अब पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, सूती, डेनिम आदि की दस्तकारी किए हुए कपड़े आपके पांवों की शोभा भी बढ़ाएंगे। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (Khadi & Village Industries Commission, KVIC) ने खादी के अनूठे फुटवियर तैयार कर इनकी ऑनलाइन बिक्री शुरु कर दी है। ये फुटवियर महिलाओं के लिए 15 डिज़ाइनों और पुरुषों के लिए 10 डिज़ाइनों में लांच किए गए हैं। फुटवियरों को अनूठा एवं फैशनेबल बनाने के लिए गुजरात के पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, बिहार के मधुबनी प्रिंटेड सिल्क, खादी डेनिम, तसर सिल्क, मटका-कटिया सिल्क, विभिन्न प्रकार के सूती कपड़े, ट्वीड ऊन और खादी के पॉली वस्त्र जैसे उत्तम खादी उत्पादों का उपयोग किया गया है। डिजाइन, रंग और प्रिंट की एक विस्तृत श्रृंखला में उपलब्ध, इन फुटवियरों की कीमत 1100 रुपये से लेकर 3300 रुपये प्रति जोड़ी है।
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से KVIC द्वारा डिज़ाइन किए गए और खादी के कपड़े से बने भारत के पहले उच्च गुणवत्ता वाले फुटवियर का शुभारंभ किया। गडकरी ने KVIC के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.in के माध्यम से खादी के इन फुटवियरों की ऑनलाइन बिक्री की भी शुरूआत की।
इस अवसर पर गडकरी ने खादी के कपड़े से बने फुटवियरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के अनूठे उत्पादों में अंतरराष्ट्रीय बाजार पर कब्जा करने की अपार क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि खादी कपड़े के फुटवियर हमारे कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोजगार और अपेक्षाकृत उच्च आय पैदा करेंगे। उन्होंने केवीआईसी से महिलाओं के हैंडबैग, पर्स, बटुआ जैसे चमड़े के उत्पादों के विकल्प के रुप में दस्तकारी किए हुए खादी के कपड़ों में करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों का विकास और विदेशों में विपणन करके खादी इंडिया 5000 करोड़ रुपये के बाजार पर कब्जा कर सकता है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि खादी के कपड़े के फुटवियर न केवल पर्यावरण और त्वचा के अनुकूल हैं, बल्कि ये खादी के उन कारीगरों की कड़ी मेहनत को दर्शाते हैं जिन्हें इन फुटवियरों के लिए कपड़े बनाने के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा, “मैं वैश्विक अभिरुचि के अनुरूप खादी के कपड़े के फुटवियर विकसित करने के लिए KVIC को बधाई देता हूं। मुझे यकीन है कि फुटवियर उद्योग में एक बड़ी हिस्सेदारी हासिल करके खादी के कपड़े के फुटवियर देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे।”
KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप नए क्षेत्रों में कदम रखना, नए बाजारों का उपयोग करना और उत्पाद श्रृंखला में विविधता लाना, पिछले छह वर्षों में खादी की शानदार सफलता का मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग तेजी से शाकाहारी हो रहा है और इसलिए, खादी इस वर्ग का पसंदीदा विकल्प बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय फुटवियर उद्योग का आकार लगभग 50,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें लगभग 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है। KVIC प्रारंभिक लक्ष्य इस उद्योग के कम से कम 2 प्रतिशत भाग पर कब्जा करना है, जोकि अनुमानित रूप से लगभग 1000 करोड़ रुपये के बराबर है।