जीका वायरस को लेकर सरकार अलर्ट, केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए जारी की एडवायजरी..
देश-विदेश: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जीका वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है। ये एडवाइजरी हाल में महाराष्ट्र में पाए गए जीका वायरस को लेकर जारी की गई है। सरकार ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे अपने यहां प्रेग्नेंट महिलाओं में इस वायरस की जांच के जरिए निरंतर निगरानी बनाए रखें। केंद्र ने राज्यों को यह भी सलाह दी है कि वे गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की जांच करके और जीका के लिए पॉजिटिव टेस्ट पाए जाने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण विकास पर निगरानी भी निरंतर बनाए रखें।
स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा, चूंकि जीका प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफली और न्यूरोलॉजिकल परिणामो से जुड़ा हुआ है, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे डॉक्टरों को निगरानी के लिए अलर्ट करें। राज्यों से आग्रह किया जाता है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों को संभालने के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें, जीका के लिए पॉजिटिव पाए जाने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की भी निगरानी करें। इसी के साथ राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे समाज के बीच डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों के माध्यम से जागरुकता को बढ़ावा दें, क्योंकि जीका किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह है, जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं। हालांकि, इसे माइक्रोसेफली से जुड़ा हुआ बताया जाता है, लेकिन 2016 के बाद से देश में जीका से जुड़े माइक्रोसेफली की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
क्या होता है जीका वायरस?
जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर की वजह से होने वाली वायरल बीमारी है। यह एक गैर-घातक बीमारी है। हालांकि, जीका से प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) होता है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है। बता दे कि 2024 में भारत में जीका वायरस के 8 केस मिले हैं। जिन्में पुणे से 6, कोल्हापुर और संगमनेर से एक-एक मामला सामने आया है।
भारी संख्या में बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालु..
देश-विदेश: इस साल भारी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए अमरनाथ पहुंच रहे हैं। इतनी संख्या में दर्शन कर श्रद्धालुओं ने इतिहास रच दिया है। बताया जा रहा है कि हर दिन 20 हजार से ज्यादा लोग पवित्र गुफा के दर्शन कर रहे हैं। इतनी संख्या में बाबा बर्फानी के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने इतिहास रच दिया है। अमरनाथ यात्रा शुरु होने के सिर्फ 5 दिनों में कुल 1,05,282 भक्तों ने बाबा अमरनाथ के दर्शन किए हैं। ये यात्रा 29 जून से शुरु हो गई थी।
आपको बता दें कि पहले पांच दिनों में ही एक लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। पिछले साल के मुकाबले यह आंकड़ा काफी ज्यादा है। अकेले 3 जुलाई को 30,586 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ के दर्शन किए। अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रशासन की तरफ से किए गए इंतजानों से यात्री इस बार काफी उत्साहित हैं। खास इंतजामों के चलते भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। सुरक्षा के इंतजामों मे कोई कमी नहीं है। इसके साथ ही पवित्र गुफा के दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए करीब 1 लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। साथ ही तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए लखनपुर पवित्र गुफा तक विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा 132 से अधिक नि:शुल्क लंगर की व्यवस्था की गई है।
उत्तराखंड पुलिस के 2 दारोगाओं पर केदारनाथ में महिला श्रद्धालु से छेड़छाड़ का आरोप..
एक साल पुराने मामले में अब हुए सस्पेंड..
उत्तराखंड: प्रदेश मे एकाएक महिला उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे है। उत्पीड़न के आरोप भी उन पर लग रहे है जिनके जिम्मे महिला अपराध की रोकथाम है। पंतनगर मे हुई घटना के बाद अब रुद्रप्रयाग से एक युवती को चौकी की महिला पुलिस कैंप मे रोक क़र शराब के नशे मे दरोगा द्वारा छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। युवती ने चौकी इंचार्ज केदारनाथ पर भी महिला पुलिस कैंप का दरवाज़ा बंद करने का आरोप लगाया है। युवती मध्यप्रदेश से केदारनाथ धाम दर्शन के लिए आयी थी। आपको बता दे कि यह संदेश अचानक या बेवजह नहीं था। बताया गया है कि करीब एक साल पुराने मामले में हुई कार्रवाई के बाद पुलिस महानिदेशक ने पुलिसकर्मियों को यह संदेश दिया है। दरअसल यह पूरा प्रकरण रुद्रप्रयाग जिले का है। यहां पिछले साल एक महिला द्वारा दो पुलिस दारोगाओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश निवासी एक युवती ने शिकायत क़र बताया कि वह बीते साल 26 मई को पैदल केदारनाथ दर्शन के लिए आयी थी। दर्शन के बाद उनको हेलीकाप्टर से वापस आना था। परन्तु मौसम ख़राब होने की वजह से हेलीकाप्टर सेवा बंद हो गई। जिस कारण उन्होंने वही रुक क़र होटल तलाश किए। होटल खाली ना मिलने के बाद उन्होंने चौकी प्रभारी केदारनाथ अंजुल रावत से सम्पर्क किया। चौकी प्रभारी ने उनको महिला पुलिस कैंप मे रुकने को कहा और आश्वासन दिया कि उनके साथ एक महिला कांस्टेबल भी रुकेगी। लेकिन देर रात तक कोई महिला कांस्टेबल वहा नहीं आयी। जिसके बाद शराब के नशे मे दरोगा कुलदीप सिंह ने उनके साथ गंदी हरकते की। आरोप है कि ज़ब युवती ने अपने परिजनों को फ़ोन मिलाने का प्रयास किया तो कुलदीप ने युवती के साथ ज़बरदस्ती करने लगा और चौकी प्रभारी मंजुल रावत ने बाहर से महिला कैंप का दरवाज़ा बंद कर दिया। जिसके बाद बड़ी मुश्किल से युवती ने कैंप से बाहर निकल क़र अपनी जान बचाई। वही, सोनप्रयाग पुलिस ने मंजुल रावत व कुलदीप सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ की धराओ मे मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही दोनों को ससपेंड भी क़र दिया गया है।