सर्दी में बेघरों के लिए व्यवस्थाएं होंगी दुरुस्त, धामी सरकार ने जारी किये 1.35 करोड़..
उत्तराखंड: प्रदेश में ठंड का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते बेसहारा और बेघर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है। बीते मंगलवार को सीएम ने देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया था। इसके साथ ही ISBT के पास स्थित मलिन बस्ती में रह रहे लोगो का हालचाल जाना और वहां की व्यवस्थाओं को परखा। सीएम धामी ने प्रदेश में बेसहारा एवं बेघर लोगों को सर्दी से बचाव की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए सभी जिलाधिकारियों एवं नगर आयुक्तों को निर्देश दिए। सीएम ने तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर यह व्यवस्था बनाये जाने को भी कहा था।
निरिक्षण के दौरान दिए थे निर्देश..
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सर्दी के मौसम में विभिन्न स्थलों पर अलाव की व्यवस्था के साथ बेसहारा लोगो को कंबल व कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण के दौरान सीएम ने अधिकारियों को रैन बसेरों की स्थिति में और सुधार किये जाने के साथ ही शहर में जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे।
सरकार ने जारी की 1.35 करोड़ की धनराशि..
सीएम के निर्देशों के बाद सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने प्रदेश के सभी डीएम को 1.35 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। रंजीत सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में डीएम हरिद्वार द्वारा शीतलहर के प्रकोप से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निशुल्क कम्बल वितरण, रेनबसेरों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने के लिए 15 लाख की धनराशि आवंटित किये जाने के लिए कहा गया था।
पौड़ी के लिए जारी की 15 लाख की धनराशि..
इसी क्रम में राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने और निशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि मद के रिस्पॉन्स और रिलीफ मद से एक करोड़ 35 लाख की धनराशि सभी डीएम को स्वीकृत की गई है। जिसमें जनपद पौड़ी को 15 लाख तथा जनपदों को 10-10 लाख की धनराशि शामिल है।
धामी सरकार में 11 और नेताओं को दी दायित्वों की सौगात..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने गुरुवार रात दायित्वधारियों की तीसरी सूची जारी कर दी। 11 और भाजपा नेताओं को दायित्वों की सौगात दे दी है। इससे पहले जारी हुईं दो सूचियों में कई वरिष्ठ नेताओं को दायित्व दिए जा चुके हैं। गुरुवार रात जारी सूची के अनुसार चंडी प्रसाद भट्ट को सीमान्त क्षेत्र अनुश्रवण परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, विनोद उनियाल को राज्य स्तरीय महिला उद्यमिता परिषद का उपाध्यक्ष, श्यामवीर सैनी को प्रदेश स्तरीय गन्ना विकास सलाहकार समिति का उपाध्यक्ष, राजकुमार को उत्तराखंड बागवानी विकास परिषद का उपाध्यक्ष, दीपक मेहरा को उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति का उपाध्यक्ष, विनय रोहिला को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति का उपाध्यक्ष, उत्तम दत्ता को उत्तराखंड मत्स्य पालक विकास अभिकरण का उपाध्यक्ष, दिनेश आर्य को उत्तराखंड राज्य स्तरीय पेयजल अनुश्रवण परिषद का उपाध्यक्ष बनाया है।
वहीं, गणेश भंडारी को राज्य स्तरीय लघु सिंचाई सलाहकार समिति का उपाध्यक्ष, देवेन्द्र भसीन को उत्तराखंड राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति का उपाध्यक्ष और विश्वास डाबर को अवस्थापना अनुश्रवण परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इन नेताओं में कई भाजपा के जिलाध्यक्ष भी हैं। बता दें कि लंबे समय से दायित्वधारियों की दूसरी सूची का इंतजार किया जा रहा था।
धामी सरकार का तोहफा, सड़क मार्ग से जुड़ेंगे 3177 गांव..
उत्तराखंड: प्रदेश में संपर्क मार्ग विहीन 3,177 गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत मोटर मार्गों से जोड़ा जाएगा। ग्रामीण निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर धामी कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान की है। इन गांवों के मुख्य मार्गों से जुड़ जाने से हजारों की आबादी को लाभ होगा। इतना ही नहीं योजना के तहत मोटर मार्गों के अलावा पैदल पुलिया, मोटरपुल, अश्वमार्ग, झूला पुल आदि का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना में राज्य के ऐसे गांवों, तोक को शामिल किया गया है, जिनकी आबादी 250 या उससे कम है।
आबादी कम होने की वजह से यह गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, इसलिए इन गांवों में आज तक सड़क नहीं बन पाई है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 2,035 गांव मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। इसके साथ ही 1,142 गांव ऐसे हैं, जो कच्ची सड़कों से जुड़े हैं। इस तरह से कुल 3,177 बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नई योजना में शामिल किया गया है। योजना सीमांत के गांवों को सबसे अधिक लाभ होगा। इन गांवों में पर्यटन की सुविधाएं बढ़ेंगी और लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी। इसके अलावा ग्रामीण अपनी नगदी फसलों को आसानी से बाजार तक पहुंचा सकेंगे। आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्याें में भी तेजी आएगी।
धामी सरकार इन कर्मियों को देने वाली है दिवाली का तोहफा..
उत्तराखंड: धामी सरकार राज्य कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। वित्त विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य में लगभग 1.40 लाख कर्मचारी इस दायरे में आएंगे। राज्य सरकार कर्मचारियों को दिवाली के मौके पर बोनस के रूप में 7000 रुपये देती है। 4800 ग्रेड पे तक के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता है। चूंकि, नवंबर माह के दूसरे हफ्ते दिवाली का पर्व है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के राज्य कर्मचारी, शिक्षकों और अराजपत्रित कर्मचारियों को नंवबर माह में बोनस दिया जा सकता है। प्रशासन की ओर से इस पर फाइल तैयार करने का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि नवंबर के पहले हफ्ते तक इसका भुगतान होने की उम्मीद है। राज्य सरकार पर बोनस के रूप में लगभग 100 करोड़ का वित्तीय बोझ पड़ेगा। उक्त बोनस का लाभ समूह ‘ग’ ‘घ’ व समूह ‘ख’ एवं कैजुअल/दैनिक वेतन भोगी लगभग 01 लाख 50 हजार से अधिक कर्मचारियों को प्राप्त होगा। उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) पर लगभग रू0 120.00 करोड़ का एकमुश्त व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
वहीं कर्मचारियों द्वारा सरकार पर चार फीसदी महंगाई भत्ते के लिए भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार जुलाई से दिसंबर माह तक चार फीसदी महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों को इसी माह दे चुका है। अब कर्मचारियों ने भी मांग उठानी शुरू कर दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट और उत्तरांचल मिनिस्टीरियल फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल का कहना हैं कि मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में दिवाली से पहले महंगाई भत्ता देने की मांग की गई है।
सीएम धामी ने दी एसडीआरएफ कर्मियों को बड़ी सौगात..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने कर्मियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की एक और घोषणा धरातल पर उतर गई है। बताया जा रहा है कि अब एसडीआरएफ का प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। शासन ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। जिससे अब एसडीआरएफ में रेस्क्यू कार्यों से जुड़े अफसर और कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिल पाएगा।
आपको बता दे कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) द्वारा 11000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सम्पादित किये जाने वाले Rescue operations के लिए actual days of operation के आधार पर राजपत्रित अधिकारी हेतु रू0 1500/- प्रतिदिन तथा अराजपत्रित अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु रू0 1000 / – प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने की राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। उक्त प्रयोजन हेतु आने वाले व्यय भार का वहन एस०डी०आर०एफ० द्वारा सुसंगत मद से किया जायेगा।
विश्व बैंक पोषित परियोजना के तहत जौलीग्रांट में एयरपोर्ट के पास 144 करोड़ रुपये की लागत से एसडीआरएफ का मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है। प्रथम चरण में तीन मंजिला एडमिन ब्लॉक में रिसेप्शन, कार्यालय, प्रशिक्षण ब्लॉक और पुस्तकालय, तीन मंजिला ट्रेनिंग ब्लॉक, डेमो रूम, कोर्स कॉडिनेटर, कंप्यूटर लैब, लेक्चर रूम, लाइब्रेरी की सुविधा है। इलेक्ट्रॉनिक चार्जिंग स्टेशन, गैराज और एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था है। पुलिस और उनके परिजनों के लिए कैंटीन की सुविधा, फायर फाइटिंग सिस्टम, सोलर सिस्टम, फेंसिंग, वॉच टॉवर और आवासीय कॉलोनी है। पेट्रोल पंप भी है जो आम लोगों के लिए भी उपयोगी होगा। सीएम की तरफ से इसको लेकर घोषणा की गई थी और अब उसके अनुपालन में शासन ने आदेश जारी कर दिया है। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स की तरफ से समय-समय पर कई रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाते रहे है। इसमें हाई एल्टीट्यूड पर भी ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है। इस दौरान एसडीआरएफ की टीम को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा सरकार ने इन स्थितियों को देखते हुए विशेष भत्ता देने का फैसला लिया है।
धामी सरकार में दायित्वों का बंटवारा, इन 10 नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में नेताओं का लंबे समय से चला रहा है इंतजार खत्म हो गया है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार ने दायित्वों का बंटवारा कर दिया है। 10 नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है। जिसकी सूची जारी कर दी गई है। आपको बता दे कि पिछले लंबे समय से भाजपा में दायित्वों बांटे जाने की इंतजार हो रहा था। सीएम धामी के लंदन जाने से पहले ही दायित्व बांटे जाने की सुगबुगाहट थी। गढ़वाल और कुमाऊं के नेताओं में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति थी कि आखिरकार राज्य सरकार किसको दायित्व से नवाजेगी। इसी कड़ी में पहली लिस्ट 10 दायित्वधारियों की जारी की गई है।
बताया जा रहा है कि कुछ बड़े नेता और कुछ छोटे नेताओं को बड़े दायित्व दिए गए हैं। बुधवार देर रात शासन ने भाजपा के 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्व दिए जाने का आदेश जारी कर दिया। इनमें पांच विभिन्न परिषदों व संस्थाओं में अध्यक्ष और पांच उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। माना जा रहा है अब जल्द ही दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी। साथ ही दर्जा भी तय किया जाएगा।
इन्हें मिली जिम्मेदारी
1. ज्योति प्रसाद गैरोला : उपाध्यक्ष, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति (राज्य स्तरीय )
2. रमेश गड़िया : उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य स्तरीय जलागम परिषद
3. मधु भट्ट : उपाध्यक्ष, उत्तराखंड संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद
4. मुफ्ती शमून कासमी : अध्यक्ष, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद्
5. बलराज पासी : अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य बीज एवं जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण संस्था
6. सुरेश भट्ट : उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद
7. अनिल डब्बू : अध्यक्ष, कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी)
8. कैलाश पंत : अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड
9. शिव सिंह बिष्ट : उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना राज्य स्तरीय अनुश्रवण परिषद्
10. नारायण राम टम्टा : अध्यक्ष, हरिराम टम्टा परंपरागत शिल्प उन्नयन संस्था
धामी सरकार ने राज्य भर में की 47 गौशालाएं और बनाने की घोषणा..
उत्तराखंड: अब बेसहारा गोवंश सड़कों पर नहीं घूमेंगे। इनके लिए सरकार ने राज्य भर में 47 गोशालाएं और बनाने की घोषणा की है, जिसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बीती सोमवार की शाम यहां सर्किट हाउस में अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा चार दिनों में ही पांच सौ से अधिक मवेशियों को सड़क से गोशालाओं में शिफ्ट किया जा चुका है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनी।
पौड़ी पहुंचे कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी को यह अधिकार दिए गए हैं कि सरकारी भूमि को एनजीओ के माध्यम से गोशालाओं के प्रयोग में लाया जाए। पशुपालन मंत्री बहुगुणा का कहना हैं कि बेसहारा पशुओं के उद्धार के लिए अब शहरी विकास और पंचायती राज मंत्री भी मदद के लिए आगे आए हैं। कहा कि प्रदेश में निराश्रित जानवरों के उद्धार के लिए 82 करोड़ की योजना से कार्य शुरू किया गया है।
धामी सरकार देगी उत्तराखंड के युवाओं को बड़ा तोहफा..
उत्तराखंड: धामी सरकार इस साल प्रदेश के युवाओं को 12 हजार नौकरियां देगी। अब तक सरकार 10 हजार नौकरियां दी चुकी हैं और बाकी प्रक्रिया में हैं। साल के अंत तक युवाओं को 24 हजार नौकरियां मिल जाएंगी, जो अब तक की सरकारों में सबसे ज्यादा होंगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा, 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को कई सेवा कार्यक्रमों के माध्यम से सेवा पखवाड़े के रूप में दो अक्तूबर तक व्यापक रूप में मनाया जाएगा। इसी दिन विश्वकर्मा दिवस भी है। इस दिन हस्तकला से जुड़े लोगों के साथ कई कार्यक्रमों व पीएम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
18 सितंबर को मैदानी जिलों में विधानसभा स्तर और पर्वतीय जिलों में जिलास्तर पर रक्तदान शिविर लगेंगे। 19 से 24 सितंबर को ग्राम स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। 24 सितंबर को मन की बात कार्यक्रम को भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ता और पदाधिकारी सुनेंगे। बूथ समिति एवं पन्ना प्रमुखों की बैठक में सभी कार्यकर्ताओं का ओटीपी के माध्यम से बूथ सत्यापन का कार्य होगा।
पार्टी प्रदेश स्तर पर युवा संकल्प दिवस के रूप में मनाएगी सीएम का जन्मदिन..
25 सितंबर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर बूथ स्तर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम होंगे। 26 सितंबर से एक अक्तूबर तक बस्ती संपर्क अभियान चलेगा। दो अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर सार्वजनिक स्थानों पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। 16 सितंबर को सीएम पुष्कर धामी का जन्मदिन है, जिसे पार्टी प्रदेश स्तर पर युवा संकल्प दिवस के रूप में मनाएगी। साथ ही नकल निरोधक कानून के संरक्षण के बाद धामी सरकार अब तक लगभग 10 हजार सरकारी नौकरियां प्रदान कर चुकी है। उम्मीद है कि इसी वर्ष कुल 24 हजार सरकारी नौकरियां हमारी सरकार देने जा रही है, जो राज्य गठन के बाद से अब तक का सार्वकालिक रिकॉर्ड होगा।
उत्तराखंड के इन कर्मियों को मिली सौगात, अब इतनी आएगी सैलरी..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने इन कर्मियों को दी बड़ी सौगात बताया जा रहा है कि शासन ने अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त सरकारी कर्मचारी / खिलाड़ियों की विशेष वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया है। अब इनकी सैलरी बढ़ कर आएगी। जानकारी के अनुसार,शासन ने नई दिल्ली के शासनादेश संख्या-29018/13/ 2015 – AIS-II, दिनांक 03 अगस्त, 2021 के सन्दर्भ में शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त लिये गये निर्णयानुसार राज्य सरकार के नियमित कार्मिकों द्वारा अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर उत्तराखण्ड राज्य द्वारा सरकारी कर्मचारी / खिलाड़ियों को निम्नांकित शर्तों के अधीन पूरे सेवाकाल में 03 (तीन) विशेष वेतन वृद्धि वैयक्तिक वेतन के रूप में दिये जाने की राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है।
जारी आदेश में लिखा है कि ऐसी खेल प्रतियोगितायें, जो मान्यता प्राप्त संघो द्वारा राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो, जिनमें राज्य सरकार की सेवा में नियुक्त खिलाड़ी / खिलाड़ियों ने एकल रूप में अथवा मिश्रित रूप में अथवा टीम के रूप में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान प्राप्त किया हो, तो प्रत्येक खिलाड़ी को एक विशेष वेतन वृद्धि की अनुमन्यता वैयक्तिक वेतन के रूप में देय होगी परन्तु सम्बन्धित खिलाड़ी के कोच अथवा टीम के मैनेजर को विशेष वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं होगी।
सरकारी कर्मचारी / खिलाड़ी को उक्तानुसार प्राप्त विशेष वेतन वृद्धि वैयक्तिक वेतन के रूप में वर्ष में केवल एक बार ही देय होगी, भले ही प्रतियोगिताओं का आयोजन वर्ष में एक से अधिक बार हो और एक से अधिक प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान प्राप्त किया हो । ये लाभ दिनांक 01 जनवरी, 2016 को अथवा उसके पश्चात् प्रथम, द्वितीय या तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले नियमित कर्मचारियों / खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से अनुमन्य होगा ।
बताया जा रहा है कि ये सुविधा केवल राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों / खिलाड़ियों पर ही लागू होगी। निगम, सार्वजनिक उपक्रम स्वायत्तशासी संस्था, अर्द्धशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों / खिलाडियों पर यह सुविधा लागू नहीं होगी।उक्तानुसार अनुमन्य विशेष वेतन वृद्धि वैयक्तिक वेतन के रूप उसी दर पर सेवानिवृत्ति तक बनी रहेगी और इसे न तो प्रोन्नति के समय वेतन निर्धारण और न ही सेवानिवृत्ति के लाभों हेतु गणना में लिया जायेगा ।
धामी सरकार सख्त, प्रदेश में अब कब्जा करने पर होगी 10 साल की जेल..
उत्तराखंड: प्रदेश में अतिक्रमण को लेकर धामी सरकार एक्शन में है। प्रदेश में अब अतिक्रमण को लेकर नए नियम बनाए गए है। अब अवैध कब्जे को सिर्फ ध्वस्त ही नहीं किया जाएगा बल्कि कब्जा करने वाले को 10 साल की जेल भी हो सकती है।
धामी कैबिनेट में उत्तराखंड, भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश, 2023 को स्वीकृति दी। जिसके बाद अब राज्य में सरकारी, सार्वजनिक और निजी परिसंपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा अथवा अतिक्रमण गैर जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की धामी सरकार की मुहिम अब जोर पकड़ सकती है। अभी तक सरकार के स्तर पर जितने भी प्रयास किए गए, वह नाकाफी साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड, भूमि अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश में कड़े कानूनों का प्रावधान किया गया है।
इस कानून के तहत प्रदेश में अब अतिक्रमणकारी अथवा अवैध कब्जाधारक को दंड के रूप में अधिकतम 10 वर्ष के कारावास की सजा दी जा सकेगी। कब्जा की गई भूमि का बाजार मूल्य वसूल किया जाएगा। अतिक्रमण के मामलों की सुनवाई को स्पेशल कोर्ट का गठन होगा।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट में पास होने के बाद अब सरकार इसको लेकर अध्यादेश ला सकती है। बाद में इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा, पास होने के बाद प्रदेश का नया कानून बन जाएगा। नए कानून के तहत शिकायतकर्ता सीधे डीएम से इस तरह के मामलों की शिकायत कर सकेगा।
डीएम की अध्यक्षता में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित समिति प्रकरण की विवेचना पुलिस के निरीक्षक रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी से कराएगी। कानून में पीड़ित व्यक्ति को राहत देते हुए भूमि अतिक्रमणकर्ता या आरोपी पर ही मालिकाना हक साबित करने का भार डाला गया है।