मौसम विभाग ने इन जनपदों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट..
उत्तराखंड: मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर भूस्खलन की आशंका को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में न जाने की अपील की है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम के अनुसार देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत जनपद के लिए भारी बारिश की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा इन जनपदों के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन और आकाशीय बिजली चमकने के आसार हैं।
जबकि मौसम वैज्ञानिकों ने हरिद्वार, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जनपद के लिए येलो अलर्ट जारी कर भूस्खलन की आशंका को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में न जाने की हिदायत दी है।प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी देहरादून में रात से लगातार हो रही बारिश के कारण टपकेश्वर मंदिर का एक पुश्ता ढह गया। टपकेश्वर मंदिर में पहले पेड़ गिरने के कारण मंदिर का प्रवेश द्वार अवरूद्ध हो गया था। जिसके बाद बीती रात मंदिर का एक और हिस्सा ढहने से मलबा एकत्र हो गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हर बार संक्रमण का स्थान बदलता हैं डेंगू का वायरस..
उत्तराखंड: हर साल डेंगू का वायरस संक्रमण का स्थान बदलता रहता है। जिससे हर बार नए क्षेत्र में संक्रमण फैलता रहता हैं। डेंगू संक्रमण से बचने के लिए अपने आसपास किसी भी सूरत में पानी का जमाव न होने दें। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ सरोज नैथानी का कहना हैं कि राज्य में पिछले दो सालों से डेंगू का संक्रमण नियंत्रण में रहा है। लेकिन आगे भी संक्रमण न फैले इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग सतर्कता बरतें। उनका कहना हैं कि 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे सबसे बड़ा मकसद यही है कि लोग इस बारे में जागरुक हों और अपने आसपास खाली बर्तनों या अन्य स्थानों पर पानी जमा न होने दें। साथ ही उनका कहना हैं कि डेंगू से पूरी तरह बचाव संभव है और इसके लिए जागरुकता जरूरी है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में मानसून के आसपास के समय में डेंगू के मामले बढ़ते हैं और इस बार संक्रमण न फैले इसके लिए 16 मई से 15 जून तक एक महीने का विशेष जागरुकता अभियान संचालित किया जा रहा है। डेंगू के मच्छर के पनपने की शुरुआत मलिन बस्तियों, रोडवेज वर्कशॉप, कबाड वाले इलाके, नगर निगम के डंपिंग जोन से होती है और एक बार लार्वा बनने से इसका संक्रमण तेजी से फैलता है।