उत्तराखंड बनेगा शहद उत्पादन का हब, हर वर्ष सजेगा शहद महोत्सव..
उत्तराखंड: मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर में शहद निष्कासन कार्य किया गया। जिसमें पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला किया गया। इस बार लगभग 200 किलोग्राम तक शहद निकालने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम धामी ने इस पहल को पायलट प्रोजेक्टके रूप में लेते हुए शहद महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बी-कीपिंग कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए उद्यान विभाग को शहद महोत्सव आयोजित करने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसमें मधुमक्खी द्वारा तैयार किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट महोत्सव में रखने और हर साल शहद महोत्सव की एक तिथि भी निर्धारित करने के लिए कहा है।
सीएम धामी का कहना हैं कि उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां विभिन्न प्रकार के फूलों की प्रजातियां उपलब्ध हैं, जो जैविक शहद उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। सीएम धामी ने कहा पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाला शहद तैयार करने के लिए लोगों प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।
पहाड़ों में दूर होगी शिक्षकों की कमी, 789 अतिथि प्रवक्ताओं की जल्द होगी नियुक्ति..
उत्तराखंड: विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में जल्द ही 789 और अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। प्रवक्ता संवर्ग के इन शिक्षकों की नियुक्ति प्रदेश के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में कला वर्ग के विभिन्न विषयों के लिए की जाएगी। इस संबंध में प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को तत्काल जिला एवं विषयवार अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार ने उत्तराखंड के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रवक्ता संवर्ग के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया था। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और राज्य लोक सेवा आयोग से प्रवक्ता शिक्षकों के मिलने में हो रही देरी को देखते हुए एक बार फिर कला वर्ग में 789 और अतिथि प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी। जिसमें हिन्दी विषय में 193, भूगोल 90, अर्थशास्त्र 194, नागरिकशास्त्र 217 तथा इतिहास विषय में 95 अतिथि शिक्षक शामिल है।
मेरिट के आधार पर मिलेगी नियुक्ति..
आपको बता दें इन सभी अतिथि प्रवक्ताओं को मेरिट के आधार पर जिले आवंटित किए गए हैं, जहां उन्हें विभिन्न राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में संवर्गवार और विषयवार नियुक्ति दी जाएगी। जिसमें चमोली में विभिन्न विषयों के 101 अतिथि प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी। इसी तरह पिथौरागढ़ में 98, पौड़ी 154, अल्मोड़ा 90, उत्तराकशी 22, टिहरी 61, नैनीताल 39, चम्पावत 44, बागेश्वर 55, रूद्रप्रयाग 61, देहरादून 19, ऊधमसिंह नगर 42 तथा हरिद्वार में 3 अतिथि शिक्षक शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री ने जारी किए निर्देश..
कल वर्ग के सभी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्र माध्यमिक विद्यालयों में दी जायेगी।इस संबंध में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को अतिथि शिक्षकों की शीघ्र तैनाती के निर्देश दिये हैं। इससे पहले विभाग द्वारा विज्ञान वर्ग में 157 अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की गई। मंत्री ने जानकरी देते हुए कहा कि कला वर्ग के विषयों के 789 अतिथि प्रवक्ताओं की मेरिट सूची तैयार कर जनपदों को भेज दी गई है। इन अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों के सापेक्ष शीघ्र तैनाती देने के लिए सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।
उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, IAS और IPS अधिकारियों के दायित्वों में हुआ बदलाव..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने बड़े स्तर पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के दायित्वों में बड़ा बदलाव किया है। 13 आईएएस और 10 पुलिस अधिकारियों समेत कुल 26 अधिकारियों का दायित्व बदला गया है। आपको बता दें कि आईएएस युगल किशोर पंत को सचिव भाषा की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। जबकि आईएएस सोनिका को अपर सचिव नागरिक उड्डयन का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया है। वहीं आईएएस रीना जोशी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही आईएएस विनीत कुमार से अपर सचिव नियोजन का दायित्व वापस लिया गया है।
IAS हिमांशु खुराना को सौंपा अपर सचिव वित्त का अतिरिक्त पदभार
अपर सचिव आनंद श्रीवास्वत को अपर सचिव कृषि व कृषक कल्याण की जिम्मेदारी दी गई है तो आईएएस मनुज गोयल को अपर सचिव सैनिक कल्याण व उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व दिया गया है। इसके साथ ही आईएएस हिमांशु खुराना को अपर सचिव वित्त का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया है। जबकि आईएएस अभिषेक रुहेला को अपर सचिव कौशल विकास एवं सेवा योजन की जिम्मेदारी दी गई है।
IAS गौरव कुमार को दी निदेशक शहरी विकास की जिम्मेदारी
आईएएस नितिका खंडेलवाल को अपर सचिव सूचना प्रौद्योगिकी का दायित्व दिया गया है। वहीं आईएएस अनुराधा पाल को परियोजना निदेशक रीप की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। जबकि आईएएस गौरव कुमार को निदेशक शहरी विकास की जिम्मेदारी दी गई है। आईएएस व नगर आयुक्त हरिद्वार वरुण चौधरी को अपर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण का दायित्व दिया है। आईएएस नंदन कुमार को CDO चमोली के पद से नगर आयुक्त हरिद्वार के पद पर तैनाती दी गई है।
रिद्धिम अग्रवाल संभालेंगी IG कुमाऊं का पद
वहीं पीसीएस निधि यादव को अपर सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण का जिम्मा सौंपा गया है। जबकि सचिवालय सेवा के महावीर सिंह चौहान को अपर सचिव सामान्य प्रशासन और इसी संवर्ग के श्याम सिंह को अपर सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही अब आईजी कुमाऊं की जिम्मेदारी रिद्धिम अग्रवाल देखेंगी। जबकि आईजी कुमाऊं रहे योगेंद्र सिंह रावत अब मुख्यालय में कार्मिक का प्रभार संभालेंगे।
अरुण मोहन जोशी को दी SDRF की जिम्मेदारी
निदेशक यातायात अरुण मोहन जोशी को एसडीआरएफ की जिम्मेदारी दी गई है। आईजी कार्मिक रहे अन्नत शंकर ताकवाले अब ट्रेनिंग का कार्यभार संभालेंगे। आईजी एनएस नपल्च्याल को सीआईडी से हटाकर यातायात निदेशक का कार्यभार सौंपा है। वहीं सुरजीत सिंह पंवार अब पीएसी के स्थान पर एटीसी हरिद्वार में एएसपी की जिम्मेदारी निभाएंगे। जीआरपी एसपी की जगह अरुणा भारती को जिम्मेदारी मिली है। जबकि एएसपी जगदीश चंद अब एएसपी नैनीताल होंगे। इसके अलावा लोकजीत सिंह को देहरादून एसपी ट्रैफिक की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि उप सेनानायक एसडीआरएफ स्वप्न किशोर सिंह अब एसटीएफ देहरादून में रहेंगे।
शैक्षणिक भारत दर्शन के लिए विद्यार्थियों का पहला दल रवाना, उच्च शिक्षा सचिव ने हरी झंडी दिखाई..
उत्तराखंड: उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने दून विश्वविद्यालय में विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 120 छात्रों के इस दल में से कुछ छात्र भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, मोहाली तथा कुछ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली जाएंगे।
उच्च शिक्षा सचिव का कहना हैं कि विद्यार्थी शिक्षक भारत दर्शन योजना छात्रों को कुछ नया सीखने और करने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने छात्रों से इन संस्थानों से अधिक से अधिक सीखने और राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास करने पर जोर दिया। दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल का कहना हैं कि राज्य सरकार के अभिनव प्रयासों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नया विश्वास पैदा हुआ है।
बताया गया कि छात्रों का दल 21 मार्च तक भ्रमण पर रहेगा। कार्यक्रम में रूसा सलाहकार प्रो. केडी पुरोहित, प्रो. एमएसएम रावत, संयुक्त निदेशक प्रो. एएस उनियाल, उप निदेशक एवं नोडल अधिकारी डॉ. ममता नैथानी, सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार पांडे, प्राचार्य डॉ. विनोद अग्रवाल, डीपी भट्ट, डीएन तिवारी, प्रो. कुलदीप सिंह आदि मौजूद रहे। शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत का कहना हैं कि छात्र राज्य के ब्रांड एंबेसडर हैं। सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में लगातार सकारात्मक प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा विद्यार्थी शैक्षिक भ्रमण योजना इसी प्रयास की एक कड़ी है।
सीएम धामी ने सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का किया शुभारंभ, कई बड़ी घोषणाएं भी की..
उत्तराखंड: जिले के टनकपुर स्थित मां पूर्णा पर्वतों में विध्यमान मां पूर्णागिरी धाम में हर वर्ष लगने वाले मां पूर्णागिरी मेले के शनिवार को आगाज हो गया हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत पूजा अर्चना कर पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ किया। सीएम ने हर वर्ष तीन माह तक सरकारी अवधि तक चलने वाले उत्तर भारत के सुविख्यात मां पूर्णागिरी मेले को आगे वर्ष भर तक संचालित किए जाने की बात कही। सीएम धामी व चंपावत विधायक ने पूर्णागिरी मेले का ठुलीगाड़ पहुंच विधिवत पूजा अर्चना कर व फीता काट शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम ने मां पूर्णागिरी धाम को लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बताया। साथ ही कुंभ मेले के बाद प्रदेश में सबसे अधिक दिनों तक चलने वाले मेले के रूप में मां पूर्णागिरी मेले की पहचान बताई।
बता दे कि इस वर्ष मां पूर्णागिरी मेला 15 मार्च से शुरू हो 15 जून तक 90 दिनों की अवधि तक चलेगा। उन्होंने कहा मेलार्थियों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े इसको मेला प्रशासन व जिला प्रशासन सुनश्चित करें। इसके साथ ही मां पूर्णागिरी मेले को सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों गोलज्यू, बाबा गोरखनाथ,मां बाराही, रणकोची माता, ब्यानधूरा बाबा श्यामलताल,रीठा साहिब मायावती आश्रम,प्रमुख स्थलों के आसानी से दर्शन हो सकेंगे। सीएम धामी ने मां पूर्णागिरी मेले को तीन माह की सरकारी अवधि में संचालित ना कर वर्ष भर संचालित किए जाने की बात कही। जिससे दूर दूर से आने वाले भक्त मां पूर्णागिरी के दर्शन को वर्ष भर चम्पावत जिले के टनकपुर पहुंच प्राप्त कर सकें।इसका प्रयास राज्य सरकार कर रही है।
उत्तराखंड के 1124 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं होंगी स्थापित, 84 पीएमश्री स्कूलों के लिए 68 करोड़..
उत्तराखंड: प्रदेश के 1124 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला के अनुसार यह कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अपर राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए 709 सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा चुकी है। इसके साथ ही 840 विद्यालयों में वर्चुअल और स्मार्ट क्लास हाइब्रिड मोड में संचालित की जा रही हैं। अपर राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार स्मार्ट क्लास अधिगम दक्षता बढ़ाने का बेहतरीन जरिया है।
84 पीएमश्री विद्यालयों के लिए 68 करोड़ स्वीकृत..
प्रदेश में पीएमश्री योजना के तहत पहले चरण में 28 प्राथमिक, 11 हाईस्कूल एवं 102 इंटरमीडिएट विद्यालयों का चयन किया गया। जबकि दूसरे चरण में 6 प्राथमिक और 78 इंटरमीडिएट विद्यालयों का चयन किया गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि दूसरे चरण में चयनित 84 पीएम श्री विद्यालयों के लिए 68 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। देहरादून के विकासनगर और सहसपुर में प्रशासन ने बुधवार को 12 और मदरसों को सील कर दिया। इससे पहले 19 मदरसों पर कार्रवाई की जा चुकी थी, जिससे अब तक कुल 31 अपंजीकृत मदरसों को बंद किया जा चुका है। प्रशासन ने साफ किया है कि बिना पंजीकरण के संचालित किसी भी शैक्षणिक संस्थान को अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य बिंदु:
. अब तक 31 अपंजीकृत मदरसों पर कार्रवाई
. शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता
. स्थानीय विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी
. मुख्यमंत्री ने कहा – बच्चों के भविष्य के साथ समझौता नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जरूरी है। प्रशासन ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों का सत्यापन किया जा रहा है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर, मसूरी और हल्द्वानी से बागेश्वर के लिए चार नई हेली सेवाओं का शुभारंभ किया। इन सेवाओं से राज्य में हवाई संपर्क बेहतर होगा और पर्यटन व आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना के तहत शुरू हुई इन सेवाओं से स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में सड़क मार्ग से देहरादून से इन स्थानों तक पहुंचने में 8-10 घंटे लगते हैं, लेकिन हेली सेवा से यह यात्रा केवल 1 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
मुख्य हेली सेवा रूट और किराया:
1. देहरादून – नैनीताल
. किराया: ₹4500 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 8:15 बजे और दोपहर 2:25 बजे
2. देहरादून – बागेश्वर
. किराया: ₹4000 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 10:20 बजे और दोपहर 12:30 बजे
3. हल्द्वानी – बागेश्वर
. किराया: ₹3500 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 8:30 बजे और दोपहर 2:45 बजे
4. देहरादून – मसूरी
. किराया: ₹2578 प्रति यात्री
. उड़ान समय: दिन में एक बार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए 18 हेलीपोर्ट्स पर काम किया जा रहा है, जिनमें से 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। हेली सेवाओं से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन स्थितियों में भी लोगों को मदद मिलेगी।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्रमुख स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान करने और उनके विकास के लिए पर्यटन विभाग को जल्द से जल्द गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही त्रियुगीनारायण जैसे लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन को बेहतर सड़क संपर्क और हेलीपैड की सुविधा से जोड़ने के आदेश भी दिए गए हैं।
डेस्टिनेशन वेडिंग को मिलेगी नई दिशा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए उपयुक्त बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को इस दिशा में तेजी से कार्य करने और अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
त्रियुगीनारायण बनेगा वेडिंग हब
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से त्रियुगीनारायण को वेडिंग हब के रूप में विकसित करने की बात कही। यहां बेहतर सड़क संपर्क और हेलीपैड निर्माण की योजना बनाई जा रही है ताकि देश-विदेश से आने वाले मेहमानों को आसानी से यहां पहुंचने की सुविधा मिले। त्रियुगीनारायण को पहले से ही एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में जाना जाता है। अब इसे एक प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में स्थापित करने की तैयारी है।
नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान
मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को राज्य के विभिन्न हिस्सों में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान करने और उनके विकास की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन स्थानों को सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि यहां शादी समारोहों के आयोजन के लिए उपयुक्त माहौल तैयार हो सके।
डेस्टिनेशन वेडिंग से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे पर्यटन, होटल व्यवसाय, कैटरिंग और परिवहन जैसे क्षेत्रों को सीधा लाभ होगा। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक सुविधाओं का संयोजन इसे देश-विदेश के जोड़ों के लिए एक आदर्श वेडिंग डेस्टिनेशन बनाएगा।
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन जल्द
चारधाम यात्रा और अन्य धार्मिक आयोजनों के बेहतर प्रबंधन के लिए उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक औपचारिकताएं जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। यह परिषद पर्यटन विभाग के अंतर्गत काम करेगी और इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंदबद्र्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में विकसित करने की यह पहल न केवल राज्य के पर्यटन को नई दिशा देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।
देहरादून एयरपोर्ट पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए एयर स्पेस का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में एयरपोर्ट के पास पांच नॉटिकल मील (करीब 9.26 किमी) लंबा और 7500 फीट ऊंचा एयर स्पेस है, जिसमें प्रति घंटे केवल सात विमानों की लैंडिंग संभव है। एयर स्पेस बढ़ने पर प्रति घंटे 12 विमानों की लैंडिंग की सुविधा मिल सकेगी। इस मुद्दे को हाल ही में सलाहकार समिति की बैठक में उठाया गया, जहां एयरपोर्ट निदेशक ने इस पर विस्तार से चर्चा की। अब समिति इस प्रस्ताव को भारत सरकार के समक्ष पेश करेगी।
एयर स्पेस बढ़ने से मिलेगी सुविधा
देहरादून एयरपोर्ट का एयर स्पेस वायु सेना द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यदि वायु सेना से अधिक एयर स्पेस की अनुमति मिलती है, तो एयरपोर्ट की रनवे क्षमता में वृद्धि होगी। इससे अधिक विमानों की लैंडिंग और उड़ानें संभव होंगी, जिससे हवाई यातायात प्रबंधन भी सुगम होगा। नए टर्मिनल के बनने के बाद एयरपोर्ट की कुल जगह बढ़कर 42,776 वर्ग मीटर हो गई है और इसकी वार्षिक क्षमता 50 लाख यात्रियों तक पहुंच गई है। लेकिन सीमित एयर स्पेस के कारण प्रति घंटे अधिक विमानों की लैंडिंग में दिक्कत हो रही है।
एयर स्पेस का महत्व
एयर स्पेस वह क्षेत्र होता है, जहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) विमानों की आवाजाही को नियंत्रित करता है। छोटे एयर स्पेस में सीमित संख्या में विमानों को नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि बड़े एयर स्पेस में अधिक विमानों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सकता है। सीमित एयर स्पेस होने के कारण विमानों को लैंडिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है और कई बार उन्हें आसमान में चक्कर लगाने पड़ते हैं।
तीन प्रमुख समस्याएं
देहरादून एयरपोर्ट को फिलहाल तीन प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
1. एयर स्पेस की कमी – सीमित एयर स्पेस के कारण अधिक विमानों की लैंडिंग में समस्या हो रही है।
2. रनवे विस्तार के लिए भूमि की आवश्यकता – एयरपोर्ट को रनवे विस्तार और अन्य सुविधाओं के लिए 140.5 एकड़ भूमि की जरूरत है।
3.वन्य जीवों की गतिविधि – एयरपोर्ट के आसपास वन्य जीवों की आवाजाही से उड़ानों के संचालन में बाधा आ रही है।
उड़ानों की संख्या में होगा इजाफा
वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट पर सुबह 7:30 बजे से शाम 7:15 बजे तक प्रतिदिन 18 से 20 फ्लाइट्स का संचालन हो रहा है। एयर स्पेस बढ़ने के बाद यह संख्या बढ़कर प्रति घंटे 12 उड़ानों तक हो सकती है। इससे देहरादून एयरपोर्ट पर हवाई यातायात प्रबंधन बेहतर होगा और यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
सरकार से मंजूरी का इंतजार
एयर स्पेस विस्तार का प्रस्ताव अब भारत सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद देहरादून एयरपोर्ट पर प्रति घंटे अधिक विमानों की लैंडिंग संभव होगी, जिससे यात्रियों को कम प्रतीक्षा समय और अधिक सुविधाएं मिलेंगी।