उत्तराखंड: प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के आगामी विधानसभा चुनाव में केदारनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच भाजपा में ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय भाजपा नेताओं को ही टिकट देने की मांग पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उठाई है।
विधानसभा चुनाव में बूथ मैनेजमेंट व चुनाव प्रबंधन को लेकर केदारनाथ विधानसभा की बैठक अगस्त्यमुनि में आयोजित की गई थी। बैठक में मुख्य वक्ता के तौर पर हिमाचल प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष पुरुषोत्तम गुलेरिया उपस्थित थे। इसके अलावा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, प्रदेश सरकार द्वारा भू – कानून में संशोधन के लिए गठित समिति के सदस्य अजेंद्र अजय, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शकुन्तला जंगवान, केदारनाथ विधान सभा प्रभारी वाचस्पति सेमवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, पूर्व दर्जा धारी अशोक खत्री, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष कुंवरी बर्तवाल, जिला महामंत्री अनूप सेमवाल, बीर सिंह बुड़ेरा, ममता नौटियाल, जयंती प्रसाद कुर्मंचली समेत अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य वक्ता द्वारा जैसे ही कार्यकर्ताओं का परिचय लिया गया, उसी दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने बाहरी प्रत्याशी के केदारनाथ से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर आपत्ति जताते हुए स्थानीय कार्यकर्ताओं में से ही किसी को टिकेट देने की मांग रखी। इस पर बैठक में मौजूद अधिकांश पार्टी नेताओं ने ताली बजा कर समर्थन किया।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की कोटद्वार के अलावा डोईवाला और यमकेश्वर सीट पर दावेदारी की चर्चाएं काफी समय से गर्म हैं। मगर इस बीच अचानक से केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र से हरक सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। इन चर्चाओं के जोर पकड़ते ही केदारनाथ सीट से तैयारी कर रहे भाजपा नेताओं में खलबली मच गई है। पार्टी नेताओं में इस मुद्दे पर अब तक अंदर खाने सुगबुगाहट थी और विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे थे।
मगर बूथ प्रबन्धन को लेकर आयोजित बैठक में पार्टी नेताओं का मन का गुबार बाहर निकल ही गया। हालांकि, बैठक में हरक सिंह रावत का नाम नहीं लिया गया। मगर पार्टी नेताओं का इशारा उनकी ओर था।
बैठक में मौजूद भाजपा नेता अजेंद्र अजय से इस संबंध में प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होंने कहा कि पार्टी फोरम पर अगर किसी कार्यकर्ता ने अपनी भावनाएं व्यक्त की है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। टिकट जिसको भी मिलेगा सभी कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए काम करेंगे।
आपको बताते चलें कि वर्तमान में केदारनाथ सीट से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत हैं। 2017 के विधान सभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत चौथे स्थान पर रही थीं। वर्तमान में केदारनाथ सीट से भाजपा के दावेदारों में शैलारानी रावत के अलावा आशा नौटियाल, अजेंद्र अजय, चंडी प्रसाद भट्ट, दिनेश उनियाल, अशोक खत्री आदि प्रमुख हैं।
केदारनाथ सीट भाजपा के लिए ख़ास महत्व रखती है। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। मोदी बतौर प्रधानमंत्री अब तक केदारनाथ की पांच बार यात्रा कर चुके हैं। मगर इतना सब कुछ होने के बावजूद यह सीट पिछले दस वर्षों से कांग्रेस के खाते में है। इसके लिए स्थानीय भाजपा नेता पार्टी प्रत्याशी के चयन में गलती को जिम्मेदार मानते हैं। बहरहाल, बाबा केदार की नगरी में आगामी विधानसभा चुनाव में किसको नेतृत्व करने का मौका मिलेगा, यह भविष्य ही बताएगा।