पाकिस्तान के लिए खुशियां लाया मैक्सवेल का तूफान..
देश-विदेश: अफगानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 का रोमांचक मुकाबला मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। इस मैच से पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल इस तरह से अपनी टीम को मैच जितवाएंगे। एक समय था जब ऑस्ट्रेलिया के 91 रन पर 7 विकेट थे और ऑस्ट्रेलिया को 292 रन का टारगेट चेज करना था। लेकिन वहां से ग्लेन मैक्सवेल को कप्तान पैट कमिंस का साथ मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
मैक्सवेल ने दोहरा शतक (201*) ठोक ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से मैच जितवा दिया। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम चार के लिए अपनी जगह को सुनिश्चित कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान की हार से पाकिस्तान क्रिकेट टीम की बल्ले-बल्ले हो गई है। वैसे तो टूर्नामेंट में पाकिस्तान का हाल बेहाल ही रहा है लेकिन पिछले दो मैचों में जीत और किस्मत के भरोसे वह खुद को सेमीफाइनल की रेस में अब तक बरकरार रखा है।
पाकिस्तानी टीम टूर्नामेंट में अपने 8 में से 4 मैच जीतकर 8 अंक जुटाए हैं और वह पॉइंट्स टेबल में 5वें स्थान पर है। पाकिस्तान से ऊपर 8 अंक के साथ ही न्यूजीलैंड की टीम चौथे स्थान पर है। ऐसे में मामला रन रेट पर आकर फंसा हुआ है। इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में जब पाकिस्तानी टीम मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश बड़े अंतर से जीत पर होगी। वहीं अगर न्यूजीलैंड की टीम श्रीलंका से हार जाती है तो पाकिस्तान के लिए रास्ता साफ हो जाएगा अगर न्यूजीलैंड जीत जाती है फिर पाकिस्तान का सेमी में जाना मुश्किल हो जायेगा क्योंकि न्यूजीलैंड का रन रेट पाकिस्तान से काफी ज्यादा अधिक है वहीं पाकिस्तान के हारने पर नूजीलैंड का रास्ता साफ़ जाएगा। क्योंकि अफगानिस्तान टीम का रन रेट भी काफी कम है। अफगानिस्तान का भी अभी मौका बन रहा है। अगर नूजीलैंड और पाकिस्तान दोनों अपना मैच हार जाते हैं और अफगानिस्तान अपना मैच जीत जाती है तो उसका रास्ता एकदम साफ़ हो जायेगा।
जल्द खुलेगा उत्तराखंड अप्रवासी प्रकोष्ठ कार्यालय, अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड अप्रवासी सेल के संचालन को जल्द आरंभ करने हेतु सचिवालय में आज सम्बन्धित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड अप्रवासी सेल अप्रवासियों को राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी सहित सभी क्षेत्रों से जोड़ने एवं निवेश के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।
एसीएस ने उत्तराखंड अप्रवासी सेल के सम्बन्ध में देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे उत्तराखंड मूल के अप्रवासियों के सम्बन्ध में डाटा बेस तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में देश विदेश में उत्तराखण्डी अप्रवासियों के संगठनों, एसोसिएशन एवं संस्थाओं की मदद ली जाएगी। उन्होंने उत्तराखंड अप्रवासी सेल की वेबसाइट को जल्द से जल्द आरंभ करने के भी निर्देश दिए। बैठक में उत्तराखंड अप्रवासियों के राज्य में समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक उद्यमिता, ओल्ड एज होम आदि में निवेश एवं योगदान को प्रोत्साहित करने की योजना पर भी चर्चा की गई। वहीं बैठक में सचिव शैलेष बगौली, अपर सचिव नमामि बंसल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस बार मैदानी जिलों में ओबीसी की सीटें बढ़ेंगी, पर्वतीय में घटेंगी..
उत्तराखंड: इस बार के निकाय चुनाव में मैदानी जिलों में ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत बढ़ेगा तो पर्वतीय जिलों में घटेगा। एकल सदस्यीय ओबीसी आयोग के पास आई रिपोर्ट, जनसुनवाई के बाद ये तथ्य सामने आ रहे हैं। आयोग को 99 निकायों की ओबीसी सर्वेक्षण रिपोर्ट मिल चुकी है। करीब एक माह में आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा, जिसके बाद निकाय चुनाव की स्थिति साफ होगी। प्रदेश के निकायों में अभी तक ओबीसी को कुल 14 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है। एससी का 19 प्रतिशत और एसटी का चार प्रतिशत है। ओबीसी सर्वेक्षण के बाद इसकी सूरत बदलने वाली है।
प्रथम दृष्टया सामने आए तथ्यों पर गौर करें तो पौड़ी, चमोली जैसे पर्वतीय जिलों में ओबीसी का आरक्षण घटकर चार से पांच प्रतिशत तक आ सकता है, जबकि हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिलों के कई निकायों में आरक्षण 27 प्रतिशत तक जा सकता है। जिन जिलों में ओबीसी की आबादी ज्यादा है, वहां ज्यादा आरक्षण मिलेगा।
आयोग 99 निकायों की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार के लिए रिपोर्ट तैयार कर रहा, जिसमें हर निकाय में सभासद, पार्षदों के ओबीसी पदों का आरक्षण साफ होगा। इसके साथ ही आयोग एक रिपोर्ट राज्यस्तरीय भी देगा, जिसमें निकायों में मेयर, चेयरमैन के पदों में ओबीसी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होगी। इस रिपोर्ट पर ही राज्य में निकाय चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। निकायों में अभी तक एससी, एसटी, ओबीसी का कुल आरक्षण 37 प्रतिशत है। ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के बाद कुल आरक्षण 50 प्रतिशत तक हो जाएगा। इससे अधिक आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
लोकसभा तक टल सकते हैं निकाय चुनाव..
अभी तक की प्रक्रिया को देखें तो निर्वाचन आयोग मतदाता सूची अपडेशन का काम 14 नवंबर से शुरू करने जा रहा है। आयोग फरवरी में अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा। इसके बाद निकायों में आरक्षित सीटों का ब्योरा भी जारी होगा। फरवरी में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है। लिहाजा, लोकसभा चुनाव के बाद ही निकाय चुनाव होने के आसार हैं।