उत्तराखंड में गर्भवती महिलाओं को मिलेगा ये लाभ..
उत्तराखंड: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 34वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक का आयोजन सचिवालय में सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि हरिद्वार और देहरादून में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत वर्किंग वुमन हॉस्टल वन स्टॉप सेंटरों एवं कार्यशील महिला छात्रावास का जन्म गृह केंद्रों (बर्थ वेटिंग होम) के रूप में उपयोग किया जाएगा। जिसमें गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व ठहरने व खान-पान की सुविधा होगी।
उनका कहना हैं कि एन.एच.एम., उत्तराखंड के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के.) में कार्यरत आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक डॉक्टरों के समान मानदेय कर दिया जाएगा। साथ ही जनवरी 2023 से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जन आरोग्य अभियान- एक कदम स्वस्थ जीवन की ओर में शामिल किया जाएगा।
बैठक में डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि देहरादून स्थित हर्रावाला में निर्माणाधीन 300 बेड कैंसर केयर अस्पताल को पी.पी.पी. मोड के माध्यम से संचालित किए जाने की सैद्धांतिक सहमति हुई है जिस हेतु चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अधिप्राप्ति/पी.पी.पी. सैल एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड, उत्तराखंड हैल्थ सिस्टम डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट (यू.के.एच.एस.डी.पी.) अनुबंध प्रबंधन टीम के सहयोग से टेंडर डाक्यूमेंट तैयार कर विज्ञप्ति 15 जनवरी 2023 तक जारी की जाएगी।
“You Quote We Pay” के आधार पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु आई.पी.एच.एस. मानकों के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के अंतर्गत की जाएगी। बैठक में डॉ. सरोज नैथानी निदेशक एन.एच.एम., डॉ. आशुतोष सयाना निदेशक चिकित्सा शिक्षा, मोहित चौधरी चीफ प्रोग्राम ऑफिसर महिला एवं बाल सशक्तिकरण विभाग, खजान चंद्र पांडे वित्त नियंत्रक एन.एच.एम., डॉ. यू.एस. कंडवाल अपर निदेशक स्वास्थ्य महानिदेशालय, डॉ. अजय कुमार नगरकर कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., कविता कौशल सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।