दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में पोस्टिंग की डर से प्रमोशन छोड़ने वाले राज्य कर्मचारियों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। प्रदेश सरकार ने पदोन्नति के परित्याग की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने और कार्मिकों को अनुशासित बनाए रखने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य अधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) नियमावली 2020 तैयार की है। इस संबंध में आज अधिसूचना जारी कर दी गई है।
गौरतलब है कि राज्य में सुविधाजनक व शहरी क्षेत्रों में तैनात कार्मिक पहाड़ी क्षेत्रों अथवा दूरस्थ इलाकों में जाने से बचने के लिए अपनी पदोन्नति त्याग देते थे। पदोन्नति त्यागने के लेकर कोई स्पष्ट नियम ना होने के कारण अगर यदि कोई कार्मिक प्रमोशन पर नहीं जाता था, तो वह पद रिक्त ही रह जाता था। इससे कार्मिक की वरिष्ठता भी बनी रहती थी और कनिष्ठ कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अवसर कम मिलते थे।
प्रदेश सरकार ने इस प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए नई नियमावली तैयार की है। नियमावली के अनुसार पदोन्नति का त्याग करने वाले कार्मिक के संबंध में नियुक्ति प्राधिकारी को कई शक्तियां प्रदान की गई हैं। पदोन्नत कार्मिक को कार्यभार ग्रहण करने हेतु अधिकतम 15 दिन की अवधि निर्धारित की गई है। मगर संबंधित कार्मिक के लिखित अनुरोध पर अपरिहार्य परिस्थितियों में नियुक्त प्राधिकारी उसे 15 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है।
यदि कोई कार्मिक निर्धारित समय के भीतर पदोन्नति के पद पर कार्यभार ग्रहण न कर पहली बार Forgo करता है तो नियुक्ति प्राधिकारी गुण दोष के आधार व निर्णय ले सकेंगे। यदि उसी चयन वर्ष में विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक आहूत की जाती है तो नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा इस विषय की जानकारी समिति के सम्मुख रखी जाएगी और Forgo करने वाले से कनिष्ठ कार्मिक की पदोन्नति की संस्तुति की जाएगी। प्रमोशन को Forgo करने वाला कार्मिक नोशनल प्रमोशन के दावे से वंचित हो जाएगा।
यदि कोई कार्मिक DPC की प्रक्रिया शुरू होने से पहले चयन अथवा पदोन्नति को Forgo करने का लिखित अनुरोध करता है, तो इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना जाएगा। ऐसे कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इन कार्मिकों के खिलाफ उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें कार्मिकों का संभावित ट्रांसफर से बचने के प्रयास और कार्य के प्रति रुचि न लेने आदि को आधार बनाते हुए उसी पद पर प्रशासनिक कारण से ट्रांसफर किया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार यदि कोई कार्मिक दो या उससे अधिक बार प्रमोशन को Forgo करता है तो वो अपनी वरिष्ठता खो देगा। इसके बाद उसे खोई हुई वरिष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। नियमावली में प्राविधान किया गया है कि यदि इसे लागू करने में में किसी प्रकार की शिथिलता बरती जाती है तो उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 तथा उत्तराखंड सरकारी सेवक ( अनुशासन एवं अपील ) नियमावली, 2003 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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