केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति (GST Compensation) में हुई कमी को पाटने के लिए बैक टू बैक लोन के तौर पर राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 8वीं किस्त जारी की है। कानूनी प्रावधानों के साथ सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार द्वारा अब तक कुल 48,000 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है।
यह राशि राज्यों को दी गई 1,06,830 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार की अनुमति (Additional Borrowing Permission) के अलावा है। उत्तराखंड को अतिरिक्त उधार की अनुमति 1405 करोड़ के सापेक्ष 1184.37 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की गई है।
वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए इस वर्ष अक्टूबर में एक विशेष उधार खिड़की (Special Borrowing Window) की व्यवस्था की थी।
विशेष उधार खिड़की के जरिए धन प्रदान करने के अलावा, भारत सरकार ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पूरा करने के लिए विकल्प –1 का चुनाव करने वाले राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद करने के उद्देश्य से राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) के 0.50 प्रतिशत के बराबर की राशि अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति भी दी है।
देश के सभी राज्यों ने विकल्प -1 के प्रति अपनी प्राथमिकता जतायी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत) की संपूर्ण अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को राज्यवार जीएसडीपी के 0.50 प्रतिशत के बराबर की अतिरिक्त उधार की अनुमति और विशेष खिड़की के जरिए जुटाई गई निधि के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को हस्तांतरित की गई धनराशि का विवरण जारी किया है।
राज्यवार जीएसडीपी के 0.50 प्रतिशत के बराबर की अतिरिक्त उधार की अनुमति के मामले में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। महाराष्ट्र को 15394 करोड़ रूपये की अनुमति के सापेक्ष 6124.17 करोड़ रूपये हस्तांतरित किये गए हैं।