मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को ताबड़तोड़ तरीके से लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने जहां एक ओर लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अधिशासी अभियन्ता, विद्युत विभाग के एक उपखंड अधिकारी, एक सहायक अभियंता, एक अवर अभियंता व दो लाइनमैन निलंबित किए, वहीं दूसरी तरफ लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे 81 डॉक्टरों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
आदेशों की अवहेलना पर PWD के अधिशासी अभियन्ता निलम्बित
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने PWD के अधिशासी अभियन्ता अनुपम सक्सेना को आदेशों की अवहेलना का दोषी पाये जाने पर निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं। सक्सेना को PWD के प्रान्तीय खण्ड, पौड़ी से PWD के विश्व बैंक खण्ड, अस्कोट स्थांतरित किया गया था। मगर अभियंता ने आदेश का अनुपालन नहीं किया और बिना अवकाश स्वीकृत कराए कार्यालय से गैर हाजिर हैं। मुख्यमंत्री ने PWD के प्रमुख अभियन्ता की संस्तुति पर सक्सेना को स्वेच्छाचारी प्रवृत्ति शासकीय, आदेशों का अनुपालन न करने, बिना अवकाश गैर हाजिर रहने तथा उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में उन्हें निलम्बित करने के निर्देश दिए।
हाईटेंशन लाइन से मौत मामले में विद्युत विभाग के 5 कार्मिक निलंबित
मुख्यमंत्री ने विगत दिनों हल्द्वानी में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक साईकिल सवार युवक की झुलसने से हुई मौत के मामले में ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता और उपखंड अधिकारी समेत 5 कार्मिकों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने हाईटेंशन तार गिरने से युवक की मौत के मामले को काफी गंभीरता से लिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऊर्जा सचिव राधिका झा ने पूरे मामले की जांच सीनियर स्तर के अधिकारी से कराई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीओ विद्युत वितरण उपखंड (प्रथम) सुभाषनगर हल्द्वानी नीरज चंद्र पांडे, सहायक अभियंता (मापक) विद्युत परीक्षण शाला हल्द्वानी रोहिताषु पांडे, अवर अभियंता मो.शकेब, टीजी -1 लाइन चांद मोहम्मद और लाइनमैन नंदन सिंह भंडारी को निलंबित किया गया है। इसके अलावा क्षेत्र के एसएसओ को सेवा से हटा दिया गया है। वह उपनल से भर्ती थे।
लम्बे समय से अनुपस्थित चिकित्सकों की सेवा समाप्ति के निर्देश
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रदेश के प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित 81 चिकित्साधिकारियों की सेवा समाप्ति सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित इन चिकित्सकों की विभाग में अनुपस्थिति की तिथि से सेवा समाप्ति सम्बन्धी प्रस्ताव को सहमति हेतु लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है।