व्यापार मंडल लोहाघाट ने आपदा प्रभवितों को राहत सामग्री की वितरित..
उत्तराखंड: लोहाघाट व्यापार संघ आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया है। व्यापार संघ ने आपदा पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया। बता दें कि बीते दिनों हुई बारिश के कारण लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत क्षेत्रों में आई आपदा से भीषण तबाही मची है। जिस कारण सीमांत क्षेत्र का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें बंद होने के कारण लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों का सामना भी नहीं मिल रहा है।
लोहाघाट ब्लाक के सीमांत क्षेत्रों में आई आपदा के कारण भारी नुकसान हुआ है। खेत खलिहानों के साथ-साथ कई लोगों के मकान तक तबाह हो चुके हैं। प्रशासन की टीमे तेजी से राहत कार्य में जुटी हुई है। वहीं सीमांत क्षेत्र में आई आपदा का लोहाघाट व्यापार संघ ने संज्ञान लिया। व्यापार संघ अध्यक्ष मनीष जुकरिया के नेतृत्व में लोहाघाट नगर के व्यापारी आपदा पीड़ितों की मदद को आगे आए। व्यापारियों ने आपदा पीड़ितों के लिए नकद राशि, कंबल, खाद्य सामग्री, जूते-चप्पल, साबुन, कपड़े आदि वस्तुओं को आपसी सहयोग से एकत्रित किया। गुरुवार को तहसीलदार जगदीश सिंह नेगी ने हरी झंडी दिखाकर आपदा राहत वाहन को रवाना किया।
आपदा पीड़ितों के बीच पहुंचे व्यापार संघ अध्यक्ष..
खुद व्यापार संघ अध्यक्ष मनीष जुकरिया मैदान में उतरे और आपदा पीड़ितों के बीच पहुंचे। उनके द्वारा सीमांत के दूरस्थ आपदा ग्रस्त डनगांव, कमलेड़ी व पाशम आदि क्षेत्रों में जाकर आपदा पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी गई। इसके साथ ही आपदा पीड़ितों से उनकी समस्याओं को पूछा गया।
लोगों से आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील..
व्यापार संघ अध्यक्ष जुकरिया का कहना हैं कि आपदा से सीमांत क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। प्रशासन राहत पहुंचाने में जुटा है लेकिन अभी और तेजी से कार्य करने की जरूरत है। लोगों को बड़ी मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यापार संघ आपदा पीड़ितों के साथ खड़ा है। आपदा पीड़ितों के लिए आगे और भी राहत सामग्री जुटाई जाएगी। उन्होंने सभी सक्षम लोगों से आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा अभी आपदा पीड़ितों को सख्त मदद की जरूरत है। आपदा पीड़ितों ने इस दुख की घड़ी में सुध लेने के लिए लोहाघाट व्यापार संघ को धन्यवाद दिया है।
जल जीवन मिशन की अटकी 212 करोड़ की योजनाएं, तीन परियोजनाओं को हरी झंडी..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल जीवन मिशन की 212 करोड़ रुपये की परियोजनाएं सालों से वन कानूनों के चक्कर में लटकी हुईं हैं। लगातार पत्राचार के बाद भी इन्हें अनुमति नहीं मिल पाईं। इन सभी परियोजनाओं से सैकड़ों गांवों की हजारों की आबादी को पेयजल मिलना था। जल जीवन मिशन के तहत पांच करोड़ से ऊपर की 268.19 करोड़ की 12 ऐसी परियोजनाएं थीं, जिनका निर्माण या तो रिजर्व फॉरेस्ट के क्षेत्र में होना था या जिनके लिए वन भूमि की दरकार थी। इनमें से हाल ही में उत्तरकाशी की 12.63 करोड़ की खान्सी पौटी ग्राम समूह पेयजल योजना, 26.24 करोड़ लागत की कंडारी ग्राम समूह पेयजल योजना और 16.84 करोड़ की देवराना ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना को वन भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिल गई है।
अब इन परियोजनाओं का काम शुरू होगा। लेकिन, नौ परियोजनाओं को अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिली। एक को वन विभाग से तो स्वीकृति मिली है, लेकिन नैना देवी पक्षी विहार से अनुमति नहीं मिल पाई है। इन परियोजनाओं को वन भूमि हस्तांतरण न होने की वजह से करोड़ों रुपये वर्षों से खर्च नहीं हो पाए। जल जीवन मिशन के तहत परियोजनाओं की पाइपलाइन तो जंगलों के बीच से बिछा दी गई। लेकिन, जमीन न होने के कारण इनका पंपिंग स्टेशन या वेल निर्माण नहीं हो पाया है। पेयजल निगम के अफसरों का कहना है कि लगातार इस संबंध में वन विभाग से पत्राचार किया जा रहा है।
राज्यपाल में दी लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को हरी झंडी, सीएम धामी ने जताया आभार..
उत्तराखंड: राजभवन से लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश कानून 2024 को हरी झंडी मिल गई हैं। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया है। सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था और राज्य का मूल स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। इस कानून का राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
सीएम धामी ने उत्तराखण्ड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून-2024 को राज्यपाल द्वारा मंजूरी प्रदान करने पर उनका आभार व्यक्त किया है। सीएम धामी का कहना हैं कि इस कानून के तहत दंगाईयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। इसके साथ ही दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले एवं अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की भरपाई भी की जाएगी। निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश के साथ ही राज्यपाल ने विविध संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद उत्तराखंड के विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। बता दें गैरसैंण में हुए विधानसभा सत्र में धार्मि सरकार ने विधेयक पारित किया था। जिसके बाद राजभवन से विधेयक को हरी झंडी मिल गई हैं। साथ ही राज्यपाल ने उप्र जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 को भी मंजूरी दे दी है।
पीएमएचएस ने किया ऐलान, इन मांगो को लेकर 04 अक्टूबर से किया जाएगा कार्य बहिष्कार..
उत्तराखंड: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने लंबित मांगों को लेकर चार अक्तूबर से कार्यबहिष्कर करने का एलान किया है। बुधवार से प्रदेशभर के डॉक्टरों काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध शुरू कर दिया है। संघ ने चेतावनी दी कि चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। मांगों का समाधान न होने तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांध कर काम किया। डॉक्टरों के आंदोलन को देखते हुए शासन ने संघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज शर्मा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल के साथ बैठक कर मांगों पर चर्चा की। संघ को अगले सप्ताह सचिवालय में लंबित मांगों पर बैठक करने का आश्वासन देने पर 23 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया। वहीं संघ ने शासन स्तर पर मांगों का समाधान न होने पर चार अक्तूबर से प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का एलान किया। तब तक डॉक्टरों का सांकेतिक विरोध जारी रहेगा।
संघ की मांग है कि शीघ्र ही डीपीसी और एसडीएसीपी के आदेश जारी किए जाएं। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाए। अल्मोड़ा, नैनीताल व टिहरी जिला मुख्यालय व मसूरी को पूर्व की भांति दुर्गम में चिन्हित किया जाए। पीजी करने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने और दंत चिकित्सकों का समायोजन किया जाए।
पूसा भिंडी- 5 बढ़ाएगी आर्थिकी-प्रदेश के 9 जिलों में भेजे जाएंगे काशीपुर में तैयार बीज..
उत्तराखंड: सब्जियों में भिंडी एक मुख्य फसल है, जो गर्मी और बारिश दोनों ही मौसम में उगाई जाती है। अब शहर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र भिंडी की नई किस्म पूसा भिंडी-5 के बीज तैयार कर रहा है। इससे किसानों की आय में भी अधिक बढ़ोतरी हो रही है। किसानों को करीब 20 हजार रुपये प्रति बीघा मुनाफा हो रहा है। इसी के चलते बीज को उत्तराखंड के नौ जिलों में भी सप्लाई करने की तैयारी है।
आपको बता दे कि कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) काशीपुर में नई किस्म की पूसा भिंडी-5 के बीज तैयार किए जा रहे हैं। बीजों को उत्तराखंड के नौ जिलों में सप्लाई किया जाएगा ताकि वहां के छोटे किसान भी कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकें। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान दिल्ली के सब्जी विज्ञान विभाग ने शोध के जरिये तैयार किया था। इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर ने संस्थान से ब्रीडर सीड लेकर सीड प्रोडक्शन किया, जिसका बांसखेड़ी गांव के करीब 20 किसानों के खेतों में परीक्षण किया गया। वहां भिंडी की पैदावार अधिक हुई, जिससे उन्हें करीब 20 हजार रुपये प्रति बीघा का लाभ मिला है। अब केवीके एक एकड़ में बीज तैयार कर रहा है ताकि अन्य जिलों के केंद्रों में इसकी सप्लाई की जा सके। क्षेत्रफल और भिंडी उत्पादकता की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान पर आता है। भिंडी में विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम भरपूर मिलता है। यह आयुर्वेद का भी एक उत्तम स्त्रोत है।
नई ब्रीड पर नहीं होता बीमारी का असर..
पूसा भिंडी -5 पर पीला शिरा मोजेक वायरस का असर नहीं होता है। अन्य किस्म को यह वायरस काफी नुकसान पहुंचाता है। इसकी पैदावार भी अन्य के मुकाबले अधिक है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।
एक किलो बीज की कीमत चार सौ रुपये..
एक किलो बीज की कीमत करीब चार सौ रुपये है, जिससे एक बीघा में बुआई की जा सकती है। एक बीघा खेत को तैयार करने में करीब तीन से चार हजार रुपये का खर्चा आता है जबकि किसान 20 हजार प्रति बीघा तक मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी बुआई गर्मियों और बरसात दोनों ही सीजन में की जा सकती है।
उत्तराखंड में बीज सप्लाई करेगा केवीके..
काशीपुर में सफल परीक्षण के बाद केवीके बड़ी मात्रा में बीज तैयार कर रहा है। यहां से ऊधमसिंह नगर के अन्य हिस्सों, हरिद्वार, देहरादून, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में बीज सप्लाई किए जाएंगे। वहां के किसान अपने कृषि विज्ञान केंद्र से बीज लेकर खेती कर सकेंगे। केवीके में बीज तैयार किए जा रहे हैं। दिसंबर तक बीज तैयार हो जाएंगे और जनवरी तक उनकी प्रोसेसिंग करके पैकेजिंग की जाएगी। फरवरी और मार्च में हम उत्तराखंड के सभी केंद्रों पर बीज उपलब्ध करवाने लगेंगे। इसके बाद वहां के किसान अपने केंद्रों से बीज ले सकेंगे। किसान मेला में भी हमारे स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां से किसान बीजों को खरीद सकते हैं।
हरिद्वार में किशोरी जागरुकता अभियान कार्यक्रम, रेखा आर्य ने की शिरकत..
महालक्ष्मी किट को लेकर की बड़ी घोषणा..
उत्तराखंड: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से हरिद्वार में मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना सशक्त किशोरी सशक्त समाज के तहत किशोरी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का एसडीएम हरिद्वार अजय वीर सिंह और जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल सहित हरिद्वार की आंगनबाड़ी कार्यकर्तीओं ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
इस दौरान रेखा आर्य ने कहा उत्तराखंड में किशोरियों और महिलाओं के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम चलते हैं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत, हरिद्वार, में ब्लॉक स्तरीय किशोरी और महिलाओं के लिए अनुकूल स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक बनाए गए हैं। यह किशोरी शक्ति योजना किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। इसका मकसद किशोरियों और महिलाओं को अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराना है।उन्हें अपने जीवन की ज़िम्मेदारी उठाने में मदद करना है। सबला योजना भी 11 से 18 साल की किशोरियों के सशक्तीकरण के लिए शुरू की गई है। उत्तराखंड विभिन्न जिलों सहित हरिद्वार में भी इस योजना के तहत कई बाल विकास परियोजनाएं चल रही हैं।
यह अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘किशोरी शक्ति’ थीम पर आधारित है. इस अभियान के दौरान किशोरियों और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति डॉक्टर और डायटिशियनों और नुक्कड़ नाटकों द्वारा जागरुकता और जानकारी साझा की गई है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा विगत कई समय से महालक्ष्मी किट को लेकर लगातार मांग उठ रही थी। बेटी के जन्म की तरह ही बेटों के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट दी जाए। ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप सीएम धामी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है। जिसके तहत अब प्रथम दो प्रसव उसमें, चाहे पहली लड़की हो या लड़का दोनों को ही महालक्ष्मी किट से आच्छादित किया जाएगा।
T20 वर्ल्ड कप जीतने पर महिलाओं को पुरुषों जितनी मिलेगी प्राइज मनी, ICC का ऐतिहासिक फैसला..
देश-विदेश: पुरूष और महिला के बीच अक्सर भेदभाव की बात होती रहती है। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। क्रिकेट में बराबर सैलरी से लेकर टूर्नामेंट की प्राइज मनी तक, पुरूष और महिला क्रिकेट में इसको लेकर अक्सर भेदभाव देखा गया है। महिला क्रिकेट में पुरूष क्रिकेट के मुकाबले कम प्राइज मनी दी जाती है। इन मुद्दों को कई बार उठाया जा चुका है कि महिलाओं को भी पुरूष जितनी ही सैलरी और प्राइज मनी मिलनी चाहिए। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस भेदभाव को फाइनली खत्म कर दिया है। ICC ने ये ऐलान किया कि टी20 वर्ल्ड कप में महिलाओंं को पुरुष जितनी ही प्राइज मनी दी जाएगी।
ICC ने इस ऐलान के साथ बताया कि महिलाओं के टी20 वर्ल्ड कप के लिए इस बार 7,958,080 अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 66 करोड़ 30 लाख रुपए का प्राइज पूल रखा गया है। ये बीते साल हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप के प्राइज पूल से डबल है। महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ट्रॉफी जीतने वाली टीम को 2.34 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 20 करोड़ की प्राइज मनी दी जाएगी। बीते साल केवल 8.5 करोड़ की प्राइज मनी दी गई थी। तो वहीं रनरअप टीम को 10 करोड़ के करीब इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही टूर्नामेंट में भाग लेने वाली बाकी टीमों के भी प्राइज मनी में बढ़ोतरी हुई है।
कब शुरू होगा टूर्नामेंट..
ICC ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि “आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 पहला ऐसा आईसीसी इवेंट होगा जहां महिलाओं को पुरुषों के बराबर प्राइज मनी मिलेगी, जो खेल के इतिहास में एक अहम उपलब्धि है। बता दें कि टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआत तीन अक्टूबर से होने जा रही है। तो वहीं फाइनल मुकाबला 20 अक्टूबर को होगा। लीग 20 लीग मैच खेल जाएंगे। जिसके बाद दो सेमीफाइनल और एक फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। यूएई में ये टूर्नामेंट खेला जाएगा।
UKSSSC ने समूह-ग के 4,855 पदों का कैलेंडर किया जारी..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य में समूह-ग के 4,855 पदों पर भर्ती का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें कई विभागों में समूह-ग की 16 भर्तियों की प्रस्तावित परीक्षा तिथियां शामिल की गई हैं। इनमें से तमाम नई भर्तियां निकाली जानी हैं। राज्य आंदोलनकारी आरक्षण के हिसाब से पदों का रोस्टर तय होने के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा कैलेंडर जारी किया है। इसमें वन दरोगा, पुलिस कांस्टेबल, फॉरेस्ट गार्ड, कनिष्ठ सहायक जैसी बड़ी भर्तियां भी शामिल हैं। नए कैलेंडर के हिसाब से आयोग इस महीने से लेकर अगले साल सितंबर तक ये भर्ती परीक्षाएं कराएगा। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि परीक्षा कैलेंडर के हिसाब से भर्तियां कराई जाएंगी। बताया, ये सभी परीक्षा तिथियां संभावित हैं। इनमें परिवर्तन भी हो सकता है।
पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन पर CM धामी ने दी शुभकामनाएं..
उत्तराखंड: आज देश के पीएम नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन मनाया जा रहा हैं। पीएम मोदी अपने 74वें जन्मदिन पर जहां ओडिशा की राजदानी भुवनेश्वर के गड़कना में 26 लाख पीएम आवास घरों का उद्घाटन किया, वही सुभद्रा योजना का शुभारंभ भी किया। इधर देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन पर हुए ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम आयोजित है। देहरादून में ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने लोगों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई। इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड की जनता की ओर से मैं पीएम मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं उनकी लंबी उम्र की कामना करता हूं। उनके नेतृत्व में देश ने काफी तरक्की की है और आगे भी करता रहेगा।
आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। तब से समय-समय पर स्वच्छ भारत अभियान चलता है। इस बार 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम चलेगा। अभियान में स्वच्छता में जन भागीदारी, सम्पूर्ण स्वच्छता तथा सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वभाव स्वच्छता और संस्कार में स्वच्छता है। कहा गया है कि स्वच्छता और पवित्रता देवत्व के समीप है।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सभी जनपदों के सभी परंपरागत और चुनौतीपूर्ण कचरा स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित किया जाएगा। सामूहिक श्रमदान के माध्यम से इन स्थानों को साफ किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर और विकास खंड स्तर से इसकी सूचना प्राप्त कर फोटोग्राफ्स वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक उपक्रमों, गंदे स्थलों का चुनाव करके स्वच्छता लक्षित इकाई के रूप में चयन करते हुए एक अक्टूबर 2024 तक लगातार अभियान संचालन होगा। उत्तराखंड के सीएम धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता के लिए जनजागरूकता एवं जनभागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग प्रशासन के साथ मिलकर ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम को सफल बनाएं।
प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बनेंगे 13 मॉडल आयुष ग्राम, लगेंगे नियमित शिविर..
उत्तराखंड: प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल आयुष ग्राम बनाए जाएंगे। प्रदेशभर में 12 गांव चयनित कर विभाग ने आयुष गतिविधियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। आयुष ग्राम में नियमित रूप से आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी चिकित्सा के शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही गांव के लोगों को औषधीय पौधे भी दिए जाएंगे। उत्तराखंड स्टेट आयुष मिशन सोसायटी ने आयुष ग्राम के साथ योग वेलनेस केंद्र बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर गाइडलाइन जारी की है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रत्येक आयुष ग्राम को हर वर्ष तीन लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इन गांवों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही गांव में रहने वाले सभी परिवारों को औषधीय पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। लोगों को आयुर्वेद व योग के प्रति जागरूक करने के लिए सप्ताह और महीने में शिविर लगेंगे।
गांव के प्रवेश द्वार पर आरोग्य सदन श्लोगन का वॉल पेटिंग की जाएगी। इस बाबत अपर सचिव आयुष विजय कुमार जोगदंडे का कहना हैं कि प्रदेश में आदर्श आयुष ग्रामों का चयन कर लिया गया है। शीघ्र ही इन गांवों में आयुर्वेद गतिविधियां शुरू करने को गाइडलाइन तैयार की जाएगी। आयुष ग्राम में रहने वाले लोगों को आयुष के प्रति जागरूक करने के साथ हर सुविधाएं दी जाएंगी।
ये बनेंगे आयुष ग्राम..
अल्मोड़ा में हवालबाग ब्लाक में शाला रौतेला गांव, बागेश्वर में कपकोट ब्लाक में कर्मी गांव, चमोली में देवाल ब्लाक में घेस, चंपावत ब्लाक में सैलानी गोथ, देहरादून के रायपुर ब्लाक में क्यारकुली भट्टा, हरिद्वार के लक्सर ब्लाक में सुभाषगढ़, नैनीताल के भीमताल में नौकुचियाताल, पौड़ी के खरसू ब्लाक में पोखरी, पिथौरागढ़ के मुनाकोट ब्लाक में माजिरकंडा, रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में पोंथी गांव, टिहरी के नरेंद्रनगर ब्लाक में देयूली गांव, ऊधमसिंह नगर के काशीपुर ब्लाक में प्रतापपुर, उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के हर्षिल गांव।