हरक सिंह रावत ने फिर बदले रंग, भाजपा का दामन थामने की तैयारी..
उत्तराखंड: कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत एक बार फिर भाजपा का दामन थामने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें बीते कुछ समय से हरक सिंह रावत ईडी से परेशान चल रहे थे। आपको बता दें कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को दो अप्रैल को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन ईडी की ओर से हरक सिंह को राहत दे दी गई थी। ईडी ने फिलहाल अगले आदेश तक कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की पेशी को टाल दिया है। अब हरक सिंह को मिली इस राहत को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
BJP का दामन थाम सकते हैं हरक सिंह रावत..
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरक सिंह रावत आज भाजपा का दामन थाम सकते हैं। बता दें कभी बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कद्दावार नेता हरक सिंह रावत कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद से ही परेशानी में हैं। विजलेंस, CBI से लेकर ED तक उनके दरवाजे पर पहुंच चुकी है। हालांकि हरक सिंह रावत ने भाजपा में शामिल होने की बात पर हामी नहीं भरी है। लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है। बद्रीनाथ से पार्टी विधायक राजेंद्र भंडारी 12 घंटे पहले कांग्रेस प्रत्याक्षी के साथ भाषण दे रहे थे और 12 घंटे बाद बीजेपी में भी शामिल हो गए।
बिजली घर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत का विरोध..
उत्तराखंड: नवनिर्मित बिजली घर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को क्षेत्रवासियों ने काले झंडे दिखाए। इस दौरान उन्होंने हल्दु खाता में टचिंग ग्राउंड का विरोध किया। यह बिजली घर मालन नदी के तट पर बना है। वहीं पूर्व प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने रविवार को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात की। वन मंत्री के आवास पर करीब एक घंटे तक बंद कमरे में हुई इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
आपको बता दें कि बीते माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के अवैध पातन और अवैध निर्माण के मामले में कार्रवाई करते हुए वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक समेत चार आईएफएस अधिकारियों से अहम जिम्मेदारियां हटा दी थीं। इनके अलावा 30 अन्य आईएफएस अधिकारियों का तबादला किया गया था।
वन मंत्री व पूर्व प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी की मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर वन मंत्री को सफाई दी। इसके साथ ही पूरे मामले से अवगत भी कराया। हालांकि इस पूरे मामले में वन मंत्री और पूर्व हॉफ दोनों ने ही कुछ भी कहने से मना कर दिया।
पूर्व हॉफ राजीव भरतरी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। आपको बता दें कि हॉफ पद से हटाए जाने के बाद राजीव भरतरी को उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी सौंपी गई है।