केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कृषि विधेयकों को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर प्रहार करते हुये उसे किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाने वाले इन कानूनों का विरोध करने से कांग्रेस का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। उन्होंने कांग्रेस शासनकाल के कृषि उपज के आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुये दावा किया कि मोदी सरकार की नीतियों से कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए हैं।
डॉ.निशंक शनिवार को देहरादून में सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में एक संवाददाता सम्मलेन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के बाद किसान कई तरह के बंधनों से मुक्त होंगे और अपनी मर्जी के मालिक होंगे। किसान अपनी मर्जी से अपने उत्पाद कहीं भी और किसी को भी बेच सकेंगे। इससे किसानों को उनकी उपज के ज्यादा दाम मिलेंगे। किसानों को राज्य की सीमाओं के बंधन से मुक्ति मिलेगी और कोई भी विवाद होने पर 30 दिनें के भीतर रिज़ॉल्यूशन बोर्ड निर्णय लेगा। साथ ही अनुबंधित किसानों को समय पर भुगतान किया जाएगा
नए कानूनों के लागू होने के बाद किसान कई तरह के बंधनों से मुक्त होंगे और अपनी मर्जी के मालिक होंगे। किसान अपनी मर्जी से अपने उत्पाद कहीं भी और किसी को भी बेच सकेंगे।
उन्होंने कहा कि नया कृषि अधिनियम किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद होगा। किसानों से उनकी उपज की बिक्री के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और उन्हें परिवहन लागत वहन नहीं करनी होगी, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। MSP के बारे में गलत धारणाओं को स्पष्ट करते हुए, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों से विचार करने के बाद CACP की सिफारिशों के आधार पर 22 कृषि फ़सलों के लिए MSP को निर्धारित करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कृषि मंडियों को समाप्त नहीं किया जा रहा है। मंडियां यथावत रहेंगी। बस किसान को आजादी दी गई है कि वह जहां उचित मूल्य मिले, वहां अपने उत्पाद बेचे। उन्होंने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और सरकार उसके साथ मजबूती के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिये संकल्पबद्ध है।