मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने कुमायूं दौरे के दूसरे दिन शनिवार को बागेश्वर में जिले के अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं व कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने शासकीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए विकास कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड-19 से निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। इसमें किसी भी प्रकार का शिथिलता न बरती जाए। इस कार्य में पुलिस को एक्टिव होकर कार्य करना होगा तथा बिना मास्क व नियमों का पालन न करने वालों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूला जाए। उन्होंने सभी लोगों तक मास्क की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए महिला समूह के माध्यम से मास्क बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि दवाईयों की कमी नहीं होनी चाहिए और मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। कोरोना संक्रमण वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जाए।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए विभाग निरंतर बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करें। लाभार्थियों की परेशानियों को दूर करने के लिए बैंकों के साथ मेले का आयोजन करें और इसके लिए जनपद स्तर पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती हो। कोविड-19 के कारण जनपद में वापस आये प्रवासियों की सफलता की कहानी पर मुख्यमंत्री ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग लोगों से वार्ता करें तथा वे जिस काम में रूचि रखते है उस कार्य के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री घोषणा के संबंध में उन्होंने कहा कि जो कार्य शासन स्तर पर लम्बित है उन्हें चिन्हित कर तत्काल शासन को प्रेषित किया जाए। सिंचाई विभाग द्वारा बागेश्वर के घाट निर्माण के संबंध में उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में स्थानीय पत्थरों का उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला योजना का 40 प्रतिशत व्यय रोजगारपरक योजनाओं पर अनिवार्य रूप से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा प्रत्येक व्यक्ति को रोजगारपरक योजनाओं से लाभान्वित करना है। इसलिए स्थानीय आवश्यकताओं के दृष्टिगत स्थानीय प्रशासन निर्णय ले, ताकि आम जनमानस को योजनाओं का वास्तिवक लाभ मिल सके।
बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री ने जनपद में ई-ऑफिस का शुभारम्भ किया। इस संबंध में जिलाधिकारी विनीत कुमार ने अवगत कराया कि इस प्रक्रिया को जिला कार्यालय से शुरु किया जा रहा है। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा तहसील कार्यालयों में प्रारम्भ किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम्या, ग्राम्य विकास विभाग, आजीविका सहयोग परियोजना तथा जिला उद्योग केन्द्र द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण कर उनके उत्पादों की प्रशंसा की।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देवी, विधायक चन्दन राम दास, व बलवन्त सिंह भौर्याल, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, सहित जनपदस्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले, प्रातः मुख्यमंत्री ने बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में लगातार आ रही गिरावट का रुख बिना रूके जारी है। पिछले तीन दिनों में सक्रिय मामले कुल मामलों के 10 प्रतिशत से भी कम पर कायम हैं। इससे पता चलता है कि देश भर में कोविड-19 रोगियों के 10 मामलों में से सिर्फ एक ही सक्रिय मामला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक अधिकृत विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में देश के कुल पॉजिटिव मामलों में से सिर्फ 9.29 प्रतिशत मामले सक्रिय हैं जो कि 7,15,812 हैं।
देश ने एक अन्य मील का पत्थर हासिल किया है। पिछले तीन दिनों में पॉजिटिव मामलों की दर 5 प्रतिशत से लगातार नीचे बनी हुई है। इससे यह पता चलता है कि केन्द्र तथा राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की केन्द्रित रणनीति और कार्रवाई के चलते संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी लगाम लगाने में मदद मिली है। प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की संख्या 3.8 प्रतिशत पर आ गई है।
प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की दर में आ रही गिरावट को सक्रिय मामलों में आ रही गिरावट से भी मापा जा सकता है जो कि 7.5 लाख (7,15,812) से नीचे बनी हुई है।
ठीक हुए रोगियों के कुल मामले 69 लाख के आसपास (68,74,518) हैं। सक्रिय मामलों और ठीक हुए मामलों के बीच का अंतर लगातार बढ़ रहा है और यह आज 61,58,706 पर आ गया है।
पिछले 24 घंटों में 79,415 रोगी ठीक हुए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 55,839 नए पुष्ट मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय रिकवरी रेट (ठीक हुए मामले) बढ़कर 89.20 प्रतिशत हो गया है।
ठीक हुए रोगियों के 81 प्रतिशत नए मामले 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में 23,000 से ज्यादा रोगी ठीक हुए हैं।
पिछले 24 घंटों में कुल नए पुष्ट मामले 55,839 सामने आए हैं। इनमें से 78 प्रतिशत 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र और केरल अभी भी बड़ी संख्या में नए मामले दर्ज कर रहे हैं जो कि प्रत्येक में 8,000 से ज्यादा है। इसके बाद, कर्नाटक ने 5,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।
पिछले 24 घंटों में 702 मामलों में मरीजों की मौत हुई है। इनमें से करीब 82 प्रतिशत इन 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र से 25 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में रोगी की मौत दर्ज की गईं हैं (180 मौतें)।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड -19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आने वाले कुछ माह और चुनौतीपूर्ण होंगे। उन्होंने अधिकारियों को इस चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोविड पॉजिटिव केस कम आए हैं। मगर ऐसे समय में और सतर्कता बरतने की जरूरत है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सभी जगह पूर्ण रूप से पालन हो, ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की नियमित मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 की समीक्षा बैठक के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यह निर्देश सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित हो। किसी क्षेत्र की शिकायत आने पर सबंधित क्षेत्र के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
भ्रामक प्रचार करने वालों पर एफआईआर
उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव के लिए आम जन के व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। कोविड के सबंध में सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से भ्रामक प्रचार करने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कारवाई हो। उन्होंने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न माध्यमों से जन जागरूकता अभियान चलाने की जरुरत पर भी जोर दिया। जन जागरूकता के लिए उन्होंने प्रमुख हस्तियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के वीडियो एवं ऑडियो संदेश बनाकर प्रचारित व प्रसारित करने को कहा।
पर्यटकों से शालीनतापूर्ण व्यवहार
त्रिवेंद्र ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए जागरुकता पैदा करने हेतु ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता, कार्टून प्रतियोगिता आदि गतिविधियां आयोजित हों और इन प्रतियोगिताओं के लिए जनपद व राज्य स्तर पर पुरस्कार भी दिये जाय। धार्मिक स्थलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोविड से बचाव हेतु सुरक्षात्मक उपायों के लिए स्थाई होर्डिंग का प्रावधान करें। उन्होंने कहा कि अब अनेक गतिविधियों के लिए छूट मिल चुकी है। राज्य में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह सुनिश्चित किया जाय कि पर्यटकों के साथ सबका शालीनता पूर्वक व्यवहार हो। पर्यटक स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैंपल टेस्टिंग के लिए बूथ बने।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) अशोक कुमार, सचिव आयुष डी सेंथिल पांडियन, सचिव डाॅ. पंकज पाण्डेय, दिलीप जावलकर, शैलेष बगोली, एस.ए. मुरूगेशन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुंज्याल, अपर सचिव युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ.अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।
उत्तराखंड सरकार ने प्राइवेट पैथोलॉजी लैब की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को कोविड-१९ के संक्रमण की रैपिड एंटीजन टैस्टिंग के लिए अधिकतम दर तय कर दी है। अब NABH व NABL से प्रमाणित निजी लैब कोरोना वायरस के संक्रमण की रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए अधिकतम सात सौ उन्नीस रूपये से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगे।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी द्वारा इस सम्बन्ध में आदेश जारी किये गए हैं। आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के प्रभावी रोकथाम हेतु इसके टेस्ट बढ़ाये जाने और व्यापक जनहित के मद्देनजर रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर तय की गई है। आदेश में कहा गया है कि निजी लैब टेस्ट के उपरांत रिपोर्ट को ICMR के पोर्टल पर दर्ज करने के अलावा जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी और स्टेट सर्विलांस अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे।
आदेश में चेतावनी दी गई है कि इन निर्देशों का उल्लंघन महामारी अधिनियम-1897 और उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 विनियमावली,2020 के संगत प्राविधानों की अवहेलना मानी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि निजी लैबों पर कोरोना टेस्ट के नाम पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के मनमाने तरीके से पैसे वसूले जाने के आरोप लगातार लग रहे थे। यह भी शिकायत मिल रही थी कि निजी लैब कोरोना टेस्ट करने के बाद टेस्ट रिपोर्ट और पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की सही जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा की वरिष्ठ नेत्री साध्वी उमा भारती कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। यह जानकारी उन्होंने स्वयं ट्वीट करके दी है।
साध्वी उमा भारती विगत 21 सितम्बर को श्री केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंची थीं। इसके पश्चात वे श्री बदरीनाथ की यात्रा पर गयी थीं। पहाड़ की यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया। उन्होंने ट्वीटर पर बताया कि अपनी पहाड़ की यात्रा के समाप्ति के अन्तिम दिन प्रशासन से आग्रह करके कोरोना टेस्ट के लिए टीम को बुलवाया, क्योंकि उन्हें 3 दिन से हल्का बुख़ार था। उन्होंने कहा कि हिमालय की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कोविड-19 को लेकर सभी निर्देशों एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। फिर भी वह कोरोना पॉजिटिव निकली हैं।
साध्वी उमा भारती ने जानकारी दी है कि वे अभी हरिद्वार के निकट दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा संचालित ‘वन्देमातरम कुञ्ज’ में क्वॉरंटीन हैं। 4 दिन बाद वह फिर से टेस्ट कराएंगी और डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार निर्णय लेंगी। उन्होंने इस दौरान उनके संपर्क में आए सभी लोगों से अपील की है कि वे भी अपना टेस्ट कराएं और पूरी सावधानी बरतें।