उत्तराखंड क्रांति दल का 21वां अधिवेशन गैरसैंण में होगा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड क्रांति दल अपना 21वां अधिवेशन गैरसैंण में आयोजित कर रहा है। 17 सितंबर को गैरसैंण में होने वाले उत्तराखंड क्रांति दल के 21वें द्विवार्षिक महाधिवेशन के लिए पार्टी ने अधिसूचना जारी कर दी है। दल के केंद्रीय अध्यक्ष की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार महाधिवेशन में दल के केंद्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
दल के केंद्रीय अध्यक्ष का चुनाव के लिए केंद्रीय महामंत्री प्रताप कुंवर चुनाव अधिकारी बनाया गया है। जबकि केंद्रीय संगठन मंत्री समीर मुंडेपी सह चुनाव अधिकारी बनाया गया है। बता दें कि द्विवार्षिक महाधिवेशन के लिए पूर्व में भी अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के मुताबिक गैरसैंण में 24-25 जुलाई को महाधिवेशन कराया जाना तय हुआ था। पहले केंद्रीय महामंत्री देवेंद्र चमोली की अध्यक्षता में महाधिवेशन के लिए संयोजक मंडल का गठन किया गया था। इसके साथ ही चुनाव अधिकारी की नियुक्ति के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। लेकिन प्रदेश में जगह-जगह अतिवृष्टि, भूस्खलन, जलभराव और मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के बाद इसे बाद में कराने का फैसला लिया गया था।
उत्तराखंड में हुई भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग..
उत्तराखंड: प्रदेश में उत्तराखंड क्रांति दल ने अब तक हुई भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग की है। दल ने सख्त नकल विरोधी कानून बनाने की भी मांग प्रमुखता से उठाई। रुद्रप्रयाग मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता से ही घोटाले हुए हैं। इसमें बड़े-बड़े मगरमच्छ पकड़ से बाहर हैं।
अभी सिर्फ छोटी-छोटी मछलियां ही पकड़ में आई हैं। इस खेल के पीछे बड़े अधिकारी और सफेदपोश शामिल हैं। जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह के तार जिन बड़े लोगों से जुड़े हैं, उनका पर्दाफाश जरूरी है। हाकम सिंह सिर्फ प्यादा है, इसके पीछे कई और मास्टरमाइंड हैं। पूर्व में भी भर्ती घोटालों की जांच हुई, लेकिन किसी को भी आज तक सजा नहीं हुई। युवा नेता मोहित डिमरी ने इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने इसी वर्ष भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए नकल विरोधी कानून बनाया है। इसी तरह का कानून उत्तराखंड सरकार को भी बनाना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग की है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जिन आठ भर्ती परीक्षाओ पर रोक लगा दी है, उनकी प्रक्रिया जल्द पूरी की जाय। उन्होंने कहा कि परीक्षा और नियमों में बदलाव की भी जरूरत है। ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाय। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकारी अध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई ने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक हुई कोई भी भर्ती परीक्षा विवादों से नहीं बच पाई है। हर भर्ती परीक्षा में न सिर्फ घपले सामने आए, बल्कि इन घपलों के कारण भर्ती लटकने के साथ कई बार निरस्त भी हो गईं।
भर्ती परीक्षाओं में लगातार घपलों से राज्य का युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। उत्तराखंड में परीक्षाओं की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आउटसोर्सिंग एजेंसी को खत्म कर विभागीय नियुक्ति दी जाय।
यूकेडी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान ने कहा कि आज सिर्फ उन्हें नौकरियां मिल रही हैं, जिनकी पहुँच है। एक योग्य आदमी को नौकरी मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। राज्य बनने के बाद पटवारी भर्ती, दरोगा भर्ती, ऊर्जा निगम, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, दरोगा रैंकर्स, फार्मासिस्ट, कॉपरेटिव बैंक, वन आरक्षी सहित अन्य कई पदों पर भर्ती घोटाले हुए हैं।
इन मामलों की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। ऐसे में सरकार की मंशा भी सवालों के घेरे में है। यूकेडी के पूर्व युवा जिलाध्यक्ष दिनेश बर्तवाल और नगर अध्यक्ष बिपिन पंवार ने कहा कि जब तक उत्तराखंड के युवाओं को न्याय नहीं मिलेगा, यूकेडी चैन से नहीं बैठेगी। लाखों की संख्या में बेरोजगार धक्के खा रहे हैं। उनके भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है।