UCC लागू होने से सरकार का डेटा बेस हुआ मजबूत..
उत्तराखंड: प्रदेश समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया हैं। जिसके बाद लोगों में मन में यूसीसी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। एक सवाल जो राज्य के लोगों के मन में उठ रहा है वो ये है कि क्या यूसीसी उत्तराखंड के मूल निवासियों पर लागू होगा या फिर राज्य में रहने वाले लोग भी यूसीसी के दायरे में आएंगे। आम लोगों के मानों में उठ रहे सवालों पर विशेषज्ञों ने सफाई दी है।
यूसीसी ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति की सदस्य और दून विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. सुरेखा डंगवाल ने स्पष्ट किया है कि यूसीसी के तहत होने वाले वाले पंजीकरण का उत्तराखंड के मूल निवास या स्थायी निवास प्रमाणपत्र से कोई सरोकार नहीं है। उत्तराखंड में न्यूनतम एक साल से रहने वाले सभी लोगों को इसके दायरे में इसलिए लाया गया है ताकि इससे उत्तराखंड की डेमोग्राफी संरक्षित हो सके।
UCC के प्रावधानों पर विशेषज्ञों ने जारी किया बयान..
यूसीसी प्रावधानों पर बयान जारी करते हुए प्रो. सुरेखा डंगवाल का कहना हैं कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का सरोकार शादी, तलाक, लिव इन, वसीयत जैसी सेवाओं से है। इसे स्थायी निवास या मूल निवास से जोड़ना किसी भी रूप में संभव नहीं है। इसके साथ ही यूसीसी पंजीकरण से कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलने हैं। उत्तराखंड में स्थायी निवास पूर्व की शर्तों के अनुसार ही तय होगा। सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यूसीसी के तहत होने वाले पंजीकरण ऐसा ही है, जैसे कोई व्यक्ति कहीं भी सामान्य निवास होने पर अपना वोटर कार्ड बना सकता है। इसके जरिए निजी कानूनों को रैग्यूलेट भर किया गया है। ताकि उत्तराखंड का समाज और यहां की संस्कृति संरक्षित रह सके, इससे उत्तराखंड की डेमोग्राफी का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। इसके साथ ही अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर भी इससे अंकुश लग सकेगा।
पंजीकरण कराने पर ही उठा पाएंगे योजनाओं का लाभ..
उत्तराखंड में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग भी रहते हैं, ये लोग उत्तराखंड में सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। ऐसे लोग अब पंजीकरण कराने पर ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। यदि यह सिर्फ स्थायी निवासियों पर ही लागू होता तो, अन्य राज्यों से आने वाले बहुत सारे लोग इसके दायरे से छूट जाते, जबकि वो यहां की सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते रहते। दूसरी तरफ ऐसे लोगों के उत्तराखंड से मौजूद विवाह, तलाक, लिव इन जैसे रिश्तों का विवरण, उत्तराखंड के पास नहीं होता। इसका मकसद उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोगों को यूसीसी के तहत पंजीकरण की सुविधा देने के साथ ही सरकार के डेटा बेस को ज्यादा समृद़ध बनाना है। प्रो सुरेखा डंगवाल के अनुसार इससे विवाह नामक संस्था मजबूत ही होगी, जो हमारे समाज की समृद्धि का आधार रही है।
भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए पौड़ी पहुंचे सीएम योगी..
उत्तराखंड: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ यमकेश्वर के विथ्याणी पहुंचे। जहां उन्होंने ब्रम्हलीन राष्ट्रसंत महंत अवेदनाथ महाराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने आनंद सिंह बिष्ट स्मृति पार्क में 100 फिट तिरंगे का उद्घाटन किया। सीएम दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। यमकेश्वर के विथ्याणी पहुंचकर सीएम योगी ने ब्रम्हलीन राष्ट्रसंत महंत अवेदनाथ महाराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने आनंद सिंह बिष्ट स्मृति पार्क में 100 फिट तिरंगे का उद्घाटन कर दो दिवसीय किसान मेले का शुभारंभ किया।
आपको बता दें सीएम योगी के पैतृक गांव पंचूर में उनकी भतीजी की शादी होनी है। जिसमें शामिल होने के लिए योगी आदित्यनाथ पौड़ी पहुंचे हैं। सीएम योगी 6 और 7 फरवरी को पंचूर में भतीजी की शादी में शामिल होंगे। गुरुवार सुबह सीएम योगी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे थे। जहां कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और प्रेमचंद अग्रवाल ने उनका स्वागत किया।
केंद्रीय मंत्री धन सिंह रावत ने की वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा..
उत्तराखंड: प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शासकीय आवास पर अपने से सम्बंधित विभागों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा एवं सहकारिता विभाग के बजट के आय-व्यय की उच्च स्तरीय समीक्षा की। जिसमे उन्होंने अधिकारियों को शतप्रतिशत बजट खर्च करने के दिशा निर्देश दिये। साथ ही कम बजट खर्च करने वाले विभागों के अधिकारियों को लताड़ भी लगाई।
धन सिंह रावत ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के आय-व्यय के साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सभी विभागों को जन सामान्य से जुड़े नई योजना के तीन-तीन प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में राज्य सेक्टर से प्राप्त बजट के साथ ही केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा की। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य केंद्र पोषित योजना शामिल रही। इसी प्रकार उच्च शिक्षा में पीएम उषा के तहत प्राप्त बजट की समीक्षा की गई जबकि विद्यालयी शिक्षा में समग्र शिक्षा, पीएम श्री स्कूल एवं आवासीय विद्यालयों की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में डॉ. रावत ने आगामी बजट को लेकर अधिकारियों को योजनाओं की प्राथमिकताओं और बजट प्रावधान के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला, निबंधक सहकारिता सोनिका, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव वित्त अमित जोशी, अपर सचिव शिक्षा एम एम सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ अंजू अग्रवाल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सयाना, प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता टम्टा, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
चंपावत जिले में प्रसिद्ध पूर्णागिरि मेला 15 मार्च से होगा शुरू..
उत्तराखंड: चंपावत जिले के टनकपुर में होली पर्व के अगले दिन से हर साल शुरू होने वाले मां पूर्णागिरि मेले की प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलाधिकारी चंपावत नवनीत पांडे ने टनकपुर पहुंचकर तहसील सभागार में जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में पूर्णागिरि मेले की तैयारियों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस बार प्रशासन पूर्णागिरि मेले का आयोजन 15 मार्च से 15 जून तक 3 महीने की सरकारी अवधि के लिए करेगा।
बता दे कि प्रसिद्ध पूर्णागिरि मेला 15 मार्च से शुरू होकर 15 जून तक चलेगा। तीन माह तक आयोजित होने वाले मेले को और अधिक भव्य बनाने के लिए जिलाधिकारी नवनीत पांडे की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूर्णागिरि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं अभी से शुरू कर दें, ताकि सभी तैयारियां समय से पूरी की जा सकें।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ ही वाहन पार्किंग, पेयजल व्यवस्था, यातायात, स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ ही परिवहन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को बिजली, पानी, सड़क और यातायात से जुड़ी समस्याओं को अभी से दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पूर्णागिरि में चिकित्सकों के साथ ही एंबुलेंस सेवा चालू रखने, ठुलीगाड़ व भैरव मंदिर में मेडिकल कैंप लगाने, टैक्सियों का सही संचालन करने, समय से पुलिस बल तैनात करने, बसों का संचालन परिवहन निगम से कराने, दुकानदारों से रेट लिस्ट लगवाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने टनकपुर पूर्णागिरि में होने वाले विकास कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
नेशनल गेम्स- उत्तराखंड ने आज जीता दूसरा गोल्ड मेडल..
रीना सेन ने केनाय सलालम प्रतियोगिता में अपने नाम किया पदक..
उत्तराखंड: प्रदेश ने आज राष्ट्रीय खेलों में दूसरा स्वर्ण पदक जीता है। ऋषिकेश के फूलचट्टी में आयोजित महिला कैनो सलालम सी-1 प्रतियोगिता में रीना सेन ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीता। उत्तराखंड सरकार की ओर से रीना सेन को 12 लाख की पुरस्कार राशि दी जाएगी। यह किसी भी राष्ट्रीय खेल में किसी भी राज्य द्वारा दी जाने वाली सर्वाधिक राशि है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश की पल्लवी ने सी-1 कैनो ओपन स्लालम प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। आंध्र प्रदेश की चेतना भगवती ने कांस्य पदक जीता।
उत्तराखंड के 12 शहरों के विकास के लिए सीएस ने 500 मिलियन की पीपीआर को दी मंजूरी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को उत्तराखंड अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (यूयूएसडीए) की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक ली। बैठक में सीएस ने कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हल्द्वानी में प्रशासनिक और बस टर्मिनल बिल्डिंग (एसीबीटी) के निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, विकास एवं सौन्दर्यीकरण के प्रस्ताव, स्टोर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम और इंटेलिजेंट ट्रेफिक मेनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के डीपीआर को स्वीकृति दी। बता दे कि सीएस रतूड़ी ने उत्तराखंड में 12 शहरों के विकास के लिए 500 मिलियन डाॅलर के पीपीआर को भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग को प्रेषित करने की स्वीकृति दी. इसके साथ ही चारधाम यात्रा मार्ग पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 125 मिलियन डाॅलर की पीपीआर को भी अनुमोदित किया. सीएस ने इस प्रस्तावों को समय पर गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए.
आशा कार्यकर्ता वेतन बढ़ोत्तरी मामला, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने संसद में उठाया मुद्दा
उत्तराखंड: राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सोमवार को संसद में आशा कार्यकर्ताओं की वेतन वृद्धि का मुद्दा उठाया। बजट सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद ने लोकसभा में शून्यकाल चर्चा के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संचालन से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया।महेंद्र भट्ट ने केंद्र सरकार से आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के दायरे में लाने की मांग की। उनका कहना हैं कि आशा कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी आबादी के स्वास्थ्य और सामाजिक निर्धारकों के बारे में एनएचएम द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में माँ और बच्चे को स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने सहित कई प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम में शामिल करने की मांग..
महेंद्र भट्ट ने संसद में अपने संबोधन में कहा कि जब से यह मिशन शुरू हुआ है, तब से ग्रामीणों को इनके माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मिल रही है। साथ ही, ये आशा कार्यकर्ता कोरोना काल से लेकर आज तक लगातार स्वास्थ्य जागरूकता का काम कर रही हैं। भट्ट ने कहा कि अपने महत्वपूर्ण काम के बावजूद उन्हें आज भी न्यूनतम मजदूरी से वंचित रखा गया है। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं को मात्र 4500 रुपए मासिक प्रोत्साहन राशि ही दी जाती है, जो उनके काम को देखते हुए बहुत कम हैं । कई राज्य सरकारें उन्हें वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जा रही हैं, जिसमें उत्तराखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां उन्हें 5000 रुपए वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं। राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने सदन के माध्यम से सरकार से मांग की कि स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके योगदान का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्हें न्यूनतम वेतन अधिनियम के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए, जिसमें राज्य सरकार का हिस्सा भी शामिल होना चाहिए।
राज्य स्तरीय समिति ने कक्षा 3 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम का खाका किया तैयार..
उत्तराखंड: प्रदेश में कक्षा 3 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। फिलहाल इस पर लंबा होमवर्क करने के बाद राज्य स्तरीय समिति ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा तय कर ली है। इसे हरी झंडी भी दे दी गई है। हालांकि तय प्रक्रिया के अनुसार विभिन्न कक्षाओं के लिए तैयार पाठ्यक्रम को राज्य सरकार से अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है, इसके लिए पाठ्यक्रम के लिए तय रूपरेखा को जल्द ही सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद सरकार को इस पर फैसला लेना है।
राज्य स्तरीय समिति ने कक्षा 3 से पाठ्यक्रम के रूप में संस्कृत की पढ़ाई जारी रखने की सिफारिश की है। इसके साथ अलग-अलग कक्षाओं के लिए विषयों की संख्या पर भी विचार किया गया है। सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद समिति ने फैसला लिया है कि कक्षा 3 से कक्षा 5 तक सात विषय अनिवार्य होंगे। इसके अलावा छात्रों को कक्षा 6 से कक्षा 8 तक 9 विषय पढ़ने होंगे, जबकि कक्षा 9 और 10 में 10 विषय अनिवार्य किए गए हैं। इस दौरान छात्रों को गणित को अनिवार्य विषय के रूप में लेना होगा।
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत स्कूली शिक्षा में छात्रों के बेहतर शैक्षणिक कार्य के लिए भी काम किया जा रहा है। स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम का चयन भी छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। समिति द्वारा लिए गए निर्णय पर अब राज्य सरकार अंतिम मुहर लगाएगी। इसके बाद राज्य में स्कूलों के लिए तय पाठ्यक्रम के साथ ही छात्रों का शैक्षणिक कार्य करवाना अनिवार्य हो जाएगा।
इसमें 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए गणित को अनिवार्य कर दिया गया है। यानी सभी छात्रों को जिलेवार गणित पढ़ना होगा। इसी तरह निचली कक्षाओं में संस्कृत को भी महत्व दिया गया है। शिक्षा महानिदेशक झरना कामठान की मौजूदगी में समिति ने इस पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। वैसे इसके लिए काफी समय से होमवर्क किया जा रहा था और सभी बातों पर विचार करने के बाद छात्रों के लिए विषय तय किए गए हैं।
डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने किया पीएम मोदी के मुखबा दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का निरीक्षण..
उत्तराखंड: डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने रविवार को हर्षिल क्षेत्र का दौरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का निरीक्षण किया। डीएम ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों को समय से पूरा करने तथा गुणवत्ता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इस दौरान डीएम ने पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल के साथ प्रस्तावित कार्यक्रम से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े विभिन्न पहलुओं का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी माह गंगा जी के शीतकालीन प्रवास मुखवा और सीमांत क्षेत्र हर्षिल के जीवंत गांव में आने की संभावना है। प्रधानमंत्री के संभावित दौरे से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मुखवा-हर्षिल क्षेत्र में कई कार्य किए जा रहे हैं। बगोरी हेलीपैड तक सड़क बनाने के साथ ही गंगोत्री मार्ग से लगे युकाडा हेलीपैड तक सड़क की रंगाई-पुताई और रखरखाव के कई कार्य पूरे किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल में प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर उद्यान विभाग परिसर में समतलीकरण व सौंदर्यीकरण के साथ ही कई स्थानों पर पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। मुखबा में गंगा मंदिर व आसपास के घरों को प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए सजाया जा रहा है। मुखबा में मंदिर के लिए पैदल मार्ग के सुधारीकरण व सीढ़ियां बनाने के साथ ही पार्किंग का निर्माण भी प्रगति पर है। इस क्षेत्र में बिजली व पानी की आपूर्ति सुचारू रखने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। सोलर हाईमास्ट लाइट व स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों की कमान डीएम ने खुद संभाल ली है। डीएम ने पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल व मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल व अन्य अधिकारियों की टीम के साथ रविवार को फिर हर्षिल क्षेत्र का दौरा कर प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर चल रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया।
गणतंत्र दिवस झांकी के कलाकारों को मिलेगा 50-50 हजार रुपये का इनाम..
उत्तराखंड: गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखंड की ‘‘सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल’’ झांकी को तीसरा स्थान मिला था। शुक्रवार को महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी और टीम लीडर संयुक्त निदेशक सूचना के.एस.चौहान सहित झांकी के कलाकारों ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।
सीएम धामी का कहना हैं कि उत्तराखंड को “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” झांकी को तीसरा पुरस्कार मिलना प्रदेश के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने झांकी में शामिल सभी 16 कलाकारों को 50-50 हजार मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के अंतर्गत प्रदान करने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि लोगों की पसंद पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की झांकी को तीसरा स्थान प्राप्त होने से राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति एवं धार्मिक विरासत को देश-विदेश में विशिष्ट पहचान मिल रही है।
साहसिक खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का था प्रयास..
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और साहसिक खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी के रूप में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया था। मुख्यमंत्री धामी के निर्णयों से साहसिक खेलों के लिए अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। आपको बता दे कि नई दिल्ली स्थित नेशनल स्टेडियम कैम्प में सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्तराखण्ड की झांकी के कलाकारों को द्वितीय पुरस्कार मिला था। वहीं गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर ‘‘सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेलों’’ पर आधारित उत्तराखंड की झांकी को भी लोगों की पसंद के आधार पर देश भर में तीसरा स्थान मिला था।