आपदा राहत बचाव कार्यों में लगेंगे तीन हेलीकॉप्टर, सरकार अलग से कर रही तैनात..
उत्तराखंड: प्रदेश में मानसून सीजन में आपदा राहत बचाव कार्यों के लिए तीन हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे। इनके चयन के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन एवं विकास प्राधिकरण (युकाडा) ने कंपनियों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है। पहली बार सरकार राहत-बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर तैनात करने जा रहे हैं।आपदा बाहुल्य उत्तराखंड में हर साल आपदा आने पर राहत-बचाव कार्यों में खासी परेशानी होती है। एक हेलीकॉप्टर से जहां राहत-बचाव चुनौतीपूर्ण है तो वहीं कई बार वायुसेना की मदद भी लेनी पड़ती है। इस बार सरकार ने तय किया है कि आपदा राहत कार्यों के लिए अलग से हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएं, जिनका बजट आपदा प्रबंधन विभाग खर्च करेगा। पिछले दिनों युकाडा ने इसका टेंडर जारी किया था। युकाडा के सीईओ सी रविशंकर का कहना हैं कि टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। एक सप्ताह के भीतर दो से तीन हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए जाएंगे। गढ़वाल और कुमाऊं में आपदा की सूरत में ये हेलीकॉप्टर तत्काल राहत-बचाव कार्यों में मदद करेंगे।
जंगल में लगी आग को बुझाने में जुटे वायुसेना के हेलीकॉप्टर, इस झील से भरा पानी..
उत्तराखंड: प्रदेश में जंगलों की आग के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक जंगल धधक रहे हैं। कुमाऊं में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। आलम ये है कि कुमाऊं में बीते 24 घंटे में 50 से भी ज्यादा घटनाएं सामने आईं हैं। अब आग को बुझाने के लिए वायुसेना की मदद ली जा रही है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर आग बुझाने में जुट गए हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टर शनिवार की सुबह से ही आग बुझाने में जुट गए हैं। हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझा रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी का कहना हैं कि कुमाऊं के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।
नैनी झील में दो बजे तक बंद रहेगा नौकायन..
वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी के अनुसार अभी तक तीन बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। अब तक आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। बता दें कि झीलों से हेलीकॉप्टर पानी भरेंगे जिस कारण नैनी झील में दो बजे तक नौकायन बंद रहेगा।
केदारनाथ धाम में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम किया स्थापित..
उत्तराखंड: प्रदेश में मौसम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं। बारिश और कोहरे के कारण केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बाधित होने से तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। खराब मौसम और प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश की वजह से प्रदेशभर में 146 सड़कें मंगलवार को भी बंद रही। सड़कें बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंस गए थे।
केदारनाथ धाम में पल-पल बदलते मौसम की जानकारी केदारनाथ धाम में जाने वाले तीर्थ यात्रियों को अब आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के विशेष प्रयासों से आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की टीम ने केदारनाथ धाम में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम स्थापित कर दिया है। बता दे कि आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की टीम ने केदारनाथ धाम में ऑॅटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाने का काम पूरा कर इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। इससे शीघ्र ही मौसम संबंधी गतिविधियों की रीडिंग प्राप्त की जा सकेगी। डीएम का कहना हैं कि केदारनाथ में वेदर सिस्टम स्थापित करने से एक नए अध्याय के रूप में देखा जा सकता है।
हिमालयन हेली सर्विस को बीस जुलाई तक केदारनाथ के लिए हेली सेवा जारी रखने की अनुमति दी गई है। भीमबली से रामबाड़ा, लिंचौली और केदारनाथ तक पूरी घाटी में चार दिन से घना कोहरा छाया हुआ है। बीच बीच में बारिश भी हो रही है। केदारनाथ में मौजूद सेक्टर अधिकारी सुरेंद्र मोहन का कहना हैं कि खराब मौसम के कारण बीते चार दिनों से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाया है।
हर्षिल में ट्रेकिंग दल फंसा, बचाव के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर रवाना..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी के हर्षिल में ट्रेकिंग दल के फंसे होने की सूचना है। इस दल में सात से आठ लोग बताए जा रहे हैं। दल को सुरक्षित निकालने के लिए पंतनगर से वायु सेना का हेलीकॉप्टर एसडीआरएफ के तीन जवानों को लेकर हर्षिल के लिए रवाना हो गया है।
वायु सेना के हेलीकॉप्टरों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी आरएफसी हरवीर सिंह का कहना हैं कि हर्षिल के पास ट्रेकिंग दल के फंसे होने की सूचना है। इसलिए हेलीकॉप्टर को हर्षिल के लिए भेजा गया है।
सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। सड़क बंद होने से कई जगह लोग फंस गए हैं। वहीं आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करने वाले हैं।
बर्फबारी के चलते भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टर लापता
उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों के लापता होने की सूचना है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम के साथ सीमा पर लंबी दूरी गश्त के लिए रवाना हुए थे। जो वापसी के दौरान रास्ता भटक गए। बर्फबारी होने से मंगलवार देर शाम तक भी इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया।
जिसके बाद आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है। बुधवार की सुबह 20-20 आईटीबीपी जवानों की टीम खोज-बचाव के लिए रवाना हुई है।
आपको बता दे कि सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में आई आपदा में 46 लोगों की मौत हुई है। वहीं 12 लोग घायल हैं और 11 लोग लापता हैं। इस आपदा में नौ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।