देहरादून। पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर पदोन्नत होने के बावजूद लम्बे समय से राजधानी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की कुर्सी पर बैठे रहे अरुण मोहन जोशी का आखिरकार तबादला हो गया। उन्हें DIG, सतर्कता, पीएसी व एटीसी के पद पर स्थानांतरित किया गया है। देहरादून के SSP की कुर्सी योगेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार ने गुरूवार को पांच IPS अधिकारियों के कार्यभार में फेरबदल किया है। इस फेरबदल में DIG गढ़वाल की जिम्मेदारी संभाल रहे IG स्तर के अधिकारी अभिनव कुमार को प्रभारी अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) के रूप में पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक, सतर्कता व पीएसी के पद पर तैनात नीरू गर्ग को DIG गढ़वाल परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है। देहरादून के SSP बनाये गए योगेंद्र सिंह रावत की जगह पर तृप्ति भट्ट को टिहरी के SSP के पद पर स्थानांतरित किया गया है। तृप्ति के पास अभी तक SDRF के सेनानायक की जिम्मेदारी थी
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व मध्य प्रदेश के विशेष महानिदेशक (लोक अभियोजन) पुरुषोत्तम शर्मा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो अपनी पत्नी की निर्मम तरीके से पिटाई कर रहे हैं। वीडियो के वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। वीडियो का राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखने की बात कही है।
वायरल हो रहे इस वीडियो में एक शख्स एक महिला को बुरी तरह से पीट रहा है। वीडियो के बारे में कहा जा रहा है कि यह वर्ष 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा का है। कहा जा रहा है कि उनकी पत्नी ने उन्हें किसी अन्य महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था, जिसके बाद पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद हुआ और शर्मा ने पत्नी की जम कर पिटाई कर दी।
बताया जा रहा है कि घटना के बाद यह वीडियो शर्मा के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) पुत्र ने मध्य प्रदेश के उच्चाधिकारियों को स्वयं भेजा और अपने पिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुरुषोत्तम शर्मा पहले भी विवादों में घिरे रहे हैं। मध्य प्रदेश के चर्चित हनी ट्रैप मामले में भी उनका नाम आया था।
उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि पुरुषोत्तम शर्मा को सेवा से बाहर कर दिया जाना चाहिए और उन्हें सलाखों के पीछे जाना चाहिए। इस बारे में वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिख रही हैं।
विदेशी मामलों पर नजर रखने वाली देश की प्रमुख गुप्तचर एजेंसी ‘रॉ’ (Research and Analysis Wing) के प्रमुख रहे अनिल धस्माना को राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (National Technical Research Organization, NTRO) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। वह दो साल के लिए NTRO के प्रमुख होंगे। यह एक तरह की गुप्तचर एजेंसी है, जो तकनीकी माध्यमों से जमीन से आसमान तक विभिन चीजों पर नजर रखती है। इसे ‘तीसरी आँख’ भी कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने धस्माना के नाम पर मुहर लगायी है। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी (गढ़वाल) के निवासी धस्माना, 1981 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं।
उन्हें पाकिस्तान मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। उनके पास पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काम करने का व्यापक अनुभव है। वे फरवरी 2019 में किये गए बालाकोट एयर स्ट्राइक के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक रहे हैं।
धस्माना 23 साल तक रॉ में रहे। दिसंबर 2016 में उनको रॉ का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी सेवानिवृति दिसंबर 2018 में थी। मगर केंद्र सरकार ने मई 2019 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनको 6 माह का विस्तार दे दिया था।