उत्तराखंड। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने को पीतल में बदलने का सबसे पहले वीडियो वायरल करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। भाजपा ने केदारनाथ आपदा के समय आपदा राहत कार्यों को लेकर ना केवल तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा है, बल्कि आपदा घोटाले में मनोज रावत को भी कठघरे में खड़ा किया है।
भाजपा ने केदारनाथ में स्वर्णमंडन के कार्य में घोटाले का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें केदारनाथ आपदा में हुए घोटालों पर सही स्थिति जनता के सामने रखने की जरूरत है, क्योंकि सभी मामले उनके क्षेत्र से जुड़े हैं और उन्हें धार्मिक स्थलों को की छवि से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बिपिन कैन्थोला ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में कांग्रेस घृणित राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मनोज रावत के नेतृत्व में केदारनाथ गए दल ने प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए वो भ्रामक व तथ्यहीन हैं। कांग्रेस नेताओं ने अब तक जितने भी आरोप लगाए हैं, उनका श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप लगा कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का दुष्प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने को लेकर तमाम आरोप लगा रहे हैं। मगर उनके द्वारा अभी तक इसका कोई भी दस्तावेज अथवा प्रमाण जनता के सामने नहीं रखा गया है। इसके विपरीत केदारनाथ आपदा के समय आपदा के लिए आयी राहत राशि में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार से बंदरबांट की, यह जग जाहिर है। आपदा पीड़ितों के हिस्से की धनराशि को अनाप-शनाप तरीके से खर्च किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा “हिटो-केदार” अभियान के नाम पर लाखों रूपये दिए गए। आपदा के पैंसे को ट्रैकिंग के नाम पर लुटा दिया गया। गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से माऊंटेनियर्स एंड ट्रैकर्स एसोसियशन (माटा) नाम की एक संस्था को आनन-फानन में ट्रैकिंग अभियान संचालित करने का जिम्मा सौंप दिया गया। माटा संस्था का सोसायटी रजिस्ट्रार के यहां 22 सितंबर, 2016 को पंजीकरण किया गया और उसी माह इस संस्था को ट्रैकिंग अभियान संचालित करने की अनुमति दे गयी।
इस संस्था के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनोज रावत थे। इस प्रक्रिया में नियम-कानूनों का किसी प्रकार से पालन नहीं किया गया। इस संस्था के पास किसी प्रकार का अनुभव नहीं था। ना ही संस्था के चयन के लिए कोई प्रक्रिया अपनायी गयी। मनोज रावत की संस्था को किस आधार पर यह कार्य दिया गया, इसमें प्रतिभागियों का चयन किसने किया और वो कौन थे, ये कहीं स्पष्ट नहीं है।
केदारनाथ में अगले कुछ दिन मौसम रहेगा खराब, 15 मई तक पंजीकरण पर लगी रोक..
उत्तराखंड: 15 मई तक केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण पर अब रोक रहेगी। संयुक्त निदेशक पर्यटन योगेंद्र गंगवार का कहना हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। 15 तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 13 मई तक केदारनाथ के लिए 1.45 लाख यात्री पंजीकरण करा चुके है।
आपको बता दे कि चारधाम यात्रा में अब तक दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पांच लाख पार हो गया है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल से 7 मई तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 505286 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए हैं। इसमें केदारनाथ धाम में 1.75 लाख, बद्रीनाथ में 1,18,116, गंगोत्री में 1.13 लाख, यमुनोत्री मंदिर में एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
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डीजीपी ने परखीं केदारनाथ धाम यात्रा व्यवस्थाएं..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में रुक-रुककर हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए रोके गए यात्रियों को प्रशासन ने आज रवाना करना शुरू कर दिया। सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 5887 तीर्थयात्रियों को धाम के लिए रवाना किया गया। आपको बता दें कि सोमवार को करीब नौ हजार यात्रियों को जगह-जगह रोक दिया गया था।
केदारनाथ धाम में मौसम के अधिक खराब होने पर तिलवाड़ा से फाटा तक करीब ढाई हजार, सीतापुर से सोनप्रयाग तक करीब छह हजार और गौरीकुंड में लगभग 500 यात्रियों को रोका गया था। वही यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में सुबह से ही बारिश हो जारी है। लेकिन मौसम की बेरुखी पर तीर्थयात्रियों की आस्था भारी पड़ रही है। बारिश के बीच पांच किमी की चढ़ाई चढ़ कर यात्री यमुनोत्री धाम पहुंच रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने केदारनाथ यात्रा को लेकर फाटा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन मर्यादा के तहत नशा के कारोबार पर नकेल कसने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग से लगे थाना, चौकी के प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नियमित चेकिंग करने को कहा। पुलिस महानिदेशक ने गौरीकुंड में यात्रियों से बातचीत करते हुए व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। उन्होंने पुलिस बल को बाबा केदार के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से सौम्य व्यवहार करने के निर्देश भी दिए।
केदारनाथ धाम में रात 11 से सुबह पांच बजे तक हो रही पूजाएं..
उत्तराखंड: केदारनाथ में रात 11 से सुबह पांच बजे तक भक्तों की बुकिंग की गई पूजाएं हो रही हैं। कपाट खुलने के बाद अभी भीड़ के चलते सिर्फ षोडषोपचार अभिषेक पूजा हो रही है। साथ ही सुबह पांच बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं जो अपराह्न तीन बजे तक हो रहे हैं। इसके बाद शाम पांच बजे से सांयकालीन आरती तक श्रृंगार दर्शन कराए जा रहे हैं। बता दे कि बीकेटीसी द्वारा पूजाओं को संपादित करने का समय रात 11 से सुबह पांच बजे तक निर्धारित किया गया है।
मंदिर समिति के अनुसार, कपाट खुलने के बाद प्रतिदिन 20 ऑनलाइन बुकिंग पूजाएं संपादित हो रही है। इसके साथ ही औसतन 102 पूजाएं ऑफलाइन की जा रही हैं। मंदिर समिति के पूजा प्रभारी प्रदीप सेमवाल का कहना हैं कि 25 अप्रैल को ऑफलाइन बुकिंग की 40 व ऑनलाइन बुकिंग की 20 पूजाएं संपादित की गईं जबकि 27 अप्रैल को ऑफलाइन 61 व 29 को 117 पूजाएं संपादित की गई हैं। साथ ही प्रतिदिन 20 ऑनलाइन पूजाएं हो रही हैं।
दान के लिए क्यूआर कोड बोर्ड लगाने पर बीकेटीसी ने पुलिस को दी तहरीर
केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर में कई स्थानों पर दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड लगाने के मामले में बीकेटीसी ने पुलिस को तहरीर दी है। समिति का कहना है कि मंदिरों में दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड बीकेटीसी की ओर से नहीं लगाए गए थे। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना हैं कि दोनों धामों में कपाट खुलने के दिन ये बोर्ड लगाए गए थे।
मामला बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर उसी दिन बोर्ड उतार दिए गए थे। बीकेटीसी अधिकारियों ने पहले अपने स्तर से इस मामले की छानबीन की। इसके बाद रविवार को केदारनाथ मंदिर अधिकारी ने केदारनाथ पुलिस चौकी और बद्रीनाथ में प्रभारी अधिकारी की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना हैं कि बीकेटीसी की ओर से वर्तमान में अपने कामकाज में पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है।
बाबा केदार के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू, भैरवनाथ का किया आह्वान..
उत्तराखंड: भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भगवान केदारनाथ की निर्विघ्न यात्रा के लिए क्षेत्रपाल के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ की आराधना की गई। साथ ही देवता की पूरी-पकौड़ी से बनी मालाओं से श्रृंगार कर अष्टादश आरती उतारी गई।
गुरूवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ स्थित भैरवनाथ मंदिर में बाबा केदार की डोली के धाम प्रस्थान की पूर्व संध्या पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। धाम के लिए नियुक्त पुजारी शिव लिंग द्वारा भगवान भैरवनाथ का पंच ब्रह्म मंत्र से अभिषेक किया गया।
साथ ही पंचामृत अभिषेक रुद्राभिषेक के साथ पूरी-पकौड़ी की माला से श्रृंगार किया गया। बाल भोग के बाद भगवान भैरवनाथ को महाभोग लगाया गया। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में शिवाचार्य महास्वामी केदार लिंग, पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग द्वारा अष्टादश आरती उतारी गई। वहीं, मंदिर के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी, मृत्युंजय हीरेमठ, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।
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छह माह पूजा-अर्चना का संकल्प कराया
रावल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी शिव लिंग को भगवान भैरवनाथ के समक्ष धाम की छह माह पूजा-अर्चना का संकल्प कराते हुए आशीर्वाद दिया। इसके बाद भगवान भैरवनाथ की पूजा में शामिल हुए सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर बीकेटीसी के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, भाजपा की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कार्याधिकारी रमेश तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल आदि मौजूद थे।
पायलेट को नहीं दिखाई दिया एयर रूट, पहाड़ी से टकराया हेलीकाॅप्टर..
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं का एक हेलीकाॅप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकाॅप्टर में पायलट समेत सात लोग सवार थे, जिनकी मौके पर मृत्यु हो गई। घटना के बाद केदारघाटी में हेली सेवाओं को बंद किया गया, जबकि इस दुखद घटना के बाद से केदारघाटी के साथ ही पूरे राज्य में शोक का माहौल है।
बता दें कि मंगलवार को आर्यन कंपनी के सात सीटर हेलीकॉप्टर ने छः यात्री के साथ केदारनाथ से गुप्तकाशी स्थित नाला हेलीपैड के लिए उड़ान भरी। इसी बीच 3 मिनट के अंतराल में ही गरुड़चट्टी के पास सुबह साढ़े 11 बजे के करीब हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराते हुए क्रैश हो गया। हेलीकॉप्टर केदारनाथ से श्रद्धालुओं को लेकर वापस लौट रहा था। केदारनाथ से ढाई किमी पहले ये हादसा हुआ। जिस रास्ते पर ये हादसा हुआ, वो केदारनाथ धाम का पुराना रास्ता था। घटना में सभी सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि घने कोहरे के कारण हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी की पहाड़ी से टकरा गया, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ। पायलेट को एयर रूट नहीं दिखाई दिया और हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकरा गया। इधर, घटनास्थल पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने सभी सात शव बरामद कर लिए हैं। एक शव आग से जल गया है, जबकि अन्य शवों की हेलीकॉप्टर से पहाड़ी से छिंटकर इधर-उधर टकराते हुए दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में तीन यात्री गुजरात एवं तीन यात्री तमिलनाडू समेत महाराष्ट्र निवासी पायलेट बताया गया है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि दुखद घटना में सभी सात लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू टीम ने सभी सात शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं घटना के बाद सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद रही। घटना के बाद जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार भी घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया हेली क्रैश का कारण अचानक मौसम खराब होना प्रतीत हो रहा है। केदारनाथ में अभी भी मौसम खराब है। यहां बर्फबारी हो रही है।
हेलीकाॅप्टर हादसे में मृतकों का विवरण..
1. अनिल सिंह, पायलट उम्र-57 निवासी महाराष्ट।
2. पूर्वा रामानुज, उम्र- 26 वर्ष निवासी गुजरात।
3. क्रुती बराड उम्र- 30 वर्ष निवासी गुजरात।
4. ऊर्वी बराड उम्र- 25 वर्ष निवासी गुजरात।
5. सुजाता उम्र- 56 वर्ष निवासी तमिलनाडू।
6. प्रेम कुमार उम्र- 63 वर्ष निवासी तमिलनाडू।
7. कला उम्र- 60 वर्ष निवासी तमिलनाडू।
केदारनाथ धाम में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम किया स्थापित..
उत्तराखंड: प्रदेश में मौसम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं। बारिश और कोहरे के कारण केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बाधित होने से तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। खराब मौसम और प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश की वजह से प्रदेशभर में 146 सड़कें मंगलवार को भी बंद रही। सड़कें बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंस गए थे।
केदारनाथ धाम में पल-पल बदलते मौसम की जानकारी केदारनाथ धाम में जाने वाले तीर्थ यात्रियों को अब आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के विशेष प्रयासों से आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की टीम ने केदारनाथ धाम में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम स्थापित कर दिया है। बता दे कि आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की टीम ने केदारनाथ धाम में ऑॅटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाने का काम पूरा कर इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। इससे शीघ्र ही मौसम संबंधी गतिविधियों की रीडिंग प्राप्त की जा सकेगी। डीएम का कहना हैं कि केदारनाथ में वेदर सिस्टम स्थापित करने से एक नए अध्याय के रूप में देखा जा सकता है।
हिमालयन हेली सर्विस को बीस जुलाई तक केदारनाथ के लिए हेली सेवा जारी रखने की अनुमति दी गई है। भीमबली से रामबाड़ा, लिंचौली और केदारनाथ तक पूरी घाटी में चार दिन से घना कोहरा छाया हुआ है। बीच बीच में बारिश भी हो रही है। केदारनाथ में मौजूद सेक्टर अधिकारी सुरेंद्र मोहन का कहना हैं कि खराब मौसम के कारण बीते चार दिनों से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाया है।
केदारनाथ धाम गर्भ गृह में प्रवेश कर सकेंगे श्रद्धालु..
उत्तराखंड: हाईकोर्ट से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा। इसके साथ ही श्री केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में भी श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। इसके बाद पर्यटक और श्रद्धालु कहीं भी घूम सकेंगे।
आपको बता दे कि अभी तक चार धाम यात्रा में आने वालों के लिए संख्या तय थी। प्रत्येक दिन केदारनाथ में 800 , बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति हाईकोर्ट ने दी थी। केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में श्रद्धालु प्रवेश कर करेंगे, हालांकि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार जलाभिषेक नहीं होगा। भगवान केदारनाथ के ज्योर्तिलिंग का लेपन भी नहीं होगा।
मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाएगा। श्रद्धालु गर्भ गृह में केवल एक बार परिक्रमा कर सकेंगे। दूसरी ओर बद्रीनाथ में सामाजिक दूरी के तहत ही दर्शन होंगे। श्री बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए निशुल्क मैनुअल टोकन मिलेंगे। ताकि तीर्थ यात्रियों को दर्शन हेतु निर्धारित समय दिया जा सकेगा।
इससे तीर्थयात्रियों को लंबे समय तक दर्शन को लाईन में नहीं लगना होगा। इससे यात्रियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे यात्रा सरल व सुगम बन सकेगी। चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
श्रद्धालुओं की संख्या तय किए जाने का विरोध किया जा रहा था। सरकार और देवस्थानम बोर्ड की ओर से सही तरीके से अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जा रहा था। अगर सही तरीके से पहले ही पक्ष रखा जाता, तो पहले ही मंजूरी मिल गई होती। पहले समय सुप्रीम कोर्ट में जाकर खराब किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट में सही तरीके से पैरवी नहीं की गई। नहीं तो श्रद्धालुओं की संख्या में लगी रोक पहले ही हट जाती।अब श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए रोजाना जारी होंगे 200 ई-पास..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के लिए एक अक्तूबर को हेली सेवा का संचालन किया जाएगा। नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को हेली सेवा शुरू करने के बारे में प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही 200 ई-पास हेली सेवा से जाने वाले तीर्थ यात्रियों को प्रतिदिन जारी किए जाएंगे।
केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए पैदल चलने में असमर्थ यात्रियों को एक अक्तूबर से हेली सेवा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने तैयारियां कर ली है। गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा हेलीपैड से नौ एविएशन कंपनियों को अनुमति दी है। हेली सेवा का संचालन करने से पहले डीजीसीए की ओर से तीनों स्थानों के हेलीपैड पर सुरक्षा मानकों का निरीक्षण किया जाएगा। आने वाले कुछ दिनों तक मौसम खराब रहने के कारण केदारनाथ के लिए हेली सेवा का संचालन संभव नहीं है।
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन का कहना हैं कि केदारनाथ के लिए हेली सेवा का संचालन एक अक्तूबर से करने का प्रस्ताव मिला है। जिसमें हेली सेवा से जाने वाले यात्रियों को 200 ई-पास जारी किए जाएंगे। आपको बता दें कि पूर्व में चारधाम यात्रा पर रोक लगने के लिए 1100 हेली सेवा की बुकिंग रद्द की गई थी। उत्तराखंड सिविल एविएशन प्राधिकरण ने बुकिंग करने वाले यात्रियों को पैसा वापस लौटाए थे।
बाबा केदार के दर्शन के लिए देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही स्थानीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सोमवार शाम चार बजे तक सोनप्रयाग से 631 श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हुए जबकि 789 श्रद्धालुओं ने दर्शन का पुण्य अर्जित किया। सोनप्रयाग चौकी प्रभारी रवींद्र कौशल का कहना हैं कि सोनप्रयाग में सुबह 5 बजे से श्रद्धालु पंजीकरण के लिए काउंटर पर एकत्रित होने लगे थे। सुबह 7 बजे तक यहां काफी लंबी लाइन लग गई थी। उधर, केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड के यात्रा प्रभारी वाईएस पुष्पवाण ने कहना हैं कि 789 श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं। संध्या आरती तक श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं।
केदारनाथ धाम हेली सेवा से जा सकेंगे श्रद्धालु, जानिए कब से शुरू होगी हेली सेवा..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बावजूद, केदारनाथ के लिए हेलीसेवा शुरू होने में समय लग सकता है। नागरिक उड्डयन विभाग को हेली सेवा संचालन के लिए नए सिरे से डीजीसीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) ने मार्च में ही केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का टेंडर पूरा करते हुए, मई में टिकट की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी।
शुरुआती एक सप्ताह में 11 हजार से अधिक लोगों ने धाम के लिए एडवांस में टिकट ले भी लिए थे। लेकिन कोविड के कारण यात्रा प्रारंभ न होने पर उकाडा को रकम वापस लौटानी पड़ी। अब जब कोर्ट ने यात्रा पर से रोक हटा दी है तो उकाडा फिर से हेली सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उकाडा जल्द ही सभी नौ ऑपरेटर की मीटिंग करने जा रहा है। इसके साथ ही डीजीसीए को भी नए सिरे से हेलीपैड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया जाएगा।
इसके बाद ही यात्रा प्रारंभ हो सकेगी। उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश मेहता के अनुसार सामान्य तौर पर बरसात के दौरान हेली सेवा बंद रहती है, मानसून के बाद अक्तूबर में ही हेली सेवा फिर प्रारंभ होती है। इस बार भी अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक हेलीसेवा प्रारंभ हो सकती है।