टिहरी झील से नई टिहरी के लिए लगेगी ट्रॉली, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: टिहरी झील उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलनियों के लिए एक मनपसंद पर्यटक स्थल है। यहां पर लोग प्रकृति का आनंद उठाते हुए बोटिंग के साथ ही कई अन्य वाटक स्पोर्टस का मजा लेते हैं। लेकिन अब एक सुविधा यहां आने वाले पर्यटकों को मिलने जा रही है। टिहरी झील वॉटर एडवेंचर स्पोर्टस में अपनी अलग पहचान बना रही है। दूर दराज से पर्यटक भी लहरों के रोमांच का लुत्फ उठाने टिहरी झील पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
अब टिहरी झील के साथ साथ आसपास के क्षेत्र और नई टिहरी शहर को भी पर्यटन सर्किट से जोड़ने की योजना के तहत टिहरी झील से ट्राली लगाने की योजना है। बता दें कि टिहरी झील से नई टिहरी शहर के लिए ट्रॉली लगाई जाएगी। टिहरी झील से नई टिहरी शहर के लिए लगने वाली ट्रॉली के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि टिहरी झील पहुंचने वाले पर्यटक ट्राली के जरिए नई टिहरी शहर तक पहुंचेंगे। जिससे टिहरी शहर में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू हो पाएंगी। इस सेवा के शुरू होने से टिहरी में पर्यटन को नए पंख लगेंगे।
7708 करोड़ की लागत से टिहरी झील के चारों ओर बनेगी सड़क..
उत्तराखंड: टिहरी झील में कई विकास योजनाएं धरातल पर उतरने वाली है। बताया जा रहा है कि जिले 7708 करोड़ की लागत से टिहरी झील विकास परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा इस परियोजना की डीपीआर तैयार किया जा रहा है। परियोजना निर्माण से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं, टिहरी जिले के 173 गांवों के 84 हजार आबादी को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
जानकारी के अनुसार गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में पर्यटन मंत्री ने पर्यटन और संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा के साथ 7708.27 करोड़ की लागत से टिहरी झील के चारों ओर रिंगरोड हेतु फिजीबिलिटी, संरेखण, सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण की अभी तक की प्रगति की भी समीक्षा की। मंत्री का कहना हैं कि टिहरी झील के 42 किमी क्षेत्रफल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण से देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों के लिए टिहरी पहुंचना आसान होगा। झील में सालभर जलक्रीड़ा और साहसिक खेलों का आयोजन को बढ़ावा मिलेगा। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। कहा, वर्तमान में परियोजना की फिजिबिलिटी सर्वेक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है। परियोजना में कोठी से डोबरा चांटी पुल तक के क्षेत्र को विकसित करने को विभाग डीपीआर तैयार कर रहा है।
वहीं उन्होंने कहा, झील के चारों ओर सड़क का निर्माण और पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास कार्य किए जाएंगे। कहा, परियोजना के बनने से 173 गांव की लगभग 84 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। कहा, चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्री भी रिंग रोड का मुख्य व वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग कर सकेंगे। वहीं कैबिनेट मंत्री महाराज ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग में पंजीकृत कलाकारों के लंबित भुगतान शीघ्र किया जाए। इसके साथ ही राजकीय मेलों को मिलने वाले अनुदान का भुगतान तत्काल करें।
रोमांच के शौकीनों को टिहरी में मिलेगा गोवा का लुत्फ..
यहां शुरू होगी फ्लाईबोर्ड और क्रूज बोट..
उत्तराखंड: टिहरी में एशिया के सबसे बड़े बांध की टिहरी झील में अब पैरासेलिंग, हॉट एयर बैलून, पैराग्लाइडिंग के बाद फ्लाईबोर्ड और क्रूज बोट की सुविधा भी मिलने लगेगी। पर्यटक यहां एडवेंचर का लुत्फ ले सकेंगे। अब आपको गोवा भोपाल नहीं जाना होगा, आपको गोवा भोपाल का लुत्फ उत्तराखंड के टिहरी जिले में मिलेगा। बता दे कि पर्यटन विभाग और टाडा मिलकर टिहरी झील को विश्व स्तरीय साहसिक गंतव्य बनाने के लिए कार्य करने में जुट हुआ है।
जहां कोटी कालोनी में एडवेंचर स्पोर्टस , बोटिंग की सफलता के बाद टाडा (टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण) टिहरी बांध की झील में तीन नए बोटिंग प्वाइंट विकसित कर रहा है। यहां पर्यटक अगले महीने से आलीशान क्रूज बोट का लुत्फ उठा सकेंगे। वहीं बताया जा रहा है कि टाडा ने टिहरी झील में दो फ्लाईबोर्ड उतारने की निविदा आमंत्रित की है। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक झील में फ्लाईबोर्ड की सवारी कर पर्यटक नए रोमांच का आनंद उठाएंगे।
रिपोर्ट की माने तो जिला पर्यटन विभाग और टाडा झील में फ्लाईबोर्ड उतारने की योजना तैयार है। जहां एक ओर क्रूज बोट की असेंबलिंग का कार्य अंतिम चरण में है। कोटी कालोनी के अलावा डोबरा पुल, पीपलडाली और कोटेश्वर झील में नए बोटिंग प्वाइंट बनाने की कवायद चल रही है तो वहीं विभाग ने 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की जेटी के लिए भी टेंडर निकाले हैं, जो कोटी कॉलोनी बोटिंग प्वाइंट के विस्तार और नए बोटिंग प्वाइंट पर प्लेटफार्म बनाने के काम आएगी। गौरतलब है कि बीते एक दशक में टिहरी बांध की झील साहसिक पर्यटन का बड़ा गंतव्य बनकर उभर रहा है यहां वॉटर स्कूटर, स्पीड बोट के बाद टिहरी झील में मरीना, हाउस बोट और पैरासेलिंग गतिविधियां कराई जा रही हैं। वहीं अब पर्यटकों को फ्लाईबोर्ड और क्रूज बोट की सुविधा भी मिल सकेगी. जिससे पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
टिहरी झील के ऊपर बने हेलीपैड में आई दरारें, डीएम ने दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड: प्रदेश के कई इलाकों में जोशीमठ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। टिहरी से जहां पहले घरों में दरारों की खबर आई थी वहीं अब झील के ऊपर डोबरा चांठी पुल के पास बने हेलीपैड में भी दरारों की खबर आई हैं। आपको बता दे कि टिहरी में आपदा आदि को देखते हुए पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए 13 साल पहले हैलिपेड का निर्माण कराया गया था।
लेकिन अब यहां दरारे आ रही है। बताया जा रहा है कि हेलीपैड पर पड़ी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही है। जो हादसों को न्यौता दें रही है। वहीं लोगों की मांग है कि तत्काल इस हेलीपैड को ठीक कराया जाए। जिस पर जिला अधिकारी डॉ सौरभ गहरवार ने मामले का संज्ञान लिया है। डीएम ने लोक निर्माण विभाग चंबा और पर्यटन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह तत्काल इस हेलीपैड को ठीक करें।