मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को ग्रोथ सेंटरों की समीक्षा की। उन्होंने उत्तराखण्ड के उत्पादों के लिए एक अम्ब्रेला ब्रांड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी ग्रोथ सेंटर, बिक्री और मुनाफे का लक्ष्य निर्धारित कर काम करें। उन्होंने जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे ग्रोथ सेंटरों में स्वयं जाकर वहां आने वाली समस्याओं का निस्तारण करें। उन्होंने उत्पादों की ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों का स्किल डेवलपमेंट हो
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ ग्रोथ सेंटरों की समीक्षा करते हुए कहा कि देहरादून के थानो व नैनीताल के कोटाबाग के एलईडी ग्रोथ सेंटरों को क्वालिटी डिजायनर उपलब्घ कराए जाएं। हरिद्वार में प्रसाद निर्माण से जुड़े सेंटर आगामी कुम्भ को देखते हुए अपनी तैयारियां करें। सभी ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों के स्किल डेवलपमेंट की भी व्यवस्था की जाए।
नियमित बिक्री की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की सीजनल ही नहीं, बल्कि नियमित बिक्री सुनिश्चित की जाए। आसपास के कुछ ग्रोथ सेंटरों को मिलाकर एक पिकअप वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा सकती है। इससे यातायात लागत कम होगी।
ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अच्छा उदाहरण
त्रिवेंद्र ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों विशेष तौर पर महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। इस आत्मविश्वास को और बढ़ाना है। जिलाधिकारी ग्रोथ सेंटरों में खुद जाकर वहां आने वाली समस्याओं का निस्तारण करें। ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अच्छा उदाहरण हैं।
उत्तराखण्ड के उत्पादों के लिए एक अम्ब्रेला ब्रांड बने
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के उत्पादों के लिए एक अम्ब्रेला ब्रांड बनाया जाए। इसके अंतर्गत अन्य ब्रांड भी चलते रहेंगे। इसके लिए दक्ष विशेषज्ञों की सहायता ली जाए। इसके लिए उत्तराखण्ड के उत्पादों की विशेषता, सम्भावित मार्केट आदि का पूरा अध्ययन किया जाए। ब्रांड का नाम इस प्रकार हो जिसमें उत्तराखण्ड की फीलिंग आए। उद्योग विभाग इसे क्रियान्वित करेगा।
ग्रोथ सेंटरों ने मुख्यमंत्री को दिया फीडबैक
मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से विभिन्न ग्रोथ सेंटरों के संचालक स्वयं सहायता समूहों से बात की और उनसे फीडबैक लिया। बताया गया कि ग्रोथ सेंटर प्रारम्भ होने से उनसे जुड़े ग्रामीणों और महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हुई है। धीरे-धीरे उत्पादों को बाजार भी मिलता जा रहा है। स्थानीय लोग ग्रोथ सेंटरों से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं। लोहाघाट के स्वयं सहायता समूह द्वारा बताया गया कि मशीने मिलने के बाद लोहे की कढ़ाई के निर्माण में काफी वृद्धि हुई है। इससे उनकी आय भी बढ़ी है। चमोली के उर्गम के स्वयं सहायता समूह ने बताया कि बदरी गाय के दूध व घी की अच्छी कीमत मिल रही है। दर्जनों ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को ग्रोथ सेंटर योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए ग्रेाथ सेंटरों की कार्यविधि की जानकारी दी।
अभी तक 104 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत, 72 क्रियाशील
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि अभी तक कुल 104 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 72 क्रियाशील हो चुके हैं। अन्य भी जल्द ही शुरू हो जाएंगे। इन ग्रोथ सेंटरों से लगभग 30 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं। स्वीकृत किए गए ग्रोथ सेंटरों में एग्री बिजनेस आधारित 38, बेकरी आधारित 04, डेयरी व दुग्ध उत्पाद आधारित 05, मत्स्य 11, आर्गेनिक ऊन 10, प्रसाद 05, मसाला 04, फल प्रसंस्करण 05, शहद व मौन पालन 04, एलईडी 02, शिल्प आधारित 05, आईटी 02, पर्यटन 02, हथकरघा व क्विल्ट आधारित 02, पशुआहार 01 और एरोमा आधारित 04 ग्रोथ सेंटर हैं। बताया गया कि सितम्बर 2020 तक क्रियाशील ग्रोथ सेंटरों की कुल बिक्री धनराशि 6 करोड़ 09 लाख रूपए रही जबकि लाभ की राशि 60 लाख रूपए से अधिक रही। ग्रोथ सेंटरों के टर्नओवर और मुनाफे में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्रोथ सेंटरों की ऑनलाईन मार्केटिंग के लिए वेबसाईट बनाई जा रही है। इनका थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी कराया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास और पलायन आयेाग के उपाध्यक्ष डा.एसएस नेगी, मुख्यमंत्री के सलाहकार आलोक भट्ट, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन, सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, हरबंस सिंह चुघ, डा.रणजीत सिन्हा, एसए मुरूगेशन, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को देहरादून जिले के थानों में जलागम प्रबंधन विभाग के अधीन स्थापित एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण किया। यह ग्रोथ सेंटर स्थानीय किसानों व युवाओं के लिए विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन की दृष्टि से बनाया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों की स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत में एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने थानों में बनाये गए ग्रोथ सेंटर की सराहना की और कहा कि इस ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वरोजगार के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। स्वरोजगार के कार्यों में युवा अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
प्रदेश के जलागम व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि थानों स्थित ग्रोथ सेंटर से क्षेत्र के 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। ग्रोथ सेंटर के माध्यम से एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय जलागम परिषद ज्योति प्रसाद गैरोला, उत्तराखण्ड वन पंचायत परिषद के उपाध्यक्ष करण बोहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, सचिव राधिका झा, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक ग्राम्या नीना ग्रेवाल, मुख्य विकास अधिकारी निकिता खण्डेलवाल आदि उपस्थित थे।