मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की और विभागीय अधिकारियों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक समय पर पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के अभी भवन नहीं बने हैं, उनके निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल एवं विद्युत की सुचारू आपूर्ति हो।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं एवं बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार ससमय पहुंचाने को कहा। योजनाओं का जनता को समय पर लाभ मिल सके, इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की उपस्थिति की भी नियमित मोनेटरिंग की जाय। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा आई.सी.डी.एस के अन्तर्गत दिये जाने वाले बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि टेक होम राशन का वितरण समय पर हो। महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया की समस्या को नियंत्रित करने के लिए क्या प्रयास हो सकते हैं, इसके लिए योजना बनाई जाय। उन्होंने कहा कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट शीघ्र आंवटित किया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 20 हजार 33 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। बाल पोषाहार योजना के तहत कोविड-19 के कारण अभी हाॅट कुक्ड मील के स्थान पर टेक होम राशन का वितरण किया जा रहा है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रत्येक माह की 05 तारीख को टेक होम राशन का वितरण किया जाता है।
मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान के तहत 03 से 06 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में दो दिन केला व 02 दिन अण्डा दिया जा रहा है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आईसीडीएस के अन्तर्गत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषाहार दिया जा रहा है। नंदा-गौरा योजना के तहत जिन परिवारों की वार्षिक आय 72 हजार रूपये से कम है, उनको बालिका के जन्म पर 11 हजार रूपये एवं 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। यह लाभ परिवार की प्रथम दो बालिकाओं को दिया जा रहा है।
बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, सचिव/निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग एच.सी. सेमवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।