मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी है। मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयकों से किसानों की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान अपनी उपज को स्वयं अच्छी कीमतों पर मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेगा। इसमें बिचैलियों की भूमिका खत्म कर दी गई हैं। यानि जो मुनाफा किसान से बिचैलिये उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा। इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है। किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र आज सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग किसानों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहे हैं। झूठ बोला जा रहा है। परंतु किसानों को स्वयं इन कृषि सुधारों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच हमेशा से किसानों के हित में रही है। इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने वहां किसानों के लिए 7 घंटे नियमित और निश्चित बिजली की व्यवस्था की। उन्होंने कृषि महोत्सवों की शुरूआत की।
त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी किसान हमेशा उनकी प्राथमिकताओं में रहे। उनकी सरकार में गांव, गरीब और किसानों का सबसे पहले ख्याल रखा गया है। वर्ष 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रूपए था, जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रूपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत किया है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था, आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है। यूपीए के समय स्वामीनाथन आयेाग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाया गया है। मोदी सरकार ने किसानों को दो तरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमत मिलेगी और मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। इन विधेयकों से बिचैलियों की भूमिका खत्म होगी और किसान अपनी फसल को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।
विदेशी मामलों पर नजर रखने वाली देश की प्रमुख गुप्तचर एजेंसी ‘रॉ’ (Research and Analysis Wing) के प्रमुख रहे अनिल धस्माना को राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (National Technical Research Organization, NTRO) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। वह दो साल के लिए NTRO के प्रमुख होंगे। यह एक तरह की गुप्तचर एजेंसी है, जो तकनीकी माध्यमों से जमीन से आसमान तक विभिन चीजों पर नजर रखती है। इसे ‘तीसरी आँख’ भी कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने धस्माना के नाम पर मुहर लगायी है। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी (गढ़वाल) के निवासी धस्माना, 1981 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं।
उन्हें पाकिस्तान मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। उनके पास पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काम करने का व्यापक अनुभव है। वे फरवरी 2019 में किये गए बालाकोट एयर स्ट्राइक के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक रहे हैं।
धस्माना 23 साल तक रॉ में रहे। दिसंबर 2016 में उनको रॉ का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी सेवानिवृति दिसंबर 2018 में थी। मगर केंद्र सरकार ने मई 2019 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनको 6 माह का विस्तार दे दिया था।