उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अलग राज्य निर्माण के आंदोलन से लेकर राज्य के विकास तक में हमारी मातृ शक्ति का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति की भागीदारी के बिना राज्य की आर्थिकी में सुधार की कल्पना नहीं की जा सकती। मातृ शक्ति के सहयोग से ही आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की परिकल्पना सम्भव है।
यह वक्तव्य मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तराखण्ड के विकास में महिला शक्ति की भूमिका विषय पर आयोजित वेबनार में दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, महिला कल्याण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। बड़ी संख्या में महिला स्वयं सहायता समूह बेहतरीन काम कर रहे हैं। राज्य में स्थापित किये गये ग्रोथ सेंटरों में भी महिलाएं अच्छा काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दौरान आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, महिला स्वास्थ्य कर्मियों व महिला पुलिस कर्मियों की भूमिका की विशेष सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। ई-ऑफिस, ई-कैबिनेट, सीएम डैशबोर्ड, सीएम हेल्पलाईन सुशासन की दिशा में बड़ा कदम है। स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज प्रारंभ की गई है। टेलीमेडिसीन, टेलीरेडियोलाजी बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है। हर गांव को इंटरनेट से जोड़ने पर काम चल रहा है। पिछले तीन वर्ष में उत्तराखण्ड फिल्म शूटिंग के केन्द्र के रूप मे उभर कर सामने आया है। राज्य को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड मिला है।
वेबिनार में इनकी रही भागीदारी
वेबिनार में हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला, विधायक ऋतु खण्डूड़ी, प्रसिद्ध लेखिका व फिल्म स्क्रिप्ट राइटर अद्वैता काला, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव सौजन्या, पेटीएम की सीनियर वाईस प्रेसीडेंट रेणु सती, क्रिकेटर एकता बिष्ट, पत्रकार श्रेया ढौंडियाल सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं ने प्रतिभाग किया और अपने विचार रखे।