तमिलनाडु के एक मंदिर से 40 साल पहले चुराई गई भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की बहुमूल्य मूर्तियों को ब्रिटिश पुलिस ने मंगलवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया। कांसे की बनी ये मूर्तियां भारतीय धातु कला की उत्कृष्ट कृतियां हैं। इन मूर्तियों को तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के अनंतमंगलम में स्थित श्री राजगोपालस्वामी मंदिर से 1978 में चुरा लिया गया था।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य अनुसार यह मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध विजयनगर साम्राज्य के समय का है और शैलीगत दृष्टि से, इन मूर्तियों का संबंध 15वीं शताब्दी से है। भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की यह मूर्तियां क्रमशः 90.5 सेमी, 78 सेमी तथा 74.5 सेमी की हैं। चोरी के बाद तमिलनाडु पुलिस ने लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की थी।
मंगलवार को लन्दन में भारतीय उच्चायोग में एक कार्यक्रम में ब्रिटिश पुलिस ने ये मूर्तियां भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार को सौंपी। केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पटेल ने ब्रिटिश पुलिस, स्पेशल आइडल विंग, तमिलनाडु सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं लन्दन स्थित भारतीय उच्चायोग का इन कीमती मूर्तियों को भारत वापस लाने के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आजादी के बाद से हमें विदेशों से केवल 13 मूर्तियां मिलीं। मगर मोदी सरकार के प्रयासों के चलते 2014 से अब तक हमें 40 से अधिक मूर्तियां प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा की सरकार का निरंतर प्रयास है कि हमारी बहुमूल्य मूर्तियां भारत को वापस मिलें। उन्होंने यह भी कहा कि हम वाग देवी की मूर्ति को भारत वापस लाने के लिए ब्रिटिश संग्रहालय से बात कर रहे हैं।