विधानसभा चुनाव के लिए cds रावत के नाम का सहारा ले रही है ये दो पार्टिया..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नेता, भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हर मुद्दे पर एक दूसरे से झगड़ रहे हों लेकिन दोनों पार्टियां मतदाताओं से एक आम वादा कर रही हैं- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के ‘सपनों और परिकल्पना’ को साकार करना, जिनकी पिछले हफ्ते एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।
जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए बार-बार जनरल रावत के नाम का आह्वान करते हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है। आपको बता दे कि राज्य में सेवारत और रिटायर्ड रक्षा कर्मियों तथा उनकी विधवाओं की अनुमानित संख्या 2.5 लाख है- जो एक बड़ा वोट बैंक है।
जनरल रावत पौड़ी गढ़वाल ज़िले में पैदा हुए थे और उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपनी रूचि बनाए रखी। उन्होंने अपना रिटायरमेंट समय भी उत्तराखंड में ही बिताने की उनकी योजना थी। रविवार को जनरल रावत के गृह जिले पौड़ी में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रण किया कि वो स्वर्गीय सीडीएस के ‘सपनों और परिकल्पना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे।
धामी का कहना हैं कि ये जमीन शहीद जनरल बिपिन रावत की है। हमने जनरल से ज्यादा एक अभिभावक को खोया है, जो हमेशा उत्तराखंड के विकास और प्रगति का सपना देखते थेरविवार को एक और बयान में सीएम ने रावत का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। जाहिरी तौर पर प्रियंका गांधी के एक आदिवासी नृत्य में शामिल होने के वीडियो का हवाला देते हुए धामी ने कहा, ‘जब देश जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत पर शोक मना रहा था, तो एक अन्य राजनीतिक पार्टी गोवा में मजे कर रही थी।
वही पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि जनरल रावत का बार-बार नाम लेने के कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं हैं लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की तरक्की के लिए स्वर्गीय सीडीएस के विचारों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है, तो पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लिए जनरल रावत की योजनाओं का बार-बार उल्लेख किया जाएगा।
वही कांग्रेस नेता भी स्वर्गीय जनरल के नाम का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें भी एक अवसर चाहिए कि वो राज्य के विकास के लिए उनके विचारों को अमलीजामा पहना सकें।
जनरल रावत की इच्छाओं को पूरा करने का मौका चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस भी अपने विचारों के जनरल रावत के विजन के अनुरूप होने का प्रसारण कर रही है और उसने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। पूर्व उत्तराखंड सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि स्वर्गीय सीडीएस ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक’ थे और उन्हें ‘एक विशेष समारोह में भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो जनरल रावत के विचारों पर अमल करेगी- हरीश रावत
पूर्व सीएम ने कहा, ‘मुझे कुछ मौकों पर स्वर्गीय सीडीएस से बात करके उत्तराखंड के बारे में उनके विचार जानने का मौका मिला। वो एक ईमानदार ऑफिसर थे जिन्होंने कई योजनाओं के बारे में बात की, जो उत्तराखंड के लोगों, खासकर दूर-दराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के कल्याण के लिए अमल में लाई जा सकती थीं। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो हम राज्य के लिए उनके विचारों तथा इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
देश में 10 प्रतिशत ऊपर पहुंची कोरोना संक्रमण दर..
देश-विदेश: दुनिया में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से बेकाबू हो रहा है। जिसका आलम यह है कि 10 राज्यों के 27 दिलों में पिछले दो सप्ताह में संक्रमण दर में एकाएक उछाल आया है। कई जिले तो ऐसे हैं जहां पर संक्रमण दर 10 प्रतिशत के भी ऊपर पहुंच गई है, वहीं अन्य जिलों में यह पांच से दस प्रतिशत के बीच है। ऐसे में केंद्र ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर चेतावनी जारी की है, साथ ही अधिक संक्रमण दर वाले 27 जिलों पर नजर बनाए रखने को कहा है।
राज्यों को यह पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से लिखा गया है। इस पत्र में केंद्र की ओर से कई दिशा निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में संक्रमण दर बेकाबू हो रही है, उन इलाकों को चयनित कर वहां पर कोरोना से बचाव के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्कता है। जरूरत पड़ने पर रात्रि कर्फ्यू, लोगों के इकट्ठा होने पर रोक, शादी या अन्य समारोह में भीड़ पर पाबंदी लगाने को भी कहा गया है।
केंद्र की रिर्पोट के अनुसार तीन राज्यों मिजोरम, केरल और सिक्कम के के आठ जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। वहीं सात राज्यों के 19 जिलों में यह पांच से दस प्रतिशत के बीच है। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार मिजोरम के हन्नाथियाल और सेरछिप जिले में संक्रमण दर क्रमश: 22.37 और 19.29 फीसदी है। इसके साथ ही यहां के तीन अन्य जिलों में भी 10 प्रतिशत के ऊपर संक्रमण दर पहुंच गई। साथ ही केरल के दो तो सिक्कम के एक जिले में 10 प्रतिशत के ऊपर कोरोना संक्रमण दर है।
राज्यों को यह दिए निर्देश..
आरटी पीसीआर जांच बढ़ाने पर ध्यान दें
विदेश से आने वालों की निगरानी में कोई लापरवाही न बरतें
संक्रमित मरीजों व उनके संपर्क में आने वालों की जांच व निगरानी की जाए
कोविड सतर्कता नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी करें सभी राज्य
कोरोना की बूस्टर खुराक पर बैठक करेगी विशेषज्ञ समिति..
देश-विदेश: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के तहत विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) शुक्रवार को कोविड -19 बूस्टर खुराक के संबंध में पहली बैठक करेगी। इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को दी थी।
आपको बता दे कि हाल ही में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड की बूस्टर खुराक की मंजूरी के संबंध में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास एक आवेदन दायर किया हैं। शुक्रवार यानि आज होनी वाली बैठक को लेकर अहम निर्णय लेने की उम्मीद हैं। सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि देश में अभी कोविड वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक है और नए कोरोना वायरस वेरिएंट ओमिक्रॉन के उभरने के कारण बूस्टर शॉट की मांग हैं। यही कारण है लोगों को तेजी से कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट भारत की पहली वैक्सीन निर्माण कंपनी है, जिसने बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड के अनुमोदन के लिए आवेदन किया हैं। इस संबंध में एसईसी की बैठक शुक्रवार दोपहर 12 बजे शुरू हो गयी हैं । कई विशेषज्ञों ने भारत में विशेष रूप से नए अत्यधिक संक्रामक कोविड -19 प्रकार ओमिक्राॅन के आने के बाद बूस्टर खुराक की सिफारिश की है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
आपको बता दे कि हाल ही में भारतीय सीरम संस्थान (एसआईआई) ने देश के औषधि नियामक से कोरोना संक्रमण के खिलाफ कोविशील्ड को बूस्टर डोज के तौर पर देने के लिए अनुमति मांगी थी। संस्थान के सरकारी एवं नियामकीय मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई को इस संबंध में आवेदन भेज कर इसके लिए अनुमति मांगी थी। इस आवेदन में सिंह का कहना है कि यूनाइटेड किंगडम के औषधि नियामक ने इस टीके की बूस्टर डोज के लिए पहले ही अनुमति दे दी है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि देश में कोविशील्ड टीकों की कोई कमी नहीं है और महामारी के नए स्ट्रेन (ओमिक्रॉन) के सामने आने के बाद इसकी दोनों खुराकें ले चुके लोग इसकी बूस्टर खुराक के लिए मांग कर रहे हैं।
131 करोड़ लोगों को लग चुकी है भारत में वैक्सीन..
भारतीय सीरम संस्थान ने इस साल जनवरी से कोविशील्ड वैक्सीन की शिपिंग शुरू कर दी है और नवंबर के अंतिम सप्ताह में एक बिलियन डोज लैंडमार्क को पार कर लिया है। कुल देश में अब तक 114.78 करोड़ कोविशील्ड टीके लग चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में टीकाकरण की संख्या गुरुवार को 131 करोड़ मील का पत्थर पार कर गई है। गुरूवार शाम सात बजे तक 67 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं।
देश में कोरोना के नए वैरिएंट की एंट्री, कर्नाटक में मिले दो मामले..
देश-विदेश: दुनिया के कई देशों में सामने आ रहे कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन दहशत मचा दी है। अब देश में भी ओमिक्रॉन की एंट्री हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में ओमिक्रॉन के दो मामले सामने आए हैं। दोनों मामले कर्नाटक मे मिले हैं। इनमें एक संक्रमित की उम्र 66 और दूसरे की 46 साल है।
जिसकी रिपोर्ट बुधवार को देर रात मिली। दोनों का इलाज चल रहा है और उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना हैं कि हमें डर या भय का माहौल नहीं बनाना है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैक्सीन को अपनाना है। सरकार हालत पर नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल का कहना हैं कि लगभग 29 देशों में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के 373 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके पांच गुना और संक्रामक होने की आशंका है।
यूरोप में कोरोना के सबसे अधिक मामले..
दुनिया भर में समग्र रूप से देखे जा रहे मामलों में सबसे अधिक वृद्धि यूरोप में हुई है। यहां पिछले एक सप्ताह में दुनिया के 70 फीसदी मामले सामने आए हैं। 28 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यूरोपीय क्षेत्र में लगभग 2.75 लाख नए मामले और 31,000 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। इसकी तुलना में दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र जिसमें भारत और 11 अन्य देश शामिल हैं, वहां पिछले एक सप्ताह में केवल 1.2 लाख मामले दर्ज किए गए। दुनिया के कुल मामलों का केवल 3.1 फीसदी है। दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में मामलों में कमी दर्ज की जा रही है।
लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। हालांकि दो राज्यों में अभी भी संक्रमण के आंकड़े अधिक हैं। केरल और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य हैं जहां 10,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। देश के 55 फीसदी मामले इन दो राज्यों में दर्ज किए गए हैं। लव अग्रवाल का कहना हैं कि टीकाकरण की दूसरी खुराक में वृद्धि हुई है। देश भर में टीकाकरण की संख्या बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं। यूरोप क्षेत्र में बढ़ रहे कोरोना वायरस मामलों की संख्या, वैश्विक कोविड 19 मामलों के 70 फीसदी इसी क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं।
ओमिक्रॉन से युवाओं को ज्यादा खतरा-दक्षिण अफ्रीका वैज्ञानिक..
उत्तराखंड: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर दुनिया में सनसनी फैला दी है। 20 से अधिक देशों में इसके मामले पाए जाने की पुष्टि हुई है। इस नए वेरिएंट के मामले में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन कितना घातक है और इसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा फिलहाल यह कहना मुश्किल है।
उनका कहना हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट ने अब तक ज्यादातर युवा लोगों को प्रभावित किया है। वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी है कि अभी यह निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन केवल हल्की बीमारी का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि हम इसके बारे में और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। दो से तीन हफ्तों के बाद ही हम इसके बारे में अधिक जान पाएंगे।
उनका कहना हैं कि कुछ मरीज भर्ती हुए हैं और ये सभी युवा हैं, जिनकी आयु 40 या इससे कम है। इसके साथ ही एनआईसीडी में सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और प्रतिक्रिया के प्रमुख मिशेल ग्रोम का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का शिकार ज्यादातर कम उम्र के लोग हुए हैं। मगर हम वृद्धावस्था समूहों में भी इसकी पड़ताल करना शुरू कर चुके हैं। इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज ने कहा था कि पिछले 24 घंटों में दक्षिण अफ्रीका में नए मामलों की दैनिक संख्या लगभग दोगुनी होकर 8,561 हो गई है। ओमिक्रॉन अब तक देश में प्रमुख स्ट्रेन है।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार और वैज्ञानिकों ने 25 नवंबर को कोरोना के नए वैरिएंट की घोषणा की थी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इसे ओमिक्रॉन का नाम दिया था। नए वेरिएंट का पता लगने के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, इस्राइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने कई दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर रोक लगा दी थी। वहीं, कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तराखंड में 23 पीएसी के जवान मिले कोरोना पॉजिटिव..
उत्तराखंड: कोरोना के मामले एक बार फिर से डराने लगे हैं। पिछले एक हफ्ते से हर दिन कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि पुलिस कर्मी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। बुधवार को भी नैनीताल जिले में तब हड़कंप मच गया जब पीएसी के 23 जवान कोरोना पॉजीटिव निकल गए। जिसके बाद से चिंता की लकीरें बढ़ गईं हैं। जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जो पुलिस के जवान कोरोना पॉजिटिव हुए हैं उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं।
पुलिस महकमे की चिंता बढ़ी
आपको बता दे कि हरिद्वार में सोमवार को ही राष्ट्रपति के कार्यक्रम में वीवीआईपी ड्यूटी के लिए आए 15 से ज्यादा पुलिस के जवान कोरोना पॉजीटिव निकले। अब बुधवार को नैनीताल जिले के बैलपड़ाव में आईआरबी में पीएसी के 23 जवान कोरोना पॉजीटिव निकल गए। रैपिड एंटीजन टेस्ट के दौरान पॉजीटिव आए जवानों से पुलिस महकमे की चिंता बढ़ गई है। हल्द्वानी के एसपी सिटी जगदीश चंद्र का कहना हैं कि पीएसी के ये जवान जगह-जगह ड्यूटी के लिए भेजे जाते हैं।
कौन जवान कहां से कोरोना संक्रमित हुआ, इसके लिए जवानों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने रेपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजीटिव आने वाले 23 जवानों के सैंपल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी भेजे हैं। नैनीताल जिले की एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत के शासन के निर्देश के अनुसार पुलिस कर्मियों की कोरोना जांच हो रही है। जिसके रेंडम सेंपल लिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि इससे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने भी सभी पुलिस जवानों के कोरोना जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद सैंपलिंग तेज की गई हैं।
बता दे कि उत्तराखंड में 1 दिसंबर को एक्टिव कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या 183 है, जिसमें से 53 नए मामले बुधवार को ही सामने आए। इनमें से 29 मरीज नैनीताल, देहरादून में आठ, हरिद्वार में 14 पौड़ी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में एक-एक व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव निकला। बुधवार को 16 हजार ज्यादा कोविड सेंपल जांच के लिए भेजे गए।
उत्तराखंड में सभी पुलिसकर्मियों का होगा कोविड टेस्ट, डीजीपी ने दिए निर्देश..
उत्तराखंड: ऋषिकेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की वीआईपी ड्यूटी में लगे सात पुलसकर्मियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों के कोविड एंटीजन टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।
कु़माऊं के जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल में भर्ती नैनीताल निवासी 70 वर्षीय एक कोविड संक्रमित मरीज की मौत हो गई। मरीज 15 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ अरुण जोशी के अनुसार, मरीज की भर्ती के समय से ही स्थिति गंभीर बनी हुई थी। निमोनिया, सांस व अन्य दिक्कतें भी थीं। अस्पताल में करीब तीन महीने बाद किसी की कोविड संक्रमित की मौत हुई है।
संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को आज राज्यों के लिए किया जाएगा रवाना
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षण लेने आए बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों के कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा। जिलाधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अगुवाई में टीम ने रविवार को अकादमी में जाकर कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।
एकेडमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी का कहना हैं कि फिलहाल सभी अधिकारी पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है। लिहाजा उनके बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी अधिकारियों को 12 मंगलवार तक उनके मूल कैडर वाले राज्यों में भेजने की इजाजत दे दी है। एडीशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी के अनुसार सभी आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में देश के सभी राज्यों के 48 आईएफएस अधिकारी मिड टर्म प्रशिक्षण के लिए आए थे। इन अधिकारियों को आईआईएम लखनऊ और नई दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। लेकिन जब नई दिल्ली में अधिकारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया तो 11 अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसमें से तीन कोरोना संक्रमित अधिकारी तो नई दिल्ली से ही अपनी मूल कैडर वाले वाले राज्यों में भेज दिए गए थे। जबकि आठ अधिकारियों को देहरादून भेजकर अकादमी में क्वारंटाइन कर दिया गया था।
उत्तराखंड में बढ़ रहे कोरोना के मामले, राष्ट्रपति की ड्यूटी में तैनात 7 पुलिसकर्मी पाए गए संक्रमित..
उत्तराखंड में बढ़ रहे कोरोना के मामले, राष्ट्रपति की ड्यूटी में तैनात 7 पुलिसकर्मी पाए गए संक्रमित..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा हैं। भारतीय वन अनुसंधान केंद्र में 11 अधिकारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में कोरोना के केस ने राज्य सरकार और लोगों के सामने चिंता बढ़ा दी हैं। यही नहीं राष्ट्रपति के दौरे की ड्यूटी में तैनात सात पुलिसकर्मी भी इस महामारी की चपेट में आ गए हैं।
सात पुलिसकर्मी पाए गए पॉजिटिव..
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे को लेकर परमार्थ निकेतन आश्रम में ड्यूटी पर तैनात सात पुलिसकर्मी जांच के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग पौडी द्वारा थाना लक्ष्मण झूला में की गई पुलिसकर्मियों की जांच में सात पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें तीन चमोली जिले, दो ऋषिकेश, एक रुद्रप्रयाग और एक देवप्रयाग से सुरक्षा ड्यूटी में लगे थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विभिन्न जनपदों से आए सभी पुलिसकर्मियों की थाने में आरटीपीसीआर जांच की गई थी। कोरोना पॉजिटिव पाए गए पुलिसकर्मियों को होम-आइसोलेशन के लिए वापस भेज दिया गया है।
‘प्रोटोकॉल का करें पालन..
वहीं कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर राज्य सरकार ने भी पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। लिहाजा प्रदेश के जिलाधिकारियों को कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल पालन कराने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। भारतीय वन अनुसंधान केंद्र में 11 अधिकारियों में कोविड पुष्टि होने के बाद में अलग अलग क्षेत्रों से कोविड-19 के मामले बढ़ने की खबर सामने आ रही हैं। राज्य सरकार लोगों से अपील कर रही है कि कोरोना के नए स्वरूप को देखते हुए तमाम नियमों का पालन करें।
प्रदेश में अभी ये है कोरोना की स्थिति..
वही आज उत्तराखंड में कोरोना के 36 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 10 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए हैं। यहां अभी एक्टिव मरीजों की संख्या 176 है।
आज आए कोरोना के मामले जिलेवार..
अल्मोड़ा 2, बागेश्वर 0, चमोली 0, चम्पावत 0, देहरादून 5, हरिद्वार 2, नैनीताल 7, पौड़ी 19, पिथौरागढ़ 0, रुद्रप्रयाग 0, टिहरी 0, उधमसिंह नगर 1, उत्तरकाशी 0
विश्व का एकमात्र ऐसा देश जहां नहीं पहुंच सका कोरोना..
देश-विदेश: कोरोना वायरस महामारी ने बीते दो सालों में दुनियाभर के ज्यादातर देशों को अपनी चपेट में ले लिया हैं। कारण अभी तक तकरीबन 50 लाख लोगों की मौत हो गई है। कोरोना वायरस के कारण बीते लंबे समय से लोग जहां खुद को अपने घरों में कैद करने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जो अभी तक कोरोना महामारी से अछूता रहा है। जानकारी के अनुसार दक्षिणी अटलांटिक महासागर के बीच में सिर्फ 120 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले द्वीप में कोरोना अभी तक नहीं पहुंच पाया है। बताया जा रहा है कि सेंट हेलेना नाम का द्वीप दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
आपको बता दे कि फिलहाल कोरोना महामारी के काल में सेंट हेलेना में एक भी संक्रमण के मामला सामने नहीं आने के कारण यहां अभी तक न तो मास्क पहनने और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत है. हालांकि यहां के लोगों को व्यक्तिगत तौर पर स्वच्छ रहने की सलाह दी गई है। कोरोना संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए इस द्वीप पर आने वाले सभी विजिटर्स को मूल रूप से हवाई अड्डे के कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के रूप में बनाए गए ब्रैडली कैंप में 14 दिनों का आइसोलेशन पूरा करना होता है।
ब्रिटेन के ग्रीन जोन में है सेंट हेलेना..
ब्रिटेन ने महामारी के दौरान कई देशों के यात्रियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं। वहीं दक्षिणी अटलांटिक महासागर के इस द्वीप से वापस ब्रिटेन जा रहे नागरिकों को छूट मिली हुई है। ब्रिटेन ने सेंट हेलेना द्वीप को अपनी लिस्ट में ग्रीन जोन में रखा है। इसी तरह इस द्वीप से लौटने वालों को अमेरिका में क्वारंटाइन करने की आवश्यकता नहीं है।
बच्चों के लिए कोरोना टीके का अभी करना पड़ सकता हैं इंतजार..
देश-विदेश: बच्चों के लिए कोरोना के टीके का इंतजार कर रहे अभिभावकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। मंगलवार दोपहर मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि दो साल से लेकर 18 साल के आयु समूह के लिए कोवाक्सिन के टीके को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन बाद में सरकार ने इस दावे का खंडन कर दिया और कहा कि अभी मंजूरी मिलना बाकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार का कहना हैं कि बच्चों के लिए कोवाक्सिन का आकलन अभी जारी है। इसे लेकर कुछ शंकाए हैं और वैक्सीन को लेकर विशेषज्ञ समिति में बातचीत जारी है। अभी ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने इसे मंजूरी नहीं दी है।
बच्चों पर टीकाकरण की मंजूरी से पहले कोवाक्सिन को लंबे ट्रायल से गुजरना पड़ा है। भारत बायोटेक ने 18 से कम आयु वर्ग के लिए तीन चरणों में ट्रायल पूरा किया था। सितंबर में दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया गया था।
इसके बाद भारत बायोटेक की कोवाक्सिन को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पूरी तरह मंजूरी मिलने के बाद बड़ों की तरह बच्चों को भी कोवाक्सिन के दो टीके लगाए जाएंगे। अब तक हुए ट्रायल में कोवाक्सिन का बच्चों पर कोई बुरा असर नहीं हुआ है। क्लीनिकल ट्रायल में यह वैक्सीन 78 प्रतिशत तक असरदार साबित हुई थी। इसके बाद केंद्र की ओर से इस वैक्सीन को मंजूरी दी गई है।