हरिद्वार पहुंचे नितिन गडकरी, दी 4750 करोड़ परियोजनाओं की सौगात..
उत्तराखंड: परिवहन और राजमार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज हरिद्वार पहुंचे। यहां उन्हांने तीर्थनगरी में 4750 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से उत्तराखंड की सड़क कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी।
उनका कहना हैं कि हम सभी का सौभाग्य है कि गडकरी जैसे केंद्रीय मंत्री से प्रेरणा लेने का अवसर मिल रहा है। मानव सभ्यता में सड़क निर्माण महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री ने न केवल सड़कों से देश को जोड़ा कई संस्कृति और सभ्यता को भी जोड़ा है। विकास का नया अध्याय शुरू किया गया है। राज्य आध्यात्म की भूमि तो है ही अब विकास की भूमि के रूप में पहचान बनी है। चारधाम यात्रा में जहां कम यात्री आते थे, आज सड़कों के जाल बिछने से 56 लाख यात्री आए। ऑल वेदर रोड इसमें महत्वपूर्ण पहल है।
उत्तराखंड में प्रत्येक दिन चार किमी सड़क निर्माण हो रहा है। सीमांत क्षेत्रों में पूछा गया कि सड़कें क्यों नहीं बन रही तो बताया गया कि पूर्व की सरकारें डरती थीं कि दुशमन देश में आसानी से घुस जाएंगे। इस मिथक को तोड़ा गया। आज ऋषिकेश चीन की सीमा से सीधे जुड़ रहा है । तीन लाख पचास हजार करोड़ का निवेश हो रहा है। देश दुनिया के लोग आज उत्तराखंड से जुड़ रहे हैं। एचआरडीए की योजनाओं का भी लोकार्पण किया गया है। यह सौभाग्य का विषय है कि इन योजनाओं से देश दुनियां के लोगों को लाभ मिलेगा । उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में आज कुछ मांगने के लिए नहीं जाना पड़ता, खुद ही मिल रहा है। यह विकास की एक कड़ी है। जिससे हम सभी जुड़ रहे हैं।
इन ग्राम प्रधानों को मिल सकती है प्रोत्साहन राशि, शासन को भेजा गया प्रस्ताव..
उत्तराखंड: प्रदेश के सभी 7,795 ग्राम प्रधानों को कोविड काल में किए गए काम के लिए प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है। हर प्रधान को 10 हजार रुपये मिलेंगे, इसके लिए पंचायतीराज निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रदेश में कोविड के दौरान वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्रामीणों ने जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए थे। कई गांवों में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए। जरूरतमंदों को भोजन, दवा एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई, लेकिन कोविड काल के बाद सरकार की ओर से ग्राम विकास अधिकारियों को प्रोत्साहन के रूप में 10-10 हजार रुपये की धनराशि दी गई, जबकि प्रधानों को छोड़ दिया गया।
इसके बाद से ही ग्राम प्रधान लगातार सरकार से प्रोत्साहन राशि की मांग करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि गांवों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्राम प्रधानों ने काम किया, जबकि प्रोत्साहन राशि उन्हें न देकर वीडीओ को दी गई। पंचायतीराज निदेशालय के अधिकारियों का कहना हैं कि ग्राम प्रधानों की मांग पर निदेशालय की ओर से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। वीडीओ की तर्ज पर ग्राम प्रधानों को भी कोविड में किए गए कार्य के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा सके, इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।
हल्द्वानी पहुंची मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, DGP और ADG लॉ एंड आर्डर भी मौजूद..
उत्तराखंड: हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी मौके पर पहुंची है। इसके साथ ही डीजीपी अभिनव कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन हल्द्वानी पहुंचे हैं। डीजीपी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मौके पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हल्द्वानी पहुंचकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना हैं कि “हम लोग पहले पूरी स्थिति को अच्छे से अध्ययन करेंगे और फिर उसके क्या लीगल बिंदु है वो देखेंगे। सरकार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होगी तो जो भी उसमें दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
हम स्थिति का पूरा अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी देंगे। दंगाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। ” इसके साथ ही मुख्य सचिव ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ ही डीजीपी अभिनव कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन भी हल्द्वानी पहुंचे हैं। वो स्थिति का जायजा ले रहे हैं। बता दें कि सीएम धामी खुद इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम धामी ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को हल्द्वानी में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद वो हल्द्वानी पहुंचे हैं।
इन तीन हस्तियों को मिलेगा भारत रत्न- केंद्र सरकार..
देश-विदेश: सरकार ने तीन हस्तियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। ये तीन हस्तियां हैं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, एम एस स्वामी नाथन और नरसिम्हा राव। इन तीनों को भारत देने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को सरकार ने एक साथ भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर दी जानकारी
नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की बात करते हुए लिखा, “हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
उत्तराखंड विधानसभा ने रचा इतिहास, सीएम धामी के नेतृत्व में पास हुआ यूसीसी बिल..
उत्तराखंड: आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया। इसके साथ ही उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। इस बिल के आने के बाद क्या कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यहां आसान भाषा में समझें।
UCC बिल पास कर उत्तराखंड ने रचा इतिहास
दो दिन लंबी चर्चा, बहस और तर्कों के बाद बुधवार की शाम सदन में समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 ध्वनिमत से पास हो गया। जहां एक ओर उत्तराखंड में अब लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी तो वहीं प्रदेश में विवाह का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस बिल के प्रवाधान कुछ इस प्रकार है।
1- लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी।
2- शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान कारण और आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा वही पत्नी के लिए भी लागू होगा।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी। पहली पत्नी के जिंदा रहते दूसरी शादी नहीं हो सकेगी। हालांकि अनुसूचित जनजाति के लोग इस परिधि से बाहर रहेंगे
5 – उत्तराधिकार में लड़कियों को भी अब लड़कों के बराबर का हक मिलेगा। इसके साथ ही संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों को भी अब जैविक संतान माना जाएगा।
6- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा। यानी लिव इन रिलेशनशिप की जानकारी परिजनों को देनी होगी। इसके साथ ही लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस कपल का जायज बच्चा ही माना जाएगा। उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे।
7- नौकरीशुदा बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी। अगर पत्नी दूसरी शादी करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
8- अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता-पिता का कोई सहारा न हो तो उनके भरण पोषण के जिम्मेदारी पति की होगी।
9- सभी को अब गोद लेने का अधिकार मिलेगा।मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
10- हलाला और इद्दत पर रोक होगी।
11- अगर पति-पत्नी के बीच झगड़े की स्थिति होती है तो ऐसे में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स यानी उने दादा-दादी को दी जा सकती है।
राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों के आश्रितों को मिलेगा क्षैतिज आरक्षण..
उत्तराखंड: राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों के सभी पात्र आश्रित भी राजकीय सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के हकदार होंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक पर गठित विधानसभा की प्रवर समिति ने यह सिफारिश की है। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने समिति की रिपोर्ट सदन पटल पर रखी। बुधवार को रिपोर्ट पर चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी देने की पूरी संभावना है।
आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने आठ सितंबर 2023 को सदन में विधेयक पेश किया था। विधेयक में चिह्नित आंदोलनकारियों व उसके एक आश्रित सदस्य को क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया था। प्रवर समिति ने इसमें बदलाव करते हुए सभी पात्र आश्रितों को आरक्षण का योग्य माना है। साथ समिति ने आश्रित की परिभाषा में चिह्नित आंदोलनकारी की पत्नी अथवा पति, पुत्र एवं पुत्री जिसमें विवाहित, विधवा, पति द्वारा परित्यक्त, तलाकशुदा पुत्री को भी शामिल किया गया है।
जारी शासनादेशों के अधीन विभिन्न राजकीय सेवाओं, पदों के लिए राज्य आंदोलनकारियों का चयन और नियुक्ति इस अधिनियम के तहत वैध माना जाए। जिस व्यक्ति का चिह्नीकरण सक्षम अधिकारी द्वारा राज्य आंदोलनकारी के रूप में किया गया हो, उसे प्रमाणपत्र या पहचानपत्र जारी हो। विधेयक में विभिन्न विभागों में तथा समूह घ के पदों पर सीधी भर्ती में नियुक्ति देने में आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को एक बार शिथिल करने का प्रावधान के स्थान पर समिति ने राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की सिफारिश की है।
2045 में भारत की ऊर्जा जरूरतें दोगुनी होंगी- पीएम मोदी..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में इंडिया एनर्जी वीक 2024 का उद्घाटन कर दिया। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘दुनियाभर के विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ऊर्जा क्षेत्र देश के विकास में बेहद अहम है। भारत पहले से ही तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है। साथ ही तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता, तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता देश है। हम दुनिया में चौथा सबसे बड़ा एलपीजी आयात करते हैं। चौथा सबसे बड़ा रिफाइनरी मार्केट हमारा है और ऑटोमोबाइल सेक्टर भी हमारा ही चौथा सबसे बड़ा है। आज देश में दोपहिया वाहनों और कारों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। ईवी की मांग भी बढ़ रही है। ऐसा अनुमान है कि भारत में 2045 तक ऊर्जा की मांग दोगुनी हो जाएगी।
भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था’..
प्रधानमंत्री का कहना हैं कि ‘इंडिया एनर्जी वीक का आयोजन बेहद अहम समय में हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष के बीते छह महीने में भारत की जीडीपी दर 7.5 फीसदी की दर से बढ़ रही है। यह दर वैश्विक अनुमान से भी ज्यादा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और हाल ही में आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि हम इसी रफ्तार से आगे बढ़ेंगे।
ओएनजीसी के सी सर्वाइवल सेंटर का किया उद्घाटन..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले गोवा में ओएनजीसी के सी सर्वाइवल सेंटर का उद्घाटन किया। ओएनजीसी सी सर्वाइवल इको-सिस्टम सेंटर को ग्लोबल स्टैंडर्ड के साथ तैयार किया गया है। यहां हर साल 10-15 हजार कर्मियों को समुद्र में काम करने के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। अपने दौरे पर पीएम मोदी गोवा को कुल 1330 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री गोवा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नए स्थायी कैंपस को भी देश को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री विकसित भारत, विकसित गोवा 2047 कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।
6-9 फरवरी तक गोवा में आयोजित हो रहा है इंडिया एनर्जी वीक..
इंडिया एनर्जी वीक 2024, 6 फरवरी से 9 फरवरी तक गोवा में आयोजित किया जा रहा है। इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत का सबसे बड़ा एनर्जी एग्जीबिशन और सम्मेलन है। जिसमें पूरी एनर्जी वैल्यू चेन साथ आएगी। प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक तेल और गैस कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। इंडिया एनर्जी वीक में विभिन्न देशों के 17 ऊर्जा मंत्री और 35 हजार से ज्यादा दर्शक और 900 से ज्यादा प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। एनर्जी वीक में कनाडा, जर्मनी, नीदरलैंड, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के पैवेलियन हैं। एक विशेष भारत पैवेलियन भी होगा, जिसमें भारतीय एमएसएमई और ऊर्जा सेक्टर की प्रमुख कंपनियों के इनोवेटिव सॉल्यूशन को प्रदर्शित किया जाएगा।
शिक्षण संस्थानों में खेलों का बनेगा संयुक्त कैलेंडर,पांच सदस्यीय कमेटी गठित..
उत्तराखंड: प्रदेश में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं शैक्षिक कार्य दिवस में वृद्धि के लिए शिक्षा, उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग संयुक्त रूप से वार्षिक खेल कैलेंडर तैयार किया जायेगा। इसके लिए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। समिति एक माह के भीतर वार्षिक खेल कैलेंडर का प्रारूप तैयार शासन को उपलब्ध कराएगी। शिक्षा मंत्री के शासकीय आवास पर हुई शिक्षा, उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि तीनों विभाग मिलकर खेलों का वार्षिक कैलेंडर तैयार करेंगे, जिसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि खेल गतिविधियों में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में कोई व्यवधान न आए।
शिक्षा मंत्री का कहना है कि इच्छुक छात्र-छात्राएं खेल गतिविधियों में भी प्रतिभाग कर सकें। डॉ. रावत ने कहा कि वार्षिक संयुक्त खेल कैलेंडर तैयार करने के लिए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में तीनों विभागों की एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है, जिसमें निदेशक उच्च शिक्षा, निदेशक विद्यालयी शिक्षा, निदेशक खेल एवं युवा कल्याण को बतौर सदस्य नामित किया गया है। संयुक्त समिति वार्षिक खेल कैलेंडर का प्रारूप तैयार कर इसे शासन को उपलब्ध कराएगी। परीक्षण के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में तीनों विभागों का अलग-अलग खेल कैलेंडर लागू होने से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में व्यवधान पैदा होता है, जबकि एनईपी-2020 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 220 दिन होनी जरूरी है। तीनों विभागों का संयुक्त खेल कैलेंडर तैयार करना जरूरी हो गया है।
95 ब्लॉकों में बनेंगे खेल मैदान और मिनी स्टेडियम..
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 95 ब्लॉकों में खेल मैदान और मिनी स्टेडियम बनेंगे। इसके लिए धनराशि खेल एवं युवा कल्याण विभाग मुहैया कराएगा। भविष्य में स्टेडियम के रखरखाव एवं कई खेलों के कोच की व्यवस्था भी खेल विभाग की ओर से की जाएगी। खेल विभाग के अफसरों ने का कहना हैं कि अब तक राज्य में 27 मिनी स्टेडियम व खेल मैदान का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। बैठक में विभागीय मंत्री ने खेल विभाग को शिक्षा विभाग के आवासीय विद्यालय में भी कोच उपलब्ध करने के लिए कहा।
उत्तराखंड में 500 कोच करेंगे 2500 मेडलिस्ट तैयार- खेल मंत्री रेखा आर्या..
उत्तराखंड: खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने खेल निदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ इस वर्ष प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल और सीएम धामी की घोषणाओं के संबंध में बैठक ली। बैठक में विभागीय अधिकारियों से राष्ट्रीय खेलों के खेल मैदानों के निर्माण व अवस्थापना के बारे में जानकारी ली। रेखा आर्य का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेल की मेजबानी मिलना राज्य के लिए खुशी की बात है। हम राष्ट्रीय राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जो भी निर्माण कार्य बचे हुए हैं उन्हें तय समय पर उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करा लिया जाए। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राज्य में कार्यरत करीब 500 कोच पांच-पांच मेडलिस्ट को राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार करेंगे। ऐसे में राज्य के खिलाड़ियो की प्रतिभा सामने निखर कर आएगी और हम अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।
सीएम धामी ने लांच किया ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल..
उत्तराखंड: राज्य सूचना आयोग में अब अपील और शिकायतों के पंजीकरण के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी घर बैठे शिकायतों का पंजीकरण कराने के साथ ही अपील में भी शामिल हो सकेंगे। सीएम धामी का कहना हैं कि ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल से लोगों का काफी मदद मिलेगी। अपीलों की सुनवाई में आने-जाने में समय बचेगा। सूचना का अधिकार एक्ट से लोगों की ओर से शासन-प्रशासन से संबंधित अपनी व्यक्तिगत व सामुदायिक कठिनाइयों का निराकरण करने में और आसानी हो जाती है। कहा, आज शुरू की गई ऑनलाइन सुविधाओं का सबसे अधिक लाभ राज्य के दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को प्राप्त होगा।
उनका कहना हैं कि उन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन एवं प्रथम अपील ऑनलाइन रूप से करने की सुविधा प्राप्त होने के साथ-साथ द्वितीय अपील में भी अपने स्थान से ही शामिल होने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने आशा जताई कि जनसामान्य की ओर से इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाएगा। मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने कहा कि द्वितीय अपीलों एवं शिकायतों के ऑनलाइन पंजीकरण तथा हाईब्रिड मोड से सुनवाई में भाग लेने की दोनों सुविधा तत्काल जनसामान्य के लिए उपलब्ध करा दी गई। पोर्टल में समस्त विभागों के लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों की आईडी तैयार की जाएगी।
अधिकारियों को पोर्टल पर कार्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जल्द ही पोर्टल से जनसामान्य की ओर से सूचना आवेदनपत्र, आवेदन शुल्क व प्रथम अपील को ऑनलाइन रूप से भी प्रेषित किया जा सकेगा। कहा, दिसंबर 2023 में आयोग ने 521 सुनवाई करते हुए 299 वादों को निस्तारित किया। जनवरी 2022 से दिसंबर 2023 तक की अवधि में आयोग ने 11,037 सुनवाई से 6735 वादों का निस्तारण किया।