चारधाम यात्रा में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी, धूप-प्रसाद से होगी आत्मनिर्भरता की नई शुरुआत..
उत्तराखंड: 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा इस बार कई मायनों में खास रहने वाली है। श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या की उम्मीद के साथ-साथ राज्य सरकार ने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को भी सशक्त बनाने का फैसला लिया है। विशेष रूप से यमुनोत्री धाम, खरसाली (शीतकालीन प्रवास) और अन्य यात्रा पड़ावों पर स्थानीय महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए धूप, अगरबत्ती और प्रसाद को श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह आउटलेट बनाए जाएंगे, जिससे महिलाओं को बाजार उपलब्ध हो सके और उन्हें स्वरोजगार का अवसर मिल सके। इस पहल का मकसद न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है। यह कदम चारधाम यात्रा को सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।
चारधाम यात्रा को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने ग्रामोत्थान परियोजना के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल शुरू की है। खरसाली में “मां यमुना ग्राम संगठन” की महिलाओं के लिए 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें उन्हें घरेलू धूप, अगरबत्ती और पारंपरिक प्रसाद बनाने का हुनर सिखाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण की खास बात यह है कि इसमें स्थानीय स्तर पर उत्पादित सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है. जैसे चौलाई के लड्डू, केदार पाती, जटामांसी, गूगल, बुरांश, गेंदा फूल और गाय का गोबर। ये न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। योजना के तहत तैयार उत्पादों को चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्गों पर स्थापित विशेष बिक्री केंद्रों पर श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता का रास्ता मिलेगा और यात्रियों को शुद्ध, स्थानीय उत्पादों का लाभ भी। यह पहल नारी शक्ति को धर्म, संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है।
यमुनोत्री धाम और आस-पास के क्षेत्रों में महिलाएं न केवल धूप, अगरबत्ती और प्रसाद तैयार कर रही हैं, बल्कि अब उन्होंने गेंदा फूल की खेती भी शुरू कर दी है। करीब 10 नाली भूमि पर की जा रही यह खेती यात्रा के दौरान मंदिरों में चढ़ावे और प्रसाद सामग्री के लिए इस्तेमाल की जाएगी। जिला परियोजना प्रबंधक कपिल उपाध्याय का कहना हैं कि इस साल जिला प्रशासन की ओर से महिला समूहों को अलग-अलग जगहों पर आउटलेट के लिए स्थान भी मुहैया कराया गया है। इन आउटलेट्स के ज़रिए स्थानीय महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद श्रद्धालुओं तक पहुंचाए जाएंगे। इस पहल का मकसद न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि श्रद्धालुओं को भी शुद्ध, पारंपरिक और स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। धार्मिक यात्रा को स्थानीय अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण से जोड़ने की यह कोशिश वाकई सराहनीय है।
श्रद्धालुओं के लिए खुले केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट..
उत्तराखंड: केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो गया है। आज विधि-विधान से सुबह सात बजे पहले केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गए। इस दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंची है। इसके बाद यमुनोत्री और फिर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं।
कल देर शाम तक 16 हजार से अधिक श्रद्धालु भी पहले दिन बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारपुरी पहुंच गए थे। आज सुबह केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 10.29 बजे और फिर गंगोत्री धाम के कपाट 12.25 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। अब बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह छह बजे खुलेंगे।