केन्द्र सरकार ने देश में विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर नए प्रावधान तय कर दिए हैं। इन प्रावधानों के बाद उपभोक्ता को विश्वसनीय सेवाएं और गुणवत्ता सम्पन्न बिजली पाने का अधिकार मिल गया है। नए नियमों के लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को नए बिजली कनेक्शन, रिफंड तथा अन्य सेवाएं समयबद्ध तरीके से मिलेंगी। जानबूझकर उपभोक्ताओं के अधिकारों की अनदेखी करने पर सेवा प्रदाता को दंड का प्रावधान रखा गया है।
केन्द्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह ने नए नियमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश में वितरण कंपनियों का, चाहे सरकारी या निजी हो, एकाधिकार हो गया है और उपभोक्ताओं के पास कोई विकल्प नहीं है। इसलिए नए नियमों में उपभोक्ताओं के अधिकारों को तय करना और इन अधिकारों को लागू करने के लिए प्रणाली बनाना आवश्यक हो गया था। इन नियमों से लगभग 30 करोड़ वर्तमान तथा संभावित उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
नए प्रावधानों के अनुसार नए कनेक्शन देने और वर्तमान कनेक्शन में संशोधन के लिए मेट्रो शहर में अधिकतम समय-सीमा सात दिन, अन्य पालिका क्षेत्रों में 15 दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन होगी। मीटर के बिना कोई कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। मीटर स्मार्ट प्री-पेमेंट या प्री-पेमेंट मीटर होंगे। उपभोक्ता को ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान का विकल्प मिलेगा। उपभोक्ता डिस्कनेक्शन तथा रिकनेक्शन करवा सकता है। वितरक कम्पनी सभी उपभोक्ताओं को 24×7 बिजली सप्लाई करेगी, लेकिन कृषि जैसे कुछ श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति के कम घंटे निर्दिष्ट किए जा सकते हैं। निगरानी तथा बिजली बहाल करने के लिए वितरण लाइसेंसी, जहां तक संभव हो, ऑटोमेटेड टूल्स के साथ एक व्यवस्था बनाएंगे।
विद्युत वितरण कंपनियों के प्रदर्शन मानकों के आधार पर उपभोक्ता मुआवजे का भी हकदार होगा। निर्दिष्ट सीमा से अधिक सप्लाई में बाधा संख्या, कनेक्शन, डिस्कनेक्शन, रिकनेक्शन, शिफ्टिंग में लगने वाला समय, उपभोक्ता श्रेणी, लोड परिवर्तन में लगने वाला समय, खराब मीटरों को बदलने में लगने वाला समय, वोल्टेज से संबंधी शिकायतों के समाधान की अवधि तथा बिल संबंधी शिकायतों के आधार पर उपभोक्ता को मुआवजे का अधिकार होगा।
उपभोक्ता सेवा के लिए एक केन्द्रीकृत 24×7 टोल फ्री कॉल सेन्टर स्थापित होगा। उपभोक्ता शिकायत समाधान फोरम में व्यवस्था को बहुस्तरीय बनाकर आसान बनाया गया है और उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों की संख्या एक से बढ़ाकर चार कर दी गई है। शिकायत समाधान के लिए अधिकतम समय-सीमा 45 दिन है।
अपनी वेबसाइट, वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप तथा अपने क्षेत्रवार कार्यालयों द्वारा आवेदन प्रस्तुति, आवेदन की स्थिति की निगरानी, बिलों का भुगतान, शिकायतों की स्थिति आदि के लिए उपभोक्ताओं को ऑनलाइन एक्सेस होगा। वितरण लाइसेंसी वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर पर आवेदन प्रस्तुतीकरण, बिलों का भुगतान जैसी सभी सेवाएं प्रदान करेंगे। उपभोक्ताओं को बिजली कटौती के समय की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। अनियोजित कटौती या खराबी की सूचना उपभोक्ताओं को एसएमएस द्वारा या अन्य इलैक्ट्रॉनिक साधनों द्वारा दी जाएगी और बिजली बहाली का अनुमानित समय बताया जाएगा।
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