सत्येंद्र जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ED को जारी किया नोटिस..
देश-विदेश: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया है। साथ ही ईडी से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। दरअसल, इससे पहले हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। जिसमें एजेंसी की याचिका को दूसरे न्यायाधीश को स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले को स्थानांतरित करने के खिलाफ एक याचिका पर एक नोटिस जारी किया, जिस पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ बेनामी संपत्ति लेनदेन का मामला बंद कर दिया था। आयकर विभाग ने साल 2017 में जैन के खिलाफ बेनामी कंपनियों से जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में बेनामी लेनदेन संशोधन अधिनियम 2016 के तहत जांच शुरू की थी।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा कुछ ऐसा..
देश-विदेश: अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजकोट के जमकंदोरना पहुंचे। यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की साथ ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि अगर सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो एक समूह हमारे खिलाफ चिल्लाता है। क्या मुझे लोगों को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं से पूछें कि क्या उन्होंने कभी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया? जो लोग धरती पुत्र सरदार पटेल की इज्जत नहीं करते, उनके लिए गुजरात में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध पर जल्द आ सकता है बड़ा फैसला..
सुप्रीम कोर्ट इसी सप्ताह सुना सकता है आदेश..
देश-विदेश: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के सेवानिवृत्त होने से पहले कर्नाटक हिजाब विवाद पर बड़ा फैसला आ सकता है। जानकारी के अनुसार शीर्ष अदालत इसी सप्ताह इस चर्चित मामले पर अपना फैसला सुनाने की तैयारी में है। आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। हिजाब विवाद मामले में जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ ने 10 दिन तक सुनवाई के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। माना जा रहा है कि इन याचिकाओं पर इसी सप्ताह फैसला सुनवाया जा सकता है, क्योंकि पीठ की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
संविधान पीठ के पास मामला भेजने की उठी थी मांग..
मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में हिजाब पहनने से रोकने से उनकी पढ़ाई खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोका जा सकता है। वहीं कुछ वकीलों ने इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने की भी गुजारिश की थी। वहीं, राज्य सरकार का तर्क था कि कर्नाटक सरकार का फैसला धार्मिक रूप से तटस्थ था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने कक्षाओं के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति मांगी थी। वहीं, अदालत ने कहा था कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। इसके बाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गयीं थीं।
सैर पर निकले सीएम धामी, चाय के साथ करने लगे चर्चा..
उत्तराखंड: दो दिवसीय रुद्रप्रयाग जनपद प्रवास के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी रविवार सुबह भ्रमण पर निकले। उन्हें इस तरह देखकर सभी हैरान रह गए। सीएम धामी इसी दौरान तिलवाड़ा-केदारनाथ मार्ग पर एक स्थानीय उद्यमी की दुकान पर पहुंचे। स्थानीय लोगों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने इस स्थान पर चाय पर बातचीत की।
सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस तरह अपने बीच देखकर लोग काफी उत्साहित थे। रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान सीएम ने तेज बारिश के बावजूद टहलने गए और स्थानीय लोगों से बात की। सीएम ने यात्रियों से भी बातचीत की। सीएम धामी ने पुरी ढाबा में काम करने वाले विजय पंवार से भी बात की। सीएम धामी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के त्रिस्तरीय पंचायत सदस्यों, निकाय अध्यक्षों और पार्षदों से बातचीत करते हुए कहा कि हम सब जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जिम्मेदार लोग हैं। हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी, अखंडता और प्रतिबद्धता के साथ निभाना चाहिए।
सीएम ने तिलवाड़ा में आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि जिला स्तरीय कार्यों के लिए जनप्रतिनिधियों को देहरादून की दौड़ नहीं लगानी पड़े। इसके लिए एक ठोस व्यवस्था बनाई जाएगी। सीएम ने कहा कि एक समूह के रूप में विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाना हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। सीएम ने कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को भी सराहनीय रही।
सीएम धामी का कहना हैं कि इसी तरह से हमें जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए भी डटकर कार्य करना होगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा। दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो दिवसीय भ्रमण के दौरान लोगों ने भी उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
भर्ती परीक्षाओं में धांधली केस में एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने भर्ती घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जांच के अनुसार, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 की वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में आरबीएस रावत, पूर्व चेयरमैन, सचिव मनोहर कन्याल, और परीक्षा के पूर्व नियंत्रक आरएस पोखरिया को शनिवार को हिरासत में लिया गया था। आरबीएस रावत पूर्व पीसीसीएफ भी रहे हैं। साथ ही तीरथ रावत सरकार में सलाहकार बनाए गए थे। भर्ती परीक्षा मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 2016 के मामले में लंबे समय से जांच चल रही थी, लेकिन सीएम धामी के कड़े रुख के बाद जांच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई। इस क्रम में वीपीडीओ भर्ती में छह वर्ष बाद कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां पूरी निष्पक्षता से अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। उनका कहना हैं कि आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके ।
कब हुई भर्तियां..
1- उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई।
2- उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी।
3- 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था।
4- परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था।
जांच समिति गठित..
1- परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी।
2- जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या के आधार पर परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया।
3- वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई।
4- वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया गया।
5- अभियोग पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी।
6- वर्ष 2022 माह अगस्त में मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई।
7- एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई।
8- पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को FSL भेजा गया था एवं FSL से उक्त OMR शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी।
9- विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था।
10- विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए।
11- विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है।
12- विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त 1 मुकेश कुमार शर्मा 2 मुकेश कुमार 3 राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
केदारनाथ में जुट रही तीर्थयात्रियों की भीड़, छह दिन में 79 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे..
उत्तराखंड: केदारनाथ में इन दिनों श्रद्धालुओं का उत्साह अपने चरम पर है। अक्तूबर माह के शुरुआती छह दिनों में ही 79 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। वहीं कपाट खुलने के बाद से अभी तक केदारनाथ में 13 लाख 67 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। यात्रा चरम पर होने से केदारघाटी के बाजारों के साथ ही पैदल मार्ग पर रौनक बनी हुई है।
अक्तूबर माह के शुरुआती छह दिनों में 79024 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। पिछले तीन दिनों से प्रतिदिन 14 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। श्रीकेदारधाम होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी का कहना हैं कि यह पहला मौका है जब यात्रा के आखिरी चरण में भी इतनी संख्या में प्रतिदिन यात्री पहुंच रहे हैं।
कपाट बंद होने तक सभी होटल, रेस्टोरेंट, लॉज संचालकों को अच्छी बुकिंग मिली है। वहीं, केदारनाथ में बीकेटीसी के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने कहा कि सुबह चार बजे से ही मंदिर में बाबा के दर्शनों के लिए यात्रियों की भीड़ जुट रही है। साथ ही बाबा केदार की ऑनलाइन पूजा के लिए भी प्रतिदिन 30 से 40 फोन कॉल मंदिर समिति को प्राप्त हो रही है।
उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसा- सात और पर्वतारोहियों के शव हेलीपैड पहुंचे,तीन अभी भी लापता..
उत्तराखंड: डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में रेस्क्यू दल ने शुक्रवार को सात प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव बरामद किए। सात शव हेलीपैड पर पहुंच गए हैं। आपको बता दें कि अब तक कुल 26 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि तीन अभी भी लापता हैं। इनकी तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। घटनास्थल से सभी शवों को एडवांस बेस कैंप की ओर लाने का प्रयास किया जा रहा है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 सदस्य रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे। चार शव घटना के दिन ही फर्स्ट रिस्पांडर ने बरामद कर लिए थे।
बीते गुरुवार को आईटीबीपी, एसडीआरएफ, हॉज (हाई एल्टीट्यूड वार वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग) व सेना ने घटना स्थल पर रेस्क्यू शुरू किया था और प्रशिक्षुओं के शव बरामद किए थे। जबकि शुक्रवार को रेस्क्यू टीम ने घटना स्थल से सात प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव बरामद किए। अब तक कुल 26 शव बरामद हो चुके हैं। इनमें से दो शव प्रशिक्षकों के हैं और 24 शव प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के हैं। अभी भी तीन प्रशिक्षु लापता चल रहे हैं जिनकी तलाश के लिए घटना स्थल पर रेस्क्यू किया जा रहा है।
26 शवों में से सिर्फ चार ही जिला मुख्यालय भेजे
रेस्क्यू दल ने 15 शव बरामद किए थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण इन शवों को जिला मुख्यालय नहीं भेजा जा सका था। जबकि शुक्रवार को बरामद शव भी नहीं भेजे जा सके। स्थिति यह है कि 26 शवों में सिर्फ चार शवों को ही जिला मुख्यालय भेजा जा सका। रेस्क्यू अभियान के पहले दिन बरामद हुए प्रशिक्षक सविता कंसवाल निवासी लौंथरु उत्तरकाशी, नौमी रावत निवासी भुक्की उत्तरकाशी, प्रशिक्षु अजय बिष्ट निवासी अल्मोड़ा व शिवम कैंथला निवासी शिमला के शव को ही शुक्रवार को एडवांस बेस कैंप से हर्षिल तक हेलीकॉप्टर से भेजा गया। यहां से सेना के एंबुलेस से शव जिला चिकित्सालय भेजे गए। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
दिग्गज अभिनेता अरुण बाली का निधन, 79 साल की उम्र में ली अंतिम सांस..
देश-विदेश: कोरोना काल के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कई बड़ी हस्तियां हमारे बीच से जा चुकी हैं। वहीं फिर एक बुरी खबर आ रही है कि फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले दिग्गज अभिनेता अरुण बाली का निधन हो गया है। 79 साल की उम्र में सुबह 4:30 पर उन्होंने अंतिम सांस ली है। वह कई हिंदी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
बता दें कि अभिनेता लगातार कई दिनों से बीमार चल रहे थे और कुछ महीनों पहले ही वह अस्पताल में भर्ती हुए थे। अरुण बाली की बेटी ने बाद में बताया कि उनके पिता को मियासथीनिया ग्रेविस नाम की एक गंभीर बीमारी थी। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें नर्व्स और मसल्स के बीच बैरियर हो जाता है। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। कई सेलेब्स और फैंस उनके लिए सोशल मीडिया पर शोक जाहिर कर रहे हैं।
इन फिल्मों में किया काम
आपको बता दें कि अभिनेता ने अपने करियर की शुरुआत 90 को दशक में की थी। वह राजू बन गया जेंटलमैन, फूल और अंगारे, खलनायक, थ्री इडियट्स, पानीपत और वेब सीरीज मिर्जापुर में भी नजर आ चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने टीवी शो ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’, कुमकुम जैसे सीरियल में भी काम किया है। बता दें कि अरुण बाली एक हंसमुख कलाकार थे। उनके ठीक होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अफसोस कि अभिनेता जंग हार गए।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन कार्यक्रम में सीएम ने किया वर्चुअल प्रतिभाग..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार अमित शाह की अध्यक्षता में प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से सम्बंधित कार्यक्रम पर आयोजित बैठक में नैनीताल क्लब से वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों द्वारा वर्चुअल प्रतिभाग किया गया। नैनीताल से वर्चुअल कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सीएम धामी ने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज जैविक मंथन किया जा रहा है।
इस मंथन से एक ऐसा अमृत प्राप्त होगा जो जैविक कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से परम्परागत कृषि के लिए एक उपयुक्त राज्य है। उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता के कारण उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिस पर राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है व अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।
सीएम का कहना हैं कि हमारे किसान पर्वतीय अंचल में प्रचलित परम्परागत कृषि में आधुनिक तकनीकी ज्ञान का समावेश कर भूमि की उत्पादकता और फसलों के उत्पादन में वृद्धि ला रहे हैं। किसानों के इन प्रयासों को सरकार के स्तर से थोड़ा और बल दिए जाने पर किसानों की आय और उनके जीवन स्तर में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया जा सकता है। राज्य सरकार की कोशिश है कि जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान जैविक कृषि को अपनाकर अपनी आर्थिकी सशक्त करें।
प्रदेश की कुल कृषि योग्य भूमि में से 2.17 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को जैविक कृषि के अंतर्गत आच्छादित किया गया है और यह क्षेत्रफल कुल कृषि भूमि का 34 प्रतिशत है।“आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान योजना“ के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त 5 करोड़ रुपए से प्राकृतिक कृषि नमामि गंगा कॉरिडोर शुरू कर रहा है। इस योजना से गंगा तट पर 5 किमी की परिधि में प्राकृतिक कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा।
हमने प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए 2 डेडिकेटेड एफ.पी.ओ का गठन कर रहा है। यह सहकारिता विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए “आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड“ का गठन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए “गोवर्धन“ की योजना को “प्राकृतिक कृषि योजना“के साथ एकीकृत किया जा रहा है। राज्य के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।
प्राकृतिक कृषि बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी जनपदों में किसानों को प्राकृतिक कृषि विषयक प्रशिक्षण कराया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों के लिए विशेष कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्हें जैविक कृषि को लेकर बनी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि इसका अधिक से अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले। इस अवसर पर विधायक सरिता आर्य, राम सिंह कैडा, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनन्द भरणे,जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल,एसएसपी पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 संदीप तिवारी,अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, शिवचरण द्विवेदी के अलावा मंडल अध्यक्ष, सभासद, अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन जल्द ही रिलीज करेगा टीईटी आंसर-की..
उत्तराखंड: शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए काम की खबर है। जिन अभ्यार्थियों ने टीईटी का एग्जाम दिया है। उन्हें अब आसंर की का इंतजार है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन जल्द ही यूटीईटी आंसर-की रिलीज होने की उम्मीद है। आपको बता दे कि UTET आसंर-की के लिए जल्द जारी होने की उम्मीद है।
कैंडिडेट्स ध्यान दें कि चूंकि फिलहाल कोई तारीख घोषित नहीं हुई है। इसलिए, जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए शामिल हुए थे, वे पोर्टल https://ubse.uk.gov.in/ और https://ukutet.com/ पर जाकर तारीखों के लिए विजिट कर सकते हैं। बता दें कि जैसे ही आंसर-की रिलीज हो जाएगी तो उम्मीदवार पोर्टल पर जाकर जरूरी डिटेल्स जैसे रोल नंबर सहित एंटर करके चेक कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि UTET 2022 परीक्षा की आंसर-की- अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी हो सकती है। इसके बाद, उम्मीदवारों से इसके लिए आपत्तियां मांगी जाएगी। अभ्यर्थी आपत्तियां एकत्र करने के बाद , उन पर विचार किया जाएगा। पैनल एक्सपर्ट विचार करने के बाद फाइनल आसंर-की रिलीज करेगा।
इसके बाद फाइनल नतीजे नवंबर में घोषित हो सकते है। बता दे कि UTET 2022 परीक्षा को पास करने के लिए, सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत (150 में से 90) प्राप्त करना होगा। इसके साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उम्मीदवारों को परीक्षा पास करने के लिए 55 प्रतिशत अंक (150 में से 82) प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।