बैठकें कराई जाएं।
बिजली चोरी रोकने की हिदायत दी
सीएम ने यूपीसीएल और यूजेवीएनल को राजस्व बढ़ाने को लेकर विशेष प्रयास किए जाने की हिदायत दी। बिजली चोरी संभावित क्षेत्रों में लगातार सतर्कता आधारित गतिविधियां चलाई जाएं और उच्च औद्योगिक मांग वाले क्षेत्रों में बिलिंग दक्षता बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए।
पहाड़ में उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास हों
सीएम ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किए जाएं। कहा कि इन्वेस्टर समिट में निवेशकों को पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी जिलाधिकारी देख लें कि उनके जिलों के किस-किस क्षेत्र में निवेश की अधिक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि केंद्र सरकार से मिलने वाली ग्रांट पर तेजी से कार्य किए जाएं।
ये निर्देश भी दिए
– वन संपदाओं के बेहतर उपयोग से राजस्व वृद्धि हो
– तराई क्षेत्रों में कॉमर्शियल प्लांटेशन की दिशा में तेजी लाई जाए
– प्रकाष्ठ बिक्री के लिए उचित व्यवस्था हो
– जड़ी-बूटियों के संरक्षण और सतत विकास के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए
– वन क्षेत्रों में बरसाती नालों को चिह्नित कर चैनेलाइज किया जाए
– बीते वर्षों की रिकवरी की गति में और तेजी लाई जाए
– परिवहन, खनन, जीएसटी आदि क्षेत्रों में ऑनलाइन सिस्टम बेहतर बनाई जाए
– जीएसटी के तहत राजस्व वृद्धि बढ़ाने के प्रयास किए जाएं
– जीएसटी संग्रह के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का गहनता से अध्ययन किया जाए
जुलाई तक राजस्व बढ़ोतरी की स्थिति आंकड़ों में
24745 करोड़ लक्ष्य की अपेक्षा 7928 करोड़ की वसूली
2759 करोड़ राजस्व मिला जीएसटी में अब तक
877 करोड़ वैट से हुई सरकार को अभी तक आय
1586 करोड़ का राजस्व अर्जित किया आबकारी से
205 करोड़ रुपये खनन से कमाए जा चुके हैं अब तक
आयकर विभाग (Income Tax) ने फर्जी बिल बनाकर बड़े पैमाने पर पैसों की हेरा-फेरी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भांडाफोड़ करते हुए छापे मारी और जब्ती (Search and Seizure) की कार्रवाई की। इस सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 42 स्थानों पर छापे मारे गए और तलाशी ली गई।
इस दौरान फर्जी बिल के आधार पर पैसों की हेरा-फेरी करने वाले एंट्री ऑपरेटरों, बिचौलियों, लाभार्थियों और कंपनियों के खिलाफ कई सबूत जब्त किए गए। अब तक, इस मामले में नकली बिलों के आधार पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेरा-फेरी के सबूत मिले हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
तलाशी के दौरान कई ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जिनसे पता चला है कि एंट्री ऑपरेटरों ने फर्जी बिल के आधार पर बेहिसाब धन की निकासी और असुरक्षित ऋण देने के लिए कई फर्जी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल किया। इसमें ऐसे ऑपरेटरों, उनके नकली भागीदारों / कर्मचारियों के साथ-साथ लाभार्थियों के विवरण भी स्पष्ट रूप से दर्ज हैं।
जिन लोगों के खिलाफ तलाशी की गई है उनके परिजनों और उनके करीबी कर्मचारियों के नाम पर कई बैंक खाते और लॉकर तथा फर्जी कंपनियां खोले जाने की जानकारी भी मिली है। ये सारे काम बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए हैं।
इस फर्जी धंधे से लाभ उठाने वाले लोगों ने कई बड़े शहरों में रियल एस्टेट कारोबार में निवेश किया है और करोड़ों रुपये बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किए हैं।
तलाशी के दौरान 2.37 करोड़ रुपये नकद और 2.89 करोड़ रुपये मूल्य के जवाहरात बरामद हुए हैं। इसके साथ ही ऐसे 17 बैंक लॉकरों का भी पता चला है जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।
आयकर विभाग इस मामले में आगे और जांच कर रहा है।