जिले के अस्पतालों में जल्द भरे जायेंगे रिक्त पद-स्वास्थ्य सचिव..
उत्तराखंड: स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार अपने कुमांउ मंडल दौरे के तीसरे दिन जनपद बागेश्वर पहुंचे। स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार का आज जनपद बागेश्वर पहुंचने पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागेश्वर डॉ0 डी0पी0 जोशी, डॉ0 देवेश चौहान एवं डॉ0 हरीश पोखरिया, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागेश्वर द्वारा पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का जमीनी परीक्षण किया और सुधार के दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने विधायक कपकोट सुरेश गडिया के साथ जनपद अस्पताल में लगे स्वास्थ्य चौपाल में क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को सुना और तत्काल समस्याओं के निराकरण के लिए संबधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने विधायक कपकोट सुरेश गडिया, जिलाधिकारी अनुराधा पाल के साथ सीएचसी कांडा, जिला चिकित्सालय, प्रा.स्वा. केंद्र रवापखाल व सीएचसी बैजनाथ का निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू बीमारी को रोकने के लिए अस्पताल के डेंगू वार्ड में मच्छरदानी सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। चिकित्सालय में पानी की निकासी, साफ सफाई और दवा के छिडकाव की उचित व्यवस्था करने को कहा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन क्रिटिकल केयर सेंटर के कार्यो में तेजी लाते हुए डायलिसिस सेंटर के पास की खाली भूमि पर अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दिए। उन्होंने चिकित्सालय में इमरजेंसी, दंत रोग विभाग,ईएनटी, बाल रोग विभाग, पैथोलॉजी लैब, महिला वॉर्ड में भर्ती महिलाओं एवं प्रसव से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं व भर्ती मरीजों का हाल जाना।
राजेश कुमार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से वार्ता करने के साथ ही अस्पताल से उन्हें दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली।
इस दौरान चिकित्सालयों में प्रत्येक मरीज को बेहतर उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि जिन उपकरणों की आवश्यकता है उनके प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भेजे जाय। जिला चिकित्सालय में तैयार किए जा रहे अत्याधुनिक ओटी के लिए चिकित्सकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा जल्द विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव ने स्थानीय जनता से संवाद स्थापित कर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं सुविधाओं की जानकारी दी साथ ही उनसे योजनाओं का फीडबैक भी लिया। इस दौरान कांडा क्षेत्र के लोगों द्वारा सचिव स्वास्थ के सामने नर्सिग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की मांग रखी। स्वास्थ्य सचिव ने वैलनेस सेंटरों में जाकर अवस्थपना सुविधाओं आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, औषधियों एवं विभिन्न संवर्गों में कार्यरत कार्मियों की स्थिति का अवलोकन किया। स्वास्थ्य सचिव के साथ विभागीय अधिकारियों ने आयुष्मान कार्ड एवं आभा आईडी बनाने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया साथ ही टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी।
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने अपने टीम के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काण्डा का निरीक्षण किया गया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों से अस्पताल में रिक्त पदो के सम्बन्ध में जानकारी ली। स्वास्थ्य सचिव ने महानिदेशालय को अवगत कराया गया कि चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की यथाशीघ्र तैनाती की जाए। स्वास्थ्य सचिवचिकित्सालय में लगे स्वास्थ्य चैपाल में क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को सुना। इसके साथ ही तत्काल समस्यों के निराकरण हेतु सम्बन्धि प्रभारी को निर्देशित किया गया। आशाओं कार्यक्रर्ताओं द्वारा मानदेय बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। स्वास्थ्य सचिव द्वारा मानदेय बढ़ाये जाने का आसवान दिया गया।
जिला चिकित्सालय, बागेश्वर में निरीक्षण के दौरान निर्माणाधीन कार्यों पर असंतोष व्यक्त करते हुए, यथाशीघ्र, गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू बीमारी को रोकने के लिए अस्पताल के डेंगू वार्ड में मच्छरदानी सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
चिकित्सालय में पानी की निकासी, साफ सफाई और दवा के छिडकाव की उचित व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने चिकित्सालय में इमरजेंसी, दंत रोग विभाग,ईएनटी, बाल रोग विभाग, पैथोलॉजी लैब, महिला वॉर्ड में भर्ती महिलाओं एवं प्रसव से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं व भर्ती मरीजों का हाल जाना।
राजेश कुमार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से वार्ता करने के साथ ही अस्पताल से उन्हें दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान चिकित्सालयों में प्रत्येक मरीज को बेहतर उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि जिन उपकरणों की कपकोट विधायक माननीय सुरेश गडिया द्वारा स्वास्थ्स विभाग कि प्रशंसा कि गयी व क्षेत्रीय जनता के समस्याओ को सुन उनका तत्काल निवारण किया गया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ. तारा आर्या, सीएमओ डॉ. डीपी जोशी, उपजिलाधिकारी मोनिका, सीएमएस डॉ. वीके टम्टा, एसीएमओ डॉ.हरीश पोखरिया, डॉ. देवेश चैहान, तहसीलदार दीपिका आर्या,तितिक्षा जोशी सहित अन्य मौजूद रहे।
स्वास्थ्य सचिव ने अपने पिथौरागढ़ भ्रमण पर अधिकारियों को दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड: राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार आज कल कुमांउ मंडल के चंपावत और पिथौरागढ़ जनपद के भ्रमण पर है। चंपावत में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत परखने के बाद आज चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के सचिव डॉ आर राजेश कुमार पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिथौरागढ़ जनपद के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों-कर्मचारियों के संग समीक्षा बैठक कर अहम निर्देश दिये।
सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इग्यारदेवी का निरीक्षण किया और वहां पर स्थित लैब का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिये। उसके बाद विकास भवन स्थित सभागार में प्रधानमंत्री के जनपद आगमन की तैयारियों से संबंधित जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एचएस ह्यांकी से जिले के बाहर से आने वाली कार्डियक एंबुलेंस व स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की तैनाती की जगह के विषय में जानकारी ली व इस दौरान सभी कार्मिकों को एलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जिले में सबसे अधिक ऑर्गन डोनर बनाए जाने पर खुशी जताई। वहीं जनपद में आयुष्मान योजना की धामी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने सुधार के निर्दश दिये। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि योजना में जनजागरूकता को लेकर व्यापक कंपेन चालया जाये। जनपद में 100 फीसदी आयुष्मान कार्ड का लक्ष्य लेकर पूरी व्यापक कार्य योजना बनाई जाये। हर घर आयुष्मान कार्ड की सुविधा को लेकर अधिकारी-कर्मचारी कार्य करें। योजना के महत्व के बारे में आम जनमानस को बतायें। इससे मिलने वाले लाभों को समझायें।
मेडिकल कॉलेज के धीमे निर्माण पर जाहिर की नाराजगी..
इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने पिथौरागढ़ जनपद के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने बारीकी से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था से निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य तय समय पर पूरा होना चाहिए ताकि आम जनमानस को इसका पूरा लाभ मिले। स्वास्थ्य सचिव ने कार्यदायी संस्था को मजदूरों और मशीनरी की संख्या बढ़ाने के निर्दश दिये। साथ ही हिदायत दी कि निर्माणकार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाये।
पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी होगी दूर, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत- स्वास्थ्य सचिव..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पहली तैनाती कर दी गई है। डॉक्टरों को ‘यू कोट-वी पे‘ योजना के तहत संविदा पर तैनाती दी गई है। स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 4 लाख से 6 लाख रुपये महीने का वेतन दिया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार का कहना हैं कि स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पायेगा।
स्वास्थ्य विभाग लम्बे समय से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा है। जिसके पहले चरण में 24 डॉक्टरों का चयन किया गया है। इनमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिश, ऑर्थाेपेडिक डॉक्टरों को तैनाती दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की लोकप्रिय योजना ‘यू कोट-वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती की गई है। सभी डॉक्टरों को तैनाती के ऑडर जारी कर दिए गए हैं।
सचिव स्वास्थ्य डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि यह सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर की जा रही हैं। उनका कहना हैं कि प्रदेश के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो है, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति होने से आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में दी गई है। आवश्यकतानुसार ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल के अन्य चरण भी आयोजित किये जा सकते हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए धामी सरकार ने यू कोट वी पे फार्मूले के तहत प्लान बनाया है। इस योजना के तहत विशेषज्ञ डाक्टरों को 4 लाख और सुपर स्पेश्यलिस्ट डाक्टरों को 6 लाख रुपये तक प्रति माह वेतन देने की योजना है। योजना का असर रहा कि बड़ी सँख्या में डॉक्टर अपनी सेवाएं देने राज्य के पर्वतीय जिलों में तैयार हुए हैं।
डॉक्टरों की तैनाती स्थल..
1 – ऑर्थाे सर्जन महेश चंद्र, एसडीएच काशीपुर उधमसिंह नगर ।
2 – एनेस्थेटिक रोहित, सीएचसी बेतालघाट नैनीताल ।
3 – एनेस्थेटिक संजय कूट, सीएचसी सितारगंज उधमसिंह नगर ।
4 – ईएनटी विपिन सेघल, एसडीएच रुड़की
5 – ईनएटी तोषी जर्नाधन एसडीएच रानीखेत अल्मोड़ा ।
6 – एमडी मेडिसन संदीप टंडन, डीएच हरिद्वार ।
7 – एमडी मेडिसन प्रीति यादव, डीएच चंपावत ।
8 – एमडी मेडिसन शैलेंद्र कुमार, एसडीएच कोटद्वार ।
9 – जनरल सर्जन राजीव गर्ग, एसडीएच ऋषिकेश ।
10 – जनरल सर्जन कुमार सेन नंदकर्णी, सीएचसी थलीसैंण ।
11 – जनरल सर्जन सुरेश वशिष्ट, हरिद्वार ।
12 – जनरल सर्जन प्रणाम सिंह प्रताप, एसडीएच रुड़की ।
13 – जनरल सर्जन पुनीत बंसल, एसडीएच बाजपुर ।
14 – जनरल सर्जन भानूप्रताप शर्मा, फीमेल हॉस्पिटल शिमली चमोली ।
15 – गायनोलॉजिस्ट अनुराधा कुशवाहा, सीएचसी सितारगंज ।
16 -ऑप्थेल्मोलॉजिट सुमन शर्मा, एसडीएच कर्णप्रयाग चमोली ।
17 – पैथोलॉजिस्ट रश्मि संजय कूट, एसडीएच टनकपुर चंपावत ।
18 – पेडेयेट्रिक प्रकाश चंद्र सिंह, सीएचसी डीडीहाट पिथौरागढ ।
19 – पेडयेट्रिक भारत गुफ्ता, एसडीएच रुड़की ।
20 – पेडयेट्रिक ओमप्रकाश, सीएचसी बेरीनाग पिथौरागढ ।
21 – पेडयेट्रिक उमाशंकर सिंह रावत, सीएचसी अगस्तयमुनि रुद्रप्रयाग ।
22 – पेडयेट्रिक कनिका मेहता, सीएचसी सितारंगज उधमसिंहनगर ।
23 – रेडियोलोजिस्ट शंभू कुमार झा, एसडीएच हरिद्वार ।
24 – रेडियोलॉजिसट देवेंद्र शर्मा, सीएचसी सितारगंज उधमसिंह नगर ।
उत्तराखण्ड को सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन की 1 लाख 13 हजार डोज बुधवार को प्राप्त हो गई हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि 16 जनवरी से शुरू होने वाले वैक्सीनैशन के पहले चरण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रथम चरण में 50 हजार हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 की यह वैक्सीन लगाई जानी है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इस पर कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए।
वैक्सीन मुम्बई एयरपोर्ट से दोपहर 2:45 बजे स्पाईस जैट की फ्लाईट से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंची। एयरपोर्ट से वैक्सीन को निर्धारित कोल्ड चेन प्रणाली के अनुसार राजधानी देहरादून स्थित केन्द्रीय औषधि भण्डार गृह में लाया गया, जहां पर इसे वॉक-इन-कूलर में सुरक्षित रखा गया है।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि गुरूवार सुबह तक वैक्सीन सभी जनपदों के भण्डार गृह में पहुंच जाएगी, जबकि दूरस्थ जनपदों में दोपहर तक पहुंच पाएगी।
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार पहले चरण में मिली वैक्सीन की 1,13,000 डोज में से 1,640 डोज केन्द्रीय स्वास्थ्य ईकाईयों के हैल्थ केयर वर्कर, 3,450 आर्मड फोर्स मेडिकल सर्विसेस तथा 1,07,530 डोज राज्य के सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य सेवाओं के हैल्थ केयर वर्कर्स के लिए उपलब्ध कराई जा रही है।
वैक्सीन को ले जाने के लिए सभी जनपदों के वैक्सीन वाहन राजधानी में पहुंचे थे। वैक्सीन की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वाहन के साथ एक-एक पुलिस स्कॉर्ट वाहन भी उपलब्ध कराया गया है।
अमित नेगी के अनुसार वैक्सीन के साथ प्रत्येक डोज के लिए उतनी ही मात्रा में Auto Disposable syringes भी उपलब्ध कराई जा रही है। वैक्सीनेशन हेतु प्रत्येक लाभार्थी को एक वैक्सीनेशन कार्ड दिया जायेगा जिसकी आपूर्ति भी वैक्सीन के साथ की जा रही है।
उत्तराखंड सरकार ने प्राइवेट पैथोलॉजी लैब की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को कोविड-१९ के संक्रमण की रैपिड एंटीजन टैस्टिंग के लिए अधिकतम दर तय कर दी है। अब NABH व NABL से प्रमाणित निजी लैब कोरोना वायरस के संक्रमण की रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए अधिकतम सात सौ उन्नीस रूपये से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगे।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी द्वारा इस सम्बन्ध में आदेश जारी किये गए हैं। आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के प्रभावी रोकथाम हेतु इसके टेस्ट बढ़ाये जाने और व्यापक जनहित के मद्देनजर रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर तय की गई है। आदेश में कहा गया है कि निजी लैब टेस्ट के उपरांत रिपोर्ट को ICMR के पोर्टल पर दर्ज करने के अलावा जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी और स्टेट सर्विलांस अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे।
आदेश में चेतावनी दी गई है कि इन निर्देशों का उल्लंघन महामारी अधिनियम-1897 और उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 विनियमावली,2020 के संगत प्राविधानों की अवहेलना मानी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि निजी लैबों पर कोरोना टेस्ट के नाम पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के मनमाने तरीके से पैसे वसूले जाने के आरोप लगातार लग रहे थे। यह भी शिकायत मिल रही थी कि निजी लैब कोरोना टेस्ट करने के बाद टेस्ट रिपोर्ट और पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की सही जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।