उत्तराखंड के नगर निकायों में छह महीने में मतदाताओं की संख्या पहुंची 30.58 लाख..
उत्तराखंड: प्रदेश के नगर निकायों में छह माह में मतदाताओं की संख्या में तीन लाख से अधिक की बढ़ोतरी हो गई है। मई माह में प्रदेश में कुल मतदाता 27 लाख 28 हजार 907 थे, जिनकी संख्या नवंबर में बढ़कर 30 लाख 58 हजार 299 पर पहुंच गई है। देहरादून नगर निगम में विवाद के बाद परिसीमन के हिसाब से मतदाता सूची अपग्रेड की गई है। 11 नगर निकाय ऐसे थे, जिनके अपग्रेडेशन या परिसीमन के बाद वोटर लिस्ट बनाने का काम पूरा हो चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल का कहना हैं कि 2018 के निकाय चुनाव में प्रदेश में 25 लाख 22 हजार 656 मतदाता थे। इस बार के चुनाव में यह आंकड़ा 30 लाख 58 हजार 299 पर पहुंच गया है। मई माह में राज्य में रुद्रप्रयाग को छोड़कर 12 जिलों में मतदाताओं की संख्या 27 लाख 28 हजार 907 थी, जो रुद्रप्रयाग के 18,130 मतदाता जोड़कर वर्तमान में 30 लाख 58 हजार 299 पर पहुंच गई है।
सीएम धामी ने प्रदेश में शीतलहर से बचाव को स्वीकृत की 1.35 करोड की धनराशि..
उत्तराखंड: प्रदेश में दिन पर दिन शाम के समय पारे में गिरावट दर्ज की जा रही है। जिसे देखते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 13 जिलों के लिए 1.35 करोड़ की स्वीकृति दी हैं। सीएम पुष्कर धामी ने शीतलहर से बचाव के लिए अलाव जलाने और कम्बल वितरण के लिए 2024-25 वित्तीय वर्ष में 13 जनपदों के लिए 1.35 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। इसमें पौड़ी गढ़वाल के लिए 15 लाख और शेष 12 जिलों को 10 लाख प्रति जनपद दिए जाने की स्वीकृति दी है। जिससे शीतलहर के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही सीएम धामी ने पिथौरागढ़ जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), अस्कोट का नाम शहीद नायक सैनिक खुशाल सिंह अधिकारी (सेना मेडल) के नाम पर रखने की स्वीकृति दी है. यह निर्णय शहीद सैनिक की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने तेजपत्ता और तिमूर को फसल घोषित करने का किया अनुरोध..
उत्तराखंड: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान कृषि मंत्री ने केंद्रीय आयुष मंत्री से तेजपत्ता व तिमूर को फसल घोषित करने का अनुरोध किया। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से मुलाकात की। दिल्ली में कृषि मंत्री ने केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से मुलाकात कर कई समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्री को पहाड़ी टोपी भेंट कर उत्तराखण्ड आने का निमंत्रण भी दिया। मुलाकात के दौरान सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय आयुष मंत्री से उत्तराखंड में अधिक मात्रा में उत्पादित होने वाले तेजपत्ता और तिमूर को फसल घोषित करने का अनुरोध किया।
उनका कहना हैं कि केंद्र सरकार के सहयोग से चंदन को भी फसल घोषित किया जाए। ताकि ये राज्य के किसानों के लिए केंद्र की ओर से एक विशेष सहयोग हो सके। कृषि मंत्री ने कहा कि इन उत्पादों को फसल घोषित होने के बाद कृषि और उद्यान के माध्यम से प्रदेश के किसानों को अत्यधिक लाभ होगा। इस दौरान दोनों मंत्रियों के बीच मेडिसिनल प्लांट्स के संबंध में भी चर्चा हुई। कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रमुख रूप से सतावर, सर्पगंधा, कुटकी, तुलसी और कूट जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल प्लांट पाए जाते हैं। इनका उपयोग कई महत्वपूर्ण दवाइयां के निर्माण में किया जा सकता है।
उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को GMVN के गेस्ट हाउस में मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट..
उत्तराखंड: अगर आप उत्तराखंड के श्री केदारनाथ, श्री बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा करते हैं और यहां जीएमवीएन के होटलों में रूकते हैं तो आपको 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। शासकीय आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए श्री केदारनाथ, श्री बद्रीनाथ, श्री यमुनोत्री और श्री गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू करने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि इन शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक यदि जीएमवीएन के होटलों में रुकते हैं तो उन्हें किराए में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाए।
आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में स्थित उखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर भगवान केदारनाथ (भगवान शिव) का शीतकालीन निवास स्थान है। शांति और आध्यात्मिकता पसंद लोगों के लिए ये अति उत्तम स्थान है। सर्दियों के दौरान जब बद्रीशपुरी बर्फ की चादर ओढ़ लेती है तो तब भगवान बद्रीनारायण पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बद्री मंदिर और जोशीमठ स्थित नृसिंह बद्री मंदिर में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।
यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद रहने के दौरान मां यमुना स्थानीय रूप से खुशीमठ के नाम से प्रसिद्ध खरसाली गांव में अपने भक्तों को दर्शन देती है। बता दें कि खरसाली अत्यंत ही सुंदर मनोरंजन स्थल है और यहां घुमावदार घास के मैदान और ओक और शंकुधारी के जंगल हैं। सर्दियों में गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो जाने के बाद मां गंगा हर्षिल के पास भागीरथी नदी के तट पर एक छोटे से गाँव मुखबा में विराजमान होती हैं और अपने भक्तों को दर्शन देती हैं।
बैठक में सीएम धामी ने रजतोत्सव सशक्त उत्तराखण्ड योजना की अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं की समीक्षा के साथ ही अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को ड्रग्स के मामलों में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने और प्रदेश में चल रहे बाहरी लोगों के सत्यापन अभियान को और अधिक प्रभावी एवं व्यापक बनाने के लिए निर्देशित किया।
नगर निकायों में स्वीकृत पदों से अलग भर्ती आउटसोर्स, शासन ने मांगी रिपोर्ट..
उत्तराखंड: नगर निकायों में स्वीकृत पदों के अलग भर्ती आउटसोर्स, संविदाकर्मी, दैनिक वेतन कर्मी हटाए जाएंगे। शहरी विकास विभाग ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। शासन ने एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट मांगी है। सचिव शहरी विकास नितेश झा की ओर से जारी आदेश के अनुसार शहरी विकास विभाग के 12 जून 2015 को पुनर्गठित ढांचे के स्वीकृत पदों से इतर किसी भी प्रकार की नियुक्ति नहीं की जा सकती। अगर किसी निकाय में स्वीकृत पदों से इतर शासन की अनुमति के बिना नियुक्ति की गई है तो यह अनियमित मानी जाएगी।
इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व के शासनादेश के अनुसार अगर कार्मिकों की नियुक्ति निकायों ने अपने स्तर पर करते हुए अनियमित वेतन जारी किया है तो उसकी वसूली संबंधित शहरी निकाय के नियंत्रक या सक्षम प्राधिकारी से की जाएगी। सचिव शहरी विकास का कहना हैं कि कार्मिक विभाग के 27 अप्रैल 2018 को जारी शासनादेश और शहरी विकास विभाग के आदेश के तहत निकायों में की गई अनियमित नियुक्तियां अवैध समझी जाएंगी। उन्होंने निदेशक शहरी विकास से सभी निकायों में इस पर कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
चेयरमैन के स्तर से भर्ती किए गए कर्मचारी
कई निकायों में चेयरमैन के स्तर से कर्मचारियों को दैनिक वेतन, आउटसोर्स या संविदा पर भर्ती किया गया है। इन सभी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाएंगी। वेतन जारी करने वाले अफसरों से वसूली भी होगी।
पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने दी 100 करोड़ की मंजूरी, 66 करोड़ की पहली किश्त जारी..
उत्तराखंड: ऋषिकेश में पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। विशेष वित्तीय सहायता के लिए सीएम धामी ने केंद्र सरकार का आभार जताया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रयास से 66 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।
सीएम धामी ने केंद्र का जताया आभार..
केंद्रीय वित्त मंत्रालय में तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे। उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी। सीएम धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।
आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे अमित शाह..
उत्तराखंड: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज मसूरी दौरे पर रहेंगे। गृहमंत्री शाह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दौरे पर रहेंगे। गृहमंत्री लबासना में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। गृहमंत्री के दौरे को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को फ्लीट रिहर्सल भी किया। इसके साथ ही पुलिस ने मसूरी में सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया।गृहमंत्री के दौरे को लेकर शहर कोतवाल अरविंद कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए हेलीपैड से लेकर एलबीएस अकादमी तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस तौनात रहेगी। इसके साथ ही अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी तैनात रहेंगी।
पूर्व विधायक और जिप अध्यक्ष पर जमीन धोखाधड़ी का आरोप,कमिश्नर ने दिये जांच के आदेश
उत्तराखंड: पुरोला के पूर्व विधायक मलचंद तथा उत्तरकाशी की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा पर वृद्ध एनआरआई महिला की जमीन कूटरचित दस्तावेजों के जरिये बेचने के आरोप पर कमिश्नर गढ़वाल ने एक सप्ताह मे जांच रिपोर्ट तलब की है। मामले मे एसडीएम बड़कोट और सीओ जांच कर रहे हैं। पीड़िता एनआरआई शशि नेस्ले पत्नी जार्ज माइकल प्रिस्टोरियस निवासी वसंत विहार ने आयुक्त को लिखे पत्र मे कहा कि उनके भाई ले. कर्नल विजय थापा ने वर्ष 2008,2009 मे ग्राम मजरी बड़कोट उत्तरकाशी मे पूर्व विधायक माल चंद और पूर्व जिप अध्यक्ष यशोदा राणा के साथ 125 नाली जमीन (0.363 हैक्टेयर) खरीदी थी। एनआरआई होने की वजह से उन्होंने माल चंद और यशोदा राणा को सह खातेदार बनाया। कूट रचित दस्तावेजों के जरिये यह जमीन यशोदा राणा ने माल चंद के बेटे और बहू के नाम पर कर दी।
एनआरआई महिला ने कहा कि उन्होंने व उनके भाई रिटायर कर्नल ने वजरी गांव में यह जमीन नौ परिवारों से खरीदी थी। उन्होंने गांव के सुंदर सिंह, विशन सिंह, जगत सिंह, दयाल सिंह, जोत सिंह, विक्रम सिंह, भजन सिंह, रुकम सिंह और भागीराम से जमीन खरीदी थी। शिकायती पत्र में बताया गया है कि यह जमीन अस्पताल खोलने के मकसद से ली गई थी। महिला ने कहा कि यह जमींन उन्होंने भाई विजय थापा के मार्फत ली थी और जमीन की देख भाल भाई ही करता था। महिला ने कहा कि उनके भाई की मौत 2019 मे हुई और वह विदेश मे थी तो इस दौरान दोनों सह खातेदारों ने मौके का फायदा उठाकर जमीन खुर्द बुर्द कर दी। उन्होंने मामले की जांच कर अपनी जमीन वापस लौटाने की मांग की है।
वृद्ध एनआरआई महिला की शिकायत पर आयुक्त गढ़वाल ने एसडीएम बड़कोट को जांच कर रिपोर्ट तलब की है। वहीं एसडीएम बड़कोट ने सभी पक्षों को 28 नवंबर गुरुवार को दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा है। मामले की जांच एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि मालचंद भाजपा, कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। हाल ही मे हुए लोकसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा में वापस लौट गए थे जबकि जसोदा भाजपा से नगर पंचायत अध्यक्ष रहीं हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष बनने से पहले यशोदा राणा ने भाजपा से बगावत की थी।
पुराने हिसाब-किताब में उलझी बिजली की नई दरें, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक..
उत्तराखंड: यूपीसीएल के 4,300 करोड़ की उपभोक्ताओं से वसूली या सरकार से एडजस्टरमेंट के पुराने-हिसाब किताब की वजह से नए वित्तीय वर्ष का बिजली दरों का प्रस्ताव अटक गया है। यूपीसीएल ने नियामक आयोग से 15 दिन का समय मांगा है। उधर 4,300 करोड़ के मामले पर अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक में समाधान निकाला जाएगा। यूपी से अलग होने के बाद उत्तराखंड के हिस्से में 1,058 करोड़ के एसेट्स और देनदारियां आईं थीं। इनमें से 508 करोड़ का निपटारा तो यूपी के टैरिफ और फिर उत्तराखंड के टैरिफ में हो गया था, लेकिन बचे हुए 550 करोड़ को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ था। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने अस्तित्व में आने के बाद इस रकम को तभी सैटल करने का आदेश दिया, जबकि इस संबंध में कोई शासनादेश जारी हो, लेकिन आज तक शासनादेश जारी नहीं हुआ। इस वजह से ये देनदारियां बढ़ती हुईं 4,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक..
मंगलवार को मुख्य सचिव एवं निगम अध्यक्ष राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में 120वीं बोर्ड बैठक हुई। बैठक में नई विद्युत दरों पर चर्चा हुई तो 4,300 करोड़ का पुराना हिसाब-किताब फिर बीच में आ गया। चूंकि, यूपीसीएल पर करीब 5000 करोड़ की देनदारियां हैं।इसलिए यूपीसीएल प्रबंधन चाहता है कि 4,300 करोड़ का ये बोझ उपभोक्ताओं पर डालने के बजाए सरकार के साथ देनदारियों से एडजस्ट किया जाए। इसका प्रस्ताव दो बार वित्त विभाग रिजेक्ट कर चुका है। बैठक में तय हुआ कि इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें सचिव वित्त और सचिव ऊर्जा भी शामिल होंगे। बैठक में यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार समेत तमाम निदेशक मौजूद रहे।
हॉग डियर और मगरमच्छों की घटती संख्या पर होगा शोध..
उत्तराखंड: सरकार ने बाघ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बढ़ाने के लिए “बाघ रक्षक योजना” को मंजूरी दे दी है। बता दे कि वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन फॉर सीटीआर (Corbett Tiger Reserve) के शासी निकाय की 10 वीं बैठक की गई। बैठक के दौरान बाघ संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हुई। साथ ही वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बाघ रक्षक योजना को मंजूरी दे दी। हालांकि बैठक के दौरान मंत्री ने इस योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए।
बता दे कि बाघ रक्षक योजना के तहत कई चरणों में काम किए जायेंगे। इस योजना के पहले चरण में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बाघ संरक्षण स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही योजना के तहत शैक्षणिक संस्थानों में जैव विविधता दीवारें और प्रकृति क्लब भी बनाए जाएंगे। इसके अगले चरण में बाघों की सुरक्षा में सभी लोगों के सहयोग को बढ़ाने के लिए जनता और कॉर्पोरेट क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा।
इसके साथ ही इस योजना में टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के जरिए नेचर गाइड और फ्रंट लाइन कर्मचारियों के लिए 10 लाख रुपये तक के जीवन बीमा कवरेज की भी व्यवस्था है। बैठक के दौरान, ये भी निर्णय लिया गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के पर्यटक क्षेत्र में बने वॉच टावर का अब पर्यटन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
रिजर्व में हॉग डियर और मगरमच्छों (hog deer and crocodiles) की संख्या में हो रही कमी के मद्देनजर, उन पर शोध करने पर सहमति बनी है। क्योंकि दोनों प्रजातियों को रिजर्व के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता है। इसके साथ ही फाउंडेशन ने रिजर्व के वन विश्राम गृहों को भी अपग्रेड करने की मंजूरी दी है।