केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से कार्यबल का गठन किया है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित यह कार्यबल विभिन्न हितधारकों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करेगा और एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा।
एक उच्च स्तरीय बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ निशंक ने यह निर्णय लिया। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के निदेशक, शिक्षाविद और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ निशंक ने कहा कि आज की बैठक प्रधानमंत्री की इस सोच को हासिल करने की दिशा में विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में मेडिकल, इंजीनियरिंग और कानून आदि व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी। मगर यह प्रावधान जरूर किए जाएंगे, जिससे कोई भी होनहार विद्यार्थी इसलिए तकनीकी शिक्षा से वंचित न रह जाए कि वह अंग्रेजी भाषा नहीं जानता था।