नगालैंड में शहीद हुआ उत्तराखंड का जवान..
उत्तराखंड: नगालैंड के मोन जिले में शनिवार को सैन्य बलों की फायरिंग में 13 लोगों की मौत के बाद रविवार को भी तनाव चरम पर रहा। जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद हुई हिंसा में टिहरी जिले के नौली गांव (हिंसरियाखाल पट्टी) निवासी सेना के पैराटू्रपर गौतम लाल (24) शहीद हो गए। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को जौलीग्रांट देहरादून लाया जाएगा।
वहीं गौतम के शहीद होने की खबर से क्षेत्र में शोक है। रमेश लाल और रूपा देवी के सबसे छोटे पुुत्र गौतम वर्ष 2018 में पैराशूट रेजीमेंट की 21वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। इन दिनों वह नगालैंड ड्यूटी में थे। राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे।
वह अक्तूबर मेें एक माह की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। गौतम लगभग हर दो दिन के अंतराल में घर में फोन करके माता-पिता व परिजनों का हाल जानते थे। शुक्रवार को भी उनका फोन आया था। उन्होंने जनवरी में घर आने की बात की थी।
क्या थी घटना
आपको बता दे कि नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी की दो घटनाओं में 13 कोयला खदान कर्मियों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस का कहना हैं कि फायरिंग की पहली घटना शनिवार शाम को गलत पहचान के चलते हुई, जिसमें जवानों ने कार्यकर्ताओं को युंग ओंग गुट का उग्रवादी समझकर गोलियां चला दी। इस घटना में छह मजदूरों की मौत हो गई। ये सभी मजदूर जब घर नहीं लौटे तो स्थानीय युवक व ग्रामीण इनकी तलाश में निकले और सेना के वाहनों को घेर लिया। इसके बाद हुई हिंसा में एक जवान शहीद हो गया और सेना के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ से बचने के लिए सैनिकों ने फिर से फायरिंग की, जिसमें 7 और स्थानीय लोगों की मौत हो गई। घायलों में दो की हालत गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी भेजा गया है।
असम राइफल्स के कैंप को तहस-नहस किया..
घटना को लेकर रविवार को भी स्थानीय स्तर पर तनाव बना रहा और गुस्साई भीड़ ने कोनयाक यूनियन और असम राइफल के कैंप को तहस-नहस कर दिया। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने मोन जिले में मोबाइल, इंटरनेट, डाटा सेवा, बल्क एसएमएस पर रोक लगा दी है। पुलिस सेना द्वारा किए गए गलत पहचान के दावे की जांच कर रही है। सेना ने भी घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर दी है और घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है।