एम्स ऋषिकेश में अब केवल तीन घंटे ही बनेंगे पर्चे, आज सुबह से लागू हुई नई व्यवस्था..
उत्तराखंड: एम्स ऋषिकेश ने ओपीडी पंजीकरण समय में आंशिक बदलाव कर इसे एक घंटा कम कर दिया है। मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने तक ओपीडी में रोगियों का पंजीकरण अब सुबह सात से दस बजे तक रहेगा। यह व्यवस्था आज सुबह से लागू की गई है और हड़ताल समाप्त होने तक जारी रहेगी।
कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर की हत्या के विरोध में इन दिनों देश भर के अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की हड़ताल का असर अन्य अस्पतालों सहित एम्स ऋषिकेश की चिकित्सीय सेवाओं पर भी पड़ा है। इस समस्या को देखते हुए एम्स अस्पताल प्रशासन ने हड़ताल के चलते अग्रिम आदेशों तक ओपीडी पंजीकरण के समय में बदलाव किया है।
जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि सामान्य दिनों में दैनिक तौर पर ओपीडी पंजीकरण का समय सुबह सात से 11 बजे तक रहता है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए शुक्रवार से यह इस समय में परिवर्तन कर इसे एक एक घंटा कम कर दिया गया है। बताया कि ओपीडी प्रभावित न हो इसके लिए फैकल्टी सदस्यों को ओपीडी में अधिक से अधिक समय देने को कहा गया है। उन्होंने इस विपरीत परिस्थितियों में आम लोगों व अस्पताल आने वाले रोगियों से भी सहयोग की अपील की है।
अडानी महाघोटाले समेत इन तीन मुद्दों पर कांग्रेस का जन आंदोलन अभियान..
देश-विदेश: दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को उपस्थिति में मंगलवार कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें पार्टी की भविष्य की रणनीति पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी द्वारा आगामी समय में किए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। उन्होंने संसद में उठाए जाने वाली तीन मांगों को प्रमुखता से रखते हुए इस पर पार्टी की रणनीति क्या होनी चाहिए पर सभी को दिशा-निर्देश दिए हैं।
1- अडानी महाघोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाए। क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री पूरी तरह से शामिल हैं और इसमें वित्तीय बाजार नियामक द्वारा भी गंभीर रूप से समझौता किए जाने की जानकारी मिली है।
2- केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराई जाए।
3- भारत के संविधान के प्रति पूरी और सच्ची सम्मान की भावना – विशेष रूप से इसके आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रावधानों के संदर्भ में – शाब्दिक और वास्तविक रूप से होनी चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश भर में तीनों मुद्दों पर चलाएगी जन आंदोलन..
अगले कुछ हफ्तों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश भर में इन तीनों मुद्दों पर जन आंदोलन अभियान चलाएगी। इसके साथ ही बैठक में भारत सरकार से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर लक्षित हमलों को रोकने और उन्हें सुरक्षा, सम्मान और सद्भाव का जीवन जीने में सक्षम बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान किया गया।
वायनाड के भूस्खलन को घोषित किया जाए राष्ट्रीय आपदा..
बैठक में वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया गया और अपनी संवेदना व्यक्त की गई। बैठक में इस घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की राहुल गांधी की मांग को फिर से दोहराया गया। दिल्ली में हुई कांग्रेस की बैठक को लेकर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि बैठक में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा सहित सभी प्रदेश अध्यक्षगण, महासचिव और प्रभारीगण उपस्थित थे।
विस में आएगा लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक, दंगाइयों पर कसी जा सकेगी नकल..
उत्तराखंड: लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 को अब विधेयक के रूप में विस के पटल पर रखा जाएगा, ताकि इस कानून को कड़ाई से लागू कर दंगाइयों पर नकेल कसी जा सके। मंगलवार को हुई कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई है। अभी तक प्रदेश में पुराना लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम लागू था। इसके तहत सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले से इसकी भरपाई और इसके सापेक्ष सजा का प्रावधान था, लेकिन पिछले दिनों इस संबंध में उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 लाया गया।
इसके तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से इसकी वसूली करने का प्रावधान किया गया था। एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकता है। इस दावे का निस्तारण भी निश्चित समय में किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वालों से हो सके। यही नहीं यदि किसी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेता से की जाएगी।
नई पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना- प्रदेश में ऐसे बढ़ेगा निवेश..
उत्तराखंड: पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए राज्य के छोटे निवेशकों और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने नई पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना से राज्य में होटल, रिजॉर्ट, रेस्टोरेंट, स्पाॅ, क्रूज बोट, योग सेंटर, जलक्रीड़ा पार्क समेत अन्य आतिथ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ने के साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना में पूंजी निवेश की सीमा एक से पांच करोड़ रुपये रखी गई है।
योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के स्थानीय लोगों को न्यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार की शर्त रखी है। इसके साथ ही निवेश प्रोत्साहन के लिए क्षेत्र वार श्रेणी निर्धारित की गई। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने पर अधिकतम 1.50 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया, जबकि मैदानी क्षेत्रों में निवेश करने पर अधिकतम 80 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
प्रोत्साहन के लिए ये तीन श्रेणियां..
पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना में सब्सिडी का लाभ लेने के लिए तीन श्रेणियां बनाई गईं हैं।
ए श्रेणी- हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिले का संपूर्ण क्षेत्र, देहरादून के कालसी, चकराता व त्यूनी तहसील को छोड़कर, अल्मोड़ा जिले के रानीखेत और अल्मोड़ा तहसील में पूंजी निवेश का 15 प्रतिशत या अधिकतम 80 लाख की सब्सिडी व प्रतिवर्ष ब्याज दर में प्रतिशत चार लाख तक प्रतिपूर्ति और स्टाम्प शुल्क में शत प्रतिशत छूट दी गई।
बी श्रेणी- अल्मोड़ा जिले के रानीखेती व अल्मोड़ा तहसील को छोड़कर शेष क्षेत्र, देहरादून का कालसी, चकराता, त्यूनी, बागेश्वर में गरुड़ तहसील, पौड़ी में कोटद्वार, लैंसडोन, यमकेश्वर, धूमाकोट तहसील, टिहरी में धनोल्टी व नरेंद्र नगर तहसील शामिल हैं। इन क्षेत्रों में कुल पूंजी निवेश का 25 प्रतिशत या अधिकतम 1.20 करोड़ की सब्सिडी, ब्याज दर में प्रतिवर्ष पांच लाख व स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी।
सी श्रेणी- उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ जिले का संपूर्ण क्षेत्र, बागेश्वर, पौड़ी व टिहरी जिले का वह क्षेत्र जो बी श्रेणी में नहीं है। इस क्षेत्र में निवेश करने पर 30 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 करोड़ की सब्सिडी, ब्याज दर में प्रतिवर्ष छह लाख प्रतिपूर्ति व स्टांप शुल्क में छूट का लाभ मिलेगा।
प्रदेश में पर्यटन विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। योजना में वित्तीय प्रोत्साहन का लाभ लेने वाले उद्यमियों को 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देना होगा। यह योजना 2030 तक लागू रहेगी।
बाबा रामदेव को SC से राहत,भ्रामक विज्ञापन मामले में अवमानना की कार्यवाही बंद..
उत्तराखंड: पतंजलि एड केस में बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली हैं। योग गुरु रामदेव को जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट से खूब फटकार पड़ी थी, वह फाइल अब बंद हो गई है। जी हां, पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों के मामले में उनकी माफी स्वीकार कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हमने उनके (स्वामी रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण) माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। हमने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी फिर ऐसा ना करें, जैसा इस मामले में हुआ है। इस मामले में दिये गये हलफनामे पर पूरी तरह से पालन किया जाये। बता दें कि रामदेव अदालत में मौजूद होकर इस मामले में पहले माफी मांग चुके हैं।
योग गुरु रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से पैरवी करने वाले वकील गौतम तलुकदार ने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है। इससे पहले 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ कथित तौर पर दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में पतंजलि और योग गुरुराम देव को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी थी। अखबार में माफीनामा छपवाने का भी आदेश जारी हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इसके बाद किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। खासकर कंपनी द्वारा बनाए और मार्केट में लाए गए प्रोडक्ट्स के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित। साथ ही किसी भी रूप में मीडिया में चिकित्सीय प्रभाव या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ दावा करने वाले बयान जारी नहीं किए जाएंगे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड इस तरह के आश्वासन के लिए बाध्य है। विशिष्ट आश्वासन का पालन न करने और बाद में फर्म द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों से सुप्रीम कोर्ट बेहद नाराज हो गया था। इसके बाद कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
पांच साथियों और तीन गाइड के साथ अवाना बुग्याल ट्रैक पर गई गाजियाबाद की ट्रैकर बही..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी में स्थित झाला से अवाना बुग्याल ट्रैक पर एक गाकीगाड़ को पार करते समय पैर फिसलने से गाजियाबाद की महिला ट्रेकर बह गई। यह ट्रैकर अपने पांच साथियों व तीन गाइड के साथ ट्रैकिंग के लिए गई थी। हादसे की सूचना पर राजस्व सहित वन विभाग, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। हालांकि अधिकारियों ने इसे अभी प्रारंभिक सूचना ही बताया है।
आपको बता दे कि गत रविवार को हर्षिल घाटी के झाला से अवाना बुग्याल ट्रैक पर छह ट्रैकर व तीन गाइड ट्रैकिंग के लिए रवाना हुए थे। सोमवार शाम लगभग चार बजे इस ट्रेकिंग दल में शामिल दिव्या नागर (26) निवासी गाजियाबाद गाकीगाड़ को पार कर रही थी। इस दौरान दिव्या का पैर फिसल गया और वह बह गई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि अभी बरसात के चलते किसी ट्रैक पर ट्रैकर दल को जाने की अनुमति देने से वन विभाग ने मना किया है।
उनका कहना हैं कि देहरादून से किसी ने कॉल कर हादसे की जानकारी दी और यह अभी प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है, जिसकी वन विभाग को जांच कर पुष्टि करने को कहा गया है। बताया कि सूचना पर उक्त स्थान के लिए राजस्व उप निरीक्षक झाला, एसडीआरएफ भटवाड़ी, पुलिस, वन विभाग की टीम को सूचित कर दिया गया है। अवाना बुग्याल झाला से मात्र करीब पांच से छह किमी की दूरी पर है। इधर, गढ़वाल हिमालयन ट्रैकिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष जयेंद्र राणा का कहना हैं कि उनकी एसोसिएशन से जुड़ी कोई भी ट्रैकिंग व माउंटेनियरिंग एजेंसी या कंपनी का दल इस ट्रैक पर नहीं गया है। उन्होंने किसी स्थानीय व्यक्ति के बिना अनुमति इस ट्रैक पर पर्यटकों को ले जाने की बात कही।
जीबी पंत विवि ने NIRF की ओर से जारी रैंकिंग में पाया 88वां स्थान..
उत्तराखंड: जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने वर्ष 2023-24 की एनआईआरएफ रैंकिंग में ऊंची छलांग लगाते हुए देश के सौ सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में अपना स्थान बनाया है। इतना ही नहीं देश के कृषि श्रेणी के विश्वविद्यालयों में अपने पूर्व के आठवें स्थान को भी बरकरार रखने में सफलता हासिल की है। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने सोमवार को देश के लगभग 1200 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की है। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि ने देश के विश्वविद्यालयों की ओवरऑल रैंकिंग में 88वां स्थान पाया है। आपको बता दें कि पंत विवि पिछले लगभग एक दशक से टाॅप-100 में जगह नहीं बना पा रहा था।
देश में राज्य सरकार के अधीन विश्वविद्यालयों की श्रेणी में पंत विवि ने 38वां स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही देश में कृषि श्रेणी के विश्वविद्यालयों में पंत विवि ने अपना पूर्व का आठवां स्थान बरकरार रखा है। विवि की इस उपलब्धि पर कुलपति डाॅ. मनमोहन सिंह चौहान, कुलसचिव डाॅ. दीपा विनय, निदेशक शोध व अन्य अधिकारियों ने सभी वैज्ञानिकों, कर्मियों और विद्यार्थियों को बधाई देते हुए रैंकिंग को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयास की जरूरत बताई है। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में एक है। यहां के वैज्ञानिक और छात्र इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। वैज्ञानिकों और छात्रों के सहयोग से प्रकाशित शोध पत्रों का देश के अन्य विश्वविद्यालयों से तुलना में सर्वश्रेष्ठ होने के कारण पंतनगर विवि देश के टाॅप-10 विश्वविद्यालयों में शुमार होता है।
उत्तराखंड के 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने की सावधानी बरतने की अपील..
उत्तराखंड: प्रदेश में सोमवार को भी पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक मेघ बरसने की संभावना हैं। मौसम विभाग ने देहरादून समेत छह जिलों के लिए तेज बारिश का अलर्ट जारी कर सावधानी बरतने की अपील की है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को राजधानी देहरादून समेत टिहरी, चमोली, चंपावत, नैनीताल और बागेश्वर जिले के कुछ इलाकों में तेज बारिश के आसार हैं। जिसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि अन्य जिलों में भी तेज बारिश की संभावना है। जिसे देखते हुए सावधानी बरतने की अपील की है।
मौसम विभाग ने तेज बारिश की चेतावनी जारी कर लोगों को सतर्क रहने के साथ ही आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी है। बता दें आने वाले कुछ दिन में प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश के आसार हैं। जिससे नदी नालों के उफान में आने की संभावना देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
प्रदेश सरकार ने केंद्र के सामने रखा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने केंद्र के सामने राज्य की 37000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के साथ वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में राज्य की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इसका प्रस्ताव रखा। सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने राज्य में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
बताया कि राज्य में 41138 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें लगभग 37000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 9300 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। इनके मानदेय को बढ़ाए जाने के साथ ही उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों को बढ़ाया जाए, अनुपूरक पोषाहार की धनराशि में भी वृद्धि की जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के वित्तीय मानकों में बढ़ोतरी की जाए। विभागीय मंत्री का कहना हैं कि केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए समुचित प्रयास का आश्वासन दिया।
टिहरी झील से नई टिहरी के लिए लगेगी ट्रॉली, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: टिहरी झील उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलनियों के लिए एक मनपसंद पर्यटक स्थल है। यहां पर लोग प्रकृति का आनंद उठाते हुए बोटिंग के साथ ही कई अन्य वाटक स्पोर्टस का मजा लेते हैं। लेकिन अब एक सुविधा यहां आने वाले पर्यटकों को मिलने जा रही है। टिहरी झील वॉटर एडवेंचर स्पोर्टस में अपनी अलग पहचान बना रही है। दूर दराज से पर्यटक भी लहरों के रोमांच का लुत्फ उठाने टिहरी झील पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
अब टिहरी झील के साथ साथ आसपास के क्षेत्र और नई टिहरी शहर को भी पर्यटन सर्किट से जोड़ने की योजना के तहत टिहरी झील से ट्राली लगाने की योजना है। बता दें कि टिहरी झील से नई टिहरी शहर के लिए ट्रॉली लगाई जाएगी। टिहरी झील से नई टिहरी शहर के लिए लगने वाली ट्रॉली के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि टिहरी झील पहुंचने वाले पर्यटक ट्राली के जरिए नई टिहरी शहर तक पहुंचेंगे। जिससे टिहरी शहर में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू हो पाएंगी। इस सेवा के शुरू होने से टिहरी में पर्यटन को नए पंख लगेंगे।