श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को मिले तीन और फैकल्टी..
वॉक इन इंटरव्यू से हुआ चयन..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान में फैकल्टी की कमी को दूर करने के उद्देश्य से विभिन्न संकायों में तीन नई फैकल्टी नियुक्त करने की स्वीकृति दी है। इन नई नियुक्तियों से मेडिकल कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्राप्त होगा और बेस चिकित्सालय में मरीजों को भी उचित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
आपको बता दें कि वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से फैकल्टी नियुक्ति की प्रक्रिया निरंतर चल रही है। इसी क्रम में सरकार ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में तीन और फैकल्टी नियुक्त करने की मंजूरी दी है, जिसमें नेत्र रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर डॉ. दिनेश सिंह, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. नेहा काकरान, और माइक्रोबायोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. अनिल कुमार को नियुक्ति प्रदान की गई है। इन सभी नियुक्तियों का चयन हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किया गया है। यह सभी नियुक्तियां संविदा के आधार पर आगामी तीन वर्षों या फिर नियमित नियुक्ति होने तक के लिए की गई हैं। विगत समय में भी वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के विभिन्न संकायों में रिक्त पदों पर फैकल्टी की नियुक्तियां की गई हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना हैं कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में तीन और फैकल्टी की नियुक्ति को सरकार ने मंजूरी दी है।सरकार का उद्देश्य राज्य के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शत-प्रतिशत फैकल्टी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि शिक्षण कार्य और अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं बिना बाधाओं के संचालित हो सकें। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी पदों को भरा जाएगा।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के विभागों का होगा कंजप्शन ऑडिट..
पांच साल का देना होगा लेखा-जोखा..
उत्तराखंड: राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस टीचिंग चिकित्सालय के 22 से अधिक विभाग और अनुभाग को पिछले पांच सालों में उपयोग किये गये सभी तरह के सामान का लेखा-जोखा देना होगा। इसके लिए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कंजप्शन ऑडिट कराने के लिए अस्पताल के प्रत्येक विभाग को पत्र भेजकर सूचना तैयार करने के निर्देश दिये हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मेडिकल कॉलेजों के ऑडिट के निर्देश के बाद यह कार्रवाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा अमल में लाई गई हैं।
बेस चिकित्सालय में सर्जरी, आर्थो, गायनोकॉलोजिस्ट, पीडियाट्रिक, मेडिसिन, ईएनटी, रेस्पिरेटरी, रेडियोथेरेपी, डेंटल, स्कीन, रेडियोलॉजी और मनोरोग सहित अन्य विभाग और अनुभाग चल रहे हैं, जिसमें मरीजों के साथ-साथ कार्यालय, ओपीडी और आईपीडी के लिए उपयोग हेतु विभागों के क्लर्क और स्टोर कीपर द्वारा पेंसिल, पेन रजिस्टर से लेकर छोटी-बड़ी मशीनें, फर्नीचर, कंप्यूटर सामाग्री, दवाईयां और अन्य consumable और NON consumable वस्तुएं विभागाध्यक्षों की डिमांड पर मेडिकल और अस्पताल प्रशासन से ली जाती हैं।
उक्त सामान का समूचित रिकॉर्ड विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है। स्टॉक रजिस्टर में अंकित सामान का पांच सालों में सभी रिकॉर्ड की जानकारी के लिए कॉलेज प्रशासन ने कंजप्शन ऑडिट करने का निर्णय लिया है, ताकि विभागों द्वारा अभी तक नियमानुसार उपभोग किये गये सामान की सही जानकारी मिल सके। यहीं नहीं उपभोग्य वस्तुएं और नोन उपभोग्य वस्तुएं दोनों प्रकार के सामानों का लेखा-जोखा स्टॉक रजिस्टर में अंकित करना होता है , जो कि प्रतिवर्ष विभागाध्यक्ष / प्रभारी द्वारा सत्यापित किया जाता है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि विभागों द्वारा ली गई सामाग्री का लेखा-जोखा अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है। प्रतिवर्ष के अंतिम माह में पूरा लेखा-जोखा विभागाध्यक्ष / इंचार्ज द्वारा सत्यापित व हस्ताक्षरित किया जाता है, जिसमें विभाग के क्लर्क एवं स्टोर कीपर पर संपूर्ण लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि विभागों को अभी तक लिए गए सभी प्रकार के सामानों का हिसाब-किताब बताना होगा।
डॉ. सीएमएस रावत का कहना हैं कि संस्थान द्वारा गठित कंजप्शन ऑडिट टीम द्वारा पिछले 5 वर्षों का प्रत्येक विभागीय ऑडिट 1 नवंबर, 2024 से शुरू किया जाना है। सभी विभागों को पांच सालों की स्टॉक रजिस्टर रिपोर्ट को नियमानुसार पूर्णत तैयार कर कंजप्शन ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत कना होगा। उन्होंने कहा कि प्राचार्य ने उक्त कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए हैं। वहीं अगर लापरवाही बरती गई, तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित 30 नए आईसीयू बेड का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड के समय में इन आईसीयू बेड की उपलब्धता से विशेषकर पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी जिले के लोगों को ईलाज में मदद मिलेगी। इन जनपदों से अधिकांश मरीज ईलाज के लिए श्रीनगर आते हैं। कोविड के बाद अन्य बीमारियों के ईलाज के लिए भी इन आईसीयू बेड का उपयोग होगा।
कोविड-19 के संक्रमण काल में इन आईसीयू बेड की उपलब्धता से विशेषकर पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी जिले के लोगों को उपचार में मदद मिलेगी।
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) May 26, 2021
उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में आईसीयू, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनका विस्तार सीएचसी एवं पीएचसी लेवल तक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही नैनीडांडा, थलीसैंण एवं प्रदेश के अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिए अभी से सतर्कता बरतनी होगी। सभी अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था हो। इसकी समय से पूरी तैयारी रखी जाय।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी पौड़ी विजय जोगदंडे, सीएमओ पौड़ी डॉ मनोज शर्मा, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सीएमएस रावत आदि उपस्थित थे।