राष्ट्रीय खेल के लिए आईओसी देगा उत्तराखंड को स्पाॅन्सरशिप..
उत्तराखंड: 38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर आई है। उत्तराखंड को इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन (IOC) का साथ मिला है। आईओसी इस आयोजन के लिए उत्तराखंड को स्पाॅन्सरशिप देगा। प्रारंभिक सहमति की सूचना उत्तराखंड को आधिकारिक रूप से मिल गई है। इसके बाद उत्तराखंड ने आईओसी को राष्ट्रीय खेलों का ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर बना दिया है। आयोजन के प्रचार-प्रसार में अब आईओसी भी नजर आएगा।
काॅर्पोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद में आईओसी जल्द ही यह तय करेगा कि इस आयोजन के लिए उसकी स्पाॅन्सरशिप का आकार क्या होगा। 28 जनवरी को जिस दिन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन हो रहा है, उसी दिन आईओसी की बोर्ड बैठक भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ही स्पाॅन्सरशिप के आकार पर निर्णय ले लिया जाएगा। बहरहाल आईओसी ने स्पाॅन्सरशिप के लिए प्रारंभिक सहमति दे दी है। राष्ट्रीय खेलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार आईओसी का स्पाॅन्सरशिप के संबंध में आधिकारिक मेल प्राप्त हुआ है। इसके बाद आईओसी अब राष्ट्रीय खेलों का ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर होगा।
सीएम धामी की पैरवी से बनी बात..
राष्ट्रीय खेलों के लिए स्पाॅन्सरशिप जुटाने के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी मोर्चे पर खुद जुटे। केंद्र सरकार में मजबूत पैरवी की, तो बात बन गई। बता दे कि कुछ दिन पहले अपने दिल्ली प्रवास के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की थी। उन्होंने पुरी को राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया था। साथ ही आईओसी व ओएनजीसीसी से सीएसआर में स्पाॅन्सरशिप दिलवाने का अनुरोध किया था। इस पर मंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। सीएम धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रति आभार प्रकट किया है।
क्या होता है इवेंट में ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर..
बता दे कि किसी बडे़ इवेंट या कार्यक्रम में प्रायोजक से मिलने वाली स्पाॅन्सरशिप की राशि के हिसाब से उसकी श्रेणी तय की जाती है। आईओसी के स्तर पर राष्ट्रीय खेलों में हमेशा स्पाॅन्सरशिप दी जाती रही है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय से जुडे़ अधिकारी प्रतीक जोशी के अनुसार-पिछले अनुभवों का अध्ययन करने के बाद आईओसी को ब्राॅन्ज कैटेगरी में स्पाॅन्सर बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कैटेगरी के हिसाब से ही राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार में आईओसी नजर आएगा।
राष्ट्रीय खेल- शूटिंग रेंज में लगाए गए पेरिस ओलंपिक के इलेक्ट्रॉनिक टारगेट..
उत्तराखंड: देश और उत्तराखंड के शूटर्स का निशाना और सटीक होगा। हाल में पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक टारगेट देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में बनी अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज में लगाए गए हैं, जिनके जरिए निशानेबाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अभ्यास करने का अवसर मिल मिलेगा। इस मॉडल के टारगेट देश में पहली बार इंस्टॉल हुए हैं। उत्तराखंड शूटिंग के चीफ कोच अरुण सिंह का कहना हैं कि ये टारगेट जर्मनी से मंगवाए गए हैं। यही मॉडल हाल में पेरिस ओलंपिक में प्रयोग हुआ है। स्पोर्ट्स कॉलेज की शूटिंग रेंज में 10 मीटर और 25 मीटर रेंज में 60-60 टारगेट लगाए गए हैं। बाकी 40 टारगेट 50 मीटर की रेंज में लगे हैं। इस समय टारगेट से संबंधित स्क्रीन, सॉफ्टवेयर व अन्य उपकरण इंस्टॉल करने का काम चल रहा है, जो अगले 10 दिन में पूरा हो जाएगा। 28 जनवरी से छह फरवरी के बीच यहां राष्ट्रीय खेलों की शूटिंग प्रतियोगिताएं होंगी।
10 लाख रुपये का है एक टारगेट..
इन टारगेट पर बुलेट लगने पर 100 फीसदी सटीक स्कोरिंग आती है, जिससे गलती की गुंजाइश नहीं होती और समय की बचत होती है। जर्मनी की संबंधित कंपनी इन्हें इंस्टॉल कर रही है। सिर्फ एक टारगेट की कीमत लगभग साढ़े पांच लाख है, उससे संबंधित प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर और अन्य उपकरण मिलाकर लगभग 10 लाख का खर्च एक टारगेट पर आता है। इसके बाद खिलाड़ियों का अभ्यास अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अधिक बेहतर होगा। आसपास के राज्यों के खिलाड़ी भी यहां प्रैक्टिस करने आएंगे।
लास्ट चैंपियनशिप के आधार पर टीमों का चयन..
राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग के लिए दो टीमों का चयन किया गया है। कोच अरुण ने बताया, उत्तराखंड स्टेट राइफल एसोसिएशन के सचिव और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता सुभाष राणा के नेतृत्व में राइफल और पिस्टल की टीम का चयन किया है। ये चयन हाल में नेशनल फेडरेशन की ओर से करवाई गई नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर किया गया। अभी शॉर्टगन टीम का चयन होना बाकी है, क्योंकि उसकी प्रतियोगिता जारी है। इसके अलावा केंद्रीय बलों के जवान, जो उत्तराखंड मूल के हैं या यहां नियुक्त हैं, उनमें से भी खिलाड़ियों का चयन किया गया है।