विजिलेंस के लिए बनेगा दो करोड़ का रिवॉल्विंग फंड-सीएम धामी..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में विजिलेंस को मजबूत बनाने के लिए दो करोड़ के रिवॉल्विंग फंड की घोषणा की। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सरकार विजिलेंस की सुविधाओं में और इजाफा करेगी। मुख्यमंत्री बुधवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में सुशासन, पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने चार व्हिसलब्लोअर्स को सम्मानित भी किया।
सीएम का कहना हैं कि राज्य में विजिलेंस को सशक्त बनाया जाएगा। इसके ढांचे एवं अन्य सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। विजिलेंस में सराहनीय कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त देवभूमि का संकल्प है। 2025 तक उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त एवं नशामुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिए सभी विभागों को विजिलेंस के साथ समन्वय से कार्य करना होगा। उनका कहना हैं कि राज्य में विजिलेंस को और मजबूत बनाना है। जो ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं, उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, निदेशक सतर्कता अमित सिन्हा, शासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इन लोगों सीएम धामी आज करेंगे सम्मानित..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी आज 27 व्यक्तियों और संस्थाओं को सतत विकास लक्ष्य के तहत आजीविका, मानव व सामाजिक विकास के क्षेत्र में नवाचार और अनूठा कार्य करने पर एसडीजी गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित करेंगे। इन सभी चयनित संस्थाओं व व्यक्तियों का चयन चार चरणों की प्रक्रिया के बाद किया गया। नियोजन विभाग के लोक नीति एवं सुशासन केंद्र (सीपीपीजीजी) व संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के संयुक्त तत्वावधान में गोलकीपर अवार्ड के लिए व्यक्तिगत एवं संस्थागत श्रेणी में आवेदन मांगे गए।
सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत का कहना हैं कि सतत विकास लक्ष्यों का महत्वाकांक्षी एजेंडा है, जिसमें वर्ष 2030 तक गरीबी एवं कुपोषण समाप्त करते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरणीय क्षेत्रों में विशेष कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इन प्रमुख लक्ष्यों को निर्धारित समय में प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक सामाजिक क्षेत्र की सहभागिता भी जरूरी है। राज्य में तमाम स्वयंसेवी संस्थाएं, व्यक्ति, गैरसरकारी संगठन, नागरिक, शोध एवं अकादमिक संस्थाएं अपने-अपने क्षेत्रों में काम कर रही हैं, जो सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान दे रही हैं या योगदान दे सकती हैं।
साथ ही समाज में दूसरी संस्थाओं और व्यक्तियों को प्रेरित कर सकती हैं। ऐसी संस्थाओं और व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें एसडीजी गोलकीपर अवार्ड देने की योजना बनाई गई। इसके लिए समाचार पत्र, एफएम रेडियो, कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से प्रचार कर आवेदन मांगे गए थे। जिसमें से 176 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 100 संस्थाओं व व्यक्तियों को छांटा गया। सीपीपीजीजी की टीम ने भ्रमण कर संस्थाओं और व्यक्तियों के काम का सत्यापन किया। उन स्थानों और लोगों से बातचीत की जहां संस्थाएं और व्यक्ति काम कर रहे थे। इसके बाद 27 संस्थाओं और व्यक्तियों का एसडीजी गोलकीपर अवार्ड के लिए चयन किया गया।
सिफारिश रद्द नहीं की तो उपवास पर बैठूंगा-हरीश रावत..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विभागों में तीन साल से खाली पदों को समाप्त करने के निर्णय को महापाप बताया। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि यह हजारों बेरोजगारों की आशाओं पर कुठाराघात है। अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है, इस सिफारिश को रद्द किया जाए। इसके लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया जाता है। यदि इस बीच इसे निरस्त न किया गया तो वह तेज धूप में दोपहर 12 बजे से एक बजे तक उपवास पर बैठेंगे। ताकि सरकार को बेरोजगारों के दर्द का कुछ एहसास हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पंचम राज्य वित्त आयोग की सिफारिश को रद्द करने का अनुरोध किया है। एक सप्ताह में सिफारिश रद्द न होने पर उन्होंने तपती धूप में उपवास करने की चेतावनी दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावतका कहना हैं कि दून और अन्य अस्पतालों में कार्यरत उपनल व पीआरडी से संबद्ध कर्मचारी उनसे मिले। इन कर्मचारियों ने आपातकाल में मानवता की सेवा की है। सरकार को उन्हें सेवा से मुक्त करने के बजाए उनकी समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए। उधर विधायक एवं पूर्व मंत्री यशपाल आर्य और पूर्व विधायक संजीव आर्य ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से शिष्टाचार भेंट की।
मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का बयान देने की बात साबित हुई तो छोड़ दूंगा राजनीति-हरीश रावत..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा और कांग्रेस नेता के समर्थकों पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है। उनका कहना हैं कि अगर यह साबित हो जाता है कि उन्होंने कभी राज्य में मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना करने को लेकर बयान दिया था तो वह राजनीति छोड़ देंगे। भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान के प्रमुख हरीश रावत के इस कथित बयान को चुनावों से पहले एक प्रमुख मुद्दा बना दिया था।
रावत ने रविवार को फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा, “चुनाव में हमारी हार के बाद काफी समय से बिना किसी वजह के मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर बेबुनियाद आरोपों की बौछार की जा रही है। भाजपा समर्थकों के अलावा, हमारे एक नेता से जुड़े कुछ लोग भी मुझ पर निशाना साध रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह राजनीति में मेरा अस्तित्व खत्म करने का एक अवसर है।
हरीश रावत का कहना हैं कि अगर राज्य में मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित करने का उनका कथित बयान साबित हो जाता है तो वह महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास बैठकर राजनीति छोड़ने की घोषणा कर देंगे। इससे पहले रावत ने उन पर लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि अगर पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग को लेकर वे कांग्रेस कार्यालय में उपवास पर बैठ गए, तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पड़ेगी। विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सिर पैर के हमले करने वालों की बाढ़ आ गई है।
पुष्कर सिंह धामी ने लगातार दूसरी बार ली शपथ, आठ मंत्रियों ने भी ली मंत्री पद की शपथ..
उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (रि.) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद सभी संतों से मिलने पहुंचे। संतों ने सीएम योगी को आमंत्रित किया था। इस दौरान संतों ने सीएम योगी का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की बैठक ले सकते हैं। इसमें समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर हाई पावर कमेटी बनाए जाने का फैसला लिया जा सकता है। बता दे कि धामी सचिवालय में पहली कैबिनेट बैठक ले सकते हैं। इस संभावना को देखते हुए शासन स्तर पर भी तैयारियां की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि पहली कैबिनेट में आगामी विधानसभा सत्र को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा भाजपा के चुनाव दृष्टि पत्र को सरकारी नीति दस्तावेज बनाए जाने का फैसला भी लिया जा सकता है।
कल होगा धामी का शपथ ग्रहण समारोह, पीएम मोदी और अमित शाह रहेंगे मौजूद..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक बार फिर सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुन लिया गया हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के नाम का एलान किया। इसके बाद धामी पार्टी के वरिष्ठ विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। 23 मार्च को परेड ग्राउंड में धामी सरकार का शपथग्रहण होगा। उनका पहला कार्यकाल केवल आठ महीने का था। अब उन्हें अगले पांच साल के लिए सत्ता की बागडोर सौंपी गई है।
आपको बता दे कि कल 23 मार्च को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह देहरादून पहुंचेंगे। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार और डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने सोमवार रात शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन स्थल परेड ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सोमवार देर रात तक स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की टीम के देहरादून पहुंचने की सूचना थी। शपथ ग्रहण समारोह स्थल परेड ग्राउंड और उसके आसपास जिला प्रशासन, पुलिस और खुफिया विभाग ने चलाया देर रात तक सघन तलाशी अभियान हुआ था। शपथ ग्रहण समारोह स्थल परेड ग्राउंड के आसपास पानी की टंकियों और ऊंची इमारतों पर भी खुफिया विभाग और पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
हार के बाद भी उत्तराखंड के CM होंगे धामी, हाईकमान ने भरी हामी..
उत्तराखंड: प्रदेश की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे कि पुष्कर सिंह धामी ही उत्तराखड के अगले सीएम होंगे। ऐसी स्थिति में कोई एक विधायक उनके लिए सीट खाली करेगा। इसके 6 महीने के भीतर उपचुनाव होंगे और धामी के विधायक बनकर सदन में आना होगा। बीजेपी आलाकमान में धामी को लेकर किसी भी तरह का कनफ्यूजन नहीं है। उनकी इमेज को देखकर उन्हें एक बार फिर से मौका दिए जाने की बात कही जा रही है। इससे पहले धामी के लिए कई विधायक सीट खाली करने की बात कह चुके हैं। पिछली बार धामी ने उत्तराखंड के 11वें सीएम के रूप में शपथ ली थी। धामी खटीमा सीट से लगातार दो बार विधायक बने थे लेकिन इस बार चुनाव हार गए थे। ऐसे में सीएम को लेकर काफी कन्फ्यूजन हो गया था। कई चेहरों को लेकर कई तरह की बातें कही गई लेकिन अब आखिरकार धामी के नाम पर ही मुहर लग गई है
सीएम पर सस्पेंस जल्द होगा ख़त्म, कुछ ही देर में शुरू होगी विधायक दल की बैठक..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। विधायक मंडल दल की होने जा रही बैठक में बीजेपी विधायक दल के नेता चुना जाएगा। प्रदेश के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देहरादून पहुंच गए हैं। उनकी मौजूदगी में देहरादून में होने वाली बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी। भाजपा प्रदेश कार्यालय में होने वाली बैठक में पार्टी हाईकमान के फैसले के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम पर एलान कर दिया जाएगा। बता दे कि बैठक में भाग लेने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम सोमवार दोपहर को देहरादून पहुंच गए हैं।। इसके अलावा चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी समेत प्रदेश के सभी राज्यसभा व लोकसभा सांसद और नवनिर्वाचित विधायक बैठक में पहुंच गए हैं।
भाजपा हाईकमान से मुलाकात के बाद,पुष्कर सिंह धामी ने कहा कुछ ऐसा..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा सीट से हार के बाद अब भाजपा विधायकों ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है। कई विधायक सहित सांसद मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने की बात कह रहे हैं। आपको बता दे कि इसी के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि भाजपा हाईकमान ही उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाएगी। उत्तराखंड की कमान किसके हाथों में दी जाएगी इस पर केंद्रीय नेतृत्व गहनता से विचार कर रहा है। विधायक दल की बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। धामी के हारने के बाद करीब आधा दर्जन विधायकों ने उनके लिए सीट छोड़ने की भी पेशकश कर डाली है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा हाईकमान धामी पर दोबारा भरोसा जताती है या फिर विधायकों के बीच में से ही किसी को उत्तराखंड की कमान सौंपती है।
20 मार्च तक मुख्यमंत्री के नाम की हो सकती है घोषणा.
बता दे कि उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा हाईकमान 20 मार्च तक मुहर लगा सकती है। हाईकमान ने भाजपा के सभी निर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में रहने की सख्त हिदायत दी है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के बाद भी हाईकमान ने नेता सदन की चयन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की है।
बताया जा रहा है कि 17 मार्च यानि आज तक होलाष्टक होना इसका मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा हाईकमान भी काफी सतर्क है ताकि पिछली बार की तरह तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने जैसी स्थितियों न पैदा हो। ऐसे में हाईकमान सभी विकल्पों पर गहनता से विचार कर रही है।
उत्तराखंड में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के पास तीन-तीन विकल्प हैं। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो पहला विकल्प कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी को रिपीट करने का होगा। तो दूसरे विकल्प के तौर पर भाजपा निर्वाचित विधायकों में से ही किसी विधायक को उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री बना सकते हैं। जबकि, तीसरे विकल्प की बात करें तो भाजपा विधायकों से बाहर किसी सांसद को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी भी सौंप सकती है।
क्या अनिल बलूनी होंगे उत्तराखंड के नए सीएम..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की जीत के बाद उत्तराखंड में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर क्यास लगने शुरू हो गए हैं। युवा चेहरा के साथ ही अनुभवी चेहरे को उत्तराखंड का अगला सीएम बनाने को लेकर पार्टी हाईकमान में मंथन का दौर भी शुरू हो गया है।
आपको बता दे कि चर्चाओं के बीच अनिल बलूनी का नाम भी सीएम की रेस में आगे हैं । हालांकि सीएम पद के दावेदार कई हैं लेकिन निल बलूनी उत्तराखंड के लिए सरप्राइजिंग पैकेज हो सकते हैं। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को पीएम मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता हैं। वह भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं। आपको बता दे कि अनिल बलूनी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले से ताल्लुक रखते हैं।
अनिल बलूनी ने भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, निशंक सरकार में वन्यजीव बोर्ड में उपाध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और फिर राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी तक का सफर तय किया है। एक समय अनिल बलूनी पत्रकार हुआ करते थे और आज वह पीएम मोदी और अमित शाह के करीबियों में गिने जाते हैं. पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ है। अमित शाह के 2014 में अध्यक्ष बनने के बाद अनिल बलूनी को पार्टी प्रवक्ता और मीडिया प्रकोष्ठ का प्रमुख बनाया गया। एक तरह से वो अमित शाह के भी सबसे भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं। कहा जाता है कि अनिल उत्तराखंड के लोगों की नब्ज टटोलने में भी माहिर हैं। ऐसे में कोई शक नहीं कि बीजेपी आलाकमान उत्तराखंड के सीएम के तौर पर अनिल बलूनी का नाम आगे लाएगी ।