कल से नयार वैली में एडवेंचर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आगाज, साहसिक और धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: पौड़ी गढ़वाल जिले में एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को तलाशने और क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल और पर्यटन विभाग 23 से 25 अक्टूबर तक नयार घाटी फेस्टिवल का आयोजन कराने जा रहा है। यह आयोजन देवप्रयाग के पास व्यास घाट क्षेत्र में साहसिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, जिससे जनपद में पर्यटन को एक नई पहचान मिले और पौड़ी को पर्यटन मानचित्र पर उभारा जा सके।
इस फेस्टिवल में साहसिक गतिविधियों को प्रमुख रूप से स्थान दिया जाएगा, जिनमें राफ्टिंग, गंगा पथ ट्रेकिंग और फिश एंगलिंग जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। साहसिक पर्यटन के साथ ही धार्मिक पर्यटन को भी खास महत्व दिया गया है। रोजाना देवप्रयाग में गंगा आरती की जाएगी, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। तीन दिन तक चलने वाले फेस्टिवल के दौरान नयार घाटी पर्यटकों से गुलजार रहेगी। पौड़ी गढ़वाल जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान का कहना हैं कि इस फेस्टिवल के जरिये नयार घाटी में टूरिस्टों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही पूरी घाटी को “ओम वैली” के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के साधन भी सृजित होंगे।
जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल आशीष चौहान ने कहा कि नयार घाटी फेस्टिवल में बड़ी संख्या में पर्यटक और साहसिक खेलों में रुचि रखने वाले लोग पहुंचेंगे, जिससे पर्यटन को काफी हद तक बढ़ावा मिलेगा। साहसिक पर्यटन के साथ-साथ जिले में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है। इसके लिए पौराणिक समय में चारधाम यात्रा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले यात्रा मार्ग और गंगा पथ पर पर्यटकों को सैर करवाई जाएगी। इससे पर्यटक न केवल गंगा पथ के बारे में जान सकेंगे, बल्कि यह भी समझ पाएंगे कि पौराणिक समय में चारधाम यात्रा कहां से शुरू होती थी। इस पहल से गंगा पथ पर स्थित क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह क्षेत्र दोबारा पर्यटन के मानचित्र पर उभर सकेगा।
उत्तराखंड दौरे पर साउथ फिल्म एक्टर मोहन बाबू, सीएम धामी से की मुलाकात, फिल्म नीति को सरहाया..
उत्तराखंड: साउथ फिल्म एक्टर मोहन बाबू ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। बाबा केदारनाथ धाम यात्रा की पर आए मोहन बाबू ने सीएम से मुलाकात कर उत्तराखंड फिल्म नीति पर चर्चा की. साथ ही राज्य में फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए सीएम का आभार भी जताया। एक्टर मोहन बाबू का कहना हैं कि उत्तराखंड की फिल्म नीति का फिल्मों को बढ़ावा देने का बेहतर प्रयास है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य फिल्मांकन के लिहाज से काफी बेहतर हैं।
वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य में फिल्मांकन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म नीति के तहत फिल्मकारों की आवश्यक सहयोग और सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। हमारी फिल्म नीति, राज्य के पर्यटन स्थलों को देश और दुनिया में पहचान दिलाने में सफल हो, इसके लिए भी सरकार प्रयास कर रही है। राज्य में फिल्मों को बढ़ावा देकर, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश के युवाओं को भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को पहचान दिलाने में सफलता मिलेगी।
आपको बता दे कि उत्तराखंड की नई फ़िल्म नीति में फ़िल्मों के लिए पहले अधिक से अनुदान की राशि को शामिल किया गया है। ओटीटी प्लेटफ़ार्म पर रिलीज़ फ़िल्मों और वेब सीरीज को भी अनुदान की व्यवस्था है। इसके साथ ही नई फ़िल्म नीति में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद, पर्यटन विभाग के साथ मिलकर नये शूटिंग डेस्टिनेशंस को भी लगातार चिन्हित कर रहा है। जिससे राज्य में नये शूटिंग डेस्टिनेशंस को बढ़ावा मिल सकें। इसके साथ ही फिल्मों के जरिए उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का भी प्रचार हो सके।
हेमकुंड साहिब यात्रा निर्विघ्न संपन्न होने पर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री धामी का जताया आभार..
उत्तराखंड: हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा की निर्विघ्न सफलता पर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने यात्रा व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने में सीएम धामी द्वारा समय समय पर दिए निर्देशों के प्रति भी उनका आभार व्यक्त किया है। बिन्द्रा ने इसके लिए बरसात के दौरान यात्रा मार्गों को त्वरित रूप से आवाजाही के लिए खोले जाने के प्रति राज्य सरकार एवं चमोली जिला प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया है।
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा का कहना हैं कि चारधाम सहित हेमकुंड यात्रा प्रदेश के पर्यटन की रीढ़ है। यहां आने वाले यात्रियों को आवश्यक सुविधायें उपलब्ध होने से सुखद यात्रा का संदेश भी देश दुनिया में गया है। इसके लिए भी सीएम एवं राज्य सरकार का हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट तहेदिल से आभार व्यक्त करता है। बता दें इस वर्ष हेमकुंड साहिब यात्रा 25 मई को प्रारंभ हुई थी और 10 अक्टूबर को यात्रा का समापन हुआ था।
उत्तराखंड में एमबीबीएस-बीडीएस दाखिलों की काउंसलिंग फंसी, एचएनबी मेडिकल विवि ने की स्थगित..
उत्तराखंड: प्रदेश में एमबीबीएस, बीडीएस दाखिलों की नीट यूजी तीसरे चरण की काउंसलिंग लटक गई है। एचएनबी मेडिकल विवि को इसका सीट आवंटन शुक्रवार को करना था, लेकिन आवंटन के बजाए विवि ने अपरिहार्य कारणों से काउंसलिंग स्थगित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। विवि के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। बता दे कि हाल ही में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को 100 सीटें मिली हैं। इसमें से 84 सीटें राज्य कोटे के तहत आवंटित की जानी थी। सरकार इस कॉलेज को पीपीपी मोड में संचालित करना चाहती है।
इसके लिए अंदरखाने यूपी के एक निजी विवि पर सहमति बन गई है, लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर ये नहीं पता कि पीपीपी मोड में कौन इस कॉलेज को संचालित करेगा। एमबीबीएस का शुल्क सरकारी लिया जाएगा या फिर संबंधित निजी विवि का शुल्क अलग होगा, निजी विवि पूरी सीटें सरकारी शुल्क पर भरेगा या फिर कुछ ही सीटें, ऐसे में अगर राज्य के मेधावियों को सीटें आवंटित हो गईं और शुल्क पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तो बड़ी परेशानी पेश आ सकती है।
वही एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज शुक्रवार को शाम पांच बजे विवि एमबीबीएस सीट आवंटन की तैयारी में था। इस बीच एक शासनादेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि इस मेडिकल कॉलेज की 15 प्रतिशत सीटें एनआरआई कोटे की होंगी। लिहाजा, अब विवि को सीट आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। 15 प्रतिशत सीटें अलग करके आवंटन करना होगा।
सीएम धामी ने नीति आयोग संग की बैठक, बोले- हिमालयी राज्यों के हिसाब से नीतियां बनाएं..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के दौरे पर आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी से पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुई नीतियों का निर्धारण करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने वाली नीति बनाने का भी आग्रह किया। सीएम राज्य सचिवालय में आयोग उपाध्यक्ष के साथ विभागीय बैठक के दौरान अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड में पर्वतीय, मैदानी,भाबर और तराई क्षेत्र हैं। राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने से उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने पलायन रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। बाढ़, भूस्खलन, अतिवृष्टि व वनाग्नि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से राज्य को हर साल जन-धन की काफी हानि होती है।
कहा कि राज्य में विकसित किया गया अवस्थापना प्राकृतिक आपदाओं से काफी प्रभावित होता है। उन्होंने राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने की अपील की। आयोग उपाध्यक्ष ने सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
नदी जोड़ो परियोजना के लिए तकनीकी सहयोग मांगा..
सीएम धामी का कहना हैं कि नदी जोड़ो परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नीति आयोग से सहयोग की अपील की। कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना दीर्घकाल में गेम चेंजर साबित होगी। इस योजना के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है। उत्तराखंड की जनसंख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है। लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने आयोग से राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बनाने का अनुरोध किया।
सशक्त उत्तराखंड बनाने के लिए रोडमैप साझा किया..
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखंड के तहत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किए है।
दिल्ली पहुंचीं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ‘उत्तराखंड निवास’ की तैयारियों का लिया जायजा..
उत्तराखंड: दिल्ली में छह नवंबर को नवनिर्मित उत्तराखंड निवास का शुभारंभ होने जा रहा है। इससे पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी दिल्ली पहुंचीं और उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम के विजन के अनुरूप राज्य स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। यह आयोजन दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंड मूल के अधिकारियों, कार्मिकों और प्रवासियों की भागीदारी से किया जाएगा। बैठक में सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुन्दरम, परियोजना प्रबंधक राकेश चन्द तिवारी, सहायक अभियन्ता प्रमोद कुमार कोठियाल और उत्तराखंड सदन के विशेष कार्याधिकारी रंजन मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए, ताकि आयोजन भव्य और प्रभावी हो।
उपनल कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी..
उत्तराखंड: उपनल कर्मचारी मामले में एक बार फिर से सरकार सुप्रीम कोर्ट पुर्नविचार याचिका दायर कर सकती है। जिस पर उपनल कर्मियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ऐसा होता है तो वो सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। उपनल कर्मचारी मामले में बीते दिनों उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सरकार ने पुर्नविचार याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद से उपनल कर्मचारियों में खुशी की लहर है। लेकिन सरकार के एक बयान ने फिर से उपनल कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार का कहना है कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का परीक्षण करवाया जा रहा है। जिस से साफ है कि सरकार इस मामले में रिव्यू पिटिशन के मूड में नजर आ रही है।
सरकार के रिव्यू पिटीशन की मंशा को जाहिर करने पर उपनल कर्मियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर पुर्नविचार याचिका दायर हुई तो वो सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही उनका कहना है कि संगठन की ओर से प्रदेशभर में आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है। जहां एक ओर रिव्यू पिटीशन की मंशा ने उपनल कर्मियों की टेंशन बढ़ा दी है। तो वहीं दूसरी ओर उपनल कर्मचारियों को सरकार का सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाने का भी डर है। उन्हें ये डर सता रहा है कि कहीं सरकार इस फैसले के खिलाफ अध्यादेश ना ले आए।
उत्तराखंड में राजस्व बढ़ाने को लेकर बैठक, नवाचार और कर संग्रहण में वृद्धि पर जोर..
उत्तराखंड: सचिवालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वित्तीय मितव्ययता को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसी दौरान सीएम धामी ने सभी विभागों को राजस्व संग्रहण में वृद्धि करने के लिए नए तरीके और रणनीति पर काम करने के निर्देश दिए गए। सीएम ने कहा कि कर संग्रहण प्रक्रिया में और सुधार के साथ-साथ कर चोरी रोकने के लिए नियमित कड़े कदम उठाये जाएं। ये सुनिश्चित किया जाए कि विकास और जनहित से जुड़े तमाम कार्यों का आमजन को पूरा लाभ मिले। कार्यों में मितव्ययता के साथ गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए, क्योंकि सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन राज्य सरकार का मूल मंत्र हैं।
खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों की सीएम ने सराहना की, क्योंकि इस वर्ष खनन क्षेत्र में पहली छमाही में पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 फीसदी है। सीएम धामी का कहना हैं कि एसजीएसटी, परिवहन, आबकारी, वानिकी और ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था से निवेश, आर्थिक गतिविधियां और राज्य के कर एवं करेत्तर आय में वृद्धि होती है। इसी प्रकार पॉलिसी इंटरवेंशन से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है और मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नई नीतियों और जिन नीतियों में संशोधन किया गया है, उनका असर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखे।
सीएम धामी ने कहा कि नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच (Holistic Approach) के साथ कार्य किए जाएंं। मितव्ययता से आशय यह नहीं है कि हम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करें। हमारी रणनीति होगी कि हम लोक कल्याण के कार्यों को और बेहतर ढंग से कर सकें।उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और लोक कल्याणकारी कार्यों को करने के लिए आवश्यक है कि हम राज्य के संसाधनों में वृद्धि करें। बड़ी परियोजनाओं का सही ढ़ंग से लागत और लाभ का विश्लेषण करें। मितव्ययता के लिए उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक व्यय में कटौती, और संसाधनों का सही उपयोग करना है।
पिछले 20 महीने में राज्य की जीएसडीपी में 1.3 गुना वृद्धि हुई है। दो सालों में राज्य के प्रति व्यक्ति आय में 26 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 5 हजार रुपए थी। 2023-24 में यह बढ़कर 2 लाख 60 हजार रुपए हो गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य ने 34 प्रतिशत की वृद्धि पूंजीगत कार्यों में की है। पहली बार 10 हजार करोड़ से अधिक के पूंजीगत काम प्रदेश में हुए. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के कर राजस्व में 12.52 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस साल 16.96 फीसदी की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में राज्य राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये किये जा रहे प्रयासों, प्रतिबद्ध और गैर प्रतिबद्ध व्यय की प्रवृत्ति, महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता, राजकोषीय संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में डीपीआर बनाने से लेकर परियोजना पूरा करने तक पूंजीगत परियोजनाओें के कार्य की ई-मॉनिटरिंग, ई-गवर्नेंस का उपयोग और राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, रिकार्ड, दस्तावेज और सेवाएं देने हेतु पेपरलेस विधि का उपयोग और ई-वाहन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। सीएम धामी ने निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए। नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए।
महिलाओं को मिलेगी मजबूती की सौगात, कैबिनेट में पेश होगा महिला नीति का प्रस्ताव..
उत्तराखंड: राज्य महिला नीति-2024 को नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर महिलाओं के लिए समर्पित की जा सकती है। महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने बुधवार को महिला नीति के ड्राफ्ट की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को नीति में शामिल करने का सुझाव दिया।बैठक में मंत्री ने महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिला नीति में सभी पहलुओं को शामिल करके शीघ्र प्रस्ताव तैयार किया। ये प्रस्ताव नौ नवंबर से पहले कैबिनेट के सामने पेश करने की कोशिश है, ताकि कैबिनेट की मुहर लगने के बाद राज्य स्थापना दिवस पर महिलाओं को समर्पित किया जा सके।
मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि चाइल्ड ऐबयूज, पॉर्नोग्राफी, डीपफेक वीडियो और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुडी गंभीर समस्याओं के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य, ड्रग एडिक्शन और देह व्यापार में धकेल दी गई माहिलाओं के पुनर्वास जैसे विषयों को भी इस नीति में जगह दी जाएगी। इसका मतलब है कि अगर किसी महिला को इन मुद्दों का सामना करना पड़ता है तो उसे नीतिगत साहयता मिलेगी। मीडिया से बातचीत करते हुए महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि महिला नीति हमारी बहन बेटियों का ना केवल आर्थिक सशक्तीकरण सुनिश्चित करेगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।
सीएम धामी ने नैनीताल में 18 योजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने नैनीताल को दी बड़ी सौगात है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल में 494 प्रभावितों को एक अरब 95 करोड़ 51 लाख 67 हजार रूपए की धनराशि उनके खाते में ऑनलाइन डाली गई। शेष लाभार्थियों को भी शीघ्र ही धनराशि उनके खाते में सत्यापन के उपरान्त डाल दी जाएगी जिसकी कार्रवाई चल रही है। राज्य सरकार द्वारा परियोजना से विस्थापित परिवारों को उनके पुनर्वास के लिए जनपद उधम सिंह नगर के प्रयाग फार्म स्थित ग्राम गडरियाबाग में 300.5 एकड़ भूमि सिंचाई विभाग को निशुल्क आवंटित की गई है। ये भूमि इंडस्ट्रियल एरिया में दी गई है, जिसका सर्वांगीण विकास किया जाएगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जमरानी बांध परियोजना के प्रभावित के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के लिए, राज्य के अच्छे भविष्य के लिए, आसपास के क्षेत्र के अच्छे भविष्य के लिए अपने भविष्य को इस परियोजना को समर्पित कर दिया। सीएम धामी का कहना हैं कि जमरानी बांध परियोजना से प्राप्त 117 एमएलडी पानी से हल्द्वानी शहर की वर्ष 2051 की आबादी को देखते हुये इस पेयजल योजना से आपूर्ति की जाएगी। जमरानी परियोजना बनने से भूजल का स्तर बढेगा तथा रोजगार भी सृजित होगा। इस योजना से जहां पेयजल की आपूर्ति होगी वही नैनीताल-उधमसिह नगर के किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी मिलेगा। उन्होनें कहा हल्द्वानी शहर के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2000 करोड़ की लागत से विकास कार्य हो रहे हैं। जल्द ही हल्द्वानी महानगर एक आधुनिक और भव्य नगर के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड एवं उत्तरप्रदेश संपत्ति के लंबित बटवारे का समाधान कर दिया गया है।
जमरानी बांध परियोजना वर्ष 2029 तक पूर्ण कर ली जाएगी। उनका कहना हैं कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बालविकास, महिला विकास, कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। उत्तराखंड में निवेशकों को एक विशेष माहौल दिया जा रहा है। मानस खण्ड योजना के अन्तर्गत कुमाऊं एवं गढ़वाल के मन्दिरों को इससे जोड़ा जा रहा है साथ ही आज उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को देश व विदेशों में बढावा दिया जा रहा है जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत हो रही है।प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत करने हेतु कार्य किए जा रहे हैं। लखपति दीदी योजना के अन्तर्गत महिलाओं को 1 लाख की धनराशि दी जा रही है। इसके साथ ही सरकारी भर्ती प्रक्रिया में 30 प्रतिशत मातृशक्ति की भागेदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार शीघ्र ही समान नागरिक संहिता कानून लागू करने जा रही है, जो महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड देश का अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।